पाठ 5 अफ्रीका में गांधी जी के संघर्षमय कार्य

MP Board Class 8th Solution For Hindi Medium Sahayak Vachan म.प्र. बोर्ड कक्षा 8th का संपूर्ण हल सहायक वाचन

खण्ड 3 महात्मा गांधी

पाठ 5 अफ्रीका में गांधी जी के संघर्षमय कार्य

प्रश्न 1 अफ्रीका में गांधी जी को किन किन अपमानजनक घटनाओं का सामना करना पडा ?

उत्तर-दक्षिण अफ्रीका की एक अदालत में मजिस्ट्रेट नेगाँधीजी को पगड़ी उतारने का हुक्म दिया। गाँधीजी ने इसे स्वीकार नहीं किया। प्रीटोरिया जाते समय गाँधीजी को रेल के डिब्बे से हठात् बाहर निकाल दिया गया तथा सामान को भी बाहर प्लेटफार्म पर फेंक दिया। वे एक ट्राम गाड़ी में बैठे थे तो उन्हें काले आदमी कहकर घोड़े के निकट बैठाया गया। सड़े अण्डे भी उन पर फेंके गये परन्तु इन सब घटनाओं से वे तनिक भी विचलित नहीं हुए। वे शान्त एवं मौन भाव से इसे सहते रहे।
प्रश्न 2. इन घटनाओं की गाँधीजी पर क्या प्रतिक्रिया हुई ?
उत्तर-इन घटनाओं का गाँधीजी पर यह प्रभाव पड़ा कि उनको स्वयं को अपमान का अनुभव होने लगा। उन्होंने निकट भविष्य में अंग्रेजों से मोर्चा लेने का मन बना लिया।
प्रश्न 3. गाँधीजी ने भारत आना क्यों स्थगित कर दिया?
उत्तर-‘नैटाल मर्करी’ नामक अखबार में, विधान सभा भारतीयों को मताधिकार से वंचित करने वाला विधेयक विधान सभा के अगले सत्र में उपस्थित करने की बात छपी थी। अंग्रेजों की इस कार्यवाही का विरोध करने के लिए गाँधीजी ने भारत आना स्थगित कर दिया।
प्रश्न 4. नैटाल में गाँधीजी ने भारतीयों को कैसे संगठित किया?
उत्तर-नैटाल में भारतीयों को संगठित करने के लिए गाँधीजी ने ‘नैटाल इण्डियन कांग्रेस’ नामक संस्था बनायी। एक माह के अन्तराल में ही इसके सदस्यों की संख्या दो सौ तक पहुंच गई। श्री अब्दुल्ला को इसका अध्यक्ष एवं गाँधीजी को दूसरा मन्त्री मनोनीत किया गया। दोनों ने मिलकर वहाँ संगठन को मजबूती तथा गति प्रदान की।
प्रश्न 5. नैटाल में गाँधीजी ने भारतीय शिक्षण संघ की स्थापना क्यों की?
उत्तर– इस संस्था के माध्यम से पुराने भारतीयों के बच्चों को शिक्षित करके वे उनमें मातृभूमि का प्रेम जागृत करना चाहते थे।
प्रश्न 6. भारत में आकर गाँधीजी ने प्रवासी भारतीयों की दुर्दशा से लोगों को कैसे अवगत कराया ?
उत्तर- भारत में आकर गाँधीजी ने प्रवासी भारतीयों की दयनीय अवस्था और उन पर गोरों के अत्याचारों की हृदय-विदारक घटनाओं से भरी एक पुस्तक लिखकर प्रवासी भारतीयों की दुर्दशा से अवगत कराया। इस पुस्तक का आवरण पृष्ठ हरा था। इसलिए यह ‘हरी पुस्तिका’ के नाम से मशहूर हो गई।
प्रश्न 7. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(क) नैटाल इण्डियन कांग्रेस की स्थापना सन् ————– में हुई ।
(ख) नैटाल इण्डियन कांग्रेस के अध्यक्ष ———–और———–मन्त्री चुने गये।
(ग) हरी पुस्तिका का प्रकाशन————- में हुआ था।
(घ) गाँधीजी ———- को अपना राजनीतिक गुरु मानते थे।
उत्तर-(क) 1894, (ख) सेठ अब्दुल्ला, बैरिस्टर गाँधी, (ग) राजकोट, (घ) गोपालकृष्ण गोखले।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *