MP Board Class 9th Geography Solution Chapter 5 :  प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी

MP Board Class 9 th Geography Solution भूगोल-समकालीन भारत-I

Chapter 5 :प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी [Natural Vegetation and wildlife]

महत्त्वपूर्ण तथ्य

  • प्राकृतिक रूप से मनुष्य के हस्तक्षेप के बिना उगने वाले पेड़-पौधों को प्राकृतिक वनस्पति कहते हैं।
  • भारत विश्व के 12 मुख्य जैव-विविधता वाले देशों में से एक है।
  • हमारे देश में 47,000 प्रकार के पेड़-पौधे पाए जाते हैं।
  • भारत में लगभग 15,000 फूलों के पौधे हैं जो कि विश्व में फूलों के पौधों का 6 प्रतिशत है।
  • सन् 2003 में वनों का कुल क्षेत्रफल 68 लाख वर्ग किमी था।
  • इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट, 2011 के अनुसार भारत में वनों का कुल क्षेत्रफल भारत के क्षेत्रफल का 21.05 प्रतिशत है।
  • उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहाँ 200 सेमी से अधिक वर्षा के साथ एक थोड़े समय के लिए शुष्क ऋतु पाई जाती है।
  • उष्ण कटिबन्धीय पर्णपाती वन भारत में सबसे बड़े क्षेत्र में फैले हुए वन हैं। ये वन उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहाँ 70 सेमी से 200 सेमी तक वर्षा होती है।
  • शुष्क पर्णपाती वन उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहाँ वर्षा 70 सेमी से 100 सेमी के बीच होती है। :
  • कंटीले वन तथा झाड़ियाँ उन क्षेत्रों में जहाँ 70 सेमी से कम वर्षा होती है, पाये जाते हैं।
  • 1,000 मी. से 2,000 मी. तक की ऊँचाई वाले क्षेत्रों में आर्द्र शीतोष्ण कटिबंधीय वन पाए जाते हैं।
  • गंगा-ब्रह्मपुत्र में डेल्टा में सुंदरी वृक्ष पाए जाते हैं जिनसे मजबूत लकड़ी प्राप्त होती है।
  • भारत में जीवों की लगभग 90,000 प्रजातियाँ मिलती हैं।
  • भारत में लगभग 2,000 से अधिक पक्षियों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
  • यहाँ मछलियों की 2,546 प्रजातियाँ हैं जो विश्व की लगभग 12 प्रतिशत हैं।
  • स्तनधारी जानवरों में हाथी सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। ये असम, कर्नाटक और केरल के उष्ण तथा आर्द्र वनों में पाए जाते हैं।
  • एक सींग वाले गेंडे पश्चिमी बंगाल तथा असम के दलदली क्षेत्रों में रहते हैं।  
  • भारत जीव सुरक्षा अधिनियम सन् 1972 में लागू किया गया था।
  • भारत विश्व का अकेला देश है जहाँ शेर तथा बाघ दोनों पाए जाते हैं। भारतीय शेरों का प्राकृतिक वास-स्थल गुजरात में गिर जंगल है।
  • बाघ मध्य प्रदेश तथा झारखण्ड के वनों, पश्चिमी बंगाल के सुन्दरवन तथा हिमालीय क्षेत्रों में पाए जाते है।
  • ‘याक’ गुच्छेदार सींगों वाला बैल जैसा जीव लद्दाख में पाया जाता है।
  • लगभग 1,300 पादप प्रजातियाँ संकट में हैं तथा 20 प्रजातियाँ विनष्ट हो चुकी हैं।
  • भारत में अठारह जीवमंडल आरक्षित क्षेत्र स्थापित किए गए हैं।
  • सन् 1992 से सरकार द्वारा पादप उद्यानों को वित्तीय तथा तकनीकी सहायता देने की योजना बनाई है।  
  • 103 नेशनल पार्क, 535 वन्य प्राणी अभयवन और कई चिड़ियाघर राष्ट्र की पादप और जीव सम्पत्ति की सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं।

पाठान्त अभ्यास

प्रश्न 1. दिए गए चार विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए

(i) रबड़ का सम्बन्ध किस प्रकार की वनस्पति से है ?

(क) टुण्ड्रा ,

(ख) हिमालय,

(ग) मैंग्रोव,

(घ) उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन।

(ii) सिनकोना के वृक्ष कितनी वर्षा वाले क्षेत्र में पाये जाते हैं ?

(क) 100 सेमी,

(ख) 70 सेमी,

(ग) 50 सेमी,

(घ) 50 सेमी से कम वर्षा।

(iii) सिमलीपाल जीवमण्डल निचय कौन-से राज्य में स्थित है ?

(क) पंजाब,

(ख) दिल्ली,

(ग) ओडिशा,

(घ) पश्चिम बंगाल।

(iv) भारत के कौन-से जीवमण्डल निचय विश्व के जीवमण्डल से लिए गए हैं?

(क) मानस,

(ख) मन्नार की खाड़ी,

(ग) नीलगिरि,

(घ) नन्दादेवी।

उत्तर – (i) (घ), (ii) (क), (ii) (ग), (iv) (घ)।

प्रश्न 2. संक्षिप्त उत्तर वाले प्रश्न

(i) भारत में पादपों तथा जीवों का वितरण किन तत्वों द्वारा निर्धारित होता है?

उत्तर -भारत में पादपों तथा जीवों का वितरण भूमि, मिट्टी, तापमान, सूर्य का प्रकाश तथा वर्षा आदि द्वारा निर्धारित होता है।

(ii) जीवमंडल निचय से क्या अभिप्राय है ? कोई दो उदाहरण दीजिए।

उत्तर – भारत में जैव-विविधता की सुरक्षा के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। इस योजना के अन्तर्गत नीलगिरि में भारत का प्रथम जीव-आरक्षित क्षेत्र (बायोस्फीयर रिजर्व) स्थापित किया गया है। यह कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल के सीमावर्ती क्षेत्रों में फैला है। इसका क्षेत्रफल 5500 वर्ग किमी है। इस योजना के अन्तर्गत प्रत्येक जन्तु तथा पौधे का रक्षण अनिवार्य है। इसकी स्थापना 1986 में की गयी थी।

उत्तराखण्ड के हिमालय क्षेत्र में नन्दादेवी का जीव-आरक्षित क्षेत्र 1988 में स्थापित किया गया था।

(iii) किन्हीं दो वन्य प्राणियों के नाम बताइए जो कि उष्ण कटिबंधीय वर्षा और पर्वतीय वनस्पति में मिलते हैं।

उत्तर – उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन-हाथी, बंदर, हिरण। पर्वतीय वनस्पति-चितरा हिरण, हिम तेंदुआ, घने बालों वाली भेड़।

प्रश्न 3. निम्नलिखित में अन्तर कीजिए

(i) वनस्पति जगत तथा प्राणी जगत,

(ii) सदाबहार वन और पर्णपाती वन।

उत्तर (i) वनस्पति जगत तथा प्राणी जगत में अन्तर

(ii) सदाबहार वन और पर्णपाती वन में अन्तर

प्रश्न 4. भारत में विभिन्न प्रकार की पाई जाने वाली वनस्पति के नाम बताइए और अधिक ऊँचाई पर पाई जाने वाली वनस्पति का ब्यौरा दीजिए।

उत्तर– भारत में निम्न प्रकार की वनस्पतियाँ पाई जाती हैं

(i) उष्ण कटिबन्धीय सदाबहार वन,

(ii) उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन,

(iii) उष्ण कटिबंधीय कंटीले वन तथा झाडियाँ

(iv) पर्वतीय वन,

(v) मैंग्रोव वन।

अधिक ऊँचाई पर पाई जाने वाली वनस्पति (पर्वतीय वन)

पर्वतीय प्रदेशों में वनस्पति के वितरण के सम्बन्ध में ऊँचाई की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है, क्योंकि ऊँचाई के बढ़ने पर तापमान घट जाता है। हिमालय पर्वतीय प्रदेश में ऊँचाई के साथ-साथ तापमान तथा वर्षा में अन्तर आ जाने के कारण वृक्षों की जातियों, उनके आकार, ऊँचाई तथा प्रकृति में भी भिन्नता पायी जाती है। इस प्रकार निम्न वनस्पति कटिबन्ध पर्वतों की ऊँचाई के अनुसार पाये जाते हैं

(i) उष्ण कटिबन्धीय आई पर्णपाती वन – हिमालय की गिरपाद शिवालिक श्रेणियाँ उष्ण कटिबन्धीय आर्द्र पर्णपाती वनों से ढकी है। इन वनों का आर्थिक दृष्टि से सबसे महत्त्वपूर्ण वृक्ष साल है।

(ii) उपोष्ण कटिबन्धीय पर्वतीय वन – समुद्र तल से 1000 से 2000 मीटर तक की ऊँचाई वाले भागों में आर्द्र पर्वतीय वन पाये जाते हैं। इस प्रकार के वनों में अधिकतर चीड़ के वृक्षों की प्रधानता होती है।

(iii) शंकुधारी वन – समुद्र तल से 1600 से 3300 मीटर की ऊँचाई के बीच चीड़, सीडर, फर और स्प्रूस के वृक्षों की प्रधानता है।

(iv) अल्पाइन वन – ये हिमालय पर 3300 से 3600 मीटर की ऊँचाई तक पाये जाते हैं। इन वनों के प्रमुख वृक्ष सिल्वर, फर, चीड़, भुर्ज तथा हपषा हैं।

प्रश्न 5. भारत में बहुत संख्या में जीव और पादप प्रजातियाँ संकटग्रस्त हैं। उदाहरण सहित कारण दीजिए।

