Class 6th सहायक वाचन Solution
खण्ड 1 : नैतिक शिक्षा
पाठ 4 : वीरता
रिक्त स्थानों की पूर्ति
(1) शिवाजी की मुलाकात …………. नामक वीर बालक से हुई।
(2) मेजर शैतानसिंह को मरणोपरान्त ………….चक्र प्रदान किया गया।
(3) …………. की परीक्षा लेने के लिए शिवाजी ने कहा – “ठीक है, हो जाएँ दो-दो हाथ।”
उत्तर – (1) साँवल्या, (2) परमवीर, (3) बालक (साँवल्या)।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. वीरता से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – वीरता आत्मबल तथा मानसिक प्रेरणा से अनुप्राणित शक्ति का नाम है।
प्रश्न 2. शिवाजी और साँवल्या की भेंट कहाँ पर हुई ?
उत्तर-शिवाजी और साँवल्या की भेंट राज्य की सीमा के पास हुई।
प्रश्न 3. शिवाजी ने उस बालक की परीक्षा कैसे ली?
उत्तर – शिवाजी ने उस बालक की परीक्षा दो-दो हाथ करके ली।
प्रश्न 4. चीनी आक्रमण के समय मौसम का वर्णन करते हुए भारतीय सैनिकों की मनोदशा का वर्णन कीजिए।
उत्तर – चीनी आक्रमण के समय भीषण सर्दी पड़ रही थी। भारतीय सैनिकों की मनोदशा ऊँची थी, वे भारी गोलाबारी होने के बावजूद निडर होकर चीनी सैनिकों को मार रहे थे। मेजर शैतान सिंह के अदम्य साहस, कर्तव्य के प्रति पूर्णरूपेण निष्ठा तथा कुशल नेतृत्व की वजह से उनकी कम्पनी का प्रत्येक जवान अपनी अन्तिम साँस तक लड़ता रहा।
प्रश्न 5. भारतीय सेना का नेतृत्व करने वाले मेजर शैतान सिंह के साहस का वर्णन जिन पंक्तियों में है, उनका उल्लेख करते हुए उनके चरित्र के प्रमुख गुण लिखिए।
उत्तर – मेजर शैतान सिंह इधर से उधर भागकर प्रत्येक दल का नेतृत्व कर रहे थे, उनका साहस एवं उत्साह बढ़ा रहे थे। यह करते हुए वे घायल भी हो गए लेकिन उन्होंने अपना मोर्चा शिथिल नहीं होने दिया और प्राण हथेली पर रखकर शत्रु से युद्ध करते रहे। मेजर शैतान सिंह अदम्य साहसी, शूरवीर, पूर्णरूपेण कर्त्तव्य के प्रति निष्ठावान तथा कुशल नेतृत्वकर्ता के चारित्रिक गुणों से युक्त थे।
प्रश्न 6. भयंकर तूफान में समुद्री जहाज को बचाने के लिए बालक ने अपनी माँ से क्या कहा ?
उत्तर – भयंकर तूफान में समुद्री जहाज को बचाने के लिए बालक ने अपनी माँ से नाव को समुद्र में ले जाने की अनुमति
माँगी।
प्रश्न 7. दूसरे लोगों के प्राण बचाने के फलस्वरूप बालक को क्या पुरस्कार मिला ?
उत्तर – दूसरे लोगों के प्राण बचाने के फलस्वरूप बालक को जहाज में उसके खोए हुए पिता मिल गए।
प्रश्न 8. वीरता के कौन-कौन से गुण होते हैं ? लिखिए।
उत्तर – किसी जोखिम भरे कार्य को करने का साहस, समाज एवं राष्ट्र कल्याण के लिए त्याग व बलिदान और शूरवीरता, कर्म- शीलता, दानशीलता, धर्मशीलता इत्यादि वीरता के गुण होते हैं।