म.प्र. बोर्ड कक्षा आठवीं संपूर्ण हल – इतिहास– हमारे अतीत 3 (History: Our Pasts – III)
Chapter 10 : स्वन्त्रता के बाद
प्रश्न – अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से)
महत्वपूर्ण बिन्दु
- 15 अगस्त, सन् 1947 को भारत आजाद हुआ।
- भारत का संविधान 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में 300 भारतीयों ने मिलकर तैयार किया जिसे 26 जनवरी, सन् 1950 में लागू किया गया। डॉ. भीमराव अम्बेडकर संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे, जिन्हें भारतीय संविधान का पिता/जनक की संज्ञा दी जाती है।
- भारत में नागरिकों के सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार प्रदान किया गया है।
- हिन्दी को भारत की राजभाषा का दर्जा दिया गया एवं अदालतें सेवाओं विभिन्न राज्यों के बीच संचार आदि के लिए अंग्रेजी भाषा के इस्तेमाल का फैसला लिया गया।
- भारतीय राज्यों का पुनर्गठन भाषा के आधार पर किया गया।
- भाषा के आधार पर बनने वाला पहला राज्य आंध्र प्रदेश है।।
- भारत में आर्थिक समृद्धि के लिए मिश्रित अर्थव्यवस्था के मॉडल को अपनाया गया।
- योजना आयोग का गठन सन् 1950 में किया गया जिसमें पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से विकास कार्यों को निश्चित किया गया।
- भारत ने स्वतंत्र विदेश नीति (गुट निरपेक्ष) को अपनाया।
- 1945 में अन्तर्राष्ट्रीय संस्था संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना हुई।
महत्त्वपूर्ण शब्दावली
सार्वभौमिक वयस्क – सभी वयस्क (18 वर्ष एवं उससे ऊपर) नागरिकों का मत देने का अधिकार।
भाषायी – भाषा से सम्बन्धित।
गुट निरपेक्ष – वह व्यक्ति या राष्ट्र जो किसी गुट विशेष में न हो।
महत्वपूर्ण तिथियाँ
30 जनवरी, 1948 – महात्मा गांधीजी की हत्या।
1 अक्टूबर, 1953 – आंध्र प्रदेश के रूप में एक नए राज्य का गठन हुआ।
1960 – बम्बई प्रान्त को मराठी और गुजराती भाषी दो अलग राज्यों में बांट दिया गया।
1966 – पंजाब राज्य को पंजाब और हरियाणा में बांट दिया गया।
पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर
पृष्ठ संख्या # 129
प्रश्न 1. कल्पना कीजिए कि आप 1947 में भारत से जाने वाले एक ब्रिटिश अफसर हैं। उसी समय आप अपने घरवालों के नाम खत लिखते हैं जिससे आप इस बात की चर्चा कर रहे हैं कि अंग्रेजों की अनुपस्थिति में भारत का क्या होगा? भारत के भविष्य के बारे में आपकी क्या राय होगी?
उत्तर – भारत के भविष्य के विषय में राय
(1) भारत की जनता अपने देश के लिए समर्पित है।
(2) यहाँ विभिन्न जातियों में टकराव अवश्य है। ऊँच-नीच के भेदभाव भी अत्यधिक गहरे हैं, परन्तु यहाँ की जनता भारत को अपनी जननी मानती है जिसके लिए किसी भी भेदभाव को नहीं मानते।
(3) भारत अब बहुत जल्द ही एक सम्प्रभु राष्ट्र बन जायेगा। यहाँ अंग्रेजों की अनुपस्थिति भारत को विकास के चरम पर ले जायेगी। भारतीयों के जैसा जज्बा अन्य किसी औपनिवेशिक देश में दिखाई नहीं देता है।
पृष्ठ संख्या # 131
प्रश्न 2. एक मुस्लिम परिवार में बाप-बेटे के बीच हो रही बातचीत की कल्पना कीजिए। बेटा मानता है कि विभाजन के बाद परिवार को पाकिस्तान चले जाना चाहिए जबकि पिता का विश्वास है कि उन्हें भारत में ही रहना चाहिए। इस अध्याय में दी गई सूचनाओं के आधार पर अभिनय करके बताएँ कि दोनों के तर्क क्या होंगे?
उत्तर – पिता-पुत्र के बीच वार्ता
बेटा – अब्बू भारत से पाकिस्तान चलिए अब वह ही हमारा
पिता – क्या कह रहे हो ? पाकिस्तान हमारा देश है ? कतई नहीं, नहीं, नहीं ऐसा हरगिज नहीं हो सकता।
बेटा – अब्बू हम मुस्लिम समुदाय के लोग हैं इसलिए हमारा देश पाकिस्तान ही है।
पिता – हरगिज नहीं, हमारे पुरखों ने विदेशी शासन से इस धरती को छोड़कर चले जाने के लिए संघर्ष किया था, न कि पाकिस्तान के लिए।
मैं हरगिज अपने वतन को छोड़कर नहीं जाऊँगा।
बेटा – (पिता से सहमति जताते हुए) अब्बू आप शायद सही कह रहे हैं। स्वतन्त्रता की लड़ाई हमने पाकिस्तान के लिए नहीं, वरन हमने विदेशियों से आजादी के लिए लड़ी है तो नवनिर्मित मतभेदों की वजह से पाकिस्तान नहीं जाना चाहिए। भारत ही हमारा देश है और हम इसके बाशिंदे।
पृष्ठ संख्या # 132
प्रश्न 3. अंग्रेजों को भारत की एक भाषा के रूप में बनाए रखने के फैसले के आज की तारीख में होने वाले एक फायदे और एक नुकसान पर अपनी कक्षा में चर्चा कीजिए।
उत्तर – अंग्रेजी भाषा के फायदे नुकसान पर कक्षा में चर्चा
फायदे -अंग्रेजी भाषा के ज्ञान से हमें विश्व के अनेक साहित्य, विज्ञान और तकनीकी का ज्ञान प्राप्त होता है जो कि अंग्रेजी भाषा में लिखित या अनुवादित है। जिनुकसान-अंग्रेजी भाषा का ज्ञान न रखने वाले को हीन भावना से देखते हैं और धीरे-धीरे यह हमें हमारी भाषा हिन्दी से दूर करती है।
पृष्ठ संख्या # 135
प्रश्न 4. पाठ्य-पुस्तक के चित्र 5 (क), 5 (ख) और 5(ग) को देखें। ध्यान दें कि चित्र 5 (ख) में रियासतें दिखाई नहीं दे रही हैं। उन राज्यों को पहचानें जिनका 1956 और बाद में गठन किया गया था। उन राज्यों की कौन-सी भाषाएँ थीं?
उत्तर
पृष्ठ संख्या # 137
प्रश्न 5. क्या मीरा बहन की यह मान्यता सही थी कि विज्ञान और मशीनरी मानव सभ्यता के लिए समस्याएँ खड़ी कर देंगे। इस बात पर अपनी कक्षा में चर्चा कीजिए। इस चर्चा के लिए आप औद्योगिक प्रदूषण और जंगलों के विनाश से हमारी दुनिया पर पड़ रहे प्रभावों जैसे उदाहरणों के बारे में सोच सकते हैं।
उत्तर – चर्चा-विज्ञान के अनेक आविष्कारों ने मानव जीवन को पहले से अधिक सरल बना दिया है। 19वीं और 20वीं शताब्दी विज्ञान का एक नया रूप देखने को मिलता है। इससे मानव जीवन में क्रान्तिकारी परिवर्तन आया है। परन्तु मनुष्य ने तकनीक का दुरुपयोग किया तो यह विनाशकारी हो जायेगा। आधुनिक तकनीक मनुष्य के साथ-साथ पौधों और जीवों को भी प्रभावित करती है। अत: मीरा बहन की यह मान्यता सही भी है।
औद्योगिक प्रदूषण और जंगलों के विनाश से दुनिया पर प्रभाव-औद्योगिक विकास ने मानव को उच्च जीवन स्तर प्रदान करने के साथ ही सामाजिक-आर्थिक संरचना को नया आयाम प्रदान किया है। लेकिन इससे पर्यावरणीय समस्या भी औद्योगीकरण की ही देन है। औद्योगिक विकास हेतु प्राकृतिक संसाधनों का तीव्र गति से विदोहन तथा औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि से पर्यावरण प्रदूषण निश्चित है। औद्योगिक इकाइयों से उत्पन्न दूषित जल, विषैली गैस तथा ठोस अपशिष्टों से प्राकृतिक संसाधन वनों, जंगलों इत्यादि का विनाश हो रहा है।
पाठान्त प्रश्नोत्तर
आइए कल्पना करें
प्रश्न -आप एक आदिवासी तथा एक आरक्षण – विरोधी व्यक्ति की बहस सुन रहे हैं। कल्पना कीजिए कि दोनों व्यक्ति अपनी ओर से क्या दलील दे रहे होंगे? इस चर्चा को अभिनय करके दिखाइए।
उत्तर – आरक्षण के पक्ष में दलील
(1) वह लोग जो पहले से काफी पिछड़े हैं आरक्षण से उनकी हालत सुधारी जा सकती है।
(2) वे लोग जो आगे बढ़कर कुछ करना चाहते थे लेकिन समाज में उन्हें दबा दिया जाता था। आज आरक्षण से वह समाज में कंधे से कंधा मिलाकर के हर क्षेत्र में प्रगति कर रहे हैं।
आरक्षण के विपक्ष में दलील
यह देश को पीछे धकेलता है क्योंकि बहुत से विद्यार्थी काबिल होने के बावजूद अच्छे कॉलेज में आरक्षण की वजह से एडमिशन नहीं पाते हैं किन्तु वही आरक्षण प्राप्त विद्यार्थी कम अंक प्राप्त करने के बावजूद एडमिशन पा लेता है। इससे देश में काबिल व्यक्ति पीछे हो जाता है।
प्रश्न 1. नवस्वाधीन भारत के सामने कौन-कौन सी तीन समस्याएँ थीं?