उत्तर भारत में बहुत संख्या में जीव और पादप प्रजातियाँ संकटग्रस्त हैं क्योंकि मानव द्वारा पादपों और जीवों के अत्यधिक उपयोग के कारण पारिस्थितिक तंत्र असन्तुलित हो गया है। लगभग 1300 पादप प्रजातियाँ संकट में हैं तथा 20 प्रजातियाँ नष्ट हो चुकी हैं। काफी वन्यजीव प्रजातियाँ भी संकट में हैं और कुछ नष्ट हो चुकी हैं।

पारिस्थितिक तंत्र के असन्तुलन का प्रमुख कारण लोभी व्यापारियों का अपने व्यवसाय के लिए अत्यधिक शिकार करना है। रासायनिक और औद्योगिक अवशिष्ट तथा तेजाबी जमाव के कारण प्रदूषण, विदेशी प्रजातियों का प्रवेश, कृषि तथा रहने के लिए वनों की अंधाधुंध कटाई पारिस्थितिक तंत्र के असन्तुलन का कारण है।

प्रश्न 6. भारत वनस्पति जगत तथा प्राणी जगत की धरोहर में धनी क्यों है ?

उत्तर: भारत एक विशाल देश है। हमारा देश विश्व के मुख्य 12 जैव-विविधता वाले देशों में से एक है। भारत वनस्पति जगत तथा प्राणी जगत की धरोहर में धनी निम्न कारणों से है

(1) भारत में लगभग 47,000 विभिन्न जातियों के पौधे पाए जाने के कारण यह हमारा देश विश्व में दसवें स्थान पर और एशिया के देशों में चौथे स्थान पर है। ।

(2) भारत में लगभग 15,000 फूलों के पौधे हैं जो कि विश्व में फूलों के पौधों का 6 प्रतिशत है।

(3) भारत में बहुत से बिना फूलों के पौधे हैं; जैसे कि फर्न, शैवाल (ऐल्गी) तथा कवक (फंजाई) भी पाए जाते हैं।

(4) भारत में उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन, पर्णपाती वन, कंटीले वन तथा झाड़ियाँ, पर्वतीय वन तथा मैंग्रोव वन में अनेक प्रजातियों के पेड़-पौधे व जीव जन्तु पाए जाते हैं।

(5) वनस्पति की भाँति ही, भारत विभिन्न प्रकार की प्राणी सम्पत्ति में भी धनी है। यहाँ जीवों की लगभग 90,000 प्रजातियाँ मिलती हैं।

(6) भारत में लगभग 2,000 से अधिक पक्षियों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं। यह कुल विश्व का 13 प्रतिशत है।

(7) यहाँ मछलियों की 2,546 प्रजातियाँ हैं जो विश्व की लगभग 12 प्रतिशत है।

(8) भारत में विश्व के 5 से 8 प्रतिशत तक उभयचरी, सरीसृप तथा स्तनधारी जानवर भी पाए जाते हैं। स्तनधारी जानवरों में हाथी सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। एक सींग वाले गेंडे, जंगली गधे तथा ऊँट, भारतीय भैंसा, नील गाय, बन्दरों की अनेक प्रजातियाँ पाई जाती हैं। भारत विश्व का अकेला देश है जहाँ शेर तथा बाघ दोनों पाए जाते हैं।

मानचित्र कौशल

भारत के मानचित्र पर निम्नलिखित दिखाएँ और अंकित करें-

(i) उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन,

(ii) उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन,

(ii) दो जीवमंडल निचय भारत के उत्तरीय, दक्षिणी, पूर्वी और पश्चिमी भागों में।

उत्तर (i) उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन,

चित्र 10.1

(C) अन्य परीक्षोपयोगी प्रश्न

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहु-विकल्पीय प्रश्न

1. भारत में सबसे कम वन क्षेत्र वाला राज्य है

(i) असम,

(ii) राजस्थान,

(iii) झारखण्ड,

(iv) हरियाणा।

2. सुन्दरी वृक्ष पाया जाता है

(i) उष्ण कटिबन्धीय वन में,

(ii) हिमालयीन वन में,

(iii) मैंग्रोव वन में,

(iv) उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन में।

3. राजस्थान की प्राकृतिक वनस्पति है

(i) आद्रे उष्ण कटिबन्धीय सदाबहार वन,

(ii) अल्पाइन प्रकार के वन,

(iii) उष्ण कटिबन्धीय कंटीले वन,

(iv) आर्द्र उष्ण कटिबन्धीय अर्द्ध-सदाबहार वन।

4. भारतीय सिंहों का प्राकृतिक आवास आरक्षित क्षेत्र है

(i) गुजरात का गिर क्षेत्र,

(ii) असम का काजीरंगा वन क्षेत्र,

(iii) पश्चिम बंगाल का सुन्दर वन,

(iv) नीलगिरि वन क्षेत्र।

5. कौन-सी औषधीय वनस्पति नहीं है ?

(i) तुलसी,

(ii) नीम,

(iii) सर्पगंधा,

(iv) टीक।

6. भारत में वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम कब पारित हुआ?

(i) 1971,

(ii) 1972,

(ii) 1970,

(iv) 1975.

7. जीवमंडल निचय (आरक्षित क्षेत्र) पंचमढ़ी किस राज्य में स्थित है ?

(i) राजस्थान,

(ii) गुजरात,

(iii) हिमाचल प्रदेश,

(iv) मध्य प्रदेश।

8. भारत में कितने नेशनल पार्क हैं ?

(i) 95,

(ii) 103,

(iii) 125,

(iv) 135.

उत्तर-1. (iv), 2. (iii), 3. (iii), 4. (i), 5. (iv), 6. (ii),7. (iv), 8. (ii)।  

रिक्त स्थान पूर्ति

1. जो वनस्पति मूल रूप से भारतीय है, उसे …………… वनस्पति कहते हैं।

2.जो वनस्पति भारत के बाहर से आती है, उन्हें ………. वनस्पति कहते हैं।

3. भारत में प्रथम जीव आरक्षित क्षेत्र …………… में स्थापित किया गया है।

4. ……… में भारत में वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम पारित हुआ।

5. …………. राष्ट्रीय उद्यान में बाघ नहीं पाये जाते हैं।

6. देश में सिंहों का प्राकृतिक आवास स्थल गुजरात का ……………. जंगल है।

7. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान ……… जिले में स्थित है।

8. सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान ……….जिले में है।

9. ज्वारीय वन में ………. वृक्ष पाया जाता है।

10. सुन्दरी वृक्ष …………… में पाया जाता है।

11. राजस्थान की …….. प्राकृतिक वनस्पति है।

उत्तर-1. देशज, 2. विदेशज, 3. नीलगिरि, 4. 1972, 5. माधव (शिवपुरी), 6. गिर क्षेत्र, 7. मण्डला, 8. होशंगाबाद, 9. सुन्दरी, 10. मैंग्रोव वन, 11. उष्ण कटिबन्धीय कंटीले वन। •

सत्य/असत्य

1. गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा में सुन्दरी वृक्ष पाये जाते हैं।

2. जो वनस्पति मूल रूप से भारतीय नहीं है, उसे देशज वनस्पति कहते हैं।

3. आरक्षित वनों में पशुओं को चराने की अनुमति दी जाती है।

4. मध्य प्रदेश में 45% क्षेत्र में वन है।

5. तुलसी वनस्पति का जुकाम व खाँसी के लिए उपयोग होता है।

उत्तर –1. सत्य, 2. असत्य, 3. असत्य, 4. असत्य, 5. सत्य।

सही जोड़ी मिलाइए

 ‘अ’                           ‘ब’

1. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान      (क) रक्तचाप उपचार ।

2. बांधवगढ़                 (ख) मण्डला

3. सुन्दरी वृक्ष              (ग) भोपाल

4. सर्पगन्धा                 (घ) मैंग्रोव वन

5. वन विहार                (ङ) उमरिया (म. प्र.)

6. सुन्दर वन                (च) पश्चिम बंगाल

उत्तर-1.→ (ख), 2. → (ङ), 3. → (घ), 4. → (क), 5. (ग), 6.7(च)।

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

1. ऐसे वन जो एक ऋतु विशेष में पत्ते गिरा देते हैं।

2. अल्पकाल के लिए आने वाले पक्षी को कहते हैं।

3. आर्द्र या नम पर्णपाती वनों की सबसे प्रमुख प्रजाति है।

4. अल्पाइन घास के मैदानों का उपयोग पशुचारण के लिए कौन करते हैं ?

5. मैंग्रोव वन भारत के किन क्षेत्रों में पाये जाते हैं ?

6. खाँसी और जुकाम की दवा में किस पादप का प्रयोग किया जाता है ?

7. स्तनधारी जानवरों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण जानवर है।

8. गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा क्षेत्र का प्रसिद्ध जानवर कौन-सा है ?  

उत्तर –    1. पर्णपाती वन, 2. प्रवासी पक्षी, 3. सागौन, 4. गुज्जर तथा बक्करवाल, 5. नदी डेल्टाओं में,  6. तुलसी, 7. हाथी, 8. रॉयल बंगाल टाइगर।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. प्राकृतिक वनस्पति से क्या तात्पर्य है ?

उत्तर– प्राकृतिक रूप से मानव के हस्तक्षेप के बिना उगने वाले पेड़-पौधों को प्राकृतिक वनस्पति कहते हैं।

प्रश्न 2. वन किसे कहते हैं ?

उत्तर – वन उस बड़े भू-भाग को कहते हैं, जो प्राकृतिक रूप से उगने वाले पेड़-पौधों तथा झाड़ियों द्वारा आच्छादित होता है।

प्रश्न 3. मैंग्रोव वन किसे कहते हैं ?

उत्तर– भारत के तटवर्ती क्षेत्रों में जहाँ ज्वारभाटा आते हैं, वहाँ मैंग्रोव या ज्वारीय वन पाये जाते हैं।

प्रश्न 4. देशज व विदेशज वनस्पति से क्या आशय है ?

उत्तर – जो वनस्पति मूल रूप से भारतीय है, उसे देशज वनस्पति कहते हैं लेकिन जो पौधे भारत के बाहर से आये हैं, उन्हें विदेशज वनस्पति कहते हैं।

प्रश्न 5. अभ्यारण्य किसे कहते हैं?

उत्तर– अभ्यारण्य राष्ट्रीय उद्यानों के समान ही होते हैं। ये वन्य प्राणियों को संरक्षित और प्रजातियों को सुरक्षित करने के लिए प्राकृतिक स्थल हैं यहाँ बिना अनुमति के शिकार करना मना होता है।

प्रश्न 6. किसी क्षेत्र की वनस्पति को प्रभावित करने वाले तत्वों के नाम लिखिए।

उत्तर -किसी क्षेत्र की वनस्पति को प्रभावित करने वाले तत्वों में वर्षा, तापमान, आर्द्रता, मिट्टी, समुद्र तल से ऊँचाई तथा भूगर्भिक संरचना महत्त्वपूर्ण है।

प्रश्न 7. प्राकृतिक आधार पर वनों को कितने भागों में बाँटा जा सकता है ?

उत्तर -प्राकृतिक आधार पर वनों को पाँच भागों में बाँटा जा सकता है-

(1) उष्ण कटिबन्धीय सदाबहार वन,

(2) उष्ण कटिबन्धीय पर्णपाती वन,

(3) पर्वतीय वन,

(4) मैंग्रोव वन,

(5) उष्ण कटिबन्धीय कँटीले वन।

प्रश्न 8. उन वन्य प्राणियों के नाम लिखिए जो अब विलुप्त होने के कगार पर हैं ?

उत्तर-गैंडा, चीता, शेर, सोहन चिड़िया आदि वन्य प्राणी अब विलुप्त होने के कगार पर हैं।  

प्रश्न 9. भारत की वनस्पति में इतनी विविधता क्यों है ?

उत्तर – दक्षिण से लेकर उत्तर ध्रुव तक विविध प्रकार की जलवायु के कारण भारत में अनेक प्रकार की वनस्पतियाँ पाई जाती हैं जो समान आकार के अन्य देशों में बहुत कम मिलती है। यहाँ लगभग 47,000 प्रकार के पेड़-पौधे पाए जाते हैं।

प्रश्न 10. पारिस्थितिक तन्त्र से क्या तात्पर्य है ?

उत्तर – भौतिक पर्यावरण और उसमें रहने वाले जीवों के सम्मिलित रूप को पारिस्थितिक तन्त्र या पारितन्त्र कहते हैं।

प्रश्न 11. कियांग क्या है ? भारत में यह कहाँ पाया जाता है ? कियांग के साथ पाये जाने वाले अन्य दो जानवरों के नाम लिखिए।

उत्तर – कियांग तिब्बती जंगली गधा है। कियांग के साथ तिब्बतीय बारहसिंघा, भारल (नीली भेड़) पायी जाती है।

प्रश्न 12. पर्वतीय वनों में कौन-से जानवर पाये जाते हैं ?

उत्तर– पर्वतीय वनों में प्रायः कश्मीरी महामृग, चितरा हिरण, जंगली भेड़, खरगोश, तिब्बतीय बारसिंघा, याक, हिम तेंदुआ, गिलहरी, रीछ, आइबैक्स, कहीं-कहीं लाल पांडा, घने बालों वाली भेड़ तथा बकरियाँ पाई जाती हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. उष्ण आर्द्र सदाबहार वनों की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

उत्तर – (1) ये वन भारत के उन प्रदेशों में पाये जाते हैं जहाँ वार्षिक वर्षा 300 सेमी से अधिक होती है तथा शुष्क ऋतु छोटी होती है।

(2) ये वन अत्यधिक घने होते हैं। इनमें पेड़ों की लम्बाई 60 मीटर या इससे अधिक होती है।

(3) इन वनों के पेड़ों के नीचे झाड़ियाँ, बेलों, लताएँ आदि का सघन जाल पाया जाता है। घास प्रायः अनुपस्थित होती है।

(4) इनके पेड़ों की लकड़ी अधिक कठोर व भारी होती है।

(5) वृक्षों में पतझड़ का कोई निश्चित समय नहीं होता है। अत: ये वन सदैव हरे-भरे लगते हैं।

(6) भारत में ये वन पश्चिमी घाट के दक्षिणी भाग, केरल, कर्नाटक तथा उत्तर पूर्व की पहाड़ियों में प्रमुखता से पाये जाते हैं।

प्रश्न 2. भारतीय वनस्पति के प्रमुख कटिबन्धों के नाम लिखिए। ज्वारीय वन का वर्णन कीजिए।

अथवा

मैंग्रोव वन पर टिप्पणी कीजिए।

उत्तर– भारतीय वनस्पति के चार प्रमुख कटिबन्ध निम्नलिखित हैं

(i) उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन,

(ii) उष्ण कटिबन्धीय पर्णपाती वन,

(iii) कँटीले वन तथा झाड़ियाँ

(iv) ज्वारीय वन (मैंग्रोव वन)।

ज्वारीय वन – ये वन तट के सहारे नदियों के ज्वारीय क्षेत्र में पाये जाते हैं। ज्वारीय क्षेत्र में मिलने के कारण इन वनों को ज्वारीय वन कहा जाता है। इन वनों में ताड़, नारियल, मैंग्रोव, नीपा, फोनेक्स, कैज्युराइना आदि के वृक्षों की प्रधानता होती है। गंगा तथा ब्रह्मपुत्र नदियों के डेल्टा में सुन्दरी नामक वृक्ष पाये जाते हैं। इन वनों में सागरीय जल भरा रहता है, अत: इनमें आने-जाने के लिए नावों का प्रयोग किया जाता है। इन वनों के

वृक्षों की छाल खारे जल के प्रभाव से नमकीन तथा लकड़ी कठोर हो जाती है। इन वृक्षों की कठोर लकड़ी का उपयोग नाव बनाने तथा नमकीन छाल का उपयोग चमड़ा रंगने में किया जाता है।

प्रश्न 3. भारत की हिमालयी क्षेत्र की वनस्पति का वर्णन कीजिए।

उत्तर– हिमालयी क्षेत्रों में तापमान की कमी तथा ऊँचाई के कारण अन्य भागों की तुलना में वनस्पति में अधिक अन्तर होता है। शिवालिक श्रेणियों में 1000 मीटर की ऊँचाई पर, पर्वतीय क्षेत्र, भाबर व तराई में उष्ण कटिबन्धीय पर्णपाती वन पाये जाते हैं। 1000 से 2000 मीटर की ऊँचाई पर आर्द्र शीतोष्ण कटिबन्धीय सदाबहार वन पाये जाते हैं। ये लम्बे पेड़ों से युक्त घने वन हैं। पूर्वी हिमालय में ओक तथा चेस्टनट, पश्चिमी हिमालय में चीड़ तथा 2000 से 3000 मीटर की ऊँचाई वाले भागों में देवदार, सिल्वर, फर, स्प्रूस कम घने रूप में मिलते हैं। कम ऊँचाई वाले भागों में साल मुख्य वृक्ष है। जहाँ तापमान कम तथा वर्षा 100 सेमी से कम होती है, वहाँ जंगली जैतून, कठोर बबूल एवं कठोर सवाना घास के साथ ओक व देवदार के वृक्ष पाये जाते हैं। 3000 से 4000 मीटर की ऊँचाई पर अल्पाइन वनस्पति पाई जाती है।

प्रश्न 4. कँटीले वनों की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।

उत्तर – जिन क्षेत्रों में 70 सेमी से भी कम वार्षिक वर्षा होती है। वहाँ कँटीले वन तथा झाड़ियाँ पायी जाती हैं। इस प्रकार की वनस्पति देश के उत्तर-पश्चिमी भागों में पायी जाती है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्न हैं

(1) इन वनों के वृक्षों का आकार छोटा, पत्तियाँ छोटी तथा जड़ें लम्बी होती हैं।

(2) इन वनों के कीकर, बबूल, खैर तथा खजूर उपयोगी वृक्ष हैं।

(3) इन वनों में वृक्ष दूर-दूर पाये जाते हैं।

(4) कँटीली झाड़ियों में चूहे, खरगोश, लोमड़ी, भेड़िये, जंगली गधा, घोड़े, ऊँट तथा सिंह पाये जाते हैं।

प्रश्न 5. आर्द्र तथा शुष्क पर्णपाती वन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर आर्द्र तथा शुष्क पर्णपाती वन में अन्तर

प्रश्न 6. प्रवासी पक्षी क्या है ?

उत्तर -उत्तरी एशिया से भारत में अल्पकाल के लिए आने वाले पक्षियों को प्रवासी पक्षी कहा जाता है। भारत के कुछ दलदली भाग प्रवासी पक्षियों के लिये प्रसिद्ध हैं। शीत ऋतु में साइबेरियन सारस बहुत संख्या में यहाँ आते हैं। इन पक्षियों का मनपसन्द स्थान कच्छ का रन है। जिस स्थान पर मरुभूमि समुद्र से मिलती है, वहाँ लाल सुन्दर कलगी वाले फ्लैमिंगो हजारों की संख्या में आते हैं।

प्रश्न 7. वन संरक्षण से क्या तात्पर्य है ?

