MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Solution Chapter 10 : सुभाषचन्द्र बोस का पत्र

पाठ 10 : सुभाषचन्द्र बोस का पत्र

पाठ का अभ्यास

प्रश्न 1.
निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

(अ) सुभाष चन्द्र बोस को किस जेल से किस जेल के लिए स्थानान्तरण आदेश मिला?
उत्तर                                           

सुभाषचन्द्र बोस को बहरामपुर जेल (बंगाल) से माण्डले सेन्ट्रल जेल के लिए स्थानान्तरण आदेश मिला था।

(ब) सुभाषचन्द्र बोस ने माण्डले जेल को तीर्थ स्थल क्यों कहा है?
उत्तर
सुभाषचन्द्र बोस ने माण्डले जेल को तीर्थ स्थल, इसलिए कहा है, क्योंकि वह जेल एक ऐसी जेल थी जहाँ भारत का एक महानतम् सपूत (लोकमान्य तिलक) लगातार छः वर्ष तक रहा था।

(स) माण्डले जेल में लोकमान्य तिलक के साथ कैसा व्यवहार किया जाता था ?
‘उत्तर
माण्डले जेल में लोकमान्य तिलक को छ: वर्ष तक शारीरिक और मानसिक यन्त्रणाओं से गुजरना पड़ा था। वे वहाँ अकेले रहे। उन्हें बौद्धिक स्तर का कोई साथी नहीं मिला। किसी अन्य बन्दी से उन्हें मिलने-जुलने नहीं दिया जाता था। जेल और पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में ही इतने वर्षों में दो या तीन भेंट से अधिक का मौका नहीं दिया था।

(द) सुभाषचन्द्र बोस के अनुसार अपने आपको बन्दी जीवन के अनुकूल बनाने के लिए स्वयं में क्या-क्या परिवर्तन लाने पड़ते हैं?
उत्तर
सुभाषचन्द्र बोस के अनुसार अपने आपको बन्दी जीवन के अनुकूल बनाने के लिए हमें स्वयं ही पिछली आदतों का त्याग करना होता है। स्वयं को पूर्ण स्वस्थ और फुर्तीला बनाना पड़ता है। प्रत्येक नियम को सिर झुकाकर मानना पड़ता है। आन्तरिक प्रसन्नता बनाये रखनी होती है। मानसिक सन्तुलन स्थिर रखना होता है।

(य) सुभाषचन्द्र बोस ने लोकमान्य तिलक को विश्व के महापुरुषों की प्रथम पंक्ति में स्थान मिलने की सिफारिश क्यों की है ?
उत्तर
सुभाषचन्द्र बोस ने सिफारिश की है कि लोकमान्य तिलक को विश्व के महापुरुषों की प्रथम पंक्ति में स्थान मिले क्योंकि लोकमान्य तिलक प्रतिकूल और शक्तिहारी वातावरण में भी ‘गीता-भाष्य’ जैसे महान दर्शन की रचना कर सके। उनमें प्रकाण्ड पाण्डित्य था, प्रबल इच्छाशक्ति थी। उनमें साधना की गहराई और सहनशीलता थी। वे बौद्धिक क्षमतावान एवं संघर्ष शक्ति से संयुक्त थे। उन्होंने बन्दीगृह के अन्धकारमय दिनों में अपनी मातृभूमि के लिए ‘गीता-भाष्य’ जैसे अतुलनीय ग्रन्थ की रचना भेंट स्वरूप प्रस्तुत की।

प्रश्न 2.
सही विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(अ) लोकमान्य तिलक ने जेल में सुप्रसिद्ध ………. ग्रन्थ का प्रणयन किया था। (भारत की खोज/गीता भाष्य)
(ब) जेल में लोकमान्य तिलक अपना समय ………. बिताते थे। (किताबें पढ़कर/चित्र देखकर)
(स) सुभाषचन्द्र बोस ने अपने पत्र में माण्डले जेल को………..माना। (तीर्थस्थल/यातनास्थल)
उत्तर
(अ) गीताभाष्य
(ब) किताबें पढ़कर
(स) तीर्थस्थल।

भाषा अध्ययन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों को अपने वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए

अदम्य, प्रणयन, कृतित्व, सुदीर्घ, यन्त्रणा।
उत्तर
अदम्य – भारतीय स्वतन्त्रता के योद्धाओं में अदम्य साहस था।
प्रणयन – गीता भाष्य का प्रणयन लोकमान्य तिलक ने माण्डले सेन्ट्रल जेल में छ: वर्ष के बन्दी काल में किया।
कृतित्व – भारतीय मनीषियों को उनके कृतित्व के लिए आज भी स्मरण किया जाता है।
सुदीर्घ – भारतीय आजादी की लड़ाई सुदीर्घ काल तक चली।
यन्त्रणा – स्वतन्त्रता सैनिकों को बन्दीगृहों में विविध यन्त्रणाएँ दी गई।

प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों में ‘दुर- उपसर्ग तथा तम’ प्रत्यय जोड़कर शब्द बनाइए.
(क) भाग्य, गम, गति, जन, गुण। (‘दुर’ उपसर्ग जोड़कर)
उत्तर
दुर्भाग्य, दुर्गम, दुर्गति, दुर्जन, दुर्गुण।

(ख) महान, अधिक, सरल, कठिन। (‘तम’ प्रत्यय जोड़कर)
उत्तर
महानतम, अधिकतम, सरलतम, कठिनतम।

प्रश्न 3.
इस पाठ में से इक प्रत्यय से बने शब्द छांटकर लिखिए।
उत्तर
शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, राजनैतिक, दार्शनिक।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से उपसर्ग और मूल शब्द छाँटकर लिखिए
सपूत, परिवेश, सशरीर, आदेश, अनुपस्थित, स्वदेश प्रकाण्ड, सुप्रसिद्ध।

प्रश्न 5.
(क) निम्नलिखित शब्दों को पढ़िए और समझकर उनका विग्रह कीजिए
कर्मयोगी, चहारदीवारी, गीताभाष्य, शीतऋतु, धूलभरी, देशवासी. तीर्थस्थल, मन्दगति, युगनिर्माण, दशानन, दिन-रात।
उत्तर
कर्मयोगी = कर्म का योगी,

चहारदीवारी = चहार से दीवार,

गीताभाष्य = गीता का भाष्य,

शीतऋतु = शीत की ऋतु,

धूलभरी = धूल से भरी,

देशवासी = देश के वासी,

तीर्थस्थल = तीर्थ का स्थल,

मन्दगति= मन्द है जो गति,

युगनिर्माण = युग का निर्माण,

दशानन = दश हैं आनन जिसके,

दिन-रात = दिन और रात।

(ख) अपने प्रधानाध्यापक को शुल्क मुक्ति हेतु एक प्रार्थना-पत्र लिखिए।
उत्तर
सेवा में,

श्रीमान् प्रधानाध्यापक महोदय,
शासकीय माध्यमिक विद्यालय,
पीपल्या मंडी,
नीमच, (म. प्र.)

श्रीमान् जी,
सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय की कक्षा 7 का छात्र हूँ। मेरी पढ़ने में अत्यधिक रुचि है और अपनी कक्षा का मॉनीटर भी हूँ। मेरे पिता एक दफ्तर में चतुर्थी श्रेणी के कर्मचारी हैं। घर में पिताजी-माताजी सहित छः सदस्य हैं। सभी भाई-बहन आपके विद्यालय में ही शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। फीस देने में असमर्थ होने के कारण मुझे शुल्क से पूर्ण मुक्ति देने की कृपा करें।

दिनांक : 01.07.2022

विनीत
सावन कुमार
कक्षा-7


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