उत्तर- नवस्वाधीन भारत के सामने तीन बड़ी समस्याएँ थीं
(1) पाकिस्तान से आये शरणार्थियों के आवास व रोजगार की समस्या।
(2) रियासतों को भारत में मिलाने की समस्या।
(3) लोगों को एक ऐसी राजनीतिक व्यवस्था प्रदान करना जिसके द्वारा उनकी आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा किया जा सके।
प्रश्न 2. योजना आयोग की क्या भूमिका थी?
उत्तर – आर्थिक विकास के लिए नीतियाँ बनाने और उनको लागू करना, राज्य और निजी क्षेत्र के उद्योगों का विकास, विभिन्न क्षेत्रों और राज्यों के बीच सन्तुलन बनाना इत्यादि कार्यों में योजना आयोग की अहम भूमिका थी।
प्रश्न 3. रिक्त स्थान भरें
(क) केन्द्रीय सूची में …….. और …….. विषय रखे गए थे।
(ख) समवर्ती सूची में …….. और …….. विषय रखे गए थे।
(ग) वह आर्थिक योजना जिसमें सरकारी और निजी, दोनों क्षेत्रों को विकास में भूमिका दी गई थी, उसे ………. मॉडल कहा जाता था।
(घ) ……. की मृत्यु से इतना जबरदस्त आंदोलन पैदा हुआ कि सरकार को आंध्र भाषी राज्य के गठन की माँग को मानना पड़ा।
उत्तर – (क) कराधान, रक्षा, विदेशी मामले, (ख) वन, कृषि, (ग) मिश्रित, (घ) पोट्टी श्रीरामुलु ।
प्रश्न 4. सही या गलत बताएँ
(क) आजादी के समय ज्यादातर भारतीय गाँवों में रहते थे।
(ख) संविधान सभा कांग्रेस पार्टी के सदस्यों से मिलकर बनी थी।
(ग) पहले राष्ट्रीय चुनावों में केवल पुरुषों को ही वोट डालने का अधिकार दिया गया था।
(घ) दूसरी पंचवर्षीय योजना में भारी उद्योगों के विकास पर जोर दिया गया था।
उत्तर – (क) सही, (ख) गलत, (ग) गलत, (घ) सही।
आइए विचार करें
प्रश्न 5. “राजनीति में हमारे पास समानता होगी और सामाजिक व आर्थिक जीवन में हम असमानता की राह पर चलेंगे” कहने के पीछे डॉ. अम्बेडकर का क्या आशय था ?
उत्तर – ‘राजनीति में हमारे पास समानता होगी और सामाजिक व आर्थिक जीवन में हम असमानता की राह पर चलेंगे” कहने के पीछे डॉ. अम्बेडकर का क्या आशय था कि सभी प्रकार की असमानताओं को दूर करने की कह रहे थे। संविधान सभा के अपने आखिरी भाषण में उन्होंने कहा कि राजनीतिक लोकतन्त्र के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक लोकतन्त्र भी जरूरी है। यदि लोगों को वोट डालने का अधिकार दे दिया जाता है तो इससे अमीर-गरीब, ऊँची जाति व नीची जाति का भेद समाप्त नहीं होगा। अर्थात् राजनीतिक लोकतन्त्र तभी स्थापित हो सकता है, जब देश में सामाजिक और आर्थिक समानता भी सुनिश्चित की जाए।
प्रश्न 6. स्वतंत्रता के बाद देश को भाषा के आधार पर राज्यों में बाँटने के प्रति हिचकिचाहट क्यों थी ?