उत्तर – वन राष्ट्रीय सम्पदा हैं। यह मानव के लिये विभिन्न प्रकार से उपयोगी हैं। वनों से हमें प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होते हैं। मनुष्य की आवश्यकताएँ अनन्त होती हैं जबकि उन आवश्यकताओं को पूरा करने वाले प्रकृति प्रदत्त साधन सीमित हैं और यदि हम इन साधनों का अन्धाधुन्ध उपयोग करेंगे तो यह एक निश्चित समय के पश्चात् समाप्त हो जायेंगे। अत: वनों की देखभाल करना व उनको काटने से रोकना आदि ही वन संरक्षण कहलाते हैं। सरकार भी समय-समय र अनेक कार्यक्रम शुरू करके वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करती है जिससे हम जीवन-पर्यन्त तक वनों से लाभान्वित होते रहें।

प्रश्न 8.”वन पर्यावरण के महत्त्वपूर्ण अंग हैं।” इस कथन को स्पष्ट कीजिए।

अथवा

पर्यावरण सन्तुलन के लिए वन क्यों आवश्यक हैं ? कोई चार कारण बताइए।

उत्तर – वनों एवं पर्यावरण में घनिष्ठ सम्बन्ध है। यह निम्न तथ्यों से स्पष्ट है

(1) वन वायुमण्डल को शुद्ध रखते हैं और वायु प्रदूषण को कम करते हैं।

(2) वन वायुमण्डल को ऑक्सीजन प्रदान करते हैं।

(3) वन वायु के तापमान को बनाये रखते हैं, जिससे वर्षा होती है।

(4) वन जलवायु को सम रखते हैं।

(5) वन जल के बहाव को रोकते हैं जिससे भूमि का कटाव रुक जाता है तथा भूगर्भीय जल-स्तर में वृद्धि होती है।

प्रश्न 9. वनों के विनाश के क्या कारण हैं ?

उत्तर वनों के विनाश के कारण-

(1) जनसंख्या में तीव्र वृद्धि होने से कृषि भूमि की प्राप्ति के लिए वनों को काटकर खेती की जा रही है।

(2) इमारती लकड़ी और चारे की बढ़ती माँग तथा वन्य भूमि के खेती के लिए उपयोग से वनों पर जबरदस्त प्रभाव पड़ रहा है।

(3) ईंधन के रूप में प्रयोग करने हेतु लकड़ी काटी जा रही है।

(4) आवागमन के साधनों, रेल, सड़क मार्गों के विकास हेतु वनों को काटा जा रहा है।

(5) आवास समस्या की पूर्ति के लिए वनों को काटकर रिहायशी भूमि का विस्तार किया जा रहा है।

प्रश्न 10. पारिस्थितिक सन्तुलन के लिए वन क्यों आवश्यक हैं ?

अथवा

वन संरक्षण क्यों आवश्यक है ?

उत्तर – वनों को काटे जाने के कारण पर्यावरण प्रदूषित हुआ है तथा पारिस्थितिकी में भी परिवर्तन आया है। इसी प्रकार वर्तमान युग में अधिकांश देशों में वनों का क्षेत्रफल कम हो रहा है। इस कमी के कारण भू-अपरदन, अनावृष्टि, बाढ़ आदि समस्याएँ आज मानव के समक्ष आ खड़ी हैं। अतः वायु प्रदूषण की समस्या आज के मानव के सामने सबसे बड़ी समस्या के रूप में उपस्थित हुई है। इसी कारण वन-संरक्षण पारिस्थितिक सन्तुलन के लिए आवश्यक है।

प्रश्न 11. भारत में प्रायः औषधि के लिए प्रयोग होने वाले कुछ प्रमुख पादप-सर्पगंधा, तुलसी, नीम, जामुन, बबूल, कचनार व अर्जुन के उपयोग बताइए।

उत्तर-

(1) सर्पगंधा-रक्तचाप के निदान के लिए,

(2) तुलसी-जुकाम और खाँसी के लिए,

(3) नीम-जैव व जीवाणु प्रतिरोध हेतु,

(4) जामुन-पाचन क्रिया को ठीक करने, मधुमेह में उपयोगी,

(5) बबूल-फुन्सी में लाभदायक व शारीरिक शक्ति में वृद्धि हेतु उपयोगी।

(6) कचनार-फोड़ा व दमा रोग के लिये उपयोगी,

(7) अर्जुन-कान का दर्द ठीक करने व रक्तचाप को नियन्त्रित करने के लिए।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. भारत में पौधों तथा वनस्पति का वितरण किन तत्वों पर निर्भर करता है ? लिखिए।

उत्तर--भारत में पौधों तथा वनस्पति का वितरण निम्न तत्वों पर निर्भर करता है

(1) भूमि – भूमि का वनस्पति पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है। ऊबड़-खाबड़ तथा असमान भू-भाग पर जंगल व घास के मैदान मिलते हैं जो कि वन्य प्राणियों के आश्रय स्थल हैं।

(2) मिट्टी – विभिन्न स्थानों की विभिन्न प्रकार की मिट्टियाँ विविध प्रकार की वनस्पति का आधार है।

नदियों के डेल्टाई क्षेत्रों में मैंग्रोव वन, ऊँचे पर्वतों के ढलानों पर शंकुधारी वन पाये जाते हैं। मैदानी क्षेत्र कृषि के लिये अनुकूल है तो पठारी क्षेत्रों में पर्णपाती वन मिलते हैं।

