MP Board Class 9th Sanskrit Shemushi Solution Chapter 7 – प्रत्यभिज्ञानम्

कक्षा नवमीं संस्कृत – शेमुषी (Class 9 Sanskrit Shemushi)

पाठ: सप्तम् – प्रत्यभिज्ञानम्

पाठ का अभ्यास

प्रश्न १. एकपदेन उत्तरं लिखत- (एक शब्द में उत्तर लिखिए – )

(क) कः उमावेषमिवाश्रितः भवति ?

(कौन पार्वती के वेश को धारण किए हुए है ?)

उत्तर – हरः। ( भगवान् शिवः) ।

(ख) कस्याः अभिभाषणकौतूहलं महत् भवति ?

(किसकी बात करने की बहुत उत्सुकता हो रही है ?)

उत्तर-बृहन्नलायाः। (बृहन्नला की)।

(ग) अस्माकं कुले किमनुचितम् ?

(हमारे कुल में क्या उचित नहीं है ?)

उत्तर-आत्मस्तवकर्तुम्। (अपनी प्रशंसा अपने आप करना) ।

(घ) कः दर्पप्रशमनं कर्तुमिच्छति ?

(कौन घमण्ड शान्त करना चाहता है ?)

उत्तर- राजा। (राजा) ।

(ङ) कः अशस्त्रः आसीत् ?

( कौन बिना शस्त्र के था ?)

उत्तरवल्लभः। (वल्लभ)।

(च) कया गोग्रहणम् अभवत् ?

(किसके द्वारा गायों का चुराना हुआ ?)

उत्तर– दुर्योधनादिना। (दुर्योधन आदि के द्वारा)।

(छ) कः ग्रहणं गतः आसीत् ?

(कौन पकड़ा गया था ?)

उत्तर-अभिमन्युः। (अभिमन्यु) ।

प्रश्न २. अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषया लिखत-

(नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर संस्कृत भाषा के द्वारा लिखिए-)

(क) भटः कस्य ग्रहणम् अकरोत् ?

(सैनिक ने किसको पकड़ लिया था ?)

उत्तर– भटः सौभद्रस्य (अभिमन्योः) ग्रहणम् अकरोत् ।

(सैनिक ने अभिमन्यु को पकड़ लिया था।)

(ख) अभिमन्युः कथं गृहीतः आसीत् ?

(अभिमन्यु किस प्रकार पकड़ा गया था ?)

उत्तर – अभिमन्युः अशस्त्रेण भीमेन बाहुभ्याम् गृहीतः आसीत् ।

(अभिमन्यु शस्त्र के बिना भीम के द्वारा भुजाओं से ही पकड़ा गया था।)

(ग) कः वल्लभ-बृहन्नलयोः प्रश्नस्य उत्तरं न ददाति ?

(कौन वल्लभ और बृहन्नला के प्रश्न का उत्तर नहीं देता है ?)

उत्तर-अभिमन्युः वल्लभ – बृहन्नलयो: प्रश्नस्य उत्तरं न ददाति ।

(अभिमन्यु वल्लभ और बृहन्नला के प्रश्न का उत्तर नहीं देता है)

(घ) अभिमन्युः स्वग्रहणे किमर्थम् आत्मानं वञ्चितम् अनुभवति ?

अभिमन्यु अपने पकड़े जाने पर किसलिए अपने आप को ठगा हुआ-सा अनुभव करता है ?)

उत्तर- भीम: अशस्त्रः वञ्चयित्वा अभिमन्युं गृहीवान् अतः अभिमन्युः स्वग्रहणे आत्मानं वञ्चितम् अनुभवति ।

(भीम ने बिना शस्त्र के धोखे से अभिमन्यु को पकड़ा था इसलिए अभिमन्यु अपने पकड़े जाने पर अपने आप को ठगा हुआ-सा अनुभव करता है।)

(ङ) कस्मात् करणात् अभिमन्युः गोग्रहणं सुखान्तं मन्यते ?

(किस कारण से अभिमन्यु ने गायों के अपहरण को सुखान्त माना ?)

उत्तर- अभिमन्युः गोग्रहणं सुखान्तं मन्यते यतः एतेन एव तस्य पितरः दर्शिताः ।

(अभिमन्यु ने गायों के अपहरण को सुखान्त माना क्योंकि इससे ही उसके पिताओं के दर्शन हो गये थे ।)

प्रश्न ३. अधोलिखितवाक्येषु प्रकटितभावं चिनुत-

(नीचे लिखे वाक्यों में प्रकटित भाव को चुनिए -)

(क) भो: को नु खल्वेषः ? येन भुजैकनियन्त्रितो बलाधिकेनापि न पीडितः अस्मि । (विस्मियः भयम्, जिज्ञासा)

(ख) कथं कथं ! अभिमन्युर्नामाहम्।

(आत्मप्रशंसा, स्वाभिमानः, दैन्यम्)

(ग) कथं मां पितृवदाक्रम्य स्त्रीगतां कथां पृच्छसे ?

(लज्जा, क्रोध:, प्रसन्नता)

(घ) धनुस्तु दुर्बलैः एव गृह्यते मम तु भुजौ एव प्रहरणम् ।

(अन्धविश्वासः, शौर्यम्, उत्साहः)

(ङ) बाहुभ्यामाहृतं भीमः बाहुभ्यामेव नेष्यति ।

(आत्मविश्वासः, निराशा, वाक्यसंयमः)

(च) दिष्ट्या गोग्रहणं स्वन्तं पितरो येन दर्शिताः ।

(क्षमा, हर्षः, धैर्यम्)

उत्तर- (क) विस्मय:, (ख) स्वाभिमानः, (ग) क्रोध:, (घ) शौर्यम्, (ङ) आत्मविश्वासः, (च) हर्षः ।

प्रश्न ४. यथास्थानं रिक्तस्थानपूर्ति कुरुत-

(उचित जगह पर रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए -)

उत्तर- (क) खलु + एषः =    खल्वेषः

(ख) बल + अधिकेन + अपि = बलाधिकेनापि

(ग) विभाति + उमावेषम् + इव + आश्रितः = विभात्यमावेषमिवाश्रितः

(घ) वाचालयतु + एनम् = वाचालयत्वेनम्

(ङ) रुष्यति + एष = रुष्यत्येष

(च) त्वमेव + एनम् = त्वमेवैनम्

(छ) यातु + इति = यात्विति

(ज) धनञ्जय + इति = धनञ्जयायेति

प्रश्न ५. अधोलिखितानि वचनानि कः कं प्रति कथयति-

(नीचे लिखी बातें कौन किसके लिए कह रहा है ?)

यथा-                                        कः            कं प्रति

आर्य, अभिभाषणकौतूहलं मे महत्             बृहन्नला        भीमसेनम्

उत्तर-

(क) कथमिदानीं सावज्ञमिव मां हस्यते       अभिमन्युः       बृहन्नलाम्

(ख) अशस्त्रेणेत्यभिधीयताम्                 अभिमन्युः       भीमसेनम्

(ग) पूज्यतमस्य क्रियतां पूजा                उत्तरः               राजानम्

(घ) पुत्रः कोऽयं मध्यमो नाम                वल्लभः         अभिमन्युम्

(ङ) शान्तं पापम् ! धनुस्तु दुर्बलैः             वल्लभः         अभिमन्युम्

एव गृह्यते

प्रश्न ६. अधोलिखितानि स्थूलानि सर्वनामपदानि कस्मै प्रयुक्तानि –

(नीचे लिखे मोटे सर्वनाम शब्द किसके लिए प्रयोग किए गए हैं-)

(क) वाचालयतु एनम् आर्यः ।

(ख) किमर्थं तेन पदातिना गृहीतः ।

(ग) कथं न माम् अभिवादयसि ।

(घ) मम तु भुजौ एव प्रहरणम् ।

(ङ) अपूर्व इव अत्र ते हर्षो ब्रूहि केन विस्मित: असि ?

उत्तर- (क) अभिमन्यवे, (ख) भीमसेनाय, (ग) राज्ञे, (घ) भीमसेनाय, (ङ) भटाय। प्रश्न ७. श्लोकानाम् अपूर्णः अन्वयः अधोदत्तः । पाठमाधृत्य रिक्तस्थानानि पूरयत- (नीचे श्लोकों के अपूर्ण अन्वय दिए हैं। पाठ के आधार पर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-)

उत्तर –

(क) पार्थं पितरम् मातुलं जनार्दनम् च उद्दिश्य कृतास्त्रस्य तरुणस्य युद्धपराजयः युक्तः।

(ख) कण्ठश्लिष्टेन बाहुना जरासन्धं योक्त्रयित्वा तत् असह्यं कर्म कृत्वा (भीमेन) कृष्णः अतदर्हतां नीतः।

(ग) रुष्यता भवता रमे । ते क्षेपेण न रुष्यामि, किं उक्त्वा अहं नापराद्धः कथं (भवान्) तिष्ठति, यातु इति ।

(घ) पादयोः निग्रहोचितः समुदाचारः क्रियताम्। बाहुभ्याम् आहृतम् (माम्) भीमः बाहुभ्याम् एव नेष्यति ।

(अ) अधोलिखितेभ्यः पदेभ्यः उपसर्गान् विचित्य लिखत-

(नीचे लिखे शब्दों में से उपसर्ग चुनकर लिखिए – )

     पदानि                   उपसर्गः

यथा- आसाद्य                  आ

उत्तर-

(क) अवतारितः                अव

(ख) विभाति                    वि

(ग) अभिभाषय               अभि

(घ) उद्भूताः                    उत्

(ङ) उत्सिक्तः                  उत्

(च) प्रहरन्ति                  प्र

(छ) उपसर्पतु                 उप

(ज) परिरक्षिता:             परि 

(झ) प्रणमति                प्र

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