उत्तर – भारत का बँटवारा धर्म के आधार पर हुआ था। बँटवारे में हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच हुए भीषण दंगों में 10 लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे। ऐसी परिस्थितियों में भाषा के आधार पर देश को और विभाजित करना उचित नहीं था। यही कारण था कि जवाहरलाल नेहरू और उपप्रधानमन्त्री वल्लभभाई पटेल दोनों ही भाषा के आधार पर राज्यों के गठन की नीति के विरोधी थे।
प्रश्न 7. एक कारण बताइए कि आजादी के बाद भी भारत में अंग्रेजी क्यों जारी रही।
उत्तर – संविधान सभा में भाषा के सवाल पर तीखी बहस हुई। बहुत सारे लोगों का मानना था कि अंग्रेजों के साथ अंग्रेजी भाषा को भी विदा कर दिया जाना चाहिए परन्तु जो लोग हिन्दी नहीं जानते थे उनकी राय थी कि अगर उन पर हिन्दी थोपी गई तो वह भारत से अलग हो जायेंगे। इस विवाद से बचने के लिए बीच का रास्ता निकाला गया और संविधान निर्माताओं ने हिन्दी को भारत की “राजभाषा” का दर्जा दिया जबकि अदालती सेवाओं, विभिन्न राज्यों के बीच संचार आदि के लिए अंग्रेजी के इस्तेमाल का फैसला लिया गया।
प्रश्न 8. आजादी के बाद प्रारम्भिक दशकों में भारत के आर्थिक विकास की कल्पना किस तरह की गई थी?
उत्तर – आजादी के बाद प्रारम्भिक दशकों में भारत के आर्थिक विकास के लिए नीतियाँ बनाने और उनको लागू करने के लिए सन् 1950 में एक योजना आयोग का गठन किया। इस बारे में ज्यादातर सहमति थी कि भारत मिश्रित अर्थव्यवस्था के रास्ते पर चलेगा। यहाँ राज्य और निजी क्षेत्र दोनों ही उत्पादन बढ़ाने और रोजगार पैदा करने में महत्वपूर्ण और परस्पर पूरक भूमिका अदा करेंगे।
आइए करके देखें
प्रश्न 9. मीरा बहन कौन थीं? उनके जीवन और आदर्शों के बारे में पता लगाएँ।
उत्तर – मीरा बहन एक ब्रिटिश एडमिरल की बेटी थी। उनका वास्तविक नाम मेडलिन स्लेड था। वह गाँधीजी की बेटी जैसी थी। उन्होंने गाँधीजी के साथ रहने तथा काम करने के लिए इंग्लैण्ड का अपना घर छोड़ दिया था। मीरा बहन ने अपना सम्पूर्ण जीवन भारत के स्वतन्त्रता संघर्ष
और बापू के सिद्धान्तों के प्रचार-प्रसार में लगा दिया।
प्रश्न 10. पाकिस्तान में भाषा के आधार पर हुए उन विवादों के बारे में और पता लगाएँ जिनकी वजह से बांग्लादेश का जन्म हुआ। बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी कैसे मिली?
उत्तर – सन् 1947 में पाकिस्तान के दो भाग थे-एक पूर्वी पाकिस्तान और दसरा पश्चिमी पाकिस्तान। दोनों भागों की संस्कृति, भौगोलिक स्थितियाँ तथा भाषायी आधार अलग-अलग थे। 1948 में पाकिस्तान सरकार ने उर्दू को राष्ट्रभाषा घोषित कर दिया। पूर्वी पाकिस्तान के बंगाली भाषा बोलने वालों ने इसका विरोध किया। भाषा के विद्रोह के कारण पाकिस्तान ने पूर्वी पाकिस्तान पर अनेक अत्याचार किये।
बांग्लादेश की आजादी -1971 के पहले बांग्लादेश पाकिस्तान का एक प्रान्त था, जिसका नाम पूर्वी पाकिस्तान था जबकि वर्तमान पाकिस्तान को पश्चिमी पाकिस्तान कहते थे। भाषायी विभेद एवं राजनीतिक उपेक्षा के कारण पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लाभाषियों) के लोग सड़कों पर उतर आये थे। 1971 में आजादी के आन्दोलन को कुचलने के लिए पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान के विद्रोह पर आमादा लोगों पर जमकर अत्याचार किये। लाखों लोगों को मौत के घाट उतार दिया और अनगिनत महिलाओं की आबरू लूट ली गई।
भारत ने पड़ोसी के नाते इस जुल्म का विरोध किया और क्रान्तिकारियों की मदद की। इसका नतीजा यह हुआ कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी जंग हुई। इस लड़ाई में भारत ने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। इसके साथ ही दक्षिण एशिया में एक नये देश का उदय हुआ। इस रक्तरंजित युद्ध के माध्यम से बांग्लादेश ने पाकिस्तान से स्वाधीनता प्राप्त की। 16 दिसम्बर, सन् 1971 को बांग्लादेश पाकिस्तान से अलग एक स्वाधीन देश बना।