Chapter 6 –दहन और ज्वाला पाठ के अन्तर्गत के प्रश्नोत्तर
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 64
प्रश्न 1.
क्या आप अपने घरों में प्रयुक्त होने वाले कुछ ईंधनों के नाम बता सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, हमारे घरों में प्रयुक्त होने वाले कुछ ईंधन गोबर के कण्डे, लकड़ी, कोयला, काष्ठ कोयला, मिट्टी का तेल, एलपीजी (LPG) आदि हैं।
प्रश्न 2.
व्यापार और उद्योगों में उपयोग होने वाले कुछ ईंधनों के नाम बताइए।
उत्तर:
व्यापार और उद्योगों में उपयोग होने वाले कुछ ईंधन: एलपीजी (LPG), कोयला, पेट्रोल, डीजल, नाभिकीय ईंधन आदि हैं।
प्रश्न 3.
मोटर गाड़ियाँ चलाने में कौन-से ईंधन काम में आते हैं?
उत्तर:
मोटर गाड़ियाँ चलाने में पेट्रोल, डीजल, संपीडित प्राकृतिक गैस (CNG) और एलपीजी (LPG) काम में आते हैं।
प्रश्न 4.
मोमबत्ती के जलने और कोयले जैसे ईंधन के जलने में क्या अन्तर है?
उत्तर:
मोमबत्ती ज्वाला के साथ जलती है जबकि कोयला नहीं।
दहन क्या है?
प्रश्न 1.
काष्ठ कोयले के टुकड़े को संडासी से पकड़िये और एक मोमबत्ती अथवा बुसेन बर्नर की ज्वाला के निकट लाइए। आप क्या देखते हैं?
उत्तर:
हम देखते हैं कि काष्ठ कोयला वायु में जलता है और जलकर कार्बन डाइऑक्साइड, ऊष्मा और प्रकाश देता है।
प्रश्न 2.
हमें बताया गया था कि भोजन हमारे शरीर के लिए ईंधन है।
उत्तर:
हाँ, यह ठीक है। हमारे शरीर में भोजन ऑक्सीजन से अभिक्रिया कर अपघटित होता है और ऊष्मा उत्पन्न होती है।
पृष्ठ संख्या # 65
क्रियाकलाप 6.1
प्रश्न 1.
यदि पदार्थ जलता है तो इसे दाहा दिखाइए; अन्यथा उसे अदाह्य दिखाइए।
प्रश्न 2.
क्या आप कुछ और पदार्थों के नाम बता सकते हैं जो दाह्य हैं?
उत्तर:
हाँ, कपड़े, रबड़, प्लास्टिक, कोयला आदि दाह्य पदार्थ हैं।
क्रियाकलाप 6.2
प्रश्न 1.
देखिए ज्वाला को क्या होता है?
उत्तर:
जब वायु चिमनी में नीचे से प्रवेश करती है तो मोमबत्ती निर्बाध रूप से जलती है।
प्रश्न 2.
पुनः ज्वाला को देखिए।
उत्तर:
जब चिमनी में नीचे से वायु प्रवेश नहीं कर पाती तो ज्वाला में कम्पन होता है और धुआँ उत्पन्न होता है।
प्रश्न 3.
ज्वाला को पुनः देखिए। तीनों स्थितियों में क्या होता है? क्या ज्वाला कम्पन करती हुई बुझ जाती है? क्या यह कम्पन करती है और धुआँ देती है? क्या यह अप्रभावित जलती रहती है? क्या आप दहन प्रक्रम में वायु की भूमिका के बारे में कुछ निष्कर्ष निकाल सकते हैं?
उत्तर:
इस स्थिति में ज्वाला बुझ जाती है क्योंकि उसे वायु उपलब्ध नहीं हो पाती।
पृष्ठ संख्या # 66
प्रश्न 1.
हमने पढ़ा है कि सूर्य अपनी ऊष्मा और प्रकाश स्वयं उत्पन्न करता है। क्या यह भी एक प्रकार का दहन है?
