MP Board Class 9th Political Science Chapter 2 : संविधान निर्माण

MP Board Class 9 Political Science  लोकतान्त्रिक राजनीति-1

Chapter 2- संविधान निर्माण [Constitution Design]

महत्त्वपूर्ण तथ्य

  • नेल्सन मंडेला पर दक्षिण अफ्रीका की गोरों की सरकार ने देशद्रोह का मुकदमा चलाया था।
  • मंडेला को दक्षिण अफ्रीका की सबसे भयावह जेल, रोब्बेन द्वीप में कैद रखा गया था।
  • रंगभेदी नस्ली भेदभाव पर आधारित उस व्यवस्था का नाम है जो दक्षिण अफ्रीका में विशिष्ट तौर पर चलाई गई।
  • 1950 से अश्वेत, रंगीन चमड़ी वाले और भारतीय मूल के लोगों ने रंगभेद प्रणाली के खिलाफ संघर्ष किया। इस प्रणाली का विरोध अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस के नेतृत्व में हुआ।
  • 28 वर्ष बाद नेल्सन मंडेला को आजाद कर दिया गया। 26 अप्रैल, 1994 की मध्य रात्रि को दक्षिण अफ्रीका गणराज्य का नया झंडा लहराया।
  • 1994 तक दक्षिण अफ्रीका की दुनिया भर में अलोकतांत्रिक तौर-तरीकों के लिए निंदा की जाती थी,आज उसे लोकतंत्र के मॉडल के रूप में देखा जाता है।  
  • भारत का संविधान भी बहुत कठिन परिस्थितियों के बीच बना। देश विभाजन से जुड़ी हिंसा में सीमाके दोनों तरफ कम-से-कम दस लाख लोग मारे जा चुके थे।
  • 1928 में ही मोतीलाल नेहरू और कांग्रेस के आठ अन्य नेताओं ने भारत का एक संविधान लिखा था।  
  • 1931 में करांची में हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में एक प्रस्ताव में यह रूपरेखा रखी गई थी कि आजाद भारत का संविधान कैसा होगा।  
  • 1937 के बाद पूरे ब्रिटिश शासन वाले भारत में प्रादेशिक असेम्बलियों के लिए चुनाव कराए गए थे। इसमें बनी सरकारें पूरी तरह लोकतांत्रिक नहीं थीं।
  • भारतीय संविधान में कई संस्थाओं और व्यवस्थाओं को पुरानी व्यवस्था से लगभग जस का तस अपना लिया गया जैसे कि 1935 का भारत सरकार कानून  संविधान सभा, जनप्रतिनिधियों की वह सभा जो संविधान लिखने का कार्य करती है।
  • भारतीय संविधान सभा के लिए जुलाई 1946 में चुनाव हुए थे।
  • संविधान सभा की पहली बैठक दिसम्बर 1946 को हुई थी। इसके बार देश दो हिस्सों भारत और पाकिस्तान में बँट गया।
  • भारतीय संविधान लिखने वाली सभा में 299 सदस्य थे। इसने 26 नवम्बर, 1949 को अपना काम पूरा कर लिया।
  • संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ।
  • संविधान देश का सर्वोच्च कानून। इसमें किसी देश की राजनीति और समाज को चलाने वाले मौखिक कानून होते हैं।
  • संविधान संशोधन अर्थात् देश की सर्वोच्च विधायी संस्था द्वारा उस देश के संविधान में किया जाने वाला बदलाव।
  • प्रारूप कमेटी के प्रमुख डॉ. बी. आर. आम्बेडकर ने चर्चा के लिए एक प्रारूप संविधान बनाया।
  • संविधान के प्रारूप की प्रत्येक धारा पर कई-कई दौर में चर्चा हुई।  
  • डॉ. राजेन्द्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे। बाद में भारत के प्रथम राष्ट्रपति।
  • संविधान की प्रस्तावना लोकतंत्र पर एक खूबसूरत कविता-सी लगती है। इसमें भारतीय संविधान की आत्मा बसती है।

पाठान्त अभ्यास

प्रश्न 1. नीचे कुछ गलत वाक्य दिए गए हैं। हर एक में की गई गलती पहचानें और इस अध्याय के आधार पर उसको ठीक करके लिखें।

(क) स्वतंत्रता के बाद देश लोकतांत्रिक हो या नहीं, इस विषय पर स्वतंत्रता आन्दोलन के नेताओं ने अपना दिमाग खुला रखा था।

उत्तर – स्वतंत्रता के बाद देश लोकतांत्रिक हो, इस विषय पर स्वतंत्रता आन्दोलन के नेताओं ने अपना दिमाग खुला रखा था।

(ख) भारतीय संविधान सभा के सभी सदस्य संविधान में कही गई हरेक बात पर सहमत थे।

उत्तर – भारतीय संविधान सभा के सभी सदस्य संविधान में कही गई हरेक बात पर सहमत नहीं थे। संविधान सभा में सभी विषयों पर खुलकर विचार किया जाता था और निर्णय विचार-विमर्श के बाद बहुमत के आधार पर लिए जाते थे।

(ग) जिन देशों में संविधान है वहाँ लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था ही होगी।

उत्तर – जिन देशों में संविधान है, वे सभी लोकतांत्रिक शासन वाले हों यह जरूरी नहीं है। लेकिन जिन देशों में लोकतांत्रिक शासन है वहाँ संविधान का होना जरूरी है।

(घ) संविधान देश का सर्वोच्च कानून होता है इसलिए इसमें बदलाव नहीं किया जा सकता।

उत्तर – भारतीय संविधान के निर्माताओं को लगा कि इसे लोगों की भावनाओं के अनुरूप चलना चाहिए और समाज में हो रहे बदलावों से दूर नहीं रहना चाहिए। इसलिए उन्होंने बदलावों को समय-समय पर शामिल करने का प्रावधान भी रखा। इन बदलावों को संविधान संशोधन कहते हैं।

प्रश्न 2. दक्षिण अफ्रीका का लोकतांत्रिक संविधान बनाने में, इनमें से कौन-सा टकराव सबसे महत्वपूर्ण था ?

(क) दक्षिण अफ्रीका और उसके पड़ोसी देशों का,

(ख) स्त्रियों और पुरुषों का,

(ग) गोरे अल्पसंख्यक और अश्वेत बहसंख्यकों का,

(घ) रंगीन चमड़ी वाले बहुसंख्यकों और अश्वेत अल्पसंख्यकों का।

उत्तर – (ग) गोरे अल्पसंख्यक और अश्वेत बहुसंख्यकों का।

प्रश्न 3. लोकतांत्रिक संविधान में इनमें से कौन-सा प्रावधान नहीं रहता?  

(क) शासन प्रमुख के अधिकार,

(ख) शासन प्रमुख का नाम,

(ग) विधायिका के अधिकार,

(घ) देश का नाम।

उत्तर – (ख) शासन प्रमुख का नाम।

प्रश्न 4. संविधान निर्माण में इन नेताओं और उनकी भूमिका में मेल बैठाएँ

उत्तर – (क)→ (4), (ख) → (3), (ग)→ (1), (घ)→ (2)।

प्रश्न 5. जवाहरलाल नेहरू के नियति के साथ साक्षात्कार वाले भाषण के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों का जवाब दें

(क) नेहरू ने क्यों कहा कि भारत का भविष्य सुस्ताने और आराम करने का नहीं है ?

उत्तर -15 अगस्त, 1947 की मध्य रात्रि के समय संविधान सभा में जवाहरलाल नेहरू ने कहा था, यह भविष्य आराम करने या सुस्ताने का नहीं बल्कि उन वायदों को पूरा करने के लिए निरन्तर प्रयास करने का है जिन्हें हमने अक्सर किया है और एक शपथ हम आज भी लेंगे। भारत की सेवा करने का अर्थ है, दु:ख और परेशानियों में पड़े लाखों-करोड़ों लोगों की सेवा करना। इसका अर्थ है दरिद्रता का, अज्ञान और बीमारियों का, अवसर की असमानता का अन्त। हमारे युग के महानतम आदमी की कामना हर आँख से आँसू पोंछने की है। सम्भव है यह काम हमारे भर से पूरा न हो, पर जब तक लोगों की आँखों में आँसू हैं, कष्ट हैं तब तक हमारा कार्य समाप्त नहीं होगा।

(ख) नए भारत के सपने किस तरह विश्व से जुड़े हैं ?

उत्तर – नए भारत का सपना है कि दु:खी और परेशानियों में पड़े लोगों की सेवा एवं दरिद्रता, अज्ञान और बीमारियों तथा अवसर की असमानता का अन्त करना।

(ग) वे संविधान निर्माताओं से क्या शपथ चाहते थे ?

उत्तर – नेहरू जी ने कहा कि एक शपथ हम आज भी लेंगे। भारत की सेवा करने का अर्थ है, दु:ख और परेशानियों में पड़े लाखों-करोड़ों लोगों की सेवा करना। इसका अर्थ है दरिद्रता का, अज्ञान और बीमारियों का, अवसर की असमानता का अन्त।

(घ) “हमारी पीढ़ी के सबसे महान व्यक्ति की कामना हर आँख से आँसू पोंछने की है।” वे इस कथन में किसका जिक्र कर रहे थे ?

उत्तर – महात्मा गाँधी

प्रश्न 6. हमारे संविधान को दिशा देने वाले ये कुछ मूल्य और उनके अर्थ हैं। इन्हें आपस में मिलाकर दोबारा लिखिए

उत्तर –

(क) संप्रभु – फैसले लेने का सर्वोच्च अधिकार लोगों के पास है।

(ख) गणतंत्र – शासन प्रमुख एक चुना हुआ व्यक्ति है।

(ग) बंधुत्व – लोगों को आपस में परिवार की तरह रहना चाहिए।

(घ) धर्मनिरपेक्ष – सरकार किसी धर्म के निर्देशों के अनुसार काम नहीं करेगी।

प्रश्न 7. कुछ दिन पहले नेपाल से आपके एक मित्र ने वहाँ की राजनैतिक स्थिति के बारे में आपको पत्र लिखा था। वहाँ अनेक राजनैतिक पार्टियाँ राजा के शासन का विरोध कर रही थीं। उनमें से कुछ का कहना था कि राजा द्वारा दिए गए मौजूदा संविधान में ही संशोधन करके चुने हुए प्रतिनिधियों को ज्यादा अधिकार दिए जा सकते हैं। अन्य पार्टियाँ नया गणतांत्रिक संविधान बनाने के लिए नई संविधान सभा गठित करने की माँग कर रही थीं। इस विषय में अपनी राय बताते हुए अपने मित्र को पत्र लिखें।

उत्तर –

मेरे प्रिय मित्र,

आपने नेपाल की राजनैतिक स्थिति के बारे में जो लिखा है, उससे स्पष्ट है कि नेपाल में राजतंत्र व लोकतंत्र के मध्य संघर्ष चल रहा है जो कि वर्तमान परिवेश में उचित है। स्वस्थ लोकतंत्र के लिए आवश्यक है कि मौजूदा संविधान में ही संशोधन करके चुने हुए प्रतिनिधियों को ज्यादा अधिकार दिए जाएँ। यदि सभी पार्टियाँ नया गणतांत्रिक संविधान बनाने के लिए, नई संविधान सभा गठित करने के लिए तैयार हो जाती हैं तो यह देश के हित में होगा।

प्रश्न 8. भारत के लोकतंत्र के स्वरूप में विकास के प्रमुख कारणों के बारे में कुछ अलग-अलग विचार इस प्रकार हैं। आप इनमें हर कथन को भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए कितना महत्वपूर्ण कारण मानते हैं ?

