Class 6th सहायक वाचन Solution
खण्ड 1 : नैतिक शिक्षा
पाठ 7 : सेवा भाव
रिक्त स्थानों की पूर्ति
(1) दीनबन्धु एण्डूज ………….. की सेवा करने पहुंचे।
(2) स्वामी विवेकानन्द के गुरु ने त्याग और सेवा को इस देश के ………….. गुण बताये।
(3) गुरु रामदास जी ने अपने शिष्य अर्जुनदेव को ………….. काम सौंप दिया।
उत्तर – (1) अनाथ एवं क्षयरोगी बालक, (2) राष्ट्रीय, (3) बर्तन मांजने।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. सेवा भाव से क्या आशय है?
उत्तर – सेवा भाव वह भावना है जिसमें जरूरतमंद की तन-मन-धन से सहायता की जाती है, लेकिन सहायता करने जैसा भाव मन में नहीं आता। सेवा भाव में प्राणी मात्र का कर्तव्य होने का भाव होता है। यह व्यक्ति के मानव होने की पहचान है और इसमें मनुष्य होने के सभी गुण विद्यमान होते है।
प्रश्न 2. सेवा करने से हमें प्रसन्नता का अनुभव क्यों होता है?
उत्तर – सेवा करते समय हम ईश्वर के करीब होते हैं, अत: दूसरों के दुःख दूर करने पर उनकी खुशी देखकर हमें प्रसन्नता का अनुभव होता है।
प्रश्न 3. दीनबन्धु एण्डूज अपनी पूजा-प्रार्थना और गिरजाघर किसे मानते हैं ?
उत्तर – दीनबन्धु एण्डूज अपनी पूजा-प्रार्थना अनाथ एवं क्षयरोगी बालक की देखभाल को मानते थे और उनका गिरजाघर उस बालक की झोंपड़ी थी।
प्रश्न 4. स्वामी विवेकानन्द को उनके गुरुदेव ने मोक्ष प्राप्त करने का कौन-सा साधन बतलाया था?
उत्तर – स्वामी विवेकानन्द को उनके गुरुदेव ने मोक्ष प्राप्ति का एक पवित्र साधन भारतीय जनता की उन्नति करने की चेष्टा करना बतलाया था।
प्रश्न 5. बालक सुभाषचन्द्र बोस अपने पास के गाँव में कौन-सा कार्य करने के लिए गए थे?
उत्तर – बालक सुभाषचन्द्र बोस अपने पास के गाँव में हैजा रोगियों की सेवा का कार्य करने के लिए गए थे।
प्रश्न 6. बालक सुभाष की सेवा भावना की सराहना करते हुए माँ ने क्या कहा था ?
उत्तर – बालक सुभाष की सेवा भावना की सराहना करते हुए माँ ने कहा, “शाबाश ! मेरे बेटे, तुमको पुत्र रूप में पाकर गौरवान्वित हूँ।”
प्रश्न 7. गुरु रामदास ने अपने शिष्य अर्जुन को क्या आदेश दिया था ?
उत्तर-गुरु रामदास ने अपने शिष्य अर्जुनदेव को आश्रम में बर्तन माँजने का आदेश दिया था।
प्रश्न 8. गुरु ने अर्जुनदेव में किस त्रिवेणी की बात की है ?
उत्तर – गुरु ने अर्जुनदेव में श्रद्धा, अहंकार-शून्यता तथा अनुशासन की त्रिवेणी की बात की है।