Class 9th Hindi Grammar पद्य साहित्य का इतिहास एवं काल विभाजन

हिन्दी व्याकरण कक्षा नवमीं (Class 9th Hindi Grammar)

पद्य साहित्य का इतिहास एवं काल विभाजन ( भक्तिकाल एवं आधुनिक काल )

प्रश्न 1. हिंदी पद्य साहित्य को कितने कालों में विभाजित किया गया है ? इन काल खण्डों की समय-सीमा भी बताइए ।

उत्तर – आचार्य रामचन्द्र शुक्ल हिंदी साहित्य का प्रारम्भ संवत् 1050 ( सन् 993) से मानते हैं। हिंदी के विद्वानों ने इस विभाजन को ही प्रामाणिक मान लिया है। उन्होंने जो काल विभाजन किया है वह निम्न प्रकार है-

प्रश्न 2. भक्तिकाल में भक्ति के कौन-कौन से रूप थे ?

उत्तर– भक्तिकाल में भक्ति के दो रूप मिलते हैं- (1) निर्गुण भक्ति, (2) सगुण भक्ति ।

प्रश्न 3. भक्तिकाल की काव्य धाराओं का विभाजन करते हुए उनके एक-एक प्रतिनिधि कवि का नाम लिखिए।

उत्तर- भक्तिकाल के काव्य को दो धाराओं में विभाजित किया गया है-

(1) निर्गुण भक्ति काव्य धारा, (2) सगुण भक्ति काव्य धारा ।

(1) निर्गुण भक्ति की दो शाखाएँ हैं-

(i) ज्ञानमार्गी भक्ति शाखा, प्रतिनिधि कवि – कबीरदास,

(ii) प्रेममार्गी भक्तिशाखा, प्रतिनिधि कवि – जायसी ।

(2) सगुण भक्ति की दो शाखाएँ हैं-

(i) राम भक्ति शाखा, प्रतिनिधि कवि – तुलसीदास,

(ii) कृष्ण भक्ति शाखा, प्रतिनिधि कवि – सूरदास ।

प्रश्न 4. भक्तिकाल की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ।

अथवा

भक्तिकाल की प्रमुख चार विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ।

अथवा

भक्तिकाल की दो विशेषताएँ लिखकर दो कवियों के नाम लिखिए।

उत्तर – भक्तिकाल की प्रमुख विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं-

(1) भक्ति-भावना की प्रधानता ।

(2) किसी भी राजा के दरबार में आश्रय प्राप्त न करना ।

(3) काव्य सृजन का उद्देश्य केवल स्वान्तः सुखाय ही था ।

(4) धर्म, जाति, साहित्यिक विधाओं एवं काव्य स्वरूप में समन्वय की भावना।

(5) काव्य सौन्दर्य के कला एवं भावपक्ष दोनों का सफलतापूर्वक निर्वाह ।

(6) जीवन को आदर्श प्रधान यथार्थता से जोड़ना ।

(7) कवि द्वारा अपने इष्ट के प्रति पूर्ण समर्पण के भाव की अभिव्यक्ति ।

इस काल के दो प्रमुख कवि सूरदास तथा तुलसीदास हैं।

प्रश्न 5. भक्तिकाल को हिंदी साहित्य का स्वर्ण युग क्यों कहते हैं ?

उत्तर – भक्तिकाल में कबीर, तुलसी, सूरदास, मीराबाई आदि महान विभूतियों का आविर्भाव हुआ इनकी अमृतवाणी से जन-सामान्य को अभूतपूर्व शान्ति तथा सुख का अनुभव हुआ । इस काल का साहित्य अनुपम एवं आदर्श है। जिस युग में कबीर, जायसी, तुलसी, सूर जैसे प्रसिद्ध कवियों और महात्माओं की अमृतवाणी उनके अन्तःकरण से निकलकर देश के कौने-कौने में फैली थी, उसे साहित्य के इतिहास में भक्ति- काल कहते हैं। वह युग वास्तव में स्वर्ण युग के साहित्य से पूर्ण था ।

प्रश्न 6. निर्गुण भक्ति काव्य की प्रमुख विशेषताएँ बताइए ।

उत्तर – निर्गुण भक्ति काव्य की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