(क) अंग्रेज शासकों ने भारत को उपहार के रूप में लोकतांत्रिक व्यवस्था दी। हमने ब्रिटिश हुकूमत के समय बनी प्रान्तीय असेम्बलियों के जरिए लोकतांत्रिक व्यवस्था में काम करने का प्रशिक्षण पाया।

उत्तर – अंग्रेज शासकों ने भारत को उपहार के रूप में लोकतांत्रिक व्यवस्था दी यह कथन गलत है क्योंकि भारत आजादी की लड़ाई के दौरान ही लोकतंत्र समेत अधिकांश बुनियादी बातों पर राष्ट्रीय सहमति बनाने का काम हो चुका थ।

दूसरी ओर 1937 के बाद पूरे ब्रिटिश शासन वाले भारत में प्रादेशिक असेम्बलियों के लिए चुनाव कराए गए थे। इनमें बनी सरकारें पूरी तरह लोकतांत्रिक नहीं थीं, पर विधानसभाओं में जाने और काम करने का अनुभव तब बहुत लाभदायक हुआ क्योंकि इन्हीं भारतीय लोगों को अपनी संस्थाएँ और व्यवस्थाएँ बनानी थीं और चलानी थीं। इस प्रकार इन्होंने प्रान्तीय असेम्बलियों के जरिए लोकतांत्रिक व्यवस्था में काम करने का प्रशिक्षण पाया।

(ख) हमारे स्वतंत्रता संग्राम ने औपनिवेशिक शोषण और भारतीय लोगों को तरह-तरह की आजादी दिए जाने का विरोध किया। ऐसे में स्वतंत्र भारत को लोकतांत्रिक होना ही था।

उत्तर-यह कथन ठीक नहीं है, क्योंकि हमारा राष्ट्रीय आन्दोलन सिर्फ एक विदेशी सत्ता के खिलाफ संघर्ष भर नहीं था। यह न केवल अपने समाज और राजनीति को बदलने और नए सिरे से गढ़ने का आन्दोलन भी था।

(ग) हमारे राष्ट्रवादी नेताओं की आस्था लोकतंत्र में थी। अनेक नव स्वतंत्र राष्ट्रों में लोकतंत्र का न आना हमारे नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।

उत्तर – यह सही है कि हमारे राष्ट्रवादी नेताओं की आस्था लोकतंत्र में थी। यह कथन सही नहीं है कि अनेक नव स्वतंत्र राष्ट्रों में लोकतंत्र का न आना हमारे नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है। क्योंकि हमारे नेताओं में इतना आत्मविश्वास आ गया था कि उन्हें बाहर के विचार और अनुभवों को अपनी जरूरत के अनुसार अपनाने में कोई हिचक नहीं हुई। हमारे अनेक नेता फ्रांसीसी क्रांति के आदर्शों, ब्रिटेन के संसदीय लोकतंत्र के कामकाज और अमेरिका के अधिकारों की सूची से काफी प्रभावित थे। रूस में हुई समाजवादी क्रांति ने भी अनेक भारतीयों को प्रभावित किया और वे सामाजिक और आर्थिक समता पर आधारित व्यवस्था बनाने की कल्पना करने लगे थे।

प्रश्न 9. 1912 में प्रकाशित ‘विवाहित महिलाओं के लिए आचरण’ पुस्तक के निम्नलिखित अंश को पढ़ें

“ईश्वर ने औरत जाति को शारीरिक और भावनात्मक, दोनों ही तरह से ज्यादा नाजुक बनाया है। उन्हें आत्मरक्षा के भी योग्य नहीं बनाया है। इसलिए ईश्वर ने ही उन्हें जीवन भर पुरुषों के संरक्षण में रहने का भाग्य दिया है-कभी पिता के, कभी पति के और कभी पुत्र के। इसलिए महिलाओं को निराश होने की जगह इस बात से अनुग्रहीत होना चाहिए कि वे अपने आपको पुरुषों की सेवा में समर्पित कर सकती हैं।” क्या इस अनुच्छेद में व्यक्त मूल्य संविधान के दर्शन से मेल खाते हैं या वे संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ हैं ?

उत्तर – पुस्तक में प्रकाशित अनुच्छेद में व्यक्त मूल्य संविधान के दर्शन से मेल नहीं खाते हैं क्योंकि संविधान में समता को लेकर कहा गया है, कानून के समक्ष सभी लोग समान हैं। पहले से चली आ रही सामाजिक असमानताओं को समाप्त होना होगा। सरकार हर नागरिक को समान अवसर उपलब्ध कराने की व्यवस्था करे। ऊपर दिए गए अनुच्छेद में महिलाओं की जिस स्थिति का वर्णन किया गया है वह संविधान में दिए गए मूल्यों के अनुसार नहीं है।

प्रश्न 10. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। क्या आप उनसे सहमत हैं ? अपने कारण भी बताइए।

(क) संविधान के नियमों की हैसियत किसी भी अन्य कानून के बराबर है।

उत्तर – यह कथन ठीक नहीं है। संविधान देश का सर्वोच्च कानून है। यदि संसद या राज्य विधानमंडल का कानून संविधान का उल्लंघन करता है तो सर्वोच्च न्यायालय उस कानून को अवैध घोषित करके रद्द कर सकता है।

(ख) संविधान बताता है कि शासन व्यवस्था के विविध अंगों का गठन किस तरह होगा ?

उत्तर – यह कथन सत्य है। संविधान में उन नियमों का वर्णन किया गया है जिनके अनुसार संसद, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका की स्थापना की जाएगी। राष्ट्रपति के चुनाव की विधि, अवधि व शक्तियों का वर्णन संविधान में किया गया है। प्रधानमंत्री की नियुक्ति व शक्तियों का वर्णन संविधान में किया गया है। संसद की रचना व शक्तियों का वर्णन संविधान में किया गया है।

(ग) नागरिकों के अधिकार और सरकार की सत्ता की सीमाओं का उल्लेख भी संविधान में स्पष्ट रूप में है।

उत्तर – यह कथन सत्य है। संविधान के तीसरे भाग में छ: मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है। सरकार मौलिक अधिकारों के विरुद्ध कानून नहीं बना सकती। यदि बनाती है तो सर्वोच्च न्यायालय उसे रद्द कर सकता है।

(घ) संविधान संस्थाओं की चर्चा करता है, उसका मूल्यों से कुछ लेना-देना नहीं है।

उत्तर – यह कथन सही नहीं है। संविधान में केवल संस्थाओं का वर्णन नहीं किया जाता बल्कि मूल्यों पर भी जोर दिया जाता है। भारत के संविधान की प्रस्तावना में संविधान के दर्शन व मूल्यों का वर्णन किया गया है। प्रस्तावना में भारत को प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया है। प्रस्तावना में न्याय, स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व, व्यक्ति के गौरव, राष्ट्र की एकता तथा अखंडता पर जोर दिया गया है।

(C) अन्य परीक्षोपयोगी प्रश्न

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बह-विकल्पीय प्रश्न

1. नेल्सन मंडेला को आजीवन कारावास की सजा कब दी गई थी?

(i) 1972,

(ii) 1970,

(iii) 1968,

(iv) 1964.

2. नेल्सन मंडेला को रोब्बेन द्वीप में कितने वर्ष के लिए कैद रखा गया था ?

(i) 28 वर्ष,

(ii) 25 वर्ष,

(iii) 22 वर्ष,

(iv) 20 वर्ष।

3. दक्षिण अफ्रीका गणराज्य का नया झंडा किस वर्ष में लहराया ?

(i) 26 अप्रैल, 1990,

(ii) 26 अप्रैल, 1994,

(iii) 26 अप्रैल, 1988,

(iv) 26 अप्रैल, 1986.

4. सरोजिनी नायडू कहाँ की राज्यपाल बनी थीं?

(i) मध्य प्रदेश,

(ii) उत्तर प्रदेश,

(iii) गुजरात,

(iv) राजस्थान।

5. भारत के प्रथम उप-प्रधानमन्त्री कौन थे?

(i) लाल बहादुर शास्त्री,

(ii) गुलजारी लाल नंदा,

(iii) सरदार वल्लभभाई पटेल,

(iv) टी. टी. कृष्णामाचारी।

6. संविधान सभा की पहली बैठक कब हुई थी ?

(i) दिसम्बर, 1946,

(ii) दिसम्बर 1947,

(iii) दिसम्बर 1948,

(iv) दिसम्बर 1949.

7. संविधान है

(i) सरकार का गठन,

(ii) देश का शासन,

(iii) नियम व कानूनों का संकलित प्रलेख,

(iv) मौलिक अधिकार।

8. संविधान में कितने मौलिक कर्तव्य बताये गये हैं ?

(i) 6,

(ii) 14,

(iii) 18,

(iv) 11.

उत्तर-1. (iv), 2. (i), 3. (ii), 4. (ii), 5. (iii), 6. (i), 7. (iii), 8. (iv)

रिक्त स्थान पूर्ति

1. संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष ……………….. थे।

2. डॉ. बी. आर. आम्बेडकर संविधान की………………..के अध्यक्ष थे। .

3. भारत का नवनिर्मित संविधान, संविधान सभा द्वारा ……………….. को अंगीकृत किया गया।

4. समानता का अधिकार संविधान में वर्णित ……………….. में से एक है।

5. वह सभा जिसे किसी देश का संविधान बनाने का कार्य सौंपा जाए उसे ……………….. के नाम से जाना जाता

6. नेल्सन मंडेला को दक्षिण अफ्रीका की सबसे भयावह जेल ……………….. में कैद रखा गया था।

7. 1937 के बाद पूरे ब्रिटिश शासन वाले भारत में ……………….. के लिए चुनाव कराए गए थे।

8. कांस्टीट्यूएंट असेम्बली डिबेट्स नाम से ……………….. मोटे-मोटे खंडों में प्रकाशित किया गया।

9. नागरिकों के साथ उनकी जाति, धर्म और लिंग के आधार पर ………………… नहीं किया जा सकता।

10. संविधान ने संस्थागत व्यवस्थाओं को बड़ी ……………….. में दर्ज किया है।

उत्तर-1. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, 2. प्रारूप समिति, 3. 26 नवम्बर, 1949, 4. मौलिक अधिकारों, 5. संविधान सभा, 6. रोब्बेन द्वीप, 7. प्रादेशिक असेम्बलियों, 8. 12,9. भेद-भाव, 10. कानूनी भाषा।

सत्य/असत्य

1. रंगभेद की शासकीय नीति अश्वेतों के लिए खासतौर से दमनकारी थी।

2. दक्षिण अफ्रीका 15 अप्रैल, 1990 को दुनिया का नया लोकतांत्रिक देश बन गया।

3. दो वर्षों की चर्चा और बहस के बाद दक्षिण अफ्रीका ने जो संविधान बनाया वैसा अच्छा संविधान दुनिया में कभी नहीं बना।

4. संविधान मौखिक नियमों की ऐसी किताब है जिसे किसी देश में रहने वाले सभी लोग सामूहिक रूप से मानते हैं।

5. भारतीय संविधान लिखने वाली सभा में 299 सदस्य थे।

उत्तर -1. सत्य, 2. असत्य, 3. सत्य, 4. असत्य, 5. सत्य।

सही जोड़ी मिलाइए

‘अ’                          ‘ब’

1. संविधान सभा के अध्यक्ष      (क) डॉ. आम्बेडकर

2. भारतीय जनसंघ के संस्थापक   (ख) अबुल कलाम आजाद

3. भारत के प्रथम कानून मंत्री     (ग) एच. सी. मुखर्जी

4. पहले शिक्षा मंत्री              (घ) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद

5. संविधान सभा के उपाध्यक्ष         (ङ) श्यामा प्रसाद मुखर्जी

उत्तर- 1. → (घ), 2. → (ङ), 3. → (क), 4. → (ख), 5. → (ग)।

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

1. अश्वेत, रंगीन चमड़ी वाले और भारतीय मूल के लोगों ने रंगभेद प्रणाली के खिलाफ संघर्ष कब से किया था ?

2. रंगभेद की शासकीय नीति अश्वेतों के लिए खासतौर से किस प्रकार की थी ? .

3. अबुल कलाम आजाद का जन्म कहाँ हुआ था ?

4. 1928 में भारत का संविधान किसने लिखा था ?

5. ‘यंग इण्डिया’ पत्रिका का सम्पादन किसने किया ?

6. स्वतंत्र पार्टी के संस्थापक कौन थे ?

7. भारत के प्रथम प्रधानमंत्री कौन थे ?

उत्तर -1. 1950 से, 2. दमनकारी, 3. सऊदी अरब, 4. मोतीलाल नेहरू, 5. महात्मा गांधी, 6. कन्हैयालाल मणिकलाल मुंशी, 7. जवाहरलाल नेहरू।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. रंगभेद क्या है ?

उत्तर – रंगभेद, दक्षिण अफ्रीका की सरकार की 1948 से 1989 के बीच काले लोगों के साथ नस्ली अलगाव और खराब व्यवहार करने वाली शासन व्यवस्था।

प्रश्न 2. संविधान क्या है?

उत्तर – देश का सर्वोच्च कानून। इसमें किसी देश की राजनीति और समाज को चलाने वाले मौलिक कानून होते हैं।

प्रश्न 3. संविधान संशोधन क्या है ?

उत्तर – देश की सर्वोच्च विधायी संस्था द्वारा उस देश के संविधान में किया जाने वाला बदलाव संविधान संशोधन कहलाता है।

प्रश्न 4. संविधान प्रस्तावना से क्या आशय है ?

उत्तर – संविधान का वह पहला कथन जिसमें कोई देश अपने संविधान के बुनियादी मूल्यों और अवधारणाओं को स्पष्ट ढंग से कहता है।

प्रश्न 5. संविधान की प्रस्तावना को किस देश के संविधान से लिया गया है ?

उत्तर -अमेरिकी संविधान की प्रस्तावना से प्रेरणा लेकर।

प्रश्न 6. भारतीय संविधान कब लागू हुआ? इसकी याद में कौन-सा राष्ट्रीय पर्व मनाते हैं ?

उत्तर – भारतीय संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ। इसी दिन की याद में हर वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते हैं।

प्रश्न 7. जयपाल सिंह कौन थे ?

उत्तर – जयपाल सिंह खिलाड़ी और शिक्षाविद् थे। भारतीय हॉकी टीम के पहले कप्तान व आदिवासी महासभा के संस्थापक अध्यक्ष तथा बाद में झारखंड पार्टी के संस्थापक।

प्रश्न 8. कांस्टीट्यूएंट असेम्बली डिबेट्स क्या थी?

उत्तर – तीन वर्षों में कुल 114 दिनों की गम्भीर चर्चा हुई। सभा में पेश हर प्रस्ताव, हर शब्द और वहाँ कही गई हर बात को रिकॉर्ड किया गया और संभाला गया। इन्हें कांस्टीट्यूएंट असेम्बली डिबेट्स नाम से 12 मोटे-मोटे खंडों में प्रकाशित किया गया। इन्हीं बहसों से हर प्रावधान के पीछे की सोच और तर्क को समझा जा सकता है। संविधान की व्याख्या के लिए भी इस बहस के दस्तावेजों का उपयोग होता है।

प्रश्न 9. संविधान में ‘समता’ से क्या आशय है ?

उत्तर -‘समता’ कानून के समक्ष सभी लोग समान हैं। पहले से चली आ रही सामाजिक असमानताओं को समाप्त होना होगा। सरकार हर नागरिक को समान अवसर उपलब्ध कराने की व्यवस्था करे।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. लोकतांत्रिक व स्वतंत्र समाज के सन्दर्भ में नेल्सन मंडेला के क्या विचार थे?

उत्तर – लोकतांत्रिक व स्वतंत्र समाज के विषय में नेल्सन मंडेला का यह कथन महत्वपूर्ण है, “मैंने गोरों के प्रभुत्व के खिलाफ संघर्ष किया है और मैंने ही अश्वेतों के प्रभुत्व का विरोध किया है। मैंने एक ऐसे लोकतांत्रिक और स्वतंत्र समाज की कामना की है जिसमें सभी लोग पूरे मेल-जोल के साथ रहें और सबको समान अवसर उपलब्ध हों। मैं इसी आदर्श के लिए जीवित रहना और इसे पाना चाहता हूँ और अगर जरूरत पड़ी तो इस आदर्श के लिए मैं जान देने को भी तैयार हूँ।”

प्रश्न 2. स्पष्ट कीजिए रंगभेद से क्या अभिप्राय है ? इसके क्या परिणाम थे ?

