MP Board Class 7th Solution For Sahayak Vachan Chapter 7 : श्रमशीलता

Class 7th सहायक वाचन Solution

खण्ड 1 : नैतिक शिक्षा

पाठ 7 : सहनशीलता

लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. ‘श्रम’ से आप क्या समझते हो ?
उत्तरश्रम ” मेहनत करना श्रम कहलाता है। “
प्रश्न 2. ‘श्रम’ महान कार्य कब कहलाता है ?
उत्तर- जब श्रम राष्ट्रीयता की श्रेष्ठतम भावना से जोड़ दिया जाता है, तो वह महान कार्य कहलाता है।
प्रश्न 3. हेनरी फोर्ड साधारण नौकर से स्वावलम्बी मैकेनिक कैसे बन गए ?
उत्तर – अपनी लगन एवं श्रमशीलता के फलस्वरूप हेनरी फोर्ड एक साधारण नौकर से स्वावलम्बी मैकेनिक (यन्त्रकार) बन गए।
प्रश्न 4. “सज्जन लोग वृक्ष के समान होते हैं।” हेनरी फोर्ड के उदाहरण द्वारा इस बात को समझाइए ।
उत्तर – धन ने फोर्ड को घमण्डी नहीं बनाया। वे फोर्ड फाउण्डे-शन के माध्यम से लाखों का दान दे चुके हैं। जन-कल्याण के कार्यों में उनकी यह सहायता उन्हें सदा ही ‘अपनी गरीबी के दिन’ स्मरण कराती रहती है। ठीक ही कहा है, “सज्जन लोग वृक्ष के समान होते हैं। फल लग जाने पर वे झुक जाते हैं।” यह उक्ति हेनरी फोर्ड पर चरितार्थ होती है।
प्रश्न 5. किसान के बेटों की दिनचर्या क्या थी ?
उत्तर–किसान के बेटे परिश्रम करने से दूर भागते थे। वे दिन भर घूमते-फिरते और काम रत्ती भर भी नहीं करते थे। वे खाते-पीते और सो जाते थे।
प्रश्न 6. “खेत में धन छिपा है। ” यह बात किसान के बेटों को कब समझ में आई ?
उत्तर–किसान के बेटों ने धन के लालच में खेत खोद डाला, पर कुछ भी हाथ नहीं लगा। गाँव वालों के कहने पर उन्होंने खेत में अनाज बो दिया। फसल लहलहा उठी। अच्छी पैदावार हुई, अनाज बेचने पर खूब पैसा मिला। तब किसान के बेटों को अपने पिता की यह बात समझ में आयी कि, “खेत में धन छिपा है।”
प्रश्न 7. “परिश्रम का फल मीठा होता है। ” प्रदत्त प्रसंग के आधार पर समझाइए ।
उत्तर–किसान के बेटे खूब मन लगाकर खेत में परिश्रम करते और फसल उगाकर वर्ष भर का खर्चा मजे से चलाते। सच है, “परिश्रम का फल मीठा होता है।
प्रश्न 8. ‘कील के महत्त्व’ को कारीगर ने किस प्रकार समझाया ?
उत्तर – उस कारीगर ने कील के महत्व को इस प्रकार समझाया, “कील ही उन तमाम पुर्जों को जोड़ने का कार्य करती है। अगर कील कमजोर हुई तो जहाज टूट जायेगा। इसलिए हम एक-एक कील की बड़ी सावधानी से जाँच कर रहे हैं। “
प्रश्न 9. अक्षर ज्ञान की आवश्यकता के विषय में पूछे जाने पर मजदूर ने स्वाभिमान के साथ क्या उत्तर दिया था ?
उत्तर – अक्षर ज्ञान की आवश्यकता के विषय में पूछे जाने पर मजदूर ने स्वाभिमान के साथ इस प्रकार उत्तर दिया, “महाशय, जब हमारी विजय की गाथा अखबारों में छपेगी, उस समय मैं उसे स्वयं पढ़कर अपने श्रमनिष्ठा को पुरस्कृत एवं सम्मानित अनुभव करूँगा।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *