MP Board Class 6th History Solution Chapter 10 : नए साम्राज्य और राज्य

म.प्र. बोर्ड कक्षा छठवीं संपूर्ण हल- इतिहास– हमारे अतीत 1 (History: Our Pasts – I)

Chapter 10 : नए साम्राज्य और राज्य

प्रश्न – अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से)

महत्वपूर्ण बिन्दु

  • प्रशस्ति एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ प्रशंसा होता है।
  • प्रशस्तियों में राजाओं की प्रशंसा लिखी जाती थी। गुप्तकाल में इसका अत्यधिक महत्व बढ़ गया ।
  • चन्द्रगुप्त गुप्त वंश के पहले शासक थे, जिन्होंने महाराजधिराज की बड़ी उपाधि धारण की।
  • 58 ईसा पूर्व में प्रारंभ होने वाले विक्रम संवत् को परपंरागत रूप से गुप्त राजा चन्द्रगुप्त द्वितीय के नाम से जोड़ा जाता है।
  • लगभग 1400 साल पहले पैगम्बर मुहम्मद ने अरब में इस्लाम नामक एक नए धर्म की शुरूआत की।

महत्वपूर्ण शब्द

आर्यावर्त्त – भारतवर्ष का प्राचीन नाम |

दक्षिणापथ – दक्षिण की ओर जाने वाला रास्ता ।

वंशावली – पूर्वजों की सूची ।

महादण्डनायकमुख्य न्याय अधिकारी ।

कुमारामात्यएक महत्वपूर्ण मंत्री ।

महत्वपूर्ण तिथियाँ

गुप्त वंश की शुरूआत – 1700 साल पहले।

हर्षवर्धन का शासन-1400 साल पहले।

इस्लाम धर्म की शुरूआत – 1400 साल पहले ।

पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर

पृष्ठ संख्या # 104

प्रश्न 1. यह वर्णन तुम्हें उस राजा के बारे में क्या बताता है ? राजा किस प्रकार युद्ध लड़ते थे ?

उत्तर—यह वर्णन योद्धा समुद्रगुप्त के विषय में बताता है कि राजा युद्ध के मैदान में दुश्मन के आगे सीना तान के लड़ते थे। युद्ध में लड़ने के लिए गदाओं, तलवारों, भालों तथा तीरों का उपयोग करते थे।

पृष्ठ संख्या # 105

प्रश्न 2. मानचित्र में प्रयाग (इलाहाबाद का पुराना नाम), उज्जैन तथा पाटिलपुत्र (पटना) ढूँढ़ो। ये गुप्त शासन के महत्वपूर्ण केन्द्र थे ।

उत्तर – पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या 105 पर दिये गये मानचित्र में हरे रंग के भाग में प्रयाग और पाटिलपुत्र दिखाई दे रहे है। इसी तरह उज्जैन मानचित्र के सफेद हिस्से में दिया गया है।

प्रश्न 3. आर्यावर्त्त तथा दक्षिणापथ के राज्यों के साथ समुद्रगुप्त के व्यवहार में क्या अन्तर था ? क्या इस अन्तर के पीछे तुम्हें कोई कारण दिखाई देता है ?

उत्तर – समुद्रगुप्त ने आर्यावर्त्त के नौ शासकों को हराकर उनके राज्यों को अपने साम्राज्य में मिला लिया था जबकि दक्षिणापथ के शासकों ने हार जाने के बाद समुद्रगुप्त के सामने स्वयं समर्पण कर दिया था। इसके बाद समुद्रगुप्त ने उन्हें फिर से शासन करने की अनुमति प्रदान कर दी थी।

इस अन्तर का मुख्य कारण यह था कि समुद्रगुप्त, आर्यावर्त्त के शासकों पर नियन्त्रण रख सकता था, क्योंकि वे उनकी राजधानी के नजदीक थे जबकि दक्षिणापथ शासकों पर उत्तर भारत में बैठकर नियंत्रण रखना काफी कठिन था, क्योंकि वे उसकी राजधानी से दूर थे। इसलिए समुद्रगुप्त ने उनको फिर से शासन करने की अनुमति प्रदान कर दी।

पृष्ठ संख्या # 106

प्रश्न 4. इन उपाधियों को महत्व के हिसाब से सजाओ । राजा, महाराज- अधिराज, महाराजा ।

उत्तर – उपाधियों के महत्व से उपाधियों का क्रम – राजा, महाराजा, महाराज- अधिराज ।

पृष्ठ संख्या # 107

प्रश्न 5. भारत का राजनीतिक मानचित्र देखो और सूची बनाओ कि जब हर्षवर्धन (क) बंगाल तथा (ख) नर्मदा तक गए होंगे तो आज के किन-किन राज्यों से गुजरें होंगे ?

उत्तर- (क) बंगाल जाने के लिए आज के उत्तर प्रदेश, बिहार तथा झारखण्ड राज्यों से गुजरना पड़ा होगा।

(ख) नर्मदा तक जाने के लिए उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश राज्यों से गुजरना पड़ा होगा।

पृष्ठ संख्या # 108

प्रश्न 6. वे कौन-से अन्य शासक थे जो तटों पर अपना नियत्रण करना चाहते थे ? (अध्याय 9 देखो) ।

उत्तर – श्री सातकर्णी, चोल, चेर, पांड्य तथा सातवाहन अपना नियन्त्रण करना चाहते थे ।

पृष्ठ संख्या # 109

प्रश्न 7. सोचकर बताओ कि अफसरों का पद आनुवंशिक कर देने में क्या-क्या फायदे और क्या-क्या नुकसान हो सकते थे ?

उत्तर – अफसरों का पद आनुवंशिक करने पर लाभ तथा हानि

लाभ-प्राचीन समय में कुछ महत्त्वपूर्ण प्रशासकीय पद आनुवंशिक थे बेटे अपने पिता का पद पाते थे जिसमें पिता के गुण बालक द्वारा आत्मसात किये जाते थे जैसे कवि हरिषेण अपने पिता की तरह महादण्डनायक अर्थात मुख्य न्याय अधिकारी बने । इसी तरह अफसरों के पद आनुवंशिक कर देने से पैतृक गुण आने वाली पीढ़ी में आने पर लाभ होगा।

हानि – अगर अफसर का पद आनुवंशिक कर दिया जाये तो लोकतन्त्र के मूलमंत्र सभी को समान अवसर का उल्लंघन होगा, क्योंकि जरुरी नहीं है कि अफसर का बालक/बालिका उस पद के लिये योग्य हो। साथ ही साथ एक सामान्यजन जो अफसर बनने की योग्यता रखता हो और वह उस पद को प्राप्त नहीं कर पाये तो यह उसके प्रति अन्याय होगा । इसलिए अफसरों के पद आनुवंशिक नहीं होने चाहिए।

पृष्ठ संख्या # 110

प्रश्न 8. आज अगर किसी गरीब आदमी को कुछ मिलता है और वह पुलिस में खबर करता है तो क्या उसके साथ इसी तरह का बर्ताव किया जाएगा ?

उत्तर – नहीं, ऐसा जरुरी नहीं है कि उसके साथ बुरा बर्ताव किया जाये। भारत की न्याय प्रणाली, सभी के लिए समान है। इसका गरीबी व अमीरी से कोई सम्बन्ध नहीं है । अध्ययन करने से पता चलता है कि आमतौर पर किसी को कुछ मिलता है और वह पुलिस को खबर करता है तो पुलिस द्वारा उसे धन्यवाद देकर प्रोत्साहित किया जाता है तथा समाचार-पत्रों में इस तरह की खबर छापकर और लोगों को भी प्रेरणा दी जाती है।

प्रश्न 9. एक प्रसिद्ध व्यक्ति का नाम बताओ जिसने प्राकृत में उपदेश दिए और एक राजा का नाम बताओ, जिसने प्राकृत में अपने अभिलेख लिखवाए।

उत्तर—

(1) वर्धमान महावीर ने लगभग 2500 वर्ष पहले प्राकृत भाषा में उपदेश दिये।

(2) अशोक मौर्य वंश के शासक थे जिन्होंने ज्यादातर अभिलेख प्राकृत भाषा में लिखवाए।

पृष्ठ संख्या # 111

प्रश्न 10. सेना के साथ ले जाई जाने वाली चीजों की सूची बनाओ।

उत्तर – राजा की सेना बड़ी मात्रा में साजो-सामान लेकर यात्रा करती थी। इसमें हथियारों के अतिरिक्त रोजमर्रा के उपयोग में आने वाली चीजें जैसे बर्तन, असबाव (सोने के पायदान), खाने-पीने का सामान (बकरी, हिरण, खरगोश, सब्जियाँ, मसाले), संगीतकार नगाड़े, बिगुल तथा तुरही इत्यादि सामान ले जाते थे।

प्रश्न 11. ग्रामवासी राजा के लिए क्या-क्या लेकर आते थे ?

उत्तर-ग्रामवासी राजा के लिए दही, गुड़ तथा फूलों का उपहार लाते थे। वे जानवरों के लिए चारा भी देते थे ।

पृष्ठ संख्या # 112

प्रश्न 12. मानचित्र 6 में उन रास्तों को ढूँढो जिनसे नाविक तथा सिपाही इस महाद्वीप में आए होंगे ?

उत्तर- पाठ्य-पुस्तक की पृष्ठ संख्या 76 पर प्रकाशित मानचित्र 6 में विद्यार्थी अपने गुरुजनों की सहायता से रास्ते को स्वयं ढूँढ़ने का प्रयास करें।

कल्पना करो-

प्रश्न 13. हर्षवर्धन की सेना अगले हफ्ते तुम्हारे गाँव आने वाली है। तुम्हारे माता-पिता इसके लिए तैयारी कर रहे हैं वर्णन करो कि वे क्या-क्या बोल रहे हैं और क्या कर रहे हैं ?

उत्तर – माता-पिता राजा हर्षवर्धन और उनकी सेना के आने की तैयारी कर रहे हैं। दही, गुड़ तथा फलों का एक बड़ा भण्डार तैयार किया जा रहा है तथा पशुओं को खिलाने के लिए चारा का भी प्रबंध किया जा रहा है। माता-पिता गाँव वालों के साथ मिलकर अपनी शिकायतों को भी इकट्ठा कर रहे हैं जो उनके प्रशासनिक अधिकारी गाँवों की जनता पर समय-समय पर करते हैं।

आओ याद करें-

पाठान्त प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. सही या गलत बताओ-

(क) हरिषेण ने गौतमी पुत्र श्री सातकर्णी की प्रशंसा में प्रशस्ति लिखी ।

(ख) आर्यावर्त्त के शासक समुद्रगुप्त के लिए भेंट लाते थे ।

(ग) दक्षिणापथ में बारह शासक थे ।

(घ) गुप्त शासकों के नियंत्रण में दो महत्त्वपूर्ण केन्द्र तक्षशिला और मदुरै थे।

(ङ) ऐहोल पल्लवों की रजाधानी थी।

(च) दक्षिण भारत में स्थानीय सभाएँ सदियों तक काम करती रहीं ।

उत्तर– (क) गलत, (ख) गलत, (ग) सही, (घ) गलत, (ङ) गलत, (च) सही ।

प्रश्न 2. ऐसे तीन लेखकों के नाम बताओ, जिन्होंने हर्षवर्धन के बारे में लिखा ।

उत्तर – बाणभट्ट, श्वैन त्सांग और रवि कीर्ति ऐसे तीन लेखकों के नाम हैं, जिन्होंने हर्षवर्धन के विषय में लिखा ।

प्रश्न 3. इस युग में सैन्य संगठन में क्या बदलाव आए ?

उत्तर– इस युग में सैन्य संगठन में निम्नलिखित बदलाव आए-

(1) राजा एक सुसंगठित सेना रखते थे जिसमें हाथी, रथ, घुड़सवार और पैदल सिपाही होते थे।

(2) वे सेनानायक भी रखते थे जो आवश्यकता पड़ने पर राजा को सैनिक सहायता दिया करते थे ।

(3) इन सेनानायकों को नियमित वेतन नहीं दिया जाता था। इन्हें भूमिदान दिया जाता था। वे दी गई भूमि से कर वसूल करते थे जिससे वे सेना तथा घोड़ों की देखभाल करते थे

(4) ये सेनानायक सामंत कहलाते थे। जहाँ कहीं भी शासक दुर्बल होते थे ये सामंत स्वतन्त्र होने की कोशिश करते थे ।

प्रश्न 4. इस काल की प्रशासनिक व्यवस्था में तुम्हें क्या-क्या नई चीजें दिखती हैं ?

उत्तर – प्रशासन की प्राथमिक इकाई गाँव होते थे। धीरे-धीरे कई बदलाव आए। राजाओं ने आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक या सैन्य शक्ति रखने वाले लोगों का समर्थन जुटाने के लिए कई कदम उठाए ।

(i) कुछ महत्त्वपूर्ण प्रशासकीय पद आनुवंशिक बन गए जिसका अर्थ है बेटे अपने पिता का पद पाते थे। जैसे कि कवि हरिषेण अपने पिता की तरह महादंडनायक अर्थात् मुख्य न्याय अधिकारी थे।

(ii) कभी-कभी एक ही व्यक्ति कई पदों पर कार्य करता था जैसे कि हरिषेण एक महादंडनायक होने के साथ-साथ कुमारामात्य अर्थात् एक महत्त्वपूर्ण मंत्री तथा एक संधि-विग्राहिक अर्थात् युद्ध और शान्ति के विषयों का भी मंत्री था ।

(iii) स्थानीय प्रशासन में प्रमुख व्यक्तियों का बोलबाला था। इनमें नगर-श्रेष्ठी यानि मुख्य बैंकर या शहर का व्यापारी, सार्थवाह यानि व्यापारियों के काफिले का नेता, प्रथम कुलिक अर्थात् मुख्य शिल्पकार तथा कायस्थों यानि लिपिकों के प्रधान जैसे लोग होते थे ।

आओ चर्चा करें-

प्रश्न 5. तुम्हें क्या लगता है कि समुद्रगुप्त की भूमिका अदा करने के लिए अरविन्द को क्या-क्या करना पड़ेगा ?

उत्तर – अरविन्द को समुद्रगुप्त की भूमिका अदा करने के लिए निम्नलिखित कार्य करने पड़ेंगे-

(1) उसे शाही वेषभूषा पहननी होगी और मेकअप द्वारा अपने शरीर पर युद्ध में बने घावों को प्रदर्शित करना होगा ।

(2) उसे अपने आपको भारत के महान सम्राट के रूप में अभिनीत करना होगा ।

(3) उसे शन्ति काल में अपने आपको एक विद्वान राजा और एक उत्कृष्ट कवि के रूप में प्रस्तुत करना होगा।

(4) उसे अपने आपको संगीत ज्ञाता के रूप में वीणा भी बजानी पड़ेगी।

प्रश्न 6. क्या प्रशस्तियों को पढ़कर आम लोग समझ लेते होंगे ? अपने उत्तर के कारण बताओ ?

उत्तर – ‘ प्रशस्ति’ एक संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है-प्रशंसा । प्रशस्तियाँ प्रायः जनसाधारण भाषा में ही लिखी जाती थीं, लेकिन उस काल में अशिक्षित होने के कारण लोग उन्हें स्वयं नहीं पढ़ पाते थे। अतः राजा द्वारा नियुक्त किए गए लोग उन्हें पढ़कर सामान्य जनता को सुनाते थे ।

आओ करके देखें-

प्रश्न 7. अगर तुम्हें अपनी वंशावली बनानी हो, तो तुम उसमें किन लोगों को शामिल करोगे ? कितनी पीढ़ियों को तुम इसमें शामिल करना चाहोगे ? एक चार्ट बनाओ और उसे भरो।

उत्तर – अगर मैं अपनी वंशावली में अपनी तीन पीढ़ियों को शामिल करना पंसद करूँगा । एक चार्ट के माध्यम से मैं अपनी पीढ़ी को दर्शाऊँगा ।

प्रश्न 8. आजयुद्ध का असर जनसाधारण पर किस तरह पड़ता है ?

उत्तर – युद्ध हमेशा विनाशकारी होते हैं। वर्तमान परिस्थितियों में युद्ध का असर जनसाधारण पर निम्नलिखित तरह से पड़ता है-

(1) बड़ी संख्या में जनसाधारण की मृत्यु होगी ।

(2) सम्पत्ति का विनाश होगा।

(3) युद्धों पर होने वाले खर्चों के कारण करों में वृद्धि होगी ।

(4) महँगाई बढ़ेगी।

(5) जनसाधारण के मरने से महामारी फैल सकती है।

(6) युद्ध में प्रयोग होने वाले रासायनिक हथियारों के प्रयोग से सारा वायुमण्डल प्रदूषित हो जायेगा ।

(7) देश युद्ध के कारण आर्थिक संकट में बुरी तरह फँस जायेगा ।

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