अथवा

रंगभेद की परिभाषा लिखिए। दक्षिण अफ्रीका में यह व्यवस्था अश्वेतों के लिए कैसे दमनकारी थी?

उत्तर – रंगभेद का आशय-रंगभेद नस्ली भेदभाव पर आधारित उस व्यवस्था का नाम है जो दक्षिण अफ्रीका में विशिष्ट तौर पर चलाई गई। दक्षिण अफ्रीका पर यह व्यवस्था यूरोप के गोरे लोगों ने ला दी थी।

परिणाम –

(1) रंगभेद की शासकीय नीति अश्वेतों के लिए खासतौर से दमनकारी थी। उन्हें गोरों की बस्तियों में रहने-बसने की इजाजत नहीं थी। परमिट होने पर ही वे वहाँ जाकर काम कर सकते थे।

(2) रेलगाड़ी, बस, टैक्सी, होटल, अस्पताल, स्कूल और कॉलेज, पुस्तकालय, सिनेमाघर, थियेटर, समुद्र तट, तरणताल और सार्वजनिक शौचालयों तक में गोरों और कालों के लिए एकदम अलग-अलग इंतजाम थे। इसे पृथक्करण या अलग-अलग करने की व्यवस्था कहा जाता था।

(3) काले लोग गोरों के लिए आरक्षित जगह तो क्या उनके गिरजाघर तक में नहीं जा सकते थे।

(4) अश्वेतों को संगठन बनाने और इस भेदभावपूर्ण व्यवहार का विरोध करने का भी अधिकार नहीं था।

प्रश्न 3. रंगभेद व्यवस्था के विरुद्ध संघर्ष करने में दक्षिण अफ्रीका के लोगों द्वारा किए गए प्रयासों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर – दक्षिण अफ्रीका के लोगों ने 1950 से ही अश्वेत, रंगीन चमड़ी वाले और भारतीय मूल के लोगों ने रंगभेद प्रणाली के खिलाफ संघर्ष किया। उन्होंने विरोध प्रदर्शन किए और हड़तालें आयोजित की। भेदभाव वाली इस शासन प्रणाली का विरोध करने वाले संगठन अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस के झंडे तले एकजुट हुए। इनमें कई मजदूर संगठन और कम्युनिस्ट पार्टी भी शामिल थी। अनेक समझदार और संवेदनशील गोरे लोग भी रंगभेद समाप्त करने के आन्दोलन में अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस के साथ आए और उन्होंने इस संघर्ष में प्रमुख भूमिका निभाई।

प्रश्न 4. संविधान का क्या महत्त्व है ? लिखिए।

उत्तर – संविधान का महत्त्व-किसी देश का संविधान, उस राष्ट्र की राजनीतिक व्यवस्था का बुनियादी डाँचा निर्धारित करता है। संविधान में शासन के सभी अंगों (व्यवस्थापिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका) की रचना, शक्तियों, कार्यों और दायित्वों का उल्लेख होता है। संविधान शासन के अंगों और नागरिकों के मध्य सम्बन्धों को भी विनियमित करता है।

संविधान देश के आदर्शों को भी प्रगट करता है। संविधान जनता की सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक प्रकृति, आस्था एवं आकांक्षाओं पर आधारित होता है।

प्रश्न 5. संविधान सभा का परिचय दीजिए।

उत्तर – संविधान सभा-वह सभा जिसे किसी देश का संविधान बनाने का कार्य सौंपा जाए तो उसे संविधान सभा के नाम से जाना जाता है। न भारत का संविधान एक संविधान सभा द्वारा निर्मित किया गया। संविधान सभा का गठन ब्रिटिश शासन तथा भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के नेतृत्वकर्ताओं के मध्य परस्पर सहमति से किया गया। संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसम्बर, 1946 को हुई जिसमें डॉ. सच्चिदानन्द सिन्हा को संविधान सभा का अस्थाई अध्यक्ष चुना गया। संविधान सभा की दूसरी बैठक 11 दिसम्बर, 1946 को हुई, जिसमें डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष चुना गया। संविधान सभा की 2 वर्ष, 11 माह एवं 18 दिन की कार्य अवधि में कुल 11 अधिवेशनों में 166 बैठकें हुईं।

प्रश्न 6. संविधान में प्रस्तावना का क्या महत्त्व है ?

उत्तर – संविधान की प्रस्तावना में संविधान निर्माताओं ने संविधान निर्माण के लक्ष्यों, मूल्यों एवं विचारों का समावेश किया है। इसे संविधान की आत्मा या कुंजी भी कहा जाता है। प्रस्तावना संविधान निर्माताओं की मनोभावना एवं संकल्प का प्रतीक है।

प्रस्तावना के आरम्भिक शब्दों में ही यह भाव निहित है कि संविधान का निर्माण जनता की इच्छा से ही हुआ है व अन्तिम सत्ता जनता में निहित है। प्रस्तावना में संविधान सभा के इस संकल्प की घोषणा है कि भारत सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न गणराज्य होगा। सन् 1976 में 42वें संविधान संशोधन द्वारा भारत को समाजवादी एवं पंथ निरपेक्ष राज्य घोषित किया गया है। देश की एकता और अखण्डता की रक्षा करना केवल राज्य का ही नहीं वरन् प्रत्येक नागरिक का कर्त्तव्य है।

प्रश्न 7. समाजवादी एवं पंथ निरपेक्षता का आशय समझाइए।

उत्तर -समाजवादी राज्य का आशय-समाजवादी राज्य से आशय है कि भारतीय व्यवस्था ‘समाज के समतावादी ढाँचे’ पर आधारित होगी। प्रत्येक भारतीय की न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति की जाएगी। भारतीय परिस्थिति के अनुसार समाजवादी को अपनाया जाएगा। पंथ निरपेक्षता से आशय-संविधान में पंथ निरपेक्ष राज्य का आदर्श रखा गया है। इसका आशय है कि राज्य सभी पंथों की समान रूप से रक्षा करेगा और स्वयं किसी भी पंथ को राज्य के धर्म के रूप में नहीं मानेगा। सरकार द्वारा नागरिकों के मध्य पंथ के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति को अपने विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतन्त्रता है।

प्रश्न 8. संविधान की अवधारणा और आवश्यकता को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – संविधान की अवधारणा और आवश्यकता-शासन व्यवस्था के सुचारु संचालन हेतु व्यवस्थापिका, कार्यपालिका व न्यायपालिका का गठन एवं उसके कार्यों और अधिकारों की सीमाओं के निर्धारण के लिये संविधान की आवश्यकता होती है। संविधान के अभाव में शासन का सुचारु रूप से संचालित होना कठिन है और अराजकता की स्थिति निर्मित होने की प्रबल सम्भावना रहती है। संविधान में नागरिकों के मूल अधिकार एवं कर्त्तव्यों का भी विवरण होता है। संविधान शासन व्यवस्था का आधार है। दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ।

प्रश्न 1. दक्षिणी अफ्रीका के संविधान की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए

उत्तर – दक्षिण अफ्रीका में दो वर्षों की चर्चा और बहस के बाद जो संविधान बनाया गया वैसा अच्छा संविधान दुनिया में कभी नहीं बना था। इस संविधान में नागरिकों को जितने व्यापक अधिकार दिए गए हैं उतने दुनिया के किसी संविधान ने नहीं दिए हैं। साथ ही उन्होंने यह फैसला भी किया कि मुश्किल मामलों के समाधान की कोशिशों में किसी को भी अलग नहीं किया जाएगा और न ही किसी को बुरा या दुष्ट मानकर बर्ताव किया जाएगा। इस बात पर भी सहमति बनी कि पहले जिसने चाहे जो कुछ किया हो लेकिन अब से हर समस्या के समाधान में सबकी भागीदारी होगी।

नेल्सन मंडेला के अनुसार, “दक्षिण अफ्रीका का संविधान इतिहास और भविष्य, दोनों की बातें करता है।एक तरफ तो यह एक पवित्र समझौता है कि दक्षिण अफ्रीकी के रूप में हम, एक-दूसरे से यह वायदा करते हैं कि हम अपने रंगभेदी, क्रूर और दमनकारी इतिहास को फिर से दोहराने की अनुमति नहीं देंगे। पर बात इतनी ही नहीं है। यह अपने देश को इसके सभी लोगों द्वारा वास्तविक अर्थों में साझा करने का घोषणापत्र भी है -श्वेत और अश्वेत, स्त्री और पुरुष, यह देश पूर्ण रूप से हम सभी का है।”

प्रश्न 2. संविधान क्या है ? देश में संविधान की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।

अथवा

लोकतंत्र में हमें संविधान की आवश्यकता क्यों है ? प्रमुख कारणों को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – संविधान का अर्थ-संविधान लिखित नियमों की इस प्रकार की किताब है जिसे किसी राष्ट्र में रहने वाले सभी नागरिक सामूहिक रूप से मानते हैं। संविधान सर्वोच्च कानून है जिससे किसी क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों के मध्य के आपसी सम्बन्ध तय होने के साथ-साथ लोगों और सरकार के बीच सम्बन्ध भी तय होते हैं। संविधान की भूमिका निम्न बातों से होती है

(1) संविधान साथ रह रहे विभिन्न तरह के लोगों के बीच जरूरी भरोसा और सहयोग विकसित करता

(2) संविधान यह स्पष्ट करता है कि सरकार का गठन कैसे होगा और किसे फैसले लेने का अधिकार होगा।

(3) संविधान सरकार के अधिकारों की सीमा तय करता है और हमें बताता है कि नागरिकों के क्या अधिकार हैं।

(4) संविधान अच्छे समाज के गठन के लिए लोगों की आकांक्षाओं को व्यक्त करता है।

प्रश्न 3. दक्षिण अफ्रीकी संविधान की प्रस्तावना किस भावना को व्यक्त करती है ? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – अपने इतिहास में हुए अन्याय को स्वीकार करते हैं, अपनी भूमि पर आजादी और न्याय के लिए संघर्ष करने में कष्ट उठाने वालों को सलाम करते हैं, अपने देश को बनाने और विकसित करने में मदद करने वालों का आदर करते हैं, और मानते हैं कि दक्षिण अफ्रीका उन सभी का है जो यहाँ रहते हैं, यहाँ की विविधता से जुड़े हैं, इसलिए स्वतंत्र रूप से चुने अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से अपने गणतंत्र के सर्वोच्च कानून के तौर पर संविधान को स्वीकार करते हैं जिससे पहले विभाजन मिटे और लोकतांत्रिक मूल्यों, सामाजिक न्याय और मौलिक मानवाधिकारों पर आधारित एक समाज बन सके, एक ऐसे लोकतांत्रिक और मुक्त समाज की स्थापना हो जिसमें सरकार लोगों की इच्छा के अनुसार बने और चले तथा हर नागरिक को कानून से समान संरक्षण मिले; सभी नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो और हर एक व्यक्ति की संभावनाओं को फलने-फूलने की स्वतंत्रता हो और एक संयुक्त और लोकतांत्रिक दक्षिण अफ्रीका का निर्माण हो जो राष्ट्रों के एक संप्रभु राष्ट्र के तौर पर अपना उचित स्थान प्राप्त कर सके। ईश्वर, हमारे लोगों की रक्षा करे।

यह प्रस्तावना दक्षिण अफ्रीकी संविधान की भावना को बहुत खूबसूरत ढंग से व्यक्त करती है।

प्रश्न A. भारतीय संविधान की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर

भारतीय संविधान की विशेषताएँ भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

(1) लिखित और निर्मित संविधान -भारत का संविधान लिखित और निर्मित है। यह ब्रिटेन के संविधान की भाँति अलिखित नहीं है।

(2) सम्पूर्ण प्रभुत्व -सम्पन्न लोकतान्त्रिक गणराज्य-सम्पूर्ण प्रभुत्व-सम्पन्न का अर्थ है कि भारत अपने आन्तरिक एवं बाह्य मामलों में सर्वोच्च शक्ति रखता है। लोकतन्त्रात्मक का आशय है कि भारत में राजसत्ता का स्रोत जनता है। भारत गणराज्य भी है, क्योंकि राज्य का प्रधान जनता के प्रतिनिधियों द्वारा निर्वाचित व्यक्ति होता है।

(3) संसदीय शासन प्रणाली– भारतीय संविधान में शासन की संसदीय प्रणाली अपनायी गयी है। देश का संवैधानिक प्रधान राष्ट्रपति होता है जबकि वास्तविक सत्ता मन्त्रिपरिषद् के अधीन होती है।

(4) अंशतः लचीला एवं अंशतः कठोर– भारतीय संविधान न तो पूर्ण रूप से लचीला है न पूर्ण रूप से कठोर। यह अंशत: लचीला तथा अंशत: कठोर है।

(5) मूल अधिकारों की व्यवस्था -मूल अधिकार नागरिकों के व्यक्तित्व के विकास के लिए अनिवार्य होते हैं। अतः भारतीय संविधान में नागरिकों के लिए मूल अधिकारों की व्यवस्था की गयी है। सरकार इनमें हस्तक्षेप नहीं करती।

(6) संघात्मक शासन व्यवस्था -भारतीय संविधान के प्रथम अनुच्छेद के अनुसार भारत राज्यों का एक संघ है। इस प्रकार भारत में संघात्मक शासन की स्थापना की गई है। संविधान ने शासन की शक्ति को एक स्थान पर केन्द्रित न कर केन्द्र और राज्य सरकारों में विभाजित किया है।

(7) स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष न्यायपालिका – नागरिकों के मूल अधिकारों की रक्षा और संविधान की व्याख्य करने का अधिकार होने के कारण न्यायपालिका को स्वतन्त्र घोषित किया गया है। संविधान न्यायपालिक को न्यायिक पुनर्वलोकन का अधिकार देता है। संविधान द्वारा न्यायपालिका को निष्पक्ष बनाये रखने के लिए समुचित प्रावधान किये गये हैं।

(8) राज्य के नीति निर्देशक तत्व -भारतीय संविधान के चौथे भाग में शासन संचालन के लिए मूलभूत सिद्धान्तों का वर्णन किया गया है, इन्हें राज्य के नीति निर्धारण करने वाले निर्देशक तत्व कहा गया है। ये तत्व आधुनिक प्रजातन्त्र के लिए राजनीतिक, सामाजिक तथा आर्थिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। नीति-निर्देशक तत्वों को किसी न्यायालय द्वारा परिवर्तित नहीं कराया जा सकता किन्तु ये तत्व देश के शासन में मूलभूत स्थान रखते हैं। इन तत्वों के माध्यम से भारत में एक लोककल्याणकारी राज्य की स्थापना का प्रयास किया गया है।

(9) सार्वभौम वयस्क मताधिकार -संविधान द्वारा भारतीय नागरिकों को सार्वभौम वयस्क मताधिकार प्रदान किया गया है। हमारे संविधान में यह मताधिकार 18 वर्ष की आयु प्राप्त सभी नागरिकों को किसी धर्म, वंश, जाति, वर्ण, लिंग, जन्मस्थान के भेदभाव के बिना समान रूप से दिया गया है।

(10) इकहरी नागरिकता -भारतीय संविधान ने इकहरी नागरिकता को अपनाया है अर्थात् प्रत्येक व्यक्ति भारत का नागरिक है चाहे वह किसी भी स्थान पर निवास करता हो। भारत के सभी नागरिक देश में कहीं भी रोजगार प्राप्त कर सकते हैं तथा देश के सभी भागों में समान अधिकारों का प्रयोग कर सकते हैं।

प्रश्न 5. संविधान बनाने वालों ने भारतीय संविधान में संशोधन का प्रस्ताव कैसे रखा था ? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर -संविधान सिर्फ मूल्यों और दर्शन का बयान भर नहीं है। संविधान मूल्यों को संस्थागत रूप देने की कोशिश है जिसे हम भारत का संविधान कहते हैं उसका अधिकांश हिस्सा इन्हीं व्यवस्थाओं को तय करने वाला है। यह एक बहुत ही लम्बा और विस्तृत दस्तावेज है। इसलिए समय-समय पर इसे नया रूप देने के लिए इसमें बदलाव की आवश्यकता पड़ती है। भारतीय संविधान के निर्माताओं को लगा कि इसे लोगों की भावनाओं के अनुरूप चलना चाहिए और समाज में हो रहे बदलावों से दूर नहीं रहना चाहिए। उन्होंने इसे पवित्र, स्थायी और न बदले जा सकने वाले कानून के रूप में नहीं देखा था। इसलिए उन्होंने बदलावों को समय-समय पर शामिल करने का भी प्रावधान रखा। इन बदलावों को संविधान संशोधन कहा जाता है।

NCERT Class 9th Political Science Chapter 2 : संविधान निर्माण

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *