म.प्र. बोर्ड कक्षा आठवीं संपूर्ण हल- भूगोल – हमारा पर्यावरण 3 (Geography: Our Environment – III )
पाठ 3 : खनिज और शक्ति संसाधन
प्रश्न – अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से)
महत्वपूर्ण बिन्दु →
- खनिज बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा निर्मित होते हैं।
- ये अपने भौतिक गुणों; जैसे-रंग, घनत्व, कठोरता और रासायनिक गुणों के आधार पर पहचाने जाते हैं।
- पृथ्वी की सतह के अन्दर दबी शैलों से खनिज को बाहर निकालने की प्रक्रिया खनन कहलाती है।
- शक्ति अथवा ऊर्जा हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हमें उद्योग, कृषि, परिवहन, संचार और प्रतिरक्षा के लिए शक्ति की आवश्यकता होती है।
- कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस ऊर्जा के मुख्य स्रोत हैं।
- पेट्रोलियम के प्रक्रमण से विभिन्न तरह के उत्पाद; जैसे-डीजल, पेट्रोल, मिट्टी का तेल, मोम, प्लास्टिक और स्नेहक तैयार किये जाते हैं।
- पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा, बायोगैस और परमाणु ऊर्जा इत्यादि ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्रोत कहलाते हैं।
महत्वपूर्ण शब्दावली
शैल – एक या एक से अधिक खनिज अवयवों का अनिश्चित संगठन।
अयस्क – शैल जिनसे खनिजों का खनन किया जाता
सौर ऊर्जा – सूर्य की ऊष्मा।
सी. एन. जी.- सम्पीडित प्राकृतिक गैस (कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस)।
काला सोना – पेट्रोलियम और इससे बने उत्पाद अत्यधिक महत्व के कारण काला सोना कहा जाता है।
पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर
पृष्ठ संख्या # 25
आओ कुछ करके सीखें
प्रश्न 1. विश्व के रूपरेखा मानचित्र में कनाडियन शील्ड, अप्लेशियन पर्वत, ग्रेट लेक और पश्चिमी कार्डीलेरा पर्वत श्रृंखला को मानचित्रावली की सहायता से चिन्हित कीजिए।
पृष्ठ संख्या # 26
आओ कुछ करके सीखें
प्रश्न 2. किन्हीं पाँच खनिजों के उपयोग की सूची बनाइए।
उत्तर – खनिजों की सूची निम्नलिखित है
पाठान्त प्रश्नोत्तर
अभ्यास
प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(i) प्रतिदिन आपके उपयोग में आने वाले तीन सामान्य खनिजों के नाम बताइए।
उत्तर – प्रतिदिन उपयोग में आने वाले तीन सामान्य खनिज क्रमशः
(1) लोहा, (2) ताँबा, (3) एलुमीनियम हैं।
(ii) अयस्क क्या है ? धात्विक खनिजों के अयस्क सामान्यतः कहाँ पाए जाते हैं ?
उत्तर – जिन शैलों से खनिजों का खनन किया जाता है, वे शैल अयस्क कहलाते हैं। धात्विक खनिजों के अयस्क आग्नेय और कायान्तरित शैलों में पाये जाते हैं।
(iii) प्राकृतिक गैस संसाधनों में सम्पन्न दो प्रदेशों के नाम बताइए।
उत्तर-प्राकृतिक गैस संसाधनों में सम्पन्न दो प्रदेशों के नाम हैं
(1) राजस्थान – जैसलमेर
(2) महाराष्ट्र – मुम्बई।
(iv) निम्न के लिए आप ऊर्जा के किन स्रोतों का सुझाव देंगे
(क) ग्रामीण क्षेत्रों, (ख) तटीय क्षेत्रों, (ग) शुष्क प्रदेश।
उत्तर-
(क) ग्रामीण क्षेत्रों – बायोगैस।
(ख) तटीय क्षेत्रों – पवन और सौर ऊर्जा ।
(ग) शुष्क प्रदेशों – सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा।
(v) पाँच तरीके दीजिए जिनसे कि आप घर पर ऊर्जा बचा सकते हैं।
उत्तर – ऊर्जा बचाने के तरीके
(1) बिजली उपकरणों का प्रयोग न होने पर स्विच बन्द करके ऊर्जा बचायी जा सकती है।
(2) दिन के समय अधिक-से-अधिक सौर ऊर्जा का प्रयोग करें।
(3) साधारण बल्ब के स्थान पर सी. एफ. एल./एल. ई. डी. का प्रयोग करें।
(4) खाना बनाते समय बर्तनों को ढककर रखें जिससे खाना बनाते समय ऊर्जा की बचत होती है।
(5) खाना बनाते समय सारी तैयारी पहले से करें और खाना पकाने के लिए प्रेशर कुकर का प्रयोग करें।
प्रश्न 2. सही उत्तर को चिन्हित कीजिए
(i) निम्नलिखित में से कौन-सी एक खनिजों की विशेषता नहीं है?
(क) वे प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा निर्मित होते हैं
(ख) उनका एक निश्चित रासायनिक संघटन होता
(ग) वे असमाप्य होते हैं
(घ) उनका वितरण असमान होता है।
(ii) निम्नलिखित में से कौन विश्व में ताँबे का अग्रणी उत्पादक है?
(क) बोलीविया
(ख) चिली
(ग) घाना
(घ) जिम्बाब्वे।
(ii) निम्नलिखित प्रक्रियाओं में से कौन-सी आपके रसोईघर में द्रवित पेट्रोलियम गैस (एल.पी.जी.) को सुरक्षित नहीं करेगी
(क) पकाने से पहले दाल को कुछ समय के लिए भिगोना
(ख) प्रेशर कुकर में खाना पकाना
(ग) पकाने के लिए गैस जलाने से पूर्व सब्जी को काट लेना।
(घ) खुली कढ़ाई में कम ज्वाला पर भोजन पकाना।
उत्तर –
(i) (ग) वे असमाप्य होते हैं,
(ii) (ख) चिली,
(iii) (घ) खुली कढ़ाई में कम ज्वाला पर भोजन पकाना।
प्रश्न 3. कारण बताइए
(i) बड़े बाँधों के निर्माण के पूर्व पर्यावरणीय पहलुओं को ध्यानपूर्वक देखना चाहिए।
उत्तर – बड़े बाँधों के निर्माण से पूर्व पर्यावरणीय पहलुओं, जैसे जैव विविधता का संरक्षण, भूकम्प सम्भावित क्षेत्र का आकलन इत्यादि को ध्यानपूर्वक देखना चाहिए।
(ii) अधिकांश उद्योग कोयला खानों के पास केन्द्रित होते हैं।
उत्तर – अधिकांश उद्योग कोयला खानों के पास इसलिए केन्द्रित होते हैं क्योंकि अधिकांशतः उद्योगों को ऊर्जा संसाधन के रूप में कोयले की आवश्यकता होती है और कोयला एक भारी खनिज ईंधन है। जिसे दूर क्षेत्रों में ढोने से खर्च और समय बढ़ जाता है।
(iii) पेट्रोलियम को ‘काला सोना’ कहा जाता है।
उत्तर – पेट्रोलियम के प्रक्रमण से विभिन्न तरह के उत्पाद जैसे डीजल, पेट्रोल, मिट्टी का तेल, मोम, प्लास्टिक और स्नेहक तैयार किये जाते हैं। इन उत्पादों के महत्व तथा अधिक मूल्यवान होने के कारण इसे काला सोना कहा जाता है।
(iv) आखनन पर्यावरणीय चिन्ता का विषय हो सकता है
उत्तर – आखनन पर्यावरणीय चिन्ता का विषय इसलिए होता है क्योंकि आखनन क्रिया में धूल बड़े स्तर पर पर्यावरण में फैलती है जिससे प्रदूषण होता है तथा यह जैव विविधता के लिए खतरा है।
प्रश्न 4. निम्नलिखित में अन्तर स्पष्ट कीजिए
(i) परम्परागत और गैर-परम्परागत ऊर्जा के स्रोत,
(ii) बायो गैस और प्राकृतिक गैस,
(iii) लौह और अलौह खनिज,
(iv) धात्विक और अधात्विक खनिज।
उत्तर-
(i) परम्परागत और गैर-परम्परागत ऊर्जा के स्त्रोतों में अन्तर
(ii) बायो गैस और प्राकृतिक गैस में अन्तर
(iii) लौह खनिज और अलौह खनिज में अन्तर
(iv) धात्विक खनिज और अधात्विक खनिज में अन्तर
प्रश्न 5. क्रियाकलाप
(i) हमारे जीवन में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के ईधन को प्रदर्शित करने के लिये पुरानी पत्रिकाओं से चित्रों का प्रयोग करें और उन्हें अपने सूचनापट पर प्रदर्शित करें।
उत्तर – जीवन में उपयोगी विभिन्न प्रकार के ईंधनों, जैसे लकड़ी, कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस इत्यादि के चित्र एकत्रित करके विद्यार्थी स्वयं तैयार करने का प्रयास करें।
(ii) ऊर्जा संरक्षण की युक्तियाँ जिन्हें आप अपने विद्यालय में अपनाएँगे, पर प्रकाश डालते हुए एक चार्ट बनाइए।
उत्तर – ऊर्जा संरक्षण की कुछ युक्तियाँ जिन्हें विद्यार्थी अध्यापकों की सहायता से आसानी से कर सकते हैं। जैसे-
(i) आवश्यकता न होने पर बिजली के पंखे, बल्ब, कम्प्यूटर इत्यादि के स्विच बन्द करके।
(ii) कक्षा में खिड़कियाँ, दरवाजे खोलकर सौर ऊर्जा का प्रयोग करके इत्यादि । इन तरीकों को अपनाकर विद्यार्थी स्वयं एक चार्ट तैयार करने का प्रयास करें।
(iii) सलमा को कक्षा ने विद्युत् उपभोग सर्वेक्षण के द्वारा अपने विद्यालय का ऊर्जा लेखा परीक्षण करने के लिए एक कार्य अभियान चलाया। उन्होंने विद्यालय के छात्रों के लिए सर्वेक्षण पत्रक तैयार किया।
उत्तर
NCERT Solution class 8th social science geography solution chapter 3 खनिज और शक्ति संसाधन