MP Board Class 9th Geography Solution Chapter 3 : अपवाह

MP Board Class 9 th Geography Solution भूगोल-समकालीन भारत-I

Chapter 3 : अपवाह [Drainage]

महत्त्वपूर्ण तथ्य

  • अपवाह शब्द एक क्षेत्र के नदी तन्त्र की व्याख्या करता है।
  • एक नदी तन्त्र द्वारा जिस क्षेत्र का जल प्रवाहित होता है उसे एक अपवाह द्रोणी कहते हैं।  
  • विश्व की सबसे बड़ी अपवाह द्रोणी अमेजन नदी की है।
  • भारतीय नदियों को दो मुख्य वर्गों में विभाजित किया गया है-हिमालय की नदियाँ तथा प्रायद्वीपीय नदियाँ।
  • हिमालय की अधिकतर नदियाँ बारहमासी नदियाँ होती हैं।
  • अधिकतर प्रायद्वीपीय नदियाँ मौसमी होती हैं, क्योंकि इनका प्रवाह वर्षा पर निर्भर करता है।  
  • हिमालय की नदियों की तुलना में प्रायद्वीपीय नदियों की लम्बाई कम तथा छिछली है।
  • सिन्धु, गंगा तथा ब्रह्मपुत्र हिमालय से निकलने वाली प्रमुख नदियाँ हैं।
  • सिन्धु नदी का उद्गम मानसरोवर झील के निकट तिब्बत में है।
  • 2,900 किमी लम्बी सिन्धु नदी विश्व की लम्बी नदियों में से एक है।
  • हिमालय से निकलने वाली बहुत-सी नदियाँ आकर गंगा में मिलती हैं, इनमें यमुना, घाघरा, गंडक तथा कोसी आदि नदियाँ हैं।
  • प्रायद्वीपीय उच्चभूमि से आने वाली मुख्य सहायक नदियाँ चम्बल, बेतवा तथा सोन हैं।
  • सुन्दरवन डेल्टा विश्व का सबसे बड़ा एवं तेजी से वृद्धि करने वाला डेल्टा है।
  • अंबाला से सुन्दरवन तक मैदान की लम्बाई लगभग 1800 किमी है।
  • गंगा की लम्बाई 2,500 किमी से अधिक है।  
  • ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत की मानसरोवर झील के पूर्व तथा सिन्धु एवं सतलुज के स्रोतों के काफी नजदीक से निकलती है।
  • ब्रह्मपुत्र को तिब्बत में सांगपो एवं बांग्लादेश में जमुना कहा जाता है।
  • ब्रह्मपुत्र नदी में सिल्ट निक्षेपण की मात्रा बहुत अधिक होती है।
  • नर्मदा एवं तापी, दो ही बड़ी नदियाँ हैं जो कि पश्चिम की तरफ बहती हैं और ज्वारनदमुख का निर्माण करती हैं।
  • नर्मदा का उद्गम मध्य प्रदेश में अमरकंटक पहाड़ी के निकट है।
  • तापी का उद्गम मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में सतपुड़ा की श्रृंखलाओं में है।
  • गोदावरी सबसे बड़ी प्रायद्वीपीय नदी है। यह महाराष्ट्र के नासिक जिले में पश्चिम घाट की ढालों से निकलती है। यह बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
  • महानदी का उद्गम छत्तीसगढ़ की उच्चभूमि से है। यह बहते हुए बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
  • कावेरी पश्चिमी घाट के ब्रह्मगिरि श्रृंखला से निकलती है। यह भारत में दूसरा सबसे बड़ा जलप्रपात बनाती है। इसे शिवसमुन्दरम के नाम से जाना जाता है।
  • जम्मू तथा कश्मीर की वुलर झील भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी वाली प्राकृतिक झील है।
  • बड़े आकार वाली झीलों को समुद्र कहा जाता है; जैसे-केस्पियन, मृत तथा अरल सागर।
  • देश में सफाई कार्यक्रम का शुभारंभ 1985 में गंगा एक्शन प्लान (जीएपी) के साथ हुआ।

पाठान्त अभ्यास

प्रश्न 1. दिए गए चार विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए

(1) वुलर झील निम्नलिखित में से किस राज्य में स्थित है ?

