म.प्र. बोर्ड कक्षा छठवीं संपूर्ण हल- इतिहास– हमारे अतीत 1 (History: Our Pasts – I)
Chapter 8 खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर
प्रश्न – अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से)
महत्वपूर्ण बिन्दु
- भारतीय उपमहाद्वीप में लोहे का प्रयोग लगभग 3000 साल पहले शुरू हुआ।
- जातक वो कहानियाँ हैं जो आम लोगों में प्रचलित थीं।
- बौद्ध भिक्षुकों ने इनका संकलन किया था।
- तमिल की प्राचीनतम रचनाओं को संगम साहित्य कहते हैं, क्योंकि मदुरै के कवियों के सम्मेलनों में इनका संकलन किया जाता था।
- सबसे पुराने सिक्के आहत सिक्के थे। चाँदी या सोने के सिक्कों पर विभिन्न आकृतियों को आहत कर बनाए जाने के कारण इन्हें आहत सिक्का कहा जाता था।
महत्वपूर्ण शब्द
सिंचाई – मिट्टी को कृत्रिम रूप से पानी देकर उसमें उपलब्ध जल की मात्रा में वृद्धि करने की क्रिया।
वलय कूप – बर्तनों की पंक्तियाँ या मिट्टी के बर्तनों को एक-दूसरे के ऊपर स्थिर करके बनायी गयी पंक्तियाँ।
श्रेणी – शिल्पकारों तथा व्यापरियों के संघ।
नगर – कस्बे से बड़ी बस्ती।
महत्वपूर्ण तिथियाँ
उपमहाद्वीप में लोहे के प्रयोग की शुरूआत – करीब 3000 साल पहले तक।
लोहे के प्रयोग में बढ़ोत्तरी, नगर, आहत सिक्के – करीब 2500 साल पहले।
संगम साहित्य की रचना की शुरूआत – करीब 2300 साल पहले। अरिकामेडु का पत्तन – करीब 2200 तथा 1900 साल पहले।
पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर
पृष्ठ संख्या # 79
प्रश्न 1. लोहे की ऐसी पाँच चीजों की सूची बनाओ जिनका प्रयोग तुम रोज करते हो?
उत्तर – लोहे की पाँच चीजों की सूची
(1) तवा, (2) हथौड़ा, (3) चिमटा, (4) कड़ाई, (5) कैंची।
पृष्ठ संख्या # 80
प्रश्न 2. इस चार्ट में तुम्हें सिंचाई से आए परिवर्तन दिखाए गए हैं खाली स्थानों में सही वाक्य भरो?
• लोगों द्वारा परिश्रम किया गया।
• किसानों को लाभ मिला, क्योंकि अब उत्पादन की अनिश्चितता घटी।
• कर अदा करने के लिए किसानों को उत्पादन बढ़ाना था।
• राजाओं ने सिंचाई की योजना बनाई और धन खर्च किया।
उत्तर
पृष्ठ संख्या # 822
प्रश्न 3. इस कहानी में आए व्यक्तियों के व्यवसायों की सूची बनाओ। प्रत्येक के लिए तय करो कि वे (क) शहर में, (ख) गाँव में या फिर (ग) शहर तथा गाँव दोनों में रहते थे।
उत्तर – कहानी में आये व्यक्तियों के व्यवसायों की सूची
प्रश्न 4. घोड़े का व्यापारी शहर में क्यों आया होगा?
उत्तर -घोड़े का व्यापारी शहर में घोड़े बेचने आया होगा।
प्रश्न 5. क्या महिलाएँ कहानी में बताये व्यवसायों को अपना सकती थीं ? उत्तर के कारण बताओ।
उत्तर – महिलाएँ कहानी में बताये व्यवसायों में से कुछ व्यवसाय अपना सकती थीं, जैसे कुम्हार, घास काटने का काम इत्यादि। ये काम घर के कामों को निपटाने के बाद आसानी से कर सकती थीं। –
पृष्ठ संख्या # 84
प्रश्न 6. बेरिगाजा से आयात और निर्यात होने वाली चीजों की सूची बनाओ।
उत्तर – बेरिगाजा से आयात होने वाली चीजों की सूची – शराब, ताँबा, टिन, सीसा, मूंगा, पुखराज, कपड़े, सोने और चाँदी का आयात होता था।
बेरिगाजा से निर्यात होने वाली चीजों की सूची – हिमालय की जड़ी-बूटियाँ, हाथी-दाँत, गोमेद, कार्नीलियन, सूती कपड़ा, रेशम तथा इत्र निर्यात किये जाते थे।
प्रश्न 7. दो ऐसी चीजें बताओ जिनका उपयोग हड़प्पा युग में नहीं होता था?
उत्तर – हड़प्पा युग में घोड़े तथा रागी (अनाज) का प्रयोग नहीं किया जाता था।
पृष्ठ संख्या # 85
प्रश्न 8. व्यापारी किस चीज से इसका विनिमय करते हैं
उत्तर – व्यापारी नमक से सफेद धान का विनिमय करते हैं।
प्रश्न 9. वे किस तरह यात्रा कर रहे हैं ?
उत्तर – व्यापारी रेतीले रास्तों पर गाड़ियों से यात्रा कर रहे हैं।
पृष्ठ संख्या # 86
प्रश्न 10. मथुरा के लोगों के व्यवसायों की एक सूची बनाओ। एक ऐसे व्यवसाय का नाम बताओ जो हड़प्पा में नहीं था।
उत्तर – मथुरा के लोगों के व्यवसायों की एक सूची – मथुरा के लोग सुनार, लुहार, बुनकर, टोकरी बुनने वाले, माला बनाने वाले, मूर्तिकार जैसे व्यवसायों को करते थे। इत्र बनाने का काम हड़प्पा में नहीं होता था।
पृष्ठ संख्या # 87
प्रश्न 11. उन महिलाओं की सूची बनाओ जिन्हें निरीक्षक नियुक्त कर सकता था।
उत्तर – उन महिलाओं की सूची जो निरीक्षक नियुक्त कर सकता था
(i) विधवाएँ, (ii) सक्षम-अक्षम महिलाएँ, (iii) भिक्षुणियाँ, (iv) वृद्ध वेश्याएँ, (v) राजा की अवकाश प्राप्त दासियाँ, सेविकाएँ।
प्रश्न 12. क्या काम करने के दौरान महिलाओं को मुश्किलें झेलनी पड़ती थी?
उत्तर – काम के दौरान महिलाओं को अनेक मुश्किलें इलनी पड़ती थीं। अगर औरत ने अपना काम पूरा नहीं किया तो से जुर्माना देना होता था। इसके लिए उसका अगूंठा भी काटा जा सकता था।
पृष्ठ संख्या # 88
प्रश्न 13. रोम के साथ संबंध दर्शाने वाले साक्ष्य की सूची बनाओ।
उत्तर – रोम के साथ संबंध दर्शाने वाले साक्ष्यों की सूची
(i) भूमध्यसागरीय क्षेत्र के एंफोरा जैसे पात्र।
(ii) एरेटाइन जैसे मुहर लगे लाल-चमकदार बर्तन।
(iii) रोमन लैंप, शीशे के बर्तन तथा रत्न।
प्रश्न 14. ये बड़े खुले रंग मंडल (एम्फिीथियेटर) और जालवाही सेतु इतने दिनों तक कैसे बचे रहे ?
उत्तर – रंग मंडल (एम्फिीथियेटर) और जलवाही सेतु बनाने में उत्तम ज्ञान तथा उत्तम वस्तुओं का प्रयोग किया गया था जो हर मौसमी परिवर्तन को सहन करने में पूर्ण रूप से सक्षम थी। जिस कारण से उसका अस्तित्व आज तक कायम है। .
पृष्ठ संख्या # 89
कल्पना करो
प्रश्न 15. तुम बेरिगाजा में रहते हो और पत्तन देखने निकले हो। तुमको क्या-क्या देखने को मिला ?
उत्तर – बेरिगाजा की संकरी खाड़ी में समुद्र से आने वाली नावों को चलाना नाविकों के लिए बहुत मुश्किल होता था। यहाँ कुशल और स्थानीय मछुआरे ही नाव तथा जहाजों को पत्तन तक ला. पाते थे। यहाँ पर शराब, ताँबा, टिन, सीसा, मूंगा, पुखराज, कपड़े, सोने और चांदी के सिक्कों का आयात हो रहा था तथा हिमालय की जड़ी-बूटियाँ, हाथी दाँत, गोमेद, कार्नीलियन, सूती कपड़ा, रेशम तथा इत्र जैसे वस्तुओं का यहाँ से निर्यात किया जा रहा था।
पाठान्त प्रश्नोत्तर
आओ याद करें
प्रश्न 1. खाली जगहों को भरो
(क) तमिल में बड़े भू-स्वामी को ………………. कहते थे।
(ख) ग्राम-भोजकों की जमीन पर प्रायः ….. द्वारा खेती की जाती थी।
(ग) तमिल में हलवाहे को ………………. कहते थे।
(घ) अधिकांश गृहपति …………. भू-स्वामी होते थे।
उत्तर – (क) वेल्लता, (ख) दास और मजदूरों, (ग) उणवार, (घ) स्वतन्त्र व छोटे।
प्रश्न 2. ग्राम-भोजकों के काम बताओ। वे शक्तिशाली क्यों थे?
उत्तर – ग्राम-भोजक के पद पर आमतौर पर गाँव का सबसे बड़ा भू-स्वामी होता था। साधारणतया इनकी जमीन पर इनके दास और मजदूर काम करते थे। इसके अतिरिक्त प्रभावशाली होने के कारण प्रायः राजा भी कर वसूलने का काम इन्हीं को सौंप देते थे। ये न्यायाधीश का और कभी-कभी पुलिस का काम भी किया करते थे इसलिये वे शक्तिशाली थे।
प्रश्न 3. गाँवों तथा शहरों दोनों में रहने वाले शिल्पकारों की सूची बनाओ।
उत्तर – बढ़ई, बुनकर, कुम्हार, सुनार, मूर्तिकार जैसे शिल्पकार गाँव व शहर दोनों जगह रहते थे।
प्रश्न 4. सही जबाव ढूँढों
(क) वलयकूप का उपयोग
- नहाने के लिए कपड़े धोने के लिए
- सिंचाई के लिए
- जल निकास के लिए किया जाता था।
(ख) आहत सिक्के
- चाँदी
- सोना
- टिन
- हाथी दाँत के बने होते थे।
(ग) मथुरा महत्त्वपूर्ण
- गाँव
- पत्तन
- धार्मिक केंद्र
- जंगल क्षेत्र था।
(घ) श्रेणी
- शासकों
- शिल्पकारों
- कृषकों
- पशुपालकों का संघ होता था।
उत्तर – (क) जल निकास के लिए किया जाता था, (ख) चाँदी, (ग) धार्मिक केन्द्र, (घ) शिल्पकारों।
आओ चर्चा करें
प्रश्न 5. पाठ्य-पुस्तक के पृष्ठ 79 पर दिखाए गए लोहे के औजारों में कौन खेती के लिए महत्वपूर्ण होंगे? अन्य औजार किस काम में आते होंगे ?
उत्तर – खेती के लिए महत्वपूर्ण औजार कुल्हाड़ी तथा हँसियाँ होगें तथा अन्य औजार (सँड़सी) किसी गर्म वस्तु को बिना छुये पकड़ने के काम आती होगी।
प्रश्न 6. अपने शहर की जल निकास ब्यवस्था की तुलना तुम उन शहरों की व्यवस्था से करो, जिनके बारे में तुमने पढ़ा है। इनमें तुम्हें क्या-क्या समानताएँ और अन्तर दिखाई दिए ?
उत्तर – हमारे शहरों की जल निकास व्यवस्था मोहनजोदड़ो तथा हड़प्पा की जल निकास व्यवस्था से बहुत ज्यादा भिन्न नहीं है। हम जल निकास के लिए भूमिगत पाइपलाइन का उपयोग करते हैं तथा सफाई के लिए विभिन्न प्रकार की मशीनों का प्रयोग करते हैं। हड़प्पा सभ्यता के नगरों में भी भूमिगत नालियों का उपयोग किया जाता था। लेकिन दोनों व्यवस्थाओं में केवल एक ही अन्तर था कि हमारी व्यवस्था आधुनिक है जबकि वह व्यवस्था प्राचीन थी। प्राचीन काल में निकास व्यवस्था में कीचड़, ईंट और फंस का प्रयोग किया जाता था जो लम्बे समय तक काम नहीं कर सकती थी, लेकिन आज की व्यवस्था मजबूत चीजों से तैयार की जाती है तथा लम्बे समय तक उपयोग में लाई जा सकती है।
आओ करके देखें
प्रश्न 7. अगर तुमने किसी शिल्पकार को काम करते हुए देखा है तो कुछ वाक्यों में उसका वर्णन करो (संकेत : उन्हें कच्चा माल कहाँ से मिलता है, किस तरह के औजारों का प्रयोग करते हैं, तैयार माल का क्या होता है, आदि)।
उत्तर – मैंने कुम्हार शिल्पकार को काम करते देखा है। वह बर्तन बनाने के लिए मिट्टी, आस-पास के कृषि क्षेत्रों से तथा नदियों के किनारे से लाता है। बर्तन बनाने के लिए औजार के रूप में एक बड़ा पहिया (चाक), पहिए को घुमाने के लिए एक लकड़ी का डंडा तथा धागे की आवश्यकता होती है। आमतौर पर तैयार माल की खपत स्थानीय क्षेत्रों में हो जाती है अथवा स्थानीय व्यापारी खरीदकर बड़े शहरों में ले जाते
प्रश्न 8. अपने शहर या गाँव के लोगों के कार्यों की एक सूची बनाओ। मथुरा में किए जाने वाले कार्यों से ये कितने समान और कितने भिन्न हैं?
उत्तर – अपने शहर या गाँव के लोगों के कार्यों की सूची
(1) खेती, (2) पशुपालन, (3) डेरी उद्योग, (4) शिक्षक, (5) डॉक्टर, (6) वकील, (7) व्यापारी, (8) सुनार, (9) लेखक, (10) भवन निर्माण, (11) मूर्तिशिल्प इत्यादि अनेक कार्यों को किया जाता है।
मथुरा एक धार्मिक नगरी के रूप में पहचानी जाती है। वहाँ बेहतरीन मूर्तियाँ बनायी जाती हैं। भगवान की पोशाक, विभिन्न तरह की मालाएँ, खिलौने, इत्र इत्यादि कार्य बहुतायत में किये जाते हैं।
MP Board Class 6th NCERT History Solution Chapter 8 : खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर