MP Board Class 7th Hindi Solution Chapter 4 : दो कविताएँ

पाठ 4 : दो कविताएँ सम्पूर्ण पद्यांशों की व्याख्या

सम्पूर्ण पद्यांशों की व्याख्या

1. 

मेघ बजे
धिन-धिन-धा धमक-धमक
मेघ बजे
दामिनी यह गयी दमक
मेघ बजे दादुर का कंठ खुला
मेघ बजे
धरती का हृदय धुला
मेघ बजे
पंक बना हरिचन्दन
मेघ बजे
हल का है अभिनन्दन
मेघ बजे।

धिन-धिन

शब्दार्थ – मेघ = बादल; दामिनी = बिजली; दादुर = मेंढक; कंठ = गला; पंक = कीचड़; अभिनन्दन = सम्मान।

सन्दर्भ – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘भाषा भारती’ के ‘दो कविताएँ’ नामक पाठ से ली गई हैं। इस कविता का शीर्षक है-‘मेघ बजे’ तथा इसके रचयिता सुप्रसिद्ध कवि नागार्जुन हैं।

प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने बादलों के घिर आने एवं। वर्षाकाल का मनोहारी वर्णन किया है।

व्याख्या – तेज गर्मी व लू के पश्चात् मौसम में आने वाले। परिवर्तन के संकेत मिल चुके हैं। आसमान में अपने सिर पर। जल का अथाह भण्डार रखे बादल घुमड़-घुमड़कर घिरने लगे हैं। बादलों की गड़गड़ाहट से पृथ्वी का प्रत्येक जीव-जन्तु व वनस्पति रोमांचित है। बादलों के झरोखों में से रह-रहकर। बिजली की चमक दिख रही है। बादलों के यूँ घिरने और वर्षा के आगमन की प्रतीक्षा में तालाबों में मेंढक टर्र-टर्र करने लगे हैं। बरसात के होने से गर्मी से व्याकुल और गंदली हुई धरा भी। सन्तुष्ट और साफ हो गयी है। वर्षा के कारण उत्पन्न हुई धरती की कीचड़ भी हरिचन्दन के समान हो गई है जिससे किसानों। ने अपने हल के स्वागत का तिलक लगाया है। बादल गर्जना करते हुए धिन-धिन-धा की विशेष संगीत-ध्वनि उत्पन्न कर रहे हैं। वास्तव में, बादलों के यूँ गरजने-बरसने से प्रकृति और भी अधिक मनोहारी हो गयी है।

2

फूले कदम्ब
टहनी-टहनी में कन्दुक सम झूले कदम्ब
फूले कदम्ब।
सावन बीता
बादल का कोप नहीं रीता
जाने कब से वो बरस रहा
ललचाई आँखों से नाहक
जाने कब से तू तरस रहा
मन कहता है, छू ले कदम्ब

फूले कदम्ब फूले कदम्ब।

शब्दार्थ – कदम्ब = एक वृक्ष; कन्दक = गेंद; कोप = क्रोध; रीता = खाली; नाहक = अधिकार रहित; तरस = पाने की ललक।

सन्दर्भ प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘भाषा भारती’ के दो कविताएँ नामक पाठ से ली गई हैं। इस कविता का नाम है ‘फूले कदम्ब’ तथा इसके रचयिता सुप्रसिद्ध कवि नागार्जुन हैं।

प्रसंग – इन पंक्तियों में बरसात के मौसम में प्राकृतिक सौन्दर्य का वर्णन किया गया है।

व्याख्या – कवि कहता है कि वर्षाकाल में जीव-जन्तुओं के साथ-साथ वनस्पतियों में भी मानो नई जान आ गयी है। कदम्ब परिवर्तित मौसम में मदमस्त हो फलने-फूलने लगा है। वृक्ष की असंख्य शाखाओं के हिलने से ऐसा प्रतीत होता है मानो कदम्ब का पेड़ एक गेंद के समान झूल रहा है। अब सावन का माह भी गुजर चुका है, किन्तु ऐसा लगता है कि बादल का गुस्सा अभी भी थमा नहीं है। वह लगातार अपनी पूरी शक्ति से अब भी जल-वर्षा के लिए तैयार खड़ा है।