उत्तर:
सूर्य में ऊष्मा और प्रकाश नाभिकीय अभिक्रियाओं द्वारा उत्पन्न होते हैं। हाँ, यह भी एक प्रकार का दहन है।
क्रियाकलाप 6.3
प्रश्न 1.
देखिए क्या होता है? क्या कुछ समय बाद लकड़ी का कोयला जलना बन्द हो जाता है? क्या आप सोचते हैं कि यह जलना बन्द क्यों हो जाता है?
उत्तर
पहले तो कोयला जलता रहता है लेकिन जैसे ही इसके ऊपर एक काँच का जार अथवा प्लास्टिक का जार इसके ऊपर रखते हैं तो इसका जलना बन्द हो जाता है। कोयले के ऊपर जार रखने से वायु का प्रवाह रुक जाता है जो कि दहन के लिए आवश्यक है।
प्रश्न 2.
आपने सुना होगा कि जब किसी व्यक्ति के वस्त्र आग पकड़ लेते हैं तो आग बुझाने के लिए व्यक्ति को कम्बल से ढक देते हैं। क्या आप बता सकते हैं कि ऐसा क्यों करते हैं?
उत्तर:
ऐसा इसलिए करते हैं कि कम्बल से व्यक्ति को ढ़कने से उसके वस्त्रों को जलने के लिए ऑक्सीजन (वायु) नहीं मिल पाती इससे आग तुरन्त बुझ जाती है।
प्रश्न 3.
क्या एक माचिस की तीली अपने आप जल उठती है? यह किस प्रकार जलाई जाती है?
उत्तर:
नहीं, एक माचिस की तीली अपने आप नहीं जलती, इसे माचिस के बगल से रगड़कर जलाया जाता है।
प्रश्न 4.
आपको कागज के टुकड़े को जलाने का अनुभव अवश्य होगा। जब जलती हुई माचिस की तीली इसके पास लाते हैं तो क्या यह जल उठता है?
उत्तर:
हाँ, जब जलती हुई माचिस की तीली इसके पास लाते हैं तो यह जल उठता है।
प्रश्न 5.
क्या आप लकड़ी के एक टुकड़े को जलती माचिस की तीली उसके पास लाकर जला सकते हैं?
उत्तर:
नहीं, क्योंकि लकड़ी का ज्वलन ताप अधिक है। इसे जलाने के लिए लकड़ी के टुकड़े को अधिक देर तक गरम करना पड़ेगा, जबकि जलती हुई माचिस की तीली बहुत जल्दी बुझ जाती है।
प्रश्न 6.
लकड़ी या कोयले को जलाने के लिए आपको कागज अथवा मिट्टी के तेल का उपयोग क्यों करना पड़ता है?
उत्तर:
क्योंकि लकड़ी अथवा कोयले का ज्वलनांक अधिक है। इन्हें जलने से पहले गर्म होने के लिए अधिक समय की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि इन्हें जलाने के लिए कागज अथवा मिट्टी के तेल का उपयोग करना पड़ता है।
प्रश्न 7.
क्या आपने जंगल में लगने वाली आग के बारे में सुना है?
उत्तर:
हाँ, हमने गर्मी के मौसम में जंगल में लगने वाली आग के बारे में सुना है। गर्मी के मौसम में अधिक गर्मी पड़ने पर सूखी घास आग पकड़ लेती है। घास से आग पेड़ों में फैलती है और शीघ्र ही पूरा जंगल आग की चपेट में आ जाता है।
पृष्ठ संख्या # 67
प्रश्न 1.
क्या ये अनुभव आपको बताते हैं कि विभिन्न पदार्थ विभिन्न ताप पर आग पकड़ते हैं?
उत्तर:
हाँ, ये हमें बताते हैं कि विभिन्न पदार्थ विभिन्न ताप पर आग पकड़ते हैं क्योंकि प्रत्येक पदार्थ का ज्वलन ताप स्थिर होता है।
प्रश्न 2.