(1) निराकार ब्रह्म में विश्वास,

(2) गुरु का विशेष महत्व,

(3) माया से सावधान रहने का सन्देश,

(4) विरह भाव की प्रधानता,

(5) अज्ञात सत्ता के प्रति रहस्यवादी दृष्टिकोण ।

प्रश्न 7. सगुण भक्ति काव्यधारा के प्रमुख कवि व उनकी रचनाएँ लिखिए ।

उत्तर – सगुण भक्ति काव्यधारा के प्रमुख कवि तथा उनकी रचनाएँ इस प्रकार हैं-

प्रश्न 8. ज्ञानमार्गी भक्ति शाखा की प्रमुख विशेषताएँ बताइए ।

उत्तर – ज्ञानमार्गी भक्ति शाखा की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

(1) निराकार ब्रह्म में विश्वास,

(2) गुरु के महत्व का बखान,

(3) अन्धविश्वासों तथा आडम्बरों का विरोध,

(4) हिन्दू-मुस्लिम एकता पर बल,

(5) छुआछूत, जातिवाद एवं साम्प्रदायिकता का विरोध,

(6) काव्य के द्वारा आशावादी सन्देश देना,

(7) मुक्तक काव्य रचना,

(8) सधुक्कड़ी भाषा का प्रयोग ।

प्रश्न 9. प्रेममार्गी भक्ति शाखा की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर – प्रेममार्गी भक्ति शाखा की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

(1) प्रेम के माध्यम से परमात्मा से साक्षात्कार,

(2) लौकिक वर्णन के द्वारा अलौकिक का सन्देश,

(3) हिन्दू प्रेम गाथाओं का मसनवी शैली में चित्रण,

(4) हिन्दू-मुस्लिम एकता पर बल,

(5) रहस्यवाद का सरस अंकन,

(6) अवधी भाषा एवं प्रबन्ध शैली,

(7) नायक को जीवात्मा तथा नायिका को परमात्मा चित्रित करना।

प्रश्न 10. कृष्णभक्ति काव्य की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ।

उत्तर- (1) कृष्ण को ईश्वर का अवतार माना गया।

(2) उनकी पूजा पर विशेष बल दिया गया।

(3) कृष्ण के लोकरंजक स्वरूप का चिन्तन व वर्णन किया जाना।

(4) सखाभाव की भक्ति की अवधारणा ।

(5) ज्ञान से बढ़कर प्रेम को अधिक महत्व दिया जाना ।

(6) मुक्तक शैली के गेय पदों की रचना ।

(7) प्रायः कृष्णभक्ति काव्य की रचना ब्रजभाषा में तथा कृष्ण की बाल लीलाओं के वर्णन की प्रधानता ।

प्रश्न 11. रामभक्ति शाखा की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए ।

उत्तर-रामभक्ति शाखा की प्रमुख विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं-

(1) रामभक्ति शाखा के कवियों के इष्टदेव मर्यादा पुरुषोत्तम राम हैं।

(2) इनकी भक्ति दास्य भाव की है।

(3) इस शाखा के काव्य में राम के लोक रक्षक रूप का चित्रण हुआ है।

(4) रामभक्त कवियों ने समन्वय पर जोर देकर लोकमंगल का विधान करने का प्रयत्न किया है।

(5) इस शाखा के कवियों ने प्रबन्ध तथा मुक्तक काव्यों की रचना की है।

प्रश्न 12. भक्तिकाल के काव्य की दो विशेषताएँ लिखकर दो कवियों के नाम लिखिए।

अथवा

भक्तिकाल के दो कवियों के नाम, दो-दो रचनाएँ लिखकर इस काल की दो विशेषताएँ लिखिए ।

उत्तर-

(1) भक्तिकाल के कवियों ने साकार एवं निराकार ब्रह्म की उपासना से सम्बन्धित कविताएँ लिखीं।

(2) इस काल की दो कविताओं में समाज को आध्यात्मिकता और सदाचार की प्रेरणा दी गई। इस काल के दो प्रमुख कवि व उनकी रचनाएँ हैं -तुलसीदास (‘रामचरितमानस’, ‘विनय पत्रिका) तथा मीराबाई (‘ राग गोविन्द’, ‘राग’ सोरठा के पद’) ।

प्रश्न 13. भक्तिकाल के दो कवियों के नाम, उनकी दो-दो रचनाएँ लिखिए तथा इस काल की दो विशेषताएँ बताइए।

उत्तर-

भक्तिकाल की दो विशेषताएँ –

(1) भक्ति भाव से ओतप्रोत काव्य,

(2) गुरु की महिमा का वर्णन  

प्रश्न 14. दो महाकाव्यों के नाम उनके रचनाकारों सहित लिखिए।

उत्तर-

प्रश्न 15. भक्तिकाल का मूल उद्देश्य क्या है ?