(3) तापमान – प्रत्येक पौधे के अंकुरण, वृद्धि एवं प्रजनन के लिए अनुकूल तापमान की आवश्यकता होती है। उष्ण कटिबन्ध में उच्च तापमान और आर्द्रता के कारण विविध प्रकार के पेड़-पौधे उगते हैं। ऊँचे पर्वतों पर तापमान कम होने के कारण वनस्पति का वर्द्धन काल छोटा होता है।

(4) सूर्य का प्रकाश-सूर्य का प्रकाश अधिक समय तक मिलने के कारण वृक्ष गर्मी की ऋतु में जल्दी बढ़ते हैं। जैसे-हिमालय पर्वतीय क्षेत्र की दक्षिणी ढलानों पर अधिक सूर्यताप मिलने के कारण उत्तरी ढलानों की अपेक्षा अधिक सघन वनस्पति पायी जाती है।

(5) वर्षा – भारी वर्षा वाले क्षेत्रों में बड़े-बड़े पेड़ सघनता में पाये जाते हैं। कम वर्षा वाले क्षेत्रों में बौने वृक्ष, घास तथा झाड़ियाँ पायी जाती हैं। मरुस्थलीय क्षेत्रों में पेड़-पौधों की जड़ें लम्बी होती हैं। थार मरुस्थल की वनस्पति पानी की कमी के कारण काँटेदार होती है।

प्रश्न 2. व्याख्या कीजिए कि मानव के लिए वन क्यों महत्वपूर्ण हैं ?

अथवा

वनों से होने वाले लाभ लिखिए।

उत्तर--वन राष्ट्रीय सम्पदा हैं। यह मानव के लिए विभिन्न प्रकार से उपयोगी हैं। वन उत्पाद व संरक्षण दोनों प्रकार के कार्य करते हुए देश के आर्थिक विकास में योगदान देते हैं। वनों से हमें दो प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं-प्रत्यक्ष लाभ एवं अप्रत्यक्ष लाभ।

(A) प्रत्यक्ष लाभ –

(1) वनों से पर्याप्त मात्रा में लकड़ी प्राप्त होती है। वनों की लकड़ियों का उपयोग ईंधन, फर्नीचर, खेल का सामान, दियासलाई तथा कागज आदि वस्तुएँ बनाने में किया जाता है।

(2) वनों से अनेक प्रकार के गौण पदार्थ प्राप्त होते हैं, जिनमें बाँस, बेंत, लाख, राल, शहद, गोंद, चमड़ा रंगने के पदार्थ तथा जड़ी-बूटियाँ प्रमुख हैं।

(3) वनों से हमें वस्त्र बनाने के लिए रेशम और समूर प्राप्त होता है। (4) खैर नामक वृक्ष से कत्था प्राप्त होता है।

(5) वनों से अनेक लोगों को रोजगार प्राप्त होता है।

(B) अप्रत्यक्ष लाभ –

(1) वन भूमि के कटाव को रोकते हैं, क्योंकि वृक्ष जल की बँदों को सीधे भमि पर गिरने से रोक देते हैं।

(2) वनों द्वारा भूमि की उर्वरता में अत्यधिक वृद्धि होती है, क्योंकि वृक्षों की पत्तियाँ, घास व पेड़-पौधे, झाड़ियाँ आदि भूमि पर गिरकर व सड़कर ह्यूमस रूप में भूमि की उर्वरा-शक्ति को बढ़ाते हैं।

(3) वन बाढ़ के प्रकोप को रोकते हैं, क्योंकि वृक्ष जल के तीव्र प्रवाह पर रोक लगा देते हैं जिससे जल का प्रवाह मन्द पड़ जाता है।

(4) वायु-प्रदूषण भी वन रोकने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

(5) वन वर्षा करने में सहायक होते हैं।

(6) वन जलवायु को मृदुल बनाते हैं। वन गर्मी और सर्दी की तीव्रता को कम करने में सहायक होते हैं।

(7) वन पक्षियों तथा जीव-जन्तुओं के प्राकृतिक आश्रय स्थल हैं।

(8) वन प्राकृतिक सौन्दर्य के प्रतीक हैं।

(9) वन प्राकृतिक सन्तुलन के स्रोत हैं।

प्रश्न 3. भारत के मुख्य वनस्पति प्रकारों का वर्णन कीजिए।

अथवा

भारत में कितने प्रकार के वन पाये जाते हैं ? संक्षेप में वर्णन कीजिए।

उत्तर

(1) उष्ण कटिबन्धीय सदाबहार वन-इस प्रकार के वन भारत के उन भागों में पाये जाते हैं जहाँ वर्षा का वार्षिक औसत 200 सेमी या उससे अधिक रहता है। ये वक्ष 60 मीटर या इससे भी अधिक ऊँचाई तक बढ़ जाते हैं। ये वन पश्चिमी घाट, मेघालय तथा उत्तरी-पूर्वी भारत के अन्य भागों में पाये जाते हैं। इस प्रकार के वनों में महोगनी, आबनूस तथा कपूरा जैसे अनेक प्रकार के वृक्ष पाये जाते हैं।

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