कक्षा नवमीं संस्कृत – शेमुषी (Shemushi)
पाठ: द्वितीय: – स्वर्णकाकः
पाठ का अभ्यास
प्रश्न १. (अ) एकपदेन उत्तरं लिखत (एक शब्द में उत्तर लिखिए-)
(क) माता काम् आदिशत् ? (माता ने किसको आदेश दिया ?)
उत्तर -पुत्रीम् । (पुत्री को)।
(ख) स्वर्णकाकः कान् अखादत् ? (सोने के कौवे ने किनको खाया ?)
उत्तर -तण्डुलान्। (चावलों को)।
(ग) प्रासादः कीदृशः वर्तते.? (महल कैसा है ?)
उत्तर -स्वर्णमयः। (सोने का बना हआ)।
(घ) गृहमागत्य तथा का समुद्घाटिता ? (घर आकर उसके द्वारा क्या खोली गई ?)
उत्तर -मञ्जूषा। (सन्दूक)।
(ङ) लोभाविष्टा बालिका कीदृशीं मञ्जूषां नयति ? (लालच से भरी लड़की कैसी सन्दूक ले जाती है ?)
उत्तर -बृहत्तमाम्। (सबसे बड़ी)।
(आ) अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषया लिखत
(नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर संस्कृत भाषा में लिखो-)
(क) निर्धनायाः वृद्धायाः दुहिता कीदृशी आसीत् ?
(निर्धन वृद्धा की पुत्री कैसी थी ?)
उत्तर -निर्धनायाः वृद्धायाः दुहिता विनम्रा मनोहरा च आसीत्।
(निर्धन वृद्धा की पुत्री विनम्र और सुन्दर थी।)
(ख) बालिकया पूर्वं कीदृशः काकः न दृष्टः आसीत् ?
(बालिका के द्वारा पहले कैसा कौवा नहीं देखा गया था ?)
उत्तर -बालिकया पूर्वं स्वर्णपक्षो रजतचञ्चुः स्वर्णकाकः न दृष्टः आसीत्।
(बालिका के द्वारा पहले सोने के पंख और चाँदी की चोंच वाला सोने का कौवा नहीं देखा गया था।)
(ग) निर्धनायाः दुहिता मज्जूषायां कानि अपश्यत् ?
(निर्धन की पुत्री ने सन्दूक में क्या देखा ?)
उत्तर -निर्धनाया: दुहिता मञ्जूषायां महार्हाणि हीरकाणि अपश्यत्।
(निर्धन की पुत्री ने सन्दूक में बहुमूल्य हीरे देखे।)
(घ) बालिका किं दृष्ट्वा आश्चर्यचकिता जाता?
( बालिका क्या देखकर आश्चर्यचकित हो गई ?)
उत्तर -बालिका स्वर्णमयं प्रासादं दृष्ट्वा आश्चर्यचकिता जाता।
(बालिका सोने के बने महल को देखकर आश्चर्यचकित हो गई।)
(ङ) गर्विता बालिका कीदृशं सोपानम् अयाचत कीदृशं च प्राप्नोत् ?
(घमण्डी बालिका ने कैसी सीढ़ी माँगी और कैसी प्राप्त की?)
उत्तर-गर्विता बालिका स्वर्णमयं सोपानम् अयाचत ताम्रमयं च प्राप्नोत् ।
(घमण्डी बालिका ने सोने की बनी सीढ़ी माँगी और ताँबे की बनी प्राप्त की।)
प्रश्न २.(क) अधोलिखितानां शब्दानां विलोमपदं पाठात् चित्वा लिखत
(नीचे लिखे शब्दों के विलोम शब्द पाठ से चुनकर लिखो-)
उत्तर –
(i) पश्चात् – पूर्वम्
(ii) हसितुम् – रोदितुम्
(iii) अधः – उपरि
(iv) श्वेतः – कृष्णः
(v) सूर्यास्त: – सूर्योदयः
(vi) सुप्तः – प्रबुद्धः
(ख) सन्धिं कुरुत- (सन्धि करो-)
उत्तर –
(i) नि+ अवसत् = न्यवसत्
(ii) सूर्य + उदयः = सूर्योदयः
(iii) वृक्षस्य + उपरि = वृक्षस्योपरि
(iv) हि + अकारयत् = ह्यकारयत्
(v) च + एकाकिनी = चैकाकिनी
(vi) इति + उक्त्वा = इत्युक्त्वा
(vii) प्रति + अवदत् = प्रत्यवदत्
(viii) प्र + उक्तम् = प्रोक्तम्
(ix) अत्र + एव = अत्रैव
(x) तत्र + उपस्थिता = तत्रोपस्थिता
(xi) यथा + इच्छम् = यथेच्छम्
प्रश्न ३. स्थूलपदान्यधिकृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत
(मोटे अक्षरों के आधार पर प्रश्ननिर्माण करो-)
(क) ग्रामे निर्धना स्त्री अवसत्।
(गाँव में निर्धन महिला रहती थी।)
प्रश्ननिर्माणम् -ग्रामे का अवसत् ?
(गाँव में कौन रहती थी ?)
(ख) स्वर्णकाकं निवारयन्ती बालिका प्रार्थयत्।
(सोने के कौवे को दूर करती हुई बालिका ने प्रार्थना की।)
प्रश्ननिर्माणम् -कं निवारयन्ती बालिका प्रार्थयत् ?
(किसको रोकते हुई बालिका ने प्रार्थना की?)
(ग) सूर्योदयात् पूर्वमेव बालिका तत्रोपस्थिता।
(सूर्योदय से पहले ही बालिका वहाँ उपस्थित हो गई।)
प्रश्ननिर्माणम् – कस्मात् पूर्वमेव बालिका तत्रोपस्थिता ?
(किससे पहले ही बालिका वहाँ उपस्थित हो गई ?)
(घ) बालिका निर्धनमातुः दुहिता आसीत्।
(बालिका निर्धनमाता की पुत्री थी।)
प्रश्ननिर्माणम् – बालिका कस्याः दुहिता आसीत् ?
(बालिका किसकी पुत्री थी ?)
(ङ) लुब्धा वृद्धा स्वर्णकाकस्य रहस्यमभिज्ञातवती।
(लालची वृद्धा सोने के कौवे के रहस्य को जान गई।)
प्रश्ननिर्माणम् – लुब्धा वृद्धा कस्य रहस्यमभिज्ञातवती ?
(लालची वृद्धा किसके रहस्य को जान गई ?)
प्रश्न ४. प्रकृति-प्रत्यय-संयोगं कुरुत (पाठात् चित्वा वा लिखत)
(प्रकृति और प्रत्यय का संयोग करो अथवा पाठ से चुनकर लिखो )
उत्तर–
(क) वि + लोक् + ल्यप् = विलोक्य
(ख) नि+ क्षिप् + ल्यप् = निक्षिप्य
(ग) आ + गम् + ल्यप् = आगम्य
(घ) दृश् + क्त्वा = दृष्ट्वा
(ङ) शी + क्त्वा = शयित्वा
(च) लघु + तमप् = लघुतमः
प्रश्न ५. प्रकृतिप्रत्यय – विभागं कुरुत
(प्रकृति और प्रत्यय को अलग करो-)
उत्तर
प्रश्न ६. अधोलिखितानि कथनानि कः/का, कं/कां च कथयति
(नीचे लिखे कथन कौन और किससे कह रहा है-)
प्रश्न ७. उदाहरणमनुसृत्य कोष्ठकगतेषु पदेषु पञ्चमीविभक्तेः प्रयोगं कृत्वा रिक्तस्थानानि पूरयत
(उदाहरण के अनुसार कोष्ठक में दिये गये शब्दों में पंचमी विभक्ति का प्रयोग करके खाली स्थान भरो-)
यथा-मूषक: बिलाद् बहिः निर्गच्छति। (बिल)
(क) जनः ……बहिः आगच्छति। (ग्राम)
(ख) नद्यः ……निस्सरन्ति। (पर्वत)
(ग) …. पत्राणि पतन्ति। (वृक्ष)
(घ) बालकः ……. विभेति। (सिंह)
(ङ) ईश्वरः …….. त्रायते। (क्लेश)
(च) प्रभुः भक्तं …….. निवारयति। (पाप)
उत्तर-(क) ग्रामात्, (ख) पर्वतात्, (ग) वृक्षात्, (घ) सिंहात्, (ङ) क्लेशात्, (च) पापात् ।