क्या अब आप बता सकते हैं कि कमरे के ताप पर माचिस की तीली अपने आप आग क्यों नहीं पकड़ लेती? माचिस की तीली माचिस की डिबिया के बगल में रगड़ने पर ही क्यों जल जाती है?
उत्तर:
कोई भी दाह पदार्थ तब तक आग नहीं पकड़ सकता जब तक कि उसका ताप उसके ज्वलन ताप से कम रहता है। अतः जब माचिस की तीली को माचिस की डिब्बे के बगल में रगड़ते हैं, तो यह अपने ज्वलन ताप पर पहुँच जाती है और जलने लगती है।
प्रश्न 3.
क्या आपने कभी भोजन पकाने वाले तेल को आग पकड़ते देखा है? जब तलने वाला बर्तन लम्बे समय तक जलते हुए स्टोव पर रखा रहता है?
उत्तर:
हाँ, यद्यपि भोजन पकाने वाला तेल कमरे के ताप पर आग नहीं पकड़ता है। परन्तु जब उसका ताप कमरे के ताप से अधिक हो जाता है तो यह आग पकड़ लेता है। यही कारण है कि जब तलने वाला बर्तन लम्बे समय तक जलते हुए स्टोव पर रखा रहता है तो वह अपने ज्वलन ताप पर पहुँच जाता है और आग पकड़ लेता है।
प्रश्न 4.
क्या मिट्टी के तेल का ज्वलन-ताप लकड़ी के ज्वलन ताप से कम है? क्या इसका अर्थ है कि मिट्टी के तेल के रखने में हमें विशेष सावधानी बरतनी होगी?
उत्तर:
हाँ, मिट्टी के तेल का ज्वलन ताप लकड़ी के ज्वलन ताप से कम है अतः मिट्टी के तेल के रखने में हमें विशेष सावधानी बरतनी होगी।
क्रियाकलाप 6.4
प्रश्न 1.
आप क्या देखते हैं?
उत्तर:
कागज का वह कप जिसमें पानी लिया गया है, नहीं जलता है जबकि दूसरा कप जल जाता है।
प्रश्न 2.
कागज के खाली कप का क्या होता है? जलयुक्त कागज के कप का क्या होता है? क्या इस कप का जल गर्म हो जाता है?
उत्तर:
जब खाली कप को गर्म किया जाता है तो वह कुछ क्षण में ही जलने लगता है लेकिन जलयुक्त कागज का कप नहीं जलता। हाँ, इस कप का जल गर्म हो जाता है।
पृष्ठ संख्या # 68
प्रश्न 1.
क्या आप इस परिघटना का कोई स्पष्टीकरण सोच सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, जब कागज के कप को ऊष्मा दी जाती है तो वह ऊष्मा चालन द्वारा जल में चली जाती है। अतः जल की उपस्थिति में ताप कागज के ज्वलन ताप तक नहीं पहुँच पाता इसलिए वह जलता नहीं है।
हम आग पर नियन्त्रण कैसे पाते हैं?
प्रश्न 1.
क्या आपके शहर/नगर में फायर ब्रिगेड स्टेशन है?
उत्तर:
हाँ, हमारे शहर में फायर ब्रिगेड स्टेशन है।
प्रश्न 2.
जब फायर ब्रिगेड आती है तो वह क्या करती है?
उत्तर:
वह आग के ऊपर जल की बौछार करती है।
प्रश्न 3.
आग उत्पन्न करने के लिए तीन आवश्यकताएँ होती हैं। क्या आप इन आवश्यकताओं की सूची बना सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, ये आवश्यकताएँ हैं – ईंधन, वायु (ऑक्सीजन) और ऊष्मा।
पृष्ठ संख्या # 69
प्रश्न 1.
क्या आपको याद है कि जल तेल से भारी होता है?
उत्तर:
हाँ, जल तेल से भारी होता है। जल नीचे चला जाता है और तेल ऊपर तैरता रहता है।
प्रश्न 2.
हमें कार्बन डाइऑक्साइड की आपूर्ति कहाँ से मिलती है?
उत्तर:
हमें कार्बन डाइऑक्साइड की आपूर्ति सिलिण्डरों से प्राप्त होती है। सिलिण्डरों में यह उच्च दाब पर द्रव के रूप में भरी रहती है।
प्रश्न 3.
एलपीजी किस रूप में सिलिण्डरों में रखी जाती है?
उत्तर:
सिलिण्डरों में एलपीजी द्रव के रूप में रखी जाती है।
दहन के प्रकार
प्रश्न 1.
गैस स्टोव की घुण्डी (नॉब) घुमाकर गैस चालू कर दीजिए। आप क्या देखते हैं?
उत्तर:
हम देखते हैं कि गैस तेजी से जलती है तथा ऊष्मा और प्रकाश उत्पन्न करती है।
पृष्ठ संख्या में 70
ज्वाला
प्रश्न 1.
एलपीजी ज्वाला का परीक्षण कीजिए। क्या आप ज्वाला का रंग बता सकते हैं? एक मोमबत्ती की ज्वाला का रंग कैसा होता है?
उत्तर:
हाँ, इसकी ज्वाला का रंग हल्का नीला (Bluish) होता है। मोमबत्ती की ज्वाला का रंग पीला (Yellowish) होता है। प्रश्न 2.
अपने प्रेक्षण रिकॉर्ड करिए और सारणी में लिखिए कि पदार्थ ज्वाला देता है या नहीं?
उत्तर:
दहन पर ज्वाला देने वाले पदार्थ पदार्थ:
पृष्ठ संख्या # 71
ज्वाला की संरचना क्रियाकलाप 6.5
प्रश्न 1.
क्या वहाँ ज्वाला उत्पन्न होती है? यदि ऐसा है, तो वह क्या है जो ज्वाला उत्पन्न करता है?
उत्तर:
हाँ, मोमबत्ती का पिघला हुआ मोम धागे के सहारे ऊपर आता है और दहन के समय वाष्पित होकर ज्वाला उत्पन्न करता है।
प्रश्न 2.
क्रियाकलाप 6.5 में, क्या काँच की नली से बाहर निकलने वाला मोम का वाष्प क्या ज्वाला उत्पन्न होने का कारण हो सकता है?
उत्तर”
हाँ, काँच की नली से बाहर निकलने वाला मोम का वाष्प ज्वाला उत्पन्न करने का कारण हो सकता है।
प्रश्न 3.
क्या यह दर्शाता है कि ज्वाला के अदीप्त क्षेत्र का ताप बहुत अधिक है?
उत्तर:
हाँ, यह दर्शाता है कि ज्वाला के अदीप्त क्षेत्र का ताप बहुत अधिक है।
पृष्ठ संख्या # 71-72
प्रश्न 1.
सोने और चाँदी को पिघलाने के लिए सुनार धातु की फुकनी से ज्वाला के सबसे बाहरी भाग को उस पर फूंकते हैं। वे ज्वाला के सबसे बाहरी भाग का उपयोग क्यों करते हैं?
उत्तर:
वे ज्वाला के सबसे बाहरी भाग का उपयोग इसलिए करते हैं क्योंकि ज्वाला के सबसे बाहरी भाग का ताप सबसे अधिक होता है।
पृष्ठ संख्या # 72
ईंधन क्या है?
प्रश्न 1.
जिन ईंधनों से आप परिचित हैं, उनकी सूची बनाइए। सारणी की भाँति इन्हें ठोस, द्रव और गैसीय ईंधनों में वर्गीकृत कीजिए।
उत्तर:
ईंधनों के प्रारूप:
ईंधन क्षमता
प्रश्न 1.
यदि आपसे कहा जाए कि गोबर के उपले, कोयला और एलपीजी को जलाकर पानी की एक निश्चित मात्रा को उबालें, तो आप कौन-से ईंधन को चुनेंगे? इसका कारण बताइए। आप अपने माता-पिता की मदद ले सकते हैं। क्या ये ईंधन बराबर मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न करते हैं?
उत्तर:
हम एलपीजी को चुनेंगे क्योंकि:
- यह आसानी से जलती है।
- यह आसानी से उपलब्ध हो जाती है और सस्ती है।
- यह उपले और कोयले की अपेक्षा अधिक ऊष्मा देती है।
- यह स्वच्छ ईंधन है। यह धुआँ और राख उत्पन्न नहीं करती।
नहीं, ये ईंधन की बराबर मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न नहीं करते हैं।
पृष्ठ संख्या # 73
ईंधन के दहन से हानिकारक उत्पाद प्राप्त होते हैं।
प्रश्न 1.
ओह! इसलिए हमें सलाह दी जाती है कि उस कमरे में कभी न सोयें जिसमें जलते व सुलगते कोयले की आग हो।
उत्तर:
जलते अथवा सुलगते कोयले से कार्बन मोनोक्साइड गैस निकलती है। यह अत्यन्त विषैली गैस है। इस गैस से कमरे में सो रहे व्यक्तियों की मृत्यु भी हो सकती है।
पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
दहन की परिस्थितियों की सूची बनाइए।
उत्तर:
दहन के लिए परिस्थितियाँ हैं –
- वायु (ऑक्सीजन)।
- ईंधन।
- ऊष्मा (ईंधन का ताप ज्वलन ताप से अधिक करने हेतु)।
प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
- लकड़ी और कोयला जलने से वायु का …….. होता है।
- घरों में काम करने वाला एक द्रव ईंधन ……….. है।
- जलना प्रारम्भ होने से पहले ईंधन को उसके ……….. तक गर्म करना आवश्यक है।
- तेल द्वारा उत्पन्न आग को ……… द्वारा नियन्त्रित नहीं किया जा सकता।
उत्तर:
- प्रदूषण।
- एलपीजी।
- ज्वलन ताप।
- जल।
प्रश्न 3.
समझाइए कि मोटर वाहनों में सीएनजी के उपयोग से हमारे शहरों का प्रदूषण किस प्रकार कम हुआ है?
उत्तर:
सीएनजी सल्फर और नाइट्रोजन के ऑक्साइडों का उत्पादन अल्प मात्रा में करती है। यह पेट्रोल और डीजल की अपेक्षा एक स्वच्छ ईंधन है। इससे हमारे शहरों का प्रदूषण कम हुआ है।
प्रश्न 4.
ईंधन के रूप में एलपीजी और लकड़ी की तुलना कीजिए।
उत्तर:
एलपीजी लकड़ी की अपेक्षा आसानी से जलती है और अधिक ऊष्मा देती है। यह धुआँ और राख का उत्पादन नहीं करती। यह एक स्वच्छ ईंधन है। यह वायु को प्रदूषित नहीं करती जबकि लकड़ी वायु को प्रदूषित करती है।
प्रश्न 5.
कारण बताइए –
- विद्युत् उपकरण से सम्बद्ध आग पर नियन्त्रण पाने हेतु जल का उपयोग नहीं किया जाता।
- एलपीजी लकड़ी से अच्छा घरेलू ईंधन है।
- कागज स्वयं सरलता से आग पकड़ लेता है जबकि ऐलुमिनियम पाइप के चारों ओर लपेटा गया कागज का टुकड़ा आग नहीं पकड़ता।
उत्तर:
- जल विद्युत् का सुचालक है इससे आग बुझाने वाले व्यक्ति को करंट लग सकता है। इसलिए विद्युत् उपकरण से सम्बद्ध आग पर नियन्त्रण पाने हेतु जल का उपयोग नहीं किया जाता।
- एलपीजी लकड़ी की अपेक्षा अच्छा घरेलू ईंधन है। क्योंकि यह सस्ता और आसानी से उपलब्ध है। यह अधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न करता है। इससे हानिकारक गैसों का उत्पादन नहीं होता।
- क्योंकि कागज एक दाह्य पदार्थ है। यह आसानी से आग पकड़ लेता है। परन्तु जब इसे ऐलुमिनियम पाइप के चारों ओर लपेट कर ऊष्मा देते हैं तो ऊष्मा ऐलुमिनियम पाइप में प्रवाहित हो जाती है जिससे पाइप के चारों ओर लपेटे हुए कागज का ज्वलन ताप कम हो जाता है। यही कारण है कि ऐलुमिनियम पाइप पर लपेटा हुआ कागज का टुकड़ा आग नहीं पकड़ता।
प्रश्न 6.
मोमबत्ती की ज्वाला का चिह्नित चित्र बनाइए।
प्रश्न 7.
ईंधन के ऊष्मीय मान को किस मात्रक द्वारा प्रदर्शित किया जाता है?
उत्तर:
ईंधन के ऊष्मीय मान को किलोजूल प्रति किलोग्राम (k J/kg) मात्रक द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
प्रश्न 8.
समझाइए कि CO2 किस प्रकार आग को नियन्त्रित करती है?
उत्तर:
ऑक्सीजन से भारी होने के कारण CO2 आग को एक कम्बल की तरह लपेट लेती है। इससे ईंधन और ऑक्सीजन के बीच सम्पर्क टूट जाता है और आग पर नियन्त्रण हो जाता है।
प्रश्न 9.
हरी पत्तियों के ढेर को जलाना कठिन होता है परन्तु सूखी पत्तियों में आग आसानी से लग जाती है। समझाइए।
उत्तर:
हरी पत्तियों के ढेर को जलाना इसलिए कठिन होता है क्योंकि उनमें जल की मात्रा अधिक होती है। परन्तु सूखी पत्तियों में आग आसानी से इसलिए लग जाती है क्योंकि उनमें जल की मात्रा होती ही नहीं और होती भी है तो बहुत कम।
प्रश्न 10.
सोने और चाँदीको पिघलाने के लिए स्वर्णकार ज्वाला के किस क्षेत्र का उपयोग करते हैं और क्यों?
उत्तर:
सोने और चाँदी को पिघलाने के लिए स्वर्णकार धातु की फुकनी द्वारा ज्वाला के सबसे बाहरी क्षेत्र का उपयोग करते हैं। क्योंकि ज्वाला के सबसे बाहरी क्षेत्र का ताप सबसे अधिक होता है जो चाँदी और सोने को पिघलाने के लिए काफी है। प्रश्न 11.
एक प्रयोग में 4.5 kg ईंधन का पूर्णतया दहन किया गया। उत्पन्न ऊष्मा का 1,80,000 kJ था। ईंधन का ऊष्मीय मान परिकलित कीजिए।
हल:
प्रश्न 12.
क्या जंग लगने के प्रक्रम को दहन कहा जा सकता है? विवेचना कीजिए।
उत्तर:
हाँ, जंग लगने के प्रक्रम को दहन कहा जा सकता है क्योंकि यह दहन की मन्द प्रक्रिया है। जंग लगने की प्रक्रिया वायुमण्डल में आर्द्रता में उपस्थित ऑक्सीजन की उपस्थिति में होती है।
प्रश्न 13.
आबिदा और रमेश ने एक प्रयोग किया जिसमें बीकर में रखे जल को गर्म किया गया। आबिदा ने बीकर को मोमबत्ती की ज्वाला के पीले आग के पास रखा। रमेश ने बीकर को ज्वाला के सबसे बाहरी भाग के पास रखा। किसका पानी कम समय में गर्म हो जाएगा।
उत्तर:
रमेश के बीकर का पानी कम समय में गर्म हो जाएगा क्योंकि ज्वाला का बाहरी भाग सबसे गर्म होता है और पीला भाग आंशिक दहन वाला और कम गर्म होता है।