MP Board Class 6 Social Science Civics Solution Chapter 9 : शहरी क्षेत्र में आजीविका

म.प्र. बोर्ड कक्षा  संपूर्ण हल- नागरिकशास्त्र – सामाजिक एवं राजनैतिक जीवन 1 (Civics: Social & Political Life – I )

इकाई 4 : आजीविकाएँ

पाठ 9 : शहरी क्षेत्र में आजीविका

महत्वपूर्ण बिन्दु

  • भारत में 5000 से ज्यादा शहर हैं और सत्ताइस महानगर हैं।  
  • चेन्नई, मुम्बई, दिल्ली, कोलकाता महानगर कहलाते हैं।
  • हमारे देश में शहरी इलाकों में लगभग एक करोड़ लोग फुटपाथ और ठेकों पर सामान बेचते हैं। .
  • नियमित और स्थायी कर्मचारियों को कुछ सुविधाएँ प्राप्त होती हैं; जैसे- भविष्य निधि, छुट्टियाँ, परिवार के लिए चिकित्सा की सुविधाएँ आदि।
  • महानगरों में कॉल सेन्टरों में काम करना रोजगार का एक नया क्षेत्र है। भारत कॉल सेन्टर के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण केन्द्र बन गया है।

महत्वपूर्ण शब्द

फुटपाथ – सड़क के किनारों पर पैदल चलने वालों के लिए रास्ता ।

शोरूम – सामान बेचने की बड़ी-बड़ी दुकानें।

कॉल सेन्टर – वह केन्द्रीकृत दफ्तर जहाँ से उपभोक्ताओं की समस्याओं और उनसे जुड़े सवालों से सम्बन्धित जानकारी दी जाती है।

पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर

पृष्ठ संख्या # 88

प्रश्न 1. इस चित्र में आप क्या देख रहे हैं ?

  • आप पहले ही ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के कार्यों के बारे में पढ़ चुके हैं। अब पिछले पाठ में दिए गए ग्रामीण क्षेत्र के कार्यों के चित्र से इस चित्र की तुलना कीजिए।
  • शहर का एक भाग दूसरे भाग से अलग होता है। आपने ऊपर वाले चित्र में क्या भिन्नताएँ देखीं?

उत्तर– चित्र में भीड़-भाड़ भरा बाजार दिख रहा है। बहुत सारी गाड़ियाँ, बस, स्कूटर, साइकिल, आटो रिक्शा, रेहड़ी वाला सब्जियाँ बेच रहा है। सफाई कर्मी सड़क साफ कर रहा है। सभी अपने-अपने काम पर जाने की जल्दी में दिखाई दे रहे हैं।

  • पिछले अध्याय के ग्रामीण क्षेत्र के चित्र में लोग खेती-बाड़ी का काम करते दिखाई दे रहे है, कुछ मछली पकड़ने का। छोटी-छोटी दुकानें हैं। चित्र में गाड़ियाँ, भीड़-भाड़ नहीं दिखाई दी, लेकिन इस चित्र में सड़क पर भीड-भाड़ है तथा फुटपाथ पर विभिन्न प्रकार की सेवा देने वाले तथा सामान बेचने वाले लोगों की भीड़ है।
  • शहर के कुछ भागों में ऊँची-ऊंची इमारतें हैं जबकि कुछ भागों में छोटे-छोटे घर हैं। शहर में भीड़-भाड़ तथा फुटपाथ पर काम करने वालों तथा अन्य सेवाएँ उपलब्ध कराने वालों की भीड़ होती है।

पृष्ठ संख्या # 91

प्रश्न 2. बच्चू माँझी शहर क्यों आया था?

उत्तर -बच्चू माँझी शहर में रोजगार की तलाश में आया था। गाँव में वह मिस्त्री का काम करता था, लेकिन उसे मिस्त्रीगिरी का काम लगातार नहीं मिलता था। उससे जो कमाई होती थी, वह परिवार के लिए पूरी नहीं पड़ती थी, इसलिए वह शहर आया था।

प्रश्न 3. बच्चू अपने परिवार के साथ क्यों नहीं रह सकता?

उत्तर -बच्चू अपने परिवार के साथ इसलिए नहीं रह सकता, क्योंकि शहर में उसके पास कोई स्थायी निवास नहीं है। गाँव की अपेक्षा शहर मँहगा है तथा बच्चू की पत्नी को गाँव में कुछ छोटा-मोटा काम भी मिल जाता है। इसलिए उसका परिवार गाँव में रहता है और बच्चू शहर में रहता है।

प्रश्न 4. किसी सब्जी बेचने वाली या ठेले वाले से बात करिए और पता लगाइए कि वे अपना काम कैसे करते हैं-तैयारी, खरीदना, बेचना इत्यादि।

उत्तर

तैयारी -सुबह 4 बजे बड़ी सब्जी मंडी से सब्जी लेने जाते हैं। उसके लिए बोरी, सूजा, टोकरी, रेहड़ी के पहियों में हवा चैक करना आदि।

खरीदना -बड़ी मंडी में पहुँचकर सब्जियाँ खरीदकर रेहड़ी पर लादना आदि।

बेचना -सब्जियों को लाकर घर पर छाँटना और बहुत करीने से सब्जियों का सजाकर रखते है जिससे लोग देख सकें कि उसके पास बेचने को क्या-क्या है।

प्रश्न 5. बच्चू को एक दिन की छुट्टी लेने से पहले भी सोचना पड़ता है, क्यों?

उत्तर – बच्चू प्रतिदिन 80-100 रूपये कमाता है जिस दिन वह काम नहीं करता उस दिन उसकी दिहाड़ी का नुकसान होगा इसलिए एक दिन की छुट्टी लेने से पहले सोचना पड़ता है।

पृष्ठ संख्या # 93

प्रश्न 6. वन्दना और हरप्रीत ने एक बड़ी दुकान क्यों शुरू की ? उनको यह दुकान चलाने के लिए क्या-क्या करना पड़ता है ?

उत्तर– हरप्रीत को अपने पापा के साथ पहले दुकान पर काम करने का अनुभव था और वन्दना एक ड्रेस डिजाइनर है। उसने तरह-तरह के फैशन के कपड़े बनाने की पढ़ाई की है। इसलिए हरप्रीत ने कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपनी पत्नी वन्दना के साथ एक बड़ी दुकान शुरू की। दुकान चलाने के लिए उन्हें अलग-अलग जगहों से सामान खरीदना पड़ता है और विभिन्न अखबारों में, सिनेमा हॉल में, टेलीविजन व रेडियो चैनल पर विज्ञापन देने होते हैं जिससे वह अपने लिए अधिक-से-अधिक ग्राहकों को आकर्षित कर सकें।

प्रश्न 7. एक बड़ी दुकान के मालिक से बात कीजिए और पता लगाइए कि वे अपने काम की योजना कैसे बनाते हैं ? क्या पिछले बीस सालों में उनके काम में कोई बदलाव आया है ?

उत्तर – एक बड़े दुकान के मालिक को अपने काम की योजना बनानी पड़ती है। माल अलग-अलग जगहों से खरीदना होता है। ज्यादातर माल मुम्बई, अहमहाबाद, लुधियाना, त्रिपुरा, गुड़गाँव और नोएडा से आता है। शोरूम पर इन रेडीमेड कपड़ों को आकर्षक रूप से सजाकर रखते हैं। विज्ञापन भी देने पड़ते हैं जिससे अधिक-से-अधिक लोगों को दुकान की जानकारी दे सकें। पिछले बीस सालों में उनके काम में थोड़ा बदलाव आया है। आजकल लोग कपड़े सिलवाने की जगह सिले-सिलाए यानी रेडीमेड कपड़े खरीदना पसन्द करते हैं। ग्राहकों की पसन्द में भी बदलाव आया है। दुकानों की संख्या भी बढ़ गयी हैं। दुकानों के बीच प्रतियोगिता भी बढ़ी है, इसलिए एक निश्चित कीमत भी निर्धारित करनी होती है।

प्रश्न 8. जो बाजार में समान बेचते हैं और जो सड़कों पर सामान बेचते हैं, उनमें क्या अन्तर है?

उत्तर – बाजार तथा सड़कों पर सामान बेचने में अन्तर

पृष्ठ संख्या # 96

प्रश्न 9. आपको क्या लगता है कि फैक्ट्रियाँ या छोटे कारखाने मजदूरों को अनियमित रूप से काम पर क्यों रखते हैं

उत्तर-फैक्ट्रियाँ या छोटे कारखाने मजदूरों को आवश्यकता पड़ने पर काम पर रखते हैं जिससे उनको कम मजदूरी पर अधिक काम करने वाले मिल जाये और मजदूरों को देने वाली सुविधाओं जैसे पेन्शन इत्यादि से छुटकारा मिल जाये।

प्रश्न 10. निर्मला जैसे मजदूरों की काम करने की परिस्थितियों का निम्न के आधार पर विवरण दीजिए-काम के घण्टे, कमाई, काम करने की जगह व सुविधाएँ, साल भर में रोजगार के दिनों की संख्या।

उत्तर-निर्मला जैसे मजदूरों की काम करने की परिस्थितियाँ

(1) काम के घण्टे -मजदूरों को सुबह 9 बजे से रात के 10 बजे तक काम करना पड़ता है। उन्हें सप्ताह में छ: दिन काम करना पड़ता है। अधिक काम होने पर रविवार को भी काम करना पड़ता है।

(2) कमाई-आठ घण्टे काम करने के 80 रुपए मिलते हैं और अतिरिक्त काम करने के 40 रूपये मिलते हैं।

(3) काम करने की जगह व सुविधाएँ-छोटे-छोटे कमरों में लोग मशीन पर काम करते हैं, उन्हें कोई सुविधाएँ नहीं दी जाती हैं अगर कारीगर परिस्थितियों के बारे में शिकायत करते हैं तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है और बुरा व्यवहार भी किया जाता है। उनके बचाव के लिए कोई नहीं होता, उनसे बहुत लम्बे समय तक रोज काम करने की उम्मीद भी रखी जाती है।

(4) सालभर में रोजगार के दिनों की संख्याअधिकतर कारीगर या मजदूर अनियमित रूप से काम करते हैं। सालभर में करीब 8 महीने उनके पास काम होता है। बाकी के करीब 4 महीने उनके पास काम नहीं रहता है।

प्रश्न 11. क्या आप यह मानेंगे कि दूसरों के घर में काम करने वाली महिलाएँ भी अनियमित मजदूरों की श्रेणी में आती हैं, क्यों एक ऐसी कामगार महिला के दिनभर के काम का विवरण दीजिए।

उत्तर-दूसरों के घर में काम करने वाली महिलाएँ भी अनियमित मजदूरों की श्रेणी में आती है, क्योंकि उन्हें कभी भी काम से निकाला जा सकता है। घरों में काम करने वाली महिलाएँ घर का सारा काम सँभालती हैं, जैसे-घर की साफ-सफाई, कपड़े धोना, खाना बनाना, बर्तन धोना इत्यादि। वे सुबह से ही अपने घर से इन कामों के लिए निकल जाती हैं, दिन के समय आकर अपने घर का काम करती हैं, उसके पश्चात् शाम को फिर अपने काम पर जाती हैं।

पाठान्त प्रश्नोत्तर

अभ्यास

प्रश्न 1. नीचे लेबर चौक पर अपने वाले मजदूरों की जिन्दगी का विवरण दिया गया है। इसे पढ़िए और आपस में चर्चा कीजिए कि लेबर चौक पर आने वाले मजदूरों के जीवन की क्या स्थिति है ?

लेबर चौक पर जो मजदूर रहते हैं उनमें से ज्यादातर अपने रहने की स्थायी व्यवस्था नहीं कर पाते और इसलिए वे चौक के पास फुटपाथ पर सोते हैं या फिर पास के रात्रि विश्राम गृह (रैन बसेरा) में रहते हैं। इसे नगर निगम चलाता है और इसमें छ: रूपया एक बिस्तर का प्रतिदिन किराया देना पड़ता है। सामान की सुरक्षा का कोई इन्तजाम न रहने के कारण वे वहाँ के चाय या पान-बीड़ी वालों की दुकानों को बैंक के रूप में इस्तेमाल करते हैं। उनके पास वे पैसा जमा करते हैं और उनसे उधार भी लेते हैं। वे अपने औजारों को रात में उनके पास हिफाजत के लिए छोड़ देते हैं। दुकानदार मजदूरों के सामान की सुरक्षा के साथ जरूरत पड़ने पर उन्हें कर्ज भी देते हैं।

उत्तर-लेबर चौक में मजदूरों के रहने की स्थिति बहुत ही खराब होती है। उसके पास रहने का कोई स्थाई निवास नहीं होता है। वे सड़क किनारे फुटपाथ पर या रात्रि विश्राम गृह में सोते हैं। रात्रि विश्राम गृह में प्रायः भीड़-भाड़ रहती है। उनके सामान

और कमाई की सुरक्षा का कोई इन्तजाम नहीं होता है, लेकिन वहीं पास के दुकानदार उनकी सहायता करते हैं। वह उनके पास हिफाजत और जरूरत पड़ने पर अपनी कमाई के पैसे रखते हैं तथा उनसे कर्ज भी लेते हैं।

प्रश्न 2. निम्नलिखित तालिका को पूरा कीजिए और उनका काम किस तरह से अलग है, इसका वर्णन कीजिए।

उत्तर

प्रश्न 3. एक स्थायी और नियमित नौकरी अनियमित काम से किस तरह अलग है ?

उत्तर-

प्रश्न 4. सुधा को अपने वेतन के अलावा कौन-से लाभ मिलते हैं?

उत्तर-सुधा को अपने वेतन के अलावा और भी लाभ मिलते हैं, जैसे

(1) काम की सुरक्षा

(2) रविवार, राष्ट्रीय और वार्षिक छुट्टियों के फायदे।

(3) परिवार के लिए चिकित्सा के फायदे।

(4) सेवानिवृत्ति के पूरे फायदे।

प्रश्न 5. नीचे दी गई तालिका में अपने परिचित बाजार की दुकानों या दफ्तरों के नाम भरें कि वे किस प्रकार की चीजें या सेवाएँ मुहैया कराते हैं ?

उत्तर

NCERT Class 6 Social Science Civics Solution Chapter 9 : शहरी क्षेत्र में आजीविका

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