म.प्र. बोर्ड कक्षा छठवीं संपूर्ण हल- इतिहास– हमारे अतीत 1 (History: Our Pasts – I)
Chapter 11 : इमारतें, चित्र तथा किताबें
प्रश्न – अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से)
महत्वपूर्ण बिन्दु
- स्तूप का शब्दिक अर्थ टीला होता है। स्तूप विभिन्न आकार के थे कभी-कभी गोल या लम्बे तो कभी बड़े या छोटे।
- मन्दिरों का सबसे महत्त्वपूर्ण भाग गर्भग्रह होता था, जहाँ मुख्य देवी या देवता की मूर्ति को रखा जाता था।
- पुराण का शाब्दिक अर्थ है प्राचीन ।
- पुराणों में विष्णु, शिव, दुर्गा या पार्वती जैसे देवी-देवताओं से जुड़ी कहानियाँ हैं।
- महान गणितज्ञ तथा खगोलशास्त्री आर्यभट्ट ने संस्कृत में आर्यभट्टीयम नामक पुस्तक लिखी।
- वराहमिहिर, ब्रह्मगुप्त और भास्कराचार्य इत्यादि अन्य गणितज्ञ और खगोलवेत्ता थे जिन्होंने कई खोजे की
महत्वपूर्ण शब्द
महाकाव्य – बहुत बड़ा और विस्तृत काव्य ग्रन्थ ।
चित्रकला – एक द्विविमीय कला, भारत में चित्रकला का एक प्राचीन स्रोत विष्णु धर्मोत्तर पुराण है।
विज्ञान – विशेष ज्ञान ।
गणित – सीखी जाने वाली वस्तुएँ। गणित ऐसी विधाओं का समूह है जो संख्याओं, मात्राओं, परिमाणों, रूपों और उनके आपसी रिश्तों, गुण, स्वभाव का अध्ययन करती है।
महत्वपूर्ण तिथियाँ
स्तूप निर्माण की शुरूआत – 2300 साल पहले।
अमरावती – 2300 साल पहले।
कालीदास – 1600 साल पहले।
लौह स्तम्भ भितरगाँव का मन्दिर, अजन्ता की चित्रकारी, आर्यभट्ट –1500 साल पहले।
दुर्गा मन्दिर – 1400 साल पहले।
पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर
पृष्ठ संख्या # 115
प्रश्न 1. पाठ्य-पुस्तक में प्रकाशित चित्र को देखकर उसका वर्णन करो।
उत्तर – चित्र में अमरावती की एक शिल्पकृति है।
अमरावती की कला एक प्रसिद्ध प्राचीन भारतीय कला है। आधुनिक आन्ध्र प्रदेश में स्थित अमरावती जैन मन्दिर कला शैली के लिए विख्यात है। यहाँ बुद्ध द्वारा हाथियों के समूह को वश में करते हुए दिखाया गया है। स्वदेशी शैली सफेद संगमरमर का उपयोग मूर्तियों को बनाने के लिए किया गया।
पृष्ठ संख्या # 116
प्रश्न 2. इन मन्दिरों को बनाते समय पत्थर काटने वालों को किन समस्याओं का सामना करना पड़ता होगा ?
उत्तर- इन मन्दिरों को बनाते समय पत्थर काटने वालों को बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ता होगा, क्योंकि इनमें से प्रत्येक मन्दिर एक ही विशाल पहाड़ी को तराश कर बनाया गया है। पत्थर काटने वाले ऊपर से नीचे के क्रम में बनाते हैं। पहाड़ी को काटकर उस पर आकृति उकेरना बहुत कठिनाई का काम था ।
पृष्ठ संख्या # 117
प्रश्न 3. पाठ्य-पुस्तक के पृष्ठ 14 पर दिये चित्र (अध्याय 2) और यहाँ दिखाई गई गुफाओं में क्या अन्तर है ?
उत्तर– पाठ्य-पुस्तक के पृष्ठ 14 पर दिये चित्र (अध्याय 2) और यहाँ दिखाई गई गुफाओं में अन्तर-
भीमबेटका भारत के मध्यप्रदेश प्रान्त के रायसेन जिले में स्थित एक पुरापाषाणिक आवासीय पुरास्थल है। यह आदि- मानव द्वारा बनाये गए शैलचित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है जबकि उड़ीसा की गुफाएँ जैन भिक्षुओं और राजा खारवेल के
समय कारीगरों द्वारा बनायी गयी हैं। ये गुफाएँ न केवल प्राचीन भारत की स्थापत्य कला की साक्षी हैं, बल्कि ये प्रेम, करुणा और धार्मिक सहिष्णुता की सन्देशवाहक भी हैं।
प्रश्न 4. क्या तुम यहाँ देख पा रहे हो कि किस प्रकार गुफाओं की खुदाई की गई होगी ?
उत्तर – गुफाओं की खुदाई अत्यन्त खर्चीला एवं समय लेने वाला कार्य था। अतएव इन्हें खुदवाने का कार्य राजा या रानी ही कर पाते थे। इसमें पैसे के साथ-साथ दक्ष श्रमिक एवं असीम धैर्य की आवश्यकता होती थी ।
पृष्ठ संख्या # 118
प्रश्न 5. पाठ्य-पुस्तक के अध्याय 8 के पृष्ठ 83 पर दिए चित्र की तरह तुम भी मन्दिरों तथा स्तूपों के निर्माण के दौरान आने वाले विभिन्न चरणों का चित्र बनाओ ?
उत्तर– छात्र स्वयं करने का प्रयास करें।
पृष्ठ संख्या # 120-121
प्रश्न 6. क्या तुम्हें लगता है कि कालिदास को प्रकृति प्रेमी कहा जा सकता है ?
उत्तर– कालिदास की रचना में बादल, ठण्डी हवा, मिट्टी की भीनी खुशबू इत्यादि का वर्णन किया गया जिससे पता चलता है कि कालिदास प्रकृति प्रेमी थे।
प्रश्न 7. इस उपमहाद्वीप के विभिन्न भागों में महाभारत और रामायण के भिन्न-भिन्न रूपान्तर लोकप्रिय हैं। इनके आधार पर नाटक, गीत और नृत्य परम्पराएँ भी उभरीं । पता करो तुम्हारे राज्य में कौन-सा रूपान्तर प्रचलित है ?
उत्तर- दो संस्कृत महाकाव्य महाभारत और रामायण लम्बे अर्से से लोकप्रिय रहे हैं। यह कहानी बहुत पुरानी है। यह करीब 1500 साल पहले लिखी गईं। माना जाता है कि पुराणों और महाभारत दोनों को ही वेदव्यास नाम के ऋषि ने संकलित किया था। महाभारत की तरह ही रामायण भी एक प्राचीन कहानी है। संस्कृत रामायण के लेखक वाल्मीकि माने जाते हैं।
हमारे राज्य में समय-समय पर ‘रामलीला’ के नाम से राम की लीलाओं का वर्णन किया जाता है, इसके लिये पात्र राम का रूप धारण कर रामचन्द्र जी के जीवन को दोहराते हैं।
पृष्ठ संख्या # 122
प्रश्न 8. क्या तुम बता सकते हो कि पाठ्य-पुस्तक में प्रकाशित चित्र में कहानी का कौन-सा हिस्सा दिखाया गया है ? यह हिस्सा क्यों चुना गया होगा ?
उत्तर– इस कहानी के चित्र में राजा को अपनी प्रजा के साथ आमों का आनन्द लेते दिखाया गया है जिससे यह सन्देश मिलता है कि राजा अपनी प्रजा के साथ मिल जुलकर रहता था इसलिए ही इस हिस्से को चुना गया है।
पृष्ठ संख्या # 123
प्रश्न 9. रोम के निवासी शून्य का प्रयोग किए बगैर गिनती करते थे । उसके बारे में और भी जानकारी हासिल करने की कोशिश करें।
उत्तर—रोमन लिपि का आविष्कार 700 ईसा पूर्व में हुआ था और आर्यभट्ट का जन्म 476 ईसवी में हुआ था यानि दोनो के बीच कुछ 1100 से 1200 साल का अन्तर था।
आर्यभट्ट ने जीसस के जन्म के बाद शून्य की आविष्कार किया तो रोमन लोग गिनती कैसे करते थे। रोमन लोग (I), (II) (III), (IV), (V), (VI), (VII), (VIII), (IX), (X), (XI) इस तरह से गिनते थे। उन्हें गिनती के लिए 0 की आवश्यकता नहीं पड़ती थी।
पृष्ठ संख्या # 124
प्रश्न 10. प्राचीन भारत की पाण्डुलिपियाँ किस चीज पर तैयार की जाती थीं ? (संकेत : अध्याय 1)
उत्तर—प्राचीन भारत की पाण्डुलिपियाँ ताड़पत्रों अथव हिमालय क्षेत्र में उगने वाले भुर्ज नामक पेड़ की छाल से विशेष तरीके से तैयार भोजपत्र पर लिखी जाती थीं ।
कल्पना करो-
प्रश्न 11. तुम एक मन्दिर के मण्डप में बैठे हो। अपने चारों तरफ के दृश्य का वर्णन करो ।
उत्तर- छात्र स्वयं प्रयास करें।
आओ याद करें-
पाठान्त प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. निम्नलिखित का सुमेल करो-
(अ) (ब)
1. स्तूप (a) देवी-देवता की मूर्ति स्थापित करने की जगह
2. शिखर (b) टीला
3. मण्डप (c) स्तूप के चारों तरफ वृत्ताकार पथ
4. गर्भगृह (d) मन्दिर में लोगों के इकट्ठा होने की जगह
5. प्रदक्षिणापथ (e) गर्भगृह के ऊपर लम्बाई में निर्माण
उत्तर—1. → (b), 2. → (e), 3. → (d), 4. → (a), 5. → (c)।
प्रश्न 2. खाली जगहों को भरो-
(क) …………….. एक बड़े गणितज्ञ थे ।
(ख) …………….. में देवी-देवताओं की कहानियाँ मिलती हैं।
(ग) …………….. को संस्कृत रामायण का लेखक माना जाता है।
(घ) …………….. और …………….. दो तमिल महाकव्य हैं।
उत्तर— (क) आर्यभट्ट, (ख) पुराणों, (ग) वाल्मीकि, (घ) सिलप्पदिकारम, मणिमेखलई ।
आओ चर्चा करें-
प्रश्न 3. धातुओं के प्रयोग पर जिन अध्यायों में चर्चा हुई है, उनकी सूची बनाओ। धातु से बनी किन-किन चीजों के बारे में चर्चा हुई है या उन्हें दिखाया गया है ?
उत्तर-
प्रश्न 4. पाठ्य-पुस्तक के पृष्ठ 122 पर लिखी कहानी को पढ़ो। जिन राजाओं के बारे में तुमने अध्याय 5 और 10 में पढ़ा है उनसे यह बन्दर राजा कैसे भिन्न या समान था ?
उत्तर– पाठ्य-पुस्तक के पृष्ठ 122 पर लिखी कहानी अध्याय 5.और अध्याय 10 में दिए गए राजाओं की तरह है। बन्दर राजा भी अन्य शासकों की तरह एक विशाल सेना रखता था। वह स्वयं बुद्धिमान, कूटनीतिज्ञ और बहादुर था। वह सही समय पर उचित निर्णय लेने में समर्थ था, जब उसने देखा कि मानव राजा और उसके समुदाय को मार डालना चाहता है तो बन्दर राजा ने अपनी प्रजा को बचाने के लिए एक योजना बनाई । उसने आम के पेड़ की टहनियों को तोड़कर उन्हें आपस में बाँधकर नदी पर एक पुल बनाया। इसके एक छोर को वह तब तक पकड़े रहा जब तक उसकी प्रजा ने नदी को पार न कर लिया। उन राजाओं ने भी बन्दर राजा की भाँति अपनी प्रजा की सुरक्षा के लिए अनेक प्रयास किए परन्तु कोई भी राजा ऐसा नहीं था जिसने बन्दर राजा की तरह अपने प्राणों की आहुति दी हो और प्रजा का नुकसान न होने दिया हो। इस प्रकार हम पाते हैं कि बन्दर राजा पूर्व वर्णित सभी राजाओं में श्रेष्ठ था।
प्रश्न 5. और भी जानकारी इकट्ठी कर किसी महाकाव्य से एक कहानी सुनाओ।
उत्तर – हमारे महाकाव्य में बहुत सारी कहानियाँ हैं। ये कहानियाँ आदर्श जीवन के लिए हमारा मार्गदर्शन करती हैं। रामायण नामक महाकाव्य की रचना महार्षि वाल्मीकि जी ने की थी। इस महाकाव्य में भी एक वानर समुदाय का उल्लेख किया गया है। राजा सुग्रीव, हनुमान इत्यादि । इस समुदाय ने भी राम के वनवास के समय बहुत सहायता की तथा इन्हीं की सहायता से राम ने रावण पर विजय प्राप्त की ।
आओ करके देखें-
प्रश्न 6. इमारतों तथा स्मारकों को अन्य प्रकार के सक्षम व्यक्तियों (विकलांग) के लिए और अधिक प्रवेश योग्य कैसे बनाया जाए ? इसके लिए सुझावों की एक सूची बनाओ।
उत्तर – इमारतों तथा स्मारकों को अन्य प्रकार से सक्षम व्यक्तियों के लिये और अधिक प्रवेश योग्य बनाने के लिये ढलान वाले प्रवेश द्वारों की सुविधा होनी चाहिए तथा प्रवेश द्वार के पास पहिए वाली कुर्सी की व्यवस्था भी की जानी चाहिए। सक्षम व्यक्तियों के लिए उचित रोशनी का भी प्रबन्ध होना चाहिए।
प्रश्न 7. कागज के अधिक-से-अधिक उपयोगों की एक सूची बनाओ।
उत्तर – कागज के अधिक से अधिक उपयोगों की सूची-
(1) पुस्तकों के निर्माण में उपयोग।
(2) नोट-बुक, रजिस्टर आदि के निर्माण में उपयोग।
(3) पत्र, लिफाफे के निर्माण में उपयोग।
(4) डाक टिकट, स्टाम्प पेपर आदि के निर्माण में उपयोग ।
(5) खिलौने, पतंगें आदि बनाने के लिए।
(6) समाचार-पत्र, पत्रिका के निर्माण में उपयोग ।
(7) टॉयलेट पेपर के उपयोग हेतु ।
(8) सजावट के लिये, कृत्रिम फूल आदि बनाने में।
(9) पेपर नेपकिन, कम्प्यूटर स्टेशनरी के उपयोग हेतु ।
प्रश्न 8. इस अध्याय में बताए गए स्थानों में से तुम्हें किसी एक को देखने का मौका मिले तो किसे चुनोगे और क्यों ?
उत्तर – यदि अध्याय में बताए गये स्थानों में से किसी एक को देखने का मौका मिला तो मैं साँची का महान स्तूप को चुनूग ।
साँची भारत के मध्यप्रदेश राज्य के रायसेन जिले में स्थित एक छोटा सा गाँव है। यह भोपाल से 46 किमी पूर्वोत्तर में तथा बेसनगर और विदिशा से 10 किमी की दूरी पर मध्यप्रदेश के मध्य भाग में है। यहाँ बौद्ध स्मारक है। इस स्तूप को घेरे हुए कई तोरण भी हैं। यह प्रेम, शान्ति, विश्वास और साहस का प्रतीक है। साँची का स्तूप सम्राट अशोक महान ने तीसरी शती ई. पू. में बनवाया था। इसका केन्द्र, एक सामान्य अर्द्धगोलाकार, ईंट निर्मित ढाँचा था जो कि बुद्ध के कुछ अवशेषों पर बना था। इसके शिखर पर एक छत्र था, जो कि स्मारक को दिये गये सम्मान का प्रतीक था ।