(क) राजस्थान,

(ख) पंजाब,

(ग) उत्तर प्रदेश,

(घ) जम्मू-कश्मीर।

(ii) नर्मदा नदी का उद्गम कहाँ से है ?

(क) सतपुड़ा,

(ख) अमरकंटक,

(ग) ब्रह्मागिरी,

(घ) पश्चिमी घाट के ढाल।

(iii) निम्नलिखित में से कौन-सी लवणीय जल वाली झील है ?

(क) सांभर,

(ख) वुलर,

(ग) डल,

(घ) गोविन्द सागर।

(iv) निम्नलिखित में से कौन-सी नदी प्रायद्वीपीय भारत की सबसे बड़ी नदी है ?

(क) नर्मदा,

(ख) गोदावरी,

(ग) कृष्णा ,

(घ) महानदी।

(v) निम्नलिखित नदियों में से कौन-सी नदी भ्रंश घाटी से होकर बहती है ?

(क) महानदी,

(ख) कृष्णा ,

(ग) तुंगभद्रा,

(घ) तापी।

उत्तर – (i) (घ), (ii) (ख), (iii) (क), (iv) (ख), (v) (घ)।

प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए

(i) जल विभाजक का क्या कार्य है ? एक उदाहरण दीजिए।

उत्तर – वह उच्चभूमि जो दो पड़ोसी अपवाह द्रोतों को एक-दूसरे से अलग करती है, जलविभाजक कहलाती है। उदाहरण के लिए, अंबाला, सिन्धु और गंगा नदी प्रणाली के बीच जलविभाजक पर स्थित है।

(ii) भारत में सबसे विशाल नदी द्रोणी कौन-सी है ?

उत्तर– गंगा द्रोणी भारत में सबसे विशाल नदी द्रोणी है।

(iii) सिन्धु एवं गंगा नदियाँ कहाँ से निकलती हैं ?

उत्तर -सिन्धु नदी का उद्गम मानसरोवर झील के निकट तिब्बत में है। गंगा की मुख्य धारा ‘भागीरथी’ गंगोत्री हिमानी से निकलती है।

(iv) गंगा की दो मुख्य धाराओं के नाम लिखिए। ये कहाँ पर एक-दूसरे से मिलकर गंगा नदी का निर्माण करती हैं ?

उत्तर – गंगा की दो मुख्य धाराएँ भागीरथी और अलकनंदा हैं। ये उत्तरांचल राज्य के देवप्रयाग नामक स्थान पर मिलती हैं।

(v) लम्बी धारा होने के बावजूद तिब्बत के क्षेत्रों में ब्रह्मपुत्र में कम गाद (सिल्ट) क्यों है ?

उत्तर – तिब्बत एक शीत एवं शुष्क क्षेत्र है। अतः यहाँ इस नदी में जल एवं गाद (सिल्ट) की मात्रा बहुत कम होती है।

(vi) कौन-सी दो प्रायद्वीपीय नदियाँ गर्त से होकर बहती हैं ? समुद्र में प्रवेश करने के पहले वे किस प्रकार की आकृतियों का निर्माण करती हैं ?

उत्तर – नर्मदा एवं तापी, दो ही बड़ी नदियाँ हैं जो कि पश्चिम की तरफ बहती हैं और ज्वारनदमुख का निर्माण करती हैं।

(vii) नदियों तथा झीलों के कुछ आर्थिक महत्व को बताएँ।

उत्तरनदियों के महत्व – नदियों का जल मूल प्राकृतिक संसाधन है तथा अनेक मानवीय क्रियाकलापों के लिए अनिवार्य है। भारत जैसे देश के लिए जहाँ कि अधिकांश जनसंख्या जीविका के लिए कृषि पर निर्भर है, वहाँ सिंचाई, नौ संचालन, जल विद्युत् निर्माण में नदियों का महत्व बहुत अधिक है। यही नहीं भारत में तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या और देश के आर्थिक विकास के सन्दर्भ में हमारे लिए नदियों का विशेष महत्व है।

झीलों का महत्व – झीलें पर्यटन को बढ़ावा देती हैं। इनके द्वारा नौकायान, तैराकी एवं अन्य जलीय खेलों से धन का अर्जन होता है। राजस्थान की सांभर झील, जो एक लवण वाली झील है। इसके जल का उपयोग नमक के निर्माण के लिए किया जाता है। झीलों का प्रयोग जल विद्युत् उत्पन्न करने में भी किया जाता है। झीलों में मछली पालन होता है। अत्यधिक वर्षा के समय यह बाढ़ को रोकती हैं तथा सूखे के मौसम में यह पानी के बहाव को सन्तुलित करने में सहायता करती हैं। दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3. नीचे भारत की कुछ झीलों के नाम दिए गए हैं। इन्हें प्राकृतिक तथा मानव निर्मित वर्गों में बाँटिए

उत्तर-

प्रश्न 4. हिमालय तथा प्रायद्वीपीय नदियों के मुख्य अन्तरों को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

प्रश्न 5. प्रायद्वीपीय पठार के पूर्व एवं पश्चिम की ओर बहने वाली नदियों की तुलना कीजिए।

उत्तर

प्रश्न 6. किसी देश की अर्थव्यवस्था के लिए नदियाँ महत्वपूर्ण क्यों हैं ?

उत्तरनदियों का देश की अर्थव्यवस्था में निम्नलिखित महत्त्व है–

(1) पीने के जल की प्राप्ति -प्राचीनकाल में नदियों से ही पीने के लिए जल प्राप्त किया जाता था। आज भी अनेक गाँवों तथा नगरों में इस आधारभूत आवश्यकता की पूर्ति नदियों द्वारा की जाती है।

(2) सिंचाई सुविधा -भारत की नदियाँ सदावाहिनी हैं। अतः इनसे नहरें निकालकर सिंचाई की सुविधाएँ जुटाई जाती हैं। नहरें भारत में सिंचाई के महत्त्वपूर्ण साधन हैं जिनसे देश की 45% भूमि सींची जाती है।

(3) उपजाऊ मृदा का निर्माण- भारत की नदियाँ पर्वत से उपजाऊ मृदा बहाकर लाती हैं तथा इस मृदा को मैदानी भागों में बिछाकर उपजाऊ काँप मृदा का निर्माण करती हैं। यह उपजाऊ भूमि कृषि के लिए अत्यन्त उपयोगी होती है।

(4) जल-विद्युत् शक्ति का उत्पादन -उत्तर भारत की नदियों पर बाँध बनाकर तथा दक्षिण भारत की नदियों के प्राकृतिक प्रपातों पर जल-विद्युत् बनायी जाती है। जल-विद्युत् ने उद्योग-धन्धों के विकास में बहुत सहयोग दिया है।

(5) बालू की प्राप्ति -नदियों के किनारों पर बालू पायी जाती है। इस बालू का प्रयोग भवन निर्माण व काँच उद्योग में किया जाता है।

मानचित्र कौशल

(i) भारत के मानचित्र पर निम्नलिखित नदियों को चिह्नित कीजिए तथा उनके नाम लिखिए

गंगा, सतलुज, दामोदर, कृष्णा, नर्मदा, तापी, महानदी, दिहांग।

(ii) भारत के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित झीलों को चिह्नित कीजिए तथा उनके नाम लिखिए

चिल्का, सांभर, वुलर, पुलिकट तथा कोलेरू।

उत्तर

चित्र 8.1

(C) अन्य परीक्षोपयोगी प्रश्न

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहु-विकल्पीय प्रश्न

1. नदी अपने मार्ग के अन्त में निर्मित करती है

(i) जलप्रताप,

(ii) बाढ़ के मैदान,

(iii) डेल्टा या ऐस्चुरी,

(iv) गोखुर झील।

2. उत्तर भारत की नदियों की विशेषता नहीं है

(i) जलप्रपातों की संख्या कम है,

(ii) यातायात हेतु उपयोग होता है,

(iii) विसर्प नहीं मिलते हैं,

(iv) जल की प्राप्ति हिम और वर्षा से होती है।

3. किस नदी को दक्षिण भारत की गंगा कहते हैं ?

(i) नर्मदा नदी,

(ii) कृष्णा नदी,

(iii) कावेरी नदी,

(iv) गोदावरी नदी।

4. कृष्णा नदी किन राज्यों से प्रवाहित होती है ?

(i) महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश,

(ii) महाराष्ट्र, ओडिशा, आन्ध्र प्रदेश,

(iii) महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु,

(iv) मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा।

5. अपवाह तन्त्र शब्द से आशय किसी क्षेत्र के

(i) वायु तन्त्र से है,

(ii) नदी तन्त्र से है,

(iii) जल तन्त्र से है,

(iv) पर्वत तन्त्र से है।

6. गंगा नदी की लम्बाई लगभग है

(i) 2500 किमी से अधिक,

(ii) 4000 किमी से अधिक,

(iii) 1500 किमी से अधिक,

(iv) 5000 किमी से अधिक।

7. अरब सागर में गिरने वाली नदी है

(i) गंगा,

(ii) नर्मदा,

(iii) महानदी,

(iv) ब्रह्मपुत्र।

8. सांभर झील किस राज्य में स्थित है ?

(i) आन्ध्र प्रदेश,

(ii) राजस्थान,

(iii) ओडिशा,

(iv) तमिलनाडु।

9. राष्ट्रीय नदी संरक्षण का प्रारम्भ कब हुआ?

(i) 1980,

(ii) 1985,

(iii) 1990,

(iv) 2000.

10. ‘नमामि देव नर्मदे’ किस राज्य सरकार द्वारों प्रारम्भ की गई ?

(i) मध्य प्रदेश,

(ii) गुजरात,

(iii) छत्तीसगढ़,

(iv) महाराष्ट्र।

उत्तर-1. (iii), 2. (iii), 3. (iv), 4. (i), 5. (ii), 6. (i), 7. (ii), 8. (ii), 9. (ii), 10. (i)  

रिक्त स्थान पूर्ति

1. गंगा नदी ……… नामक हिमानी से निकलती है।

2. चिल्का झील …….. राज्य में स्थित है।

3. प्रायद्वीपीय भारत की अधिकतर नदियाँ ………. से निकलती हैं।

4. यमुना नदी हिमालय के …… से निकलती है।

5. सुन्दरवन डेल्टा का नाम वहाँ पाये जाने वाले ……. से लिया गया है। 6. प्रायद्वीपीय नदियाँ अपने मुहाने पर ……का निर्माण करती हैं।

7. नर्मदा नदी जहाँ तीव्र ढाल से गिरती है, वहाँ …………का निर्माण करती है।

8………. सबसे बड़ी प्रायद्वीपीय नदी है।

उत्तर-1. गंगोत्री, 2. ओडिशा, 3. पश्चिमी घाट, 4. यमुनोत्री हिमानी, 5. सुन्दरी पादप, 6. डेल्टा, 7. धुआँधार प्रपात, 8. गोदावरी।  

सत्य/असत्य

1. देश की अर्थव्यवस्था में नदियों का महत्वपूर्ण स्थान है।

2. सिन्धु नदी की कुल लम्बाई लगभग 2900 किमी है।

3. हिमालय की अधिकतर नदियाँ मौसमी नदियाँ होती हैं।

4. कृष्णा तथा कावेरी हिमालय से निकलने वाली प्रमुख नदियाँ हैं।

5. अंबाला से सुन्दरवन तक मैदान की लम्बाई लगभग 1,800 किमी है। 6. गोदावरी बहकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है।

7. महानदी का उद्गम पश्चिम बंगाल से है।

8. पृथ्वी के धरातल का लगभग 97 प्रतिशत जल लवणीय है।

उत्तर-1. सत्य, 2. सत्य, 3. असत्य, 4. असत्य, 5. सत्य, 6. सत्य, 7. असत्य, 8. सत्य।  

सही जोड़ी मिलाइए

उत्तर-1.→ (ग), 2. → (घ), 3. → (ङ), 4. → (क), 5. → (ख)।

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

1. नर्मदा नदी किस प्रदेश से निकलती है ?

2. गंगा नदी एवं ब्रह्मपुत्र मिलने पर कहलाती है।

3. प्रायद्वीपीय नदियों की विशेषता है।

4. नागार्जुन सागर नदी परियोजना किस नदी पर है ?

5. भारत की सबसे लम्बी नदी।

6. प्रायद्वीपीय भारत की सबसे लम्बी नदी।

7. भ्रंश अपवाह होकर अरब सागर में मिलने वाली नदी।

8. दक्षिण भारतीय नदी, जो ग्रीष्म तथा शीत ऋतु दोनों में वर्षा का जल प्राप्त करती है।

9. लद्दाख, गिलगित तथा पाकिस्तान में बहने वाली नदी।

10. भारतीय मरुस्थल की एक महत्वपूर्ण नदी।

11. पाकिस्तान में चेनाब से मिलने वाली नदी।

12. यमुनोत्री हिमानी से निकलने वाली नदी।

उत्तर-

1. मध्य प्रदेश,

2. मेघना,

3. मौसमी,

4. कृष्णा नदी,

5. गंगा,

6. गोदावरी,

7. नर्मदा,

8. कावेरी,

9. सिन्धु नदी,

10. लूनी नदी,

11. झेलम,

12. यमुना।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. अपवाह तन्त्र से क्या आशय है ?

उत्तर– अपवाह तन्त्र से आशय किसी क्षेत्र के नदी तन्त्र से है जो विभिन्न दिशाओं से बहकर आती है और मिलकर एक मुख्य नदी का निर्माण करती है।

प्रश्न 2. नदी अपहरण से क्या तात्पर्य है ?

उत्तर – जब एक नदी दूसरी नदी के जल क्षेत्र को अपने में मिला लेती है तो उसे नदी अपहरण कहते हैं।

प्रश्न 3. गंगा नदी की सहायक नदियों के नाम लिखिए।

उत्तर गंगा नदी की सहायक नदियाँ हैं-यमुना, घाघरा, गण्डक और कोसी।

प्रश्न 4. सिन्धु नदी की पाँच सहायक नदियाँ कौन-सी हैं ?

उत्तर – सिन्धु नदी की पाँच सहायक नदियाँ-झेलम, चिनाब, रावी, सतलुज और व्यास हैं।

प्रश्न 5. ब्रह्मपुत्र नदी को बांग्लादेश में किन-किन नामों से जाना जाता है ?

उत्तर -पद्मा और मेघना नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 6. भारत की पाँच प्रमुख झीलों के नाम लिखिए।

उत्तर – भारत की पाँच प्रमुख झील हैं – (1) वुलर झील, (2) लोनर झील, (3) चिल्का झील, (4) कोलेरू झील, (5) पुलिकट झील।

प्रश्न 7. अरब सागर में गिरने वाली दो नदियों के नाम लिखिए।

उत्तर – नर्मदा और ताप्ती नदी।

प्रश्न 8. ‘नमामि देवि नर्मदे’ क्या है ?

उत्तर – नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा ‘नमामि देवि नर्मदे’ नाम की एक योजना प्रारम्भ की गई है।

प्रश्न 9.‘नमामि गंगे परियोजना’ क्या है ?

उत्तर – ‘नमामि गंगे परियोजना’ एक एकीकृत संरक्षण मिशन है, इसमें राष्ट्रीय नदी गंगा से सम्बन्धित दो उद्देश्यों-प्रदूषण के प्रभाव को कम करना तथा उसके संरक्षण और कायाकल्प को पूरा किया जा सके।

प्रश्न 10. सांभर झील कैसे उपयोगी है ?

उत्तर – राजस्थान की सांभर झील, जो एक लवण जल वाली झील है। इसके जल का उपयोग नमक के निर्माण के लिए किया जाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. हिमालय की नदियों की विशेषताएँ बताइए।

उत्तर

(1) हिमालय की अधिकतर नदियाँ बारहमासी नदियाँ होती हैं। इनमें वर्ष भर पानी रहता है, क्योंकि इन्हें वर्षा के अतिरिक्त ऊँचे पर्वतों से पिघलने वाले हिम द्वारा भी जल प्राप्त होता है।

(2) हिमालय की दो मुख्य नदियाँ सिन्धु तथा ब्रह्मपुत्र इस पर्वतीय श्रृंखला के उत्तरी भाग से निकलती हैं। इन नदियों ने पर्वतों को काटकर गॉर्जो का निर्माण किया है।

(3) हिमालय की नदियाँ अपने उत्पत्ति स्थान से लेकर समुद्र तक के लम्बे रास्ते को तय करती हैं। ये अपने मार्ग के ऊपरी भागों में तीव्र अपरदन क्रिया करती हैं तथा अपने साथ भारी मात्रा में सिल्ट एवं बालू का संवहन करती हैं।

(4) मध्य एवं निचले भागों में ये नदियाँ विसर्प, गोखुर झील तथा अपने बाढ़ वाले मैदानों में बहुत-सी अन्य निक्षेपण आकृतियों का निर्माण करती हैं। ये पूर्ण विकसित डेल्टाओं का भी निर्माण करती हैं।

प्रश्न 2. सिन्धु नदी-तन्त्र का वर्णन निम्न के आधार पर कीजिए(i) उद्गम, (ii) सहायक नदियाँ, (iii) सिन्धु जल समझौता।

उत्तर

(i) उद्गम-सिन्धु नदी का उद्गम मानसरोवर झील के निकट तिब्बत में है।

(ii) सहायक नदियाँ-सिन्धु की पाँच सहायक नदियाँ झेलम, चिनाव, रावी, सतलुज और व्यास हैं।

(iii) सिन्धु जल समझौता – सिन्धु जल समझौता सन्धि के अनुच्छेदों (1960) के अनुसार भारत इस नदी प्रक्रम के सम्पूर्ण जल का केवल 20 प्रतिशत जल उपयोग कर सकता है। इस जल का उपयोग हम पंजाब, हरियाणा एवं राजस्थान के दक्षिण-पश्चिम भागों में सिंचाई के लिए करते हैं।

प्रश्न 3. गंगा और गोदावरी नदी – तन्त्र के बीच अन्तर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

प्रश्न 4. नर्मदा द्रोणी और तापी द्रोणी में अन्तर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

नर्मदा द्रोणी और तापी द्रोणी में अन्तर –

प्रश्न 5. महानदी द्रोणी की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

उत्तर-

(i) महानदी का उद्गम छत्तीसगढ़ की उच्चभूमि से है।

(ii) इस नदी की लम्बाई 860 किमी है।

(iii) यह ओडिशा से बहते हुए बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।

(iv) इसकी अपवाह द्रोणी महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखण्ड तथा ओडिशा में है।

प्रश्न 6. कावेरी द्रोणी के बारे में बताइए। इस पर निर्मित जलप्रपात के बारे में बताइए।

उत्तर-

(i) कावेरी पश्चिमी घाट के ब्रह्मगिरी श्रृंखला से निकलती है।

(ii) यह तमिलनाडु में कुडलूर के दक्षिण में बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।

(iii) इसकी लम्बाई 760 किमी है।

(iv) इसकी द्रोणी तमिलनाडु, केरल तथा कर्नाटक में विस्तृत है।

(v) इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं – अमरावती, भवानी, हेमावती तथा काबिनि।

जलप्रपात – भारत में दूसरा सबसे बड़ा जलप्रपात कावेरी नदी बनाती है। इसे शिवसमुन्दरम् के नाम से जाना जाता है। प्रपात द्वारा उत्पादित विद्युत् मैसूर, बंगलौर तथा कोलार स्वर्ण-क्षेत्र को प्रदान की जाती है।

प्रश्न 7. नदियाँ अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित करती हैं ? व्याख्या कीजिए।

उत्तर – देश की अर्थव्यवस्था में नदियों का महत्त्वपूर्ण योगदान है। नदी द्वारा निर्मित मैदानों में कृषि होती है। ये स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति करती हैं। पहले इनके किनारों पर ही गाँव और नगर स्थित होते थे। धार्मिक और सांस्कृतिक केन्द्र भी अधिकांशतः इनके तटों पर स्थित हैं। नदियों पर बाँध बनाकर सिंचाई के लिये पानी प्राप्त किया जाता है जिससे कृषि की जाती है। इसके अतिरिक्त विद्युत् उत्पादन भी किया जाता है। .

प्रश्न 8. राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (एनआरसीपी) को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – भारत में नदी सफाई कार्यक्रम का शुभारंभ 1985 में गंगा एक्शन प्लान (जीएपी) के साथ आरम्भ हुआ। वर्ष 1995 में राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (एनआरसीपी) के तहत् अन्य नदियों को जोड़ने के लिए गंगा कार्य योजना का विस्तार किया गया। नदियाँ देश में जल का प्रमुख स्रोत हैं। एनआरसीपी का उद्देश्य नदियों के जल में प्रदूषण को कम करके जल की गुणवत्ता में सुधार करना है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न –

प्रश्न 1. हिमालय से निकलने वाली प्रमुख नदियों का वर्णन कीजिए।

अथवा

भारत के अपवाह तन्त्र का स्पष्ट वर्णन कीजिए।

उत्तर – उत्तरी भारत के अपवाह तन्त्र में हिमालय पर्वत का महत्त्वपूर्ण स्थान है क्योंकि उत्तरी भारत की प्रमुख नदियाँ हिमालय पर्वत से ही निकलती हैं। इसलिए इन नदियों को हिमालय की नदियाँ भी कहते हैं। इस अपवाह तन्त्र की प्रमुख नदियाँ सिन्धु, गंगा और ब्रह्मपुत्र हैं।

(1) सिन्धु नदी तन्त्र -सिन्धु नदी हिमालय पर्वत के पार कैलाश पर्वत के समीप से निकलकर आती हैं। इसकी कुल लम्बाई 2900 किमी है। यह तिब्बत के मानसरोवर के पास से निकलकर पश्चिम की ओर बहती हुई जम्मू और कश्मीर के लद्दाख जिले में 500 मीटर ऊँचा एक सुन्दर दर्शनीय गार्ज बनाती हुई बहती है। यहाँ से यह दक्षिण-पश्चिम में बहती हुई पाकिस्तान में प्रवेश कर अन्त में अरब सागर में मिल जाती है। सिन्धु की पाँच सहायक नदियाँ झेलम, चिनाब, रावी, सतलुज और व्यास हैं। इसके जल का उपयोग हम पंजाब, हरियाणा एवं राजस्थान के दक्षिण-पश्चिम भागों में सिंचाई के लिये करते हैं।

(2) गंगा नदी तन्त्र – भारत के उत्तरी मैदान की प्रमुख नदी गंगा है। इसकी लम्बाई 2500 किमी से अधिक है। यह गंगोत्री हिमनद से 4000 मीटर की ऊँचाई से निकलकर शिवालिक श्रेणियों को पार करके हरिद्वार के मैदान में प्रवेश करती है। इसकी सहायक नदियाँ यमुना, घाघरा, गंडक और कोसी प्रमुख हैं। ये नदियाँ उपजाऊ बाढ़ का मैदान बनाती हैं। इसमें नदी मोड़ तथा गोखुर झीलें पायी जाती हैं। अम्बाला के निकट जल विभाजक द्वारा गंगा एवं सिन्धु नदी के प्रवाह क्षेत्र का विभाजन होता है। – प्रायद्वीपीय भारत की कठोर भूमि से निकलने वाली चम्बल, केन, बेतवा, सोन और दामोदर नदियाँ भी गंगा प्रणाली का अंग हैं। इन पर बड़े-बड़े बाँधों का निर्माण किया गया है जिनसे जल विद्युत् बनाई जाती है और सिंचाई की जाती है। दक्षिण की ओर बहती हुई गंगा डेल्टा बनाते हुए बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। गंगा की मुख्य धारा बांग्लादेश में प्रवेश कर जाती है। ब्रह्मपुत्र नदी से मिलने के बाद यह मेघना कहलाती है।

(3) ब्रह्मपुत्र नदी तन्त्र – ब्रह्मपुत्र नदी हिमालय के पार मानसरोवर झील के समीप से निकलकर आती है। हिमालय पर्वत के समानान्तर प्रवाहित होती हुई यह अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है। भारत में इसका प्रवाह 1400 किमी है। इसकी सहायक नदियाँ दिबांग, लोहित, धनश्री, कालांग आदि हैं। अधिक वर्षा के क्षेत्र बहने के कारण इसमें अवसाद अधिक होते हैं जिनके जमाव से प्रतिवर्ष बाढ़ आती है। नदियों का प्रवाह बदलता रहता है। नदी द्वीपों का भी निर्माण होता है। तिब्बत में इसे सांगपो, भारत में ब्रह्मपुत्र एवं बांग्लादेश में पद्मा और मेघना नाम से जाना जाता है। यह बहती हुई विशाल डेल्टा का निर्माण करती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है।

प्रश्न 2. उत्तर भारत एवं दक्षिण भारत की नदियों की तुलना कीजिए।

उत्तर- उत्तर तथा दक्षिण भारत की नदियों की तुलना’

प्रश्न 3. नदी प्रदूषण से क्या आशय है ? नदियों को प्रदूषण से कैसे बचाया जा सकता है ?