उत्तर – भक्तिकाल का मूल उद्देश्य लोकहित है। निराश तथा हताश जन-सामान्य को ईश्वर की भक्ति का संबल देकर उनमें आशा तथा विश्वास का संचार किया गया है। भक्तिकालीन काव्य में जीवन के प्रति आशावादी सन्देश विद्यमान है।

प्रश्न 16. आधुनिक काल को कितने युगों में विभाजित किया गया है? उनकी समय सीमा भी लिखिए।

उत्तर –

प्रश्न 17. छायावादी काव्य की प्रमुख विशेषताएँ बताइए ।

छायावादी काव्य की चार विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर-छायावादी काव्य की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

(1) व्यक्तिवाद की प्रधानता– इसमें व्यक्ति की भावनाओं का आदर हुआ है।

(2) श्रृंगार की भावना – छायावादी काव्य में श्रृंगार उपभोग की वस्तु नहीं बल्कि कौतूहल का विषय है।

(3) प्रकृति-चित्रण – प्रकृति का मानवीकरण इसकी विशेषता है।

(4) सौन्दर्यानुभूति – छायावादी कवियों की दृष्टि आन्तरिक सौन्दर्य में अधिक रमी है।

(5) वेदना और करुणा की अधिकता-वेदना एवं करुणा को स्पष्ट रूप से उजागर किया गया है।

(6) अज्ञात सत्ता से प्रेम-कवियों ने अज्ञात सत्ता को कभी प्रेयसी के रूप में कभी प्रकृति के रूप में देखा है।

(7) नारी के प्रति भावना – छायावाद में शृंगार और सौन्दर्य का सम्बन्ध सुकुमार नारी से है।

प्रश्न 18. छायावादी चार प्रमुख कवि और उनकी दो-दो रचनाएँ लिखिए।

अथवा

छायावाद के दो कवियों तथा उनकी एक-एक रचना का नाम लिखिए ।

उत्तर-

प्रश्न 19. प्रगतिवादी काव्य की विशेषताएँ लिखिए ।

उत्तर– प्रगतिवादी काव्य की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

(1) शोषितों से सहानुभूति ।

(2) आर्थिक व सामाजिक समानता पर बल ।

(3) नारी शोषण के प्रति मुक्ति की आवाज ।

(4) ईश्वर के प्रति अनास्था ।

(5) सामाजिक यथार्थ का चित्रण ।

(6) प्रतीकों का प्रयोग ।

(7) भाग्यवाद की अपेक्षा कर्मवाद की श्रेष्ठता पर बल ।

प्रश्न 20. चार प्रगतिवादी कवि और उनकी एक-एक रचना का नाम लिखिए।

उत्तर-

प्रश्न 21. नई कविता की प्रमुख विशेषताएँ संक्षेप में लिखिए।

अथवा

नई कविता की दो विशेषताएँ लिखते हुए दो कवियों के नाम लिखिए ।

उत्तर- नई कविता की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

(1) लघुमानववाद की प्रतिष्ठा ।

(2) प्रयोगों में नवीनता।

(3) क्षणवाद को महत्व – जीवन के प्रत्येक क्षण के महत्व को माना है।

(4) अनुभूतियों का वास्तविक चित्रण ।

(5) कुंठा, संत्रास, मृत्युबोध – इनका मनोवैज्ञानिक ढंग से चित्रण किया गया है।

(6) बिम्ब-नए बिम्बों की खोज की है।

(7) व्यंग्य प्रधान रचनाएँ।

नई कविता के प्रमुख कवि – भवानीप्रसाद मिश्र, डॉ. जगदीश चन्द्र गुप्त, दुष्यन्त कुमार ।

प्रश्न 22. नई कविता के चार प्रमुख कवियों के नाम और उनकी दो-दो रचनाओं के नाम लिखिए ।

उत्तर-

Class 9th Hindi Grammar पद्य साहित्य का इतिहास एवं काल विभाजन

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