MP Board Class 7th Solution For Sahayak Vachan Chapter 3 : स्वाभिमान

Class 7th सहायक वाचन Solution

खण्ड 1 : नैतिक शिक्षा

पाठ 3 : स्वाभिमान

लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. स्वाभिमान से क्या आशय है ?
उत्तर–स्वाभिमान–स्वाभिमान शब्द दो शब्दों स्व + अभिमान से मिलकर बना है। इस शब्द में एक ओर सम्मान की रक्षा का भाव है और दूसरी ओर अपनी वैभवशाली परम्परा को बनाये रखने के लिए यथेष्ट त्याग, बलिदान और पराक्रम के प्रदर्शन का भाव है।
प्रश्न 2. नैनी जेल में बन्द राजनीतिक कैदी कौन था ?
उत्तर – नैनी जेल में बन्द राजनैतिक कैदी श्री लालबहादुर शास्त्री थे।
प्रश्न 3. लाल बहादुर शास्त्री ने माफीनामा क्यों नहीं लिखा ?
उत्तर – लाल बहादुर शास्त्री ने सोचा कि, “मैं अगर माफीनामा लिखकर देता हूँ, तो न केवल राष्ट्र के प्रति मेरे स्वाभिमान को ठेस लगेगी बल्कि भारतमाता की दृष्टि में भी मैं अपराधबोध से ग्रस्त रहूँगा।” इसलिए उन्होंने माफीनामा नहीं लिखा।
प्रश्न 4. स्वामी रामतीर्थ ने अमेरिका में किस विषय पर व्याख्यान दिए थे ?
उत्तर – स्वामी रामतीर्थ ने अमेरिका में भारतीय धर्म एवं संस्कृति पर व्याख्यान दिए थे।

प्रश्न 5. “राम के मस्तक पर तो सदैव महान भारतवर्ष ही रहेगा।” स्वामी रामतीर्थ के इस कथन में छिपे स्वाभिमान के भाव को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – स्वामी रामतीर्थ की दृष्टि में उनका अपना देश भारतवर्ष ही श्रेष्ठ है तथा उनको इसका गर्व है। यही उनका स्वाभिमान है। इसीलिए उन्होंने अपने मस्तक पर सुन्दर अमेरिकी टोप धारण न करके अपना भारतीय साफा ही लपेट लिया।
प्रश्न 6. आचार्य बसु ने कॉलेज में वेतन लेने से इन्कार क्यों कर दिया ?
उत्तर – बंगाल का शिक्षा संचालक अंग्रेज था। अत: वहाँ भेदभाव की नीति बरती जाती थी और अंग्रेजों की तुलना में भारतीय प्राध्यापक को कम वेतन दिया जाता था। इस नीति के विरोध स्वरूप आचार्य बसु ने कॉलेज में वेतन लेने से इन्कार कर दिया था तथा उन्होंने यह कहते हुए विरोध प्रकट किया “मैं वेतन लूँगा तो पूरा अन्यथा वेतन नहीं लूँगा।”
प्रश्न 7. “आचार्य बसु ने आर्थिक तंगी सहते हुए भी अपने स्वाभिमान की रक्षा की। ” इसे प्रसंग के माध्यम से सिद्ध कीजिए ।
उत्तर– आचार्य ने कलकत्ता का महँगा मकान छोड़कर नगर से बाहर सस्ता मकान ले लिया। आने-जाने के लिए अपनी पत्नी के साथ नाव में हुबली पार करते तथा उनकी पत्नी नाव वापस लेकर जातीं। उन्होंने इस प्रकार आर्थिक तंगी सहते हुए भी अपने स्वाभिमान की रक्षा की।

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