उत्तर – नदी प्रदूषण से आशय-नदी जल की घरेलू, औद्योगिक तथा कृषि में बढ़ती माँग के कारण इसकी गुणवत्ता प्रभावित हुई है। इसके परिणामस्वरूप नदियों से अधिक जल की निकासी होती है तथा आयतन घटता जाता है। दूसरी ओर उद्योगों का प्रदूषण तथा अपरिष्कृत कचरे नदी में मिलते रहते हैं। यह केवल जल की गुणवत्ता को ही नहीं, बल्कि नदी के स्वतः स्वच्छीकरण की क्षमता को भी प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए, दिए गए समुचित जल प्रवाह में गंगा का जल लगभग 20 किमी क्षेत्र में फैले बड़े शहरों की गन्दगी को तनु करके समाहित कर सकता है। लेकिन निरन्तर बढ़ते हुए औद्योगीकरण एवं शहरीकरण के कारण ऐसा सम्भव नहीं हो पाता तथा अनेक नदियों में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है।

नदी प्रदूषण कम करने के उपाय

(1) प्रदूषण की समस्या के निराकरण के लिए सरकार द्वारा कानून बनाये गये हैं।

(2) औद्योगिक कचरे को नदियों में प्रवाहित करने पर प्रतिबन्ध लगाया गया है।

(3) सीवेज लाइनों के जल को परिष्कृत किया जाए।

(4) सरकार द्वारा समय-समय पर नदियों की सफाई कराई जाए।

(5) लोगों को नदी प्रदूषण की समस्या के प्रति जागरूक किया जाए।

प्रश्न 4. प्रायद्वीपीय भारत की नदियों का वर्णन कीजिए।

अथवा

दक्षिण भारत में नदी – तन्त्र का स्पष्ट वर्णन कीजिए।

उत्तर – दक्षिण भारत नदी-तन्त्र में प्रमुख नदियाँ पश्चिमी घाट से निकलकर आती हैं तथा पूर्व की ओर बहती हैं और बंगाल की खाड़ी में मिल जाती हैं। इन नदियों में महानदी, गोदावरी, कृष्णा तथा कावेरी प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त पश्चिम की ओर बहने वाली दो नदियाँ नर्मदा तथा ताप्ती अरब सागर में गिरती हैं।

(1) नर्मदा नदी – यह नदी मध्य प्रदेश में अमरकंटक पहाड़ी से निकलकर गहरी भ्रंश घाटी में 1312 किमी बहती हुई अरब सागर में गिरती है। इसका प्रवाह क्षेत्र मध्य प्रदेश और गुजरात में है। यह जबलपुर के निकट संगमरमर के शैलों में भेड़ाघाट पर धुआँधार जलप्रपात बनाती है।

(2) ताप्ती नदी – यह नदी मध्य प्रदेश में सतपुड़ा पर्वत शृंखलाओं में बैतूल जिले के मुल्ताई नामक स्थान से निकलती है। इसकी लम्बाई 724 किमी है। यह मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में बहती हुई खम्भात की खाड़ी में गिरती है।

(3) गोदावरी नदी – गोदावरी नदी नासिक के पास पश्चिमी घाट से निकलकर 1500 किमी ओडिशा तथा आन्ध्र प्रदेश में बहुती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है। इसकी सहायक नदियाँ वर्धा, मांजरा, वेन गंगा तथा पेन गंगा हैं। बड़े आकार और विस्तार के कारण इसे दक्षिण की गंगा भी कहते हैं।

(4) महानदी नदी – इस नदी का उद्गम छत्तीसगढ़ की उच्चभूमि में सिहावा नामक स्थान से है। इसकी लम्बाई 858 किमी है। यह महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखण्ड और ओडिशा में बहती है। हीराकुंड बाँध इसी नदी पर बनाया गया है।

(5) कृष्णा नदी – कृष्णा नदी महाराष्ट्र में महाबलेश्वर के पास से निकलती है। इसकी लम्बाई 1400 किमी है। कोयना, पचगंगा, मालप्रभा, घाटप्रभा, भीमा, मूसी और तुंगभद्रा इसकी सहायक नदियाँ हैं। अलमाटी और नागार्जुनसागर बाँध इसी नदी पर बनाये गये हैं।

(6) कावेरी नदी – इसका उद्गम कुर्ग की ब्रह्मगिरि पहाड़ी श्रृंखला से होता है। इसकी लम्बाई 760 किमी है। इसकी सहायक नदियाँ हेमावती, अमरावती, भवानी आदि हैं। शिवसमुद्रम् इसका प्रमुख प्रपात है। इस नदी से जल विद्युत् बनायी जाती है एवं सिंचाई की जाती है।

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