कवि आगे कहता है कि तू (बादल) बिना किसी अधिकार के, लालच भरी आँखों से जाने कब से उसे (कदम्ब) देखने के लिए तरस रहा है। तेरा मन कहता है कि तू कदम्ब को स्पर्श करके अपनी इच्छा को पूर्ण कर ले। कदम्ब तो फल-फूल रहा है।

पाठ का अभ्यास

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-

(क) ‘मेघ बजने’ से कवि का क्या आशय है ?
उत्तर-
‘मेघ बजने’ से कवि का आशय बादलों के तेज आवाज के साथ गरजने से है।

(ख) ‘पंक’ किस प्रकार से हरिचन्दन लगने लगता है ?
उत्तर-
बरसात में सब ओर पानी भर जाता है जिससे मिट्टी कीचड़ का रूप धारण कर लेती है और तब वह हरिचन्दन सी दिखाई देती है।

(ग) वर्षा के आगमन से क्या-क्या परिवर्तन होने लगते हैं ?
उत्तर-
वर्षा के आगमन व बिजली चमकने से मेंढक टर्र-टर्र करने लगते हैं, पृथ्वी साफ-स्वच्छ हो जाती है, मिट्टी-पानी के मिलने से बनी कीचड़ भगवान के चन्दन जैसी लगती है जिससे किसान अपने हलों के स्वागत में तिलक लगाते हैं।

(घ) कदम्ब’ किसके समान झूलता दिखाई दे रहा है ?
उत्तर-
कदम्ब गेंद के समान झूलता दिखाई दे रहा है।

(ङ) धरती का हृदय किस प्रकार धुला लगने लगा है ?
उत्तर-
धूल व मिट्टी से अटी पड़ी पृथ्वी पर जब बरसात ‘ की बूंदें पड़ती हैं, तो सारी गन्दगी साफ हो जाती है और धरती – स्वच्छ दिखाई देने लगती है।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) ……………………….” का कण्ठ खुला।
(ख) धरती का ………………………. धुला।
(ग) ………………………. मेघ बजे।
उत्तर-
(क) दादुर,
(ख) हृदय,
(ग) धिन-धिन-धा धमक-धमक।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए
(क) हल का है अभिनन्दन।
(ख) “टहनी-टहनी में कन्दुक सम झूले कदम्ब”
उत्तर-
पद्यांशों की व्याख्या देखें।

भाषा अध्ययन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के तुकान्त शब्द लिखिए
उत्तर-
चन्दन – वन्दन;
चमक – दमक;
रीता – बीता;
बरस – तरस।

प्रश्न 2.
धिन-धिन शब्द युग्म में ध्वन्यात्मकता है। इसी प्रकार के अन्य ध्वन्यात्मक शब्द लिखिए।
उत्तर-
धमक-धमक, टहनी-टहनी।

प्रश्न 3.
इस कविता की जिन पंक्तियों में अनुप्रास अलंकार है, उन्हें छाँटकर लिखिए
उत्तर-
(क) “धिन-धिन-धा धमक-धमक”
(ख) “दामिनी यह गयी दमक”
(ग) “टहनी-टहनी में कन्दुक सम झूले कदम्ब”
(घ) “फूले कदम्ब, फूले कदम्ब।”

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों में से प्रयुक्त उपसर्ग को अलग कीजिए-
अभिनन्दन, अभिवादन, विराग, प्रवचन, अभियोग, वियोग, प्रयोग।
उत्तर-
अभिनन्दन -अभि,

अभिवादन-अभि

विराग– वि,

प्रवचन– प्र

अभियोग– अभि,

वियोग– वि,

प्रयोग – प्र

प्रश्न 5. सही विकल्प चुनिए
(क) कल सरिता ……….. समारोह में गई थी।
(1) अभिवन्दन
(2) अभिवादन
(3) अभिनन्दन
(4) अभिचन्दन।
उत्तर-
(3) अभिनन्दन,

(ख) लिखाई, ललचाई, पढ़ाई इन शब्दों में प्रत्यय ……………………….” है।
(1) खाई
(2) आई
(3) अई
उत्तर-
(2) आई।

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