पाठ 3 महाजनपदकाल से शुंग और सातवाहन काल

MP Board Class 8th Solution For Hindi Medium Sahayak Vachan म.प्र. बोर्ड कक्षा 8th का संपूर्ण हल सहायक वाचन

खण्ड 1 हमारा मध्यप्रदेश

पाठ 3 महाजनपदकाल से शुंग और सातवाहन काल

रिक्त स्थानों की पूर्ति

(1) नंदों के बाद ————– का आधिपत्य रहा।

(2) महाजनपद काल में————–आ चुके थे।

(3) बौद्ध साहित्य में प्रद्योत को उसके पराक्रम के कारण————–की पदवी से विभूषित किया गया।

(4) अशोक ने बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए अपने पुत्र ————–एवं पुत्री ————– को श्रीलंका भेजा।

उत्तर-(1) मौर्यों, (2) सोलह, (3) महासेन, (4) महेन्द्र, संघमित्रा।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. मध्य प्रदेश में कौन-कौन से महाजनपद थे एवं उनका विस्तार कहाँ तक था? लिखिए।

उत्तर– मध्य प्रदेश में चेदि और अवंति महाजनपद थे। चेदि महाजनपद के अन्तर्गत आज के मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में विस्तारित बुन्देलखण्ड का क्षेत्र आता था। शुक्तमति इसकी राजधानी थी। अवंति महाजनपद के अन्तर्गत मालवा का क्षेत्र आता था। इसके दो भाग थे एक उत्तरी अवंति और दूसरा दक्षिण अवंति। उत्तरी अवंति की राजधानी उज्जैनी थी और दक्षिण अवंति की राजधानी महिष्मति थी जिसे आज महेश्वर के नाम से जाना जाता है। विदिशा और ऐरण इसके प्रमुख नगर थे।

प्रश्न 2 – बुद्धकाल में भारत में कौन से प्रमुख साम्राज्य थे व मध्य प्रदेश से सम्बन्धित कौन-सा साम्राज्य था?

उत्तर–बुद्ध के समय भारत में चार प्रमुख साम्राज्य थे–

1. अवंति (वर्तमान में मालावा), 2. कौशल, 3. वत्स और 4. मगध ।

मध्य प्रदेश से सम्बन्धित अवंति साम्राज्य था।

प्रश्न 3. मौर्यकाल में मध्य प्रदेश का महत्व समझाइए।

उत्तर – मोर्यों ने मध्य प्रदेश में स्थित अवंति को प्रान्त बनाया जिसकी राजधानी उज्जयिनी थी। सम्राट अशोक ने उज्जयिनी और निमाड़ अंचल के कसरावद में स्तूपों का निर्माण कराया। रायसेन जिले में साँची और सतना जिले के भरहुत में विश्व प्रसिद्ध स्तूप बनवाए। जबलपुर के निकट रूपनाथ, विदिशा के निकट बेसनगर, पवाया (ग्वालियर), ऐरण (सागर), गुर्जरा (दतिया) इत्यादि में स्तम्भ व शिलालेख लगवाए। इस प्रकार मौर्य वंश का मध्य प्रदेश पर गहरा प्रभाव पड़ा। यह इस क्षेत्र की शांति व समृद्धि का दौर था।

प्रश्न 4. शुंग शासक काल के प्रदेश में कौन-से प्रमाण प्राप्त हैं?

उत्तर – विंध्य प्रदेश में भरहुत के शिलालेखों में शुंगवंश का उल्लेख आया है, जिससे यह प्रमाणित होता है कि यह क्षेत्र उनके साम्राज्य के अन्तर्गत था। कालिदास की रचना मालविकाग्निमित्रम् के अनुसार शुंग वैम्बिक वंश के थे। बौद्धायन श्रोत सूत्र के अनुसार वैम्बिक कश्यप गौत्रिय ब्राह्मण थे। हरिवंश से भी इसकी पुष्टि होती है। हर्षचरित के अनुसार पुष्यमित्र शुंग ब्राह्मण राजा था। उसने साँची में स्तूपों का आकार बढ़ाया तथा वेदिका स्थापित की। इसी समय भरहुत के स्तूप की चहारदीवारी व तोरण द्वार का निर्माण हुआ।

प्रश्न 5. प्रदेश में नाग शासकों का राज्य कहाँ था?

उत्तर-प्रदेश में ग्वालियर के आस-पास के क्षेत्र में नगर पद्मावती (वर्तमान में पवाया) नागवंशीय राजाओं की राजधानी थी। ग्वालियर और पश्चिम बुन्देलखण्ड का अधिकांश भाग इस राज्य के अन्तर्गत था।

प्रश्न 6. कार्दमक वंश के सिक्के कहाँ-कहाँ प्राप्त हुए हैं?

उत्तर-कार्दमक वंश के सिक्के उज्जैन, विदिशा तथा शिवपुरी में प्राप्त हुए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *