MP Board Class 6th Science Solution Chapter 11 : प्रकाश: छायाएँ एवं परावर्तन

Chapter 11 : प्रकाश: छायाएँ एवं परावर्तन

पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए बॉक्सों के अक्षरों को पुनर्व्यवस्थित करके एक ऐसा वाक्य बनाइए जिससे हमें अपारदर्शी वस्तुओं के बारे में जानकारी मिलने में सहायता हो सके।

उत्तर:

प्रश्न 2.
नीचे दी गई वस्तुओं अथवा पदार्थों को अपारदर्शी, पारदर्शी अथवा पारभासी तथा दीप्त अथवा अदीप्त में वर्गीकृत कीजिए –
वायु, जल, चट्टान का टुकड़ा, ऐलुमिनियम शीट, दर्पण, लकड़ी का तख्ता, पॉलीथीन शीट, CD, धुआँ, समतल काँच की शीट, कुहरा, लाल तप्त लोहे का टुकड़ा, छाता, प्रकाशमान प्रतिदीप्त नलिका, दीवार, कार्बन पेपर की शीट, गैस बर्नर की ज्वाला, गत्ते की शीट, प्रकाशमान टॉर्च, सेलोफोन शीट, तार की जाली, मिट्टी के तेल का स्टोव, सूर्य, जुगनू, चन्द्रमा।
उत्तर:
पारदर्शी वस्तुएँ:

वायु, जल, समतल काँच की शीट।

अपारदर्शी वस्तुएँ:
चट्टान का टुकड़ा, ऐलुमिनियम शीट, दर्पण, लकड़ी का तख्ता, लाल तप्त लोहे का टुकड़ा, छाता, प्रकाशमान प्रतिदीप्त नलिका, दीवार, कार्बन पेपर की शीट, गत्ते की शीट, प्रकाशमान टॉर्च, मिट्टी के तेल का स्टोव, सूर्य, जुगनू, चन्द्रमा।

पारभासी वस्तुएँ:

पॉलीथीन शीट, CD, धुंआ, कुहरा, गैस बर्नर की ज्वाला, सेलोफेन शीट, तार की जाली।

दीप्त वस्तुएँ:
प्रकाशमान प्रतिदीप्त नलिका, प्रकाशमान, टॉर्च, सूर्य, जुगनू, लाल तप्त लोहे का टुकड़ा, गैस बर्नर की ज्वाला, मिट्टी के तेल का स्टोव।

अदीप्त वस्तुएँ:
वायु, जल, चट्टान का टुकड़ा, ऐलुमिनियम शीट, दर्पण, लकड़ी का तख्ता, पॉलीथीन शीट, CD, धुंआ, समतल काँच की शीट, कुहरा, छाता, दीवार, कार्बन पेपर की शीट, गत्ते की शीट, सेलोफेन शीट, तार की जाली, चन्द्रमा।

प्रश्न 3.
क्या आप ऐसी आकृति बनाने के बारे में सोच सकते हैं जो एक ढंग से रखे जाने पर पर वृत्ताकार छाया बनाए तथा दूसरे ढंग से रखे जाने पर आयताकार छाया बनाए?
उत्तर:
बेलन (Cylinder) के द्वारा वृत्ताकार और आयताकार छाया बनाई जा सकती है। जब बेलन का ऊपरी सिरा सूर्य की ओर रखेंगे तो ऊपरी सिरे से बनी छाया वृत्ताकार होगी लेकिन जब बेलन को सीधा खड़ा करके सूर्य की ओर रखेंगे तो बेलन से बनने वाली छाया आयताकार होगी।

प्रश्न 4.
किसी अँधेरे कमरे में यदि आप अपने चेहरे के सामने कोई दर्पण रखें तो क्या आप दर्पण में अपना परावर्तन देखेंगे?
उत्तर:
किसी अँधेरे कमरे में यदि हम अपने चेहरे के सामने कोई दर्पण रखें तो हम दर्पण में अपना परावर्तन नहीं देख सकेंगे। दर्पण में अपना परावर्तन देखने के लिए प्रकाश की आवश्यकता होगी। प्रकाश के अभाव के कारण दर्पण से परावर्तन नहीं होगा अतः हम दर्पण में अपना परावर्तन नहीं देख सकेंगे।


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