MP Board Class 8th Civics Solution Chapter 2 : धर्मनिरपेक्षता की समझ

म.प्र. बोर्ड कक्षा आठवीं संपूर्ण हल- नागरिकशास्त्र – सामाजिक एवं राजनैतिक जीवन 3 (Civics: Social & Political Life – III )

पाठ 2 : धर्मनिरपेक्षता की समझ

प्रश्न – अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से)

महत्वपूर्ण शब्दावली

जोर-जबरदस्ती – किसी व्यक्ति को कोई काम के लिए मजबूर करना।

हस्तक्षेप-संविधान के सिद्धान्तों के अनुरूप किसी मामलेको प्रभावित करने के लिए राज्य की ओर से किया गया प्रयास।

अल्पसंख्यक – समाज में कम प्रतिशत जनसंख्या वाला समुदाय।

बहुसंख्यक – समाज में अधिक प्रतिशत जनसंख्या वाला समुदाय।

पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर

पृष्ठ संख्या # 19

प्रश्न 1. इस अध्याय की भूमिका को एक बार फिर पढ़िए। आपको ऐसा क्यों लगता है कि बदले की भावना इस समस्या से निपटने का सही रास्ता नहीं हो सकती ? अगर सारे समूह बदले के रास्ते पर चल पड़ें तो क्या होगा ?

उत्तर – धर्म के नाम पर भेदभाव, बेदखली और अत्याचार की घटनाएँ तब और ज्यादा बढ़ जाती हैं जब दूसरे धर्मों के स्थान पर राज्य किसी एक धर्म को अधिकृत मान्यता देता है। उदाहरण के तौर पर देखा जाये तो हिटलर ने जर्मनी में यहूदियों पर अत्याचार किये तथा यहूदी धर्म को मानने वाले इजराइल में मुसलमानों और ईसाई अल्पसंख्यकों के साथ अमानवीय व्यवहार कर रहे हैं। इसी तरह सऊदी अरब में गैर-मुसलमानों को मन्दिर या गिरिजाघर बनाने की छूट नहीं है। यह एक प्रकार से बदले की भावना है जो इस समस्या से निपटने का सही रास्ता नहीं हो सकता। अगर सारे समूह आपस में बदले की भावना रखेंगे तो पूरे विश्व में अफरा-तफरी फैल जाएगी। अराजकता को बढ़ावा मिलेगा। अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध नष्ट हो जायेंगे और एक दिन विश्व में कोई भी धर्म, आस्था सुरक्षित नहीं रहेगा। चारों तरफ जंगलराज ही दिखाई देगा जो कि मानवता का विनाश कर देगा।

पृष्ठ संख्या # 20

प्रश्न 2. कक्षा में चर्चा करें – क्या एक ही धर्म के भीतर अलग-अलग दृष्टिकोण हो सकते हैं ?

उत्तर – जी हाँ, एक ही धर्म के भीतर अलग-अलग दृष्टिकोण हो सकते हैं जिन्हें हम कुछ उदाहरणों की सहायता से समझ सकते हैं।

धर्म अलग-अलग दृष्टिकोण

(1) हिन्दू – सनातन धर्म, आर्य समाज, राधास्वामी

(2) मुस्लिम – शिया, सुन्नी

(3) ईसाई – कैथोलिक, प्रोटेस्टेण्ट

(4) सिख – गुरुनानक पंथ, सन्त निरंकारी पंथ

(5) जैन – श्वेताम्बर, दिगम्बर।

पृष्ठ संख्या # 22

प्रश्न 3. उपरोक्त चित्रकथा-पट्ट में शिक्षक ने जो उत्तर दिया है उस पर चर्चा करें।

उत्तर– शिक्षक का उत्तर भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है। विद्यालय के अन्दर हम सभी धर्मों को समान महत्व देते हैं इसलिए किसी धर्म विशेष के त्यौहारों का आयोजन हम सरकारी स्कूल में नहीं कर सकते। धार्मिक त्यौहारों को मनाने के लिए छुट्टी का प्रावधान है जिससे हम उन त्यौहारों को अपनी आस्था के अनुसार मना सकें।

पृष्ठ संख्या # 23

प्रश्न 4. सरकारी स्कूलों में अक्सर कई धर्मों के बच्चे आते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए धर्मनिरपेक्ष राज्य के तीन उद्देश्यों को दोबारा पढ़िए। आप इस बारे में दो वाक्य लिखिए कि सरकारी स्कूलों को किसी एक धर्म को बढ़ावा क्यों नहीं देना चाहिए।

उत्तर – भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है। अतः इसका पालन देश की सभी संस्थाओं को करना आवश्यक है। सरकारी स्कूलों में भी धर्मनिरपेक्षता की नीति का पालन किया जाता है। सरकारी स्कूल किसी भी छात्र को न तो किसी धर्म को मानने के लिए बाध्य कर सकता है और न ही विद्यार्थियों की धार्मिक स्वतन्त्रता छीन सकता है।

पृष्ठ संख्या # 25

प्रश्न 5. क्या आप भारत के किसी भी भाग से हाल की कोई ऐसी घटना बता सकते हैं कि जहाँ संविधान के धर्मनिरपेक्ष आदर्शों का उल्लंघन किया गया हो और लोगों को उनके धर्म की वजह से प्रताड़ित किया गया हो या मारा गया हो ?

उत्तर – विद्यार्थी स्वयं करें।

पाठान्त प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. अपने आस-पड़ोस में प्रचलित धार्मिक क्रियाकलापों की सूची बनाइए। आप विभिन्न प्रकार की प्रार्थनाओं, विभिन्न देवताओं की पूजा विभिन्न पवित्र स्थानों, विभिन्न प्रकार के धार्मिक संगीत और गायन आदि को देख सकते हैं। क्या इससे धार्मिक क्रियाकलापों की स्वतन्त्रता का पता चलता है ?

उत्तर– धार्मिक क्रियाकलापों की सूची निम्नलिखित है

भारत में विभिनन प्रकार की प्रार्थनाओं, देवताओं की पूजा-पाठ, नमाज, विभिन्न पवित्र स्थानों, धार्मिक संगीत गायन आदि से स्पष्ट होता है कि यहाँ धार्मिक क्रियाकलापों की स्वतन्त्रता है। सभी धर्मों के अनुयायी शान्तिपूर्वक ढंग से अपने जरीके से प्रार्थना व इबादत करने को स्वतन्त्र हैं और राज्य इसमें किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करेगा।

प्रश्न 2. अगर किसी धर्म के लोग यह कहते हैं कि उनका धर्म नवजात शिशुओं को मारने की छूट देता है तो क्या सरकार किसी तरह का दखल देगी या नहीं ? अपने उत्तर के समर्थन में कारण बताइए।

उत्तर – अगर किसी धर्म में इस तरह की कुरीतियाँ होंगी ने राज्य हस्तक्षेप करेगा क्योंकि संविधान में दिये गये आदर्शों व मौलिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए राज्य धर्म के मामले में हस्तक्षेप कर सकता है। यदि किसी धर्म में शिशु को मारने की छूट दी जाती है तो यह व्यक्ति के जीवन के अधिकार का उल्लंघन होगा। अतः राज्य धर्म के मामले में हस्तक्षेप करेगा और इस अपराध को रोकने के लिए कार्यवाही करेगा।

प्रश्न 3. इस तालिका को पूरा कीजिए

उत्तर

प्रश्न 4. अपने स्कूल की छुट्टियों के वार्षिक कैलेण्डर को देखिए। उनमें से कितनी छुट्टियाँ विभिन्न धर्मों से सम्बन्धित हैं ? इससे क्या संकेत मिलता है ?

उत्तर-वार्षिक कैलेण्डर निम्न प्रकार है

क्र.सं. – छुट्टियाँ – धर्म से सम्बन्धित

(1) ईद-उल-जुहा – मुस्लिम धर्म

(2) मकर संक्रान्ति – हिन्दू धर्म

(3) मोहर्रम – मुस्लिम धर्म

(4) महाशिवरात्रि – हिन्दू धर्म

(5) होली – हिन्दू धर्म

(6) रामनवमी – हिन्दू धर्म

(7) महावीर जयन्ती – जैन धर्म

(8) ईद-उल-मिलाद – मुस्लिम धर्म

(9) गुड फ्राइडे – ईसाई धर्म

(10) अम्बेडकर जयन्ती – बौद्ध धर्म

(11) रक्षाबन्धन – हिन्दू धर्म

(12) बुद्ध पूर्णिमा – बौद्ध धर्म

(13) जन्माष्टमी – हिन्दू धर्म

(14) दशहरा – हिन्दू धर्म

(15) दीपावली – हिन्दू धर्म

(16) ईद-उल-फितर – मुस्लिम धर्म

(17) गुरुनानक जयन्ती – सिख धर्म

(18) क्रिसमस डे – ईसाई धर्म

इससे संकेत मिलता है कि भारत वास्तविक अर्थों में एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। भारत में सभी धर्मों को समानता प्रदान की गई है।

प्रश्न 5. एक ही धर्म के भीतर अलग-अलग दृष्टिकोणों के कुछ उदाहरण दें।

उत्तर – एक ही धर्म के भीतर अलग-अलग दृष्टिकोणों के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं

(1) हिन्दू धर्म – शैव और वैष्णव

(2) मुस्लिम धर्म – शिया और सुन्नी

(3) जैन धर्म – दिगम्बर और श्वेताम्बर

(4) बौद्ध धर्म – हीनयान और महायान

(5) सिख धर्म – केशधारी और नामधारी

(6) ईसाई धर्म – कैथोलिक और प्रोटेस्टेण्ट

प्रश्न 6. भारतीय राज्य धर्म से फासला भी रखता है और उसमें हस्तक्षेप भी करता है। यह उलझाने वाला विचार लग सकता है। इस पर कक्षा में एक बार फिर चर्चा कीजिए। चर्चा के लिए इस अध्याय में दिए गए उदाहरणों के अलावा आप अपनी जानकारी के अन्य उदाहरणों का भी सहारा ले सकते हैं।

उत्तर-

(1) भारतीय राज्य धर्म से फासला रखता है -इस कथन से तात्पर्य है कि राज्य किसी पर कोई धर्म थोपेगा नहीं और न किसी की धार्मिक स्वतन्त्रता छीनेगा। राज्य किसी धर्म का समर्थन नहीं करता बल्कि सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करता है। भारत राज्य कचहरी, थाने, सरकारी विद्यालय, दफ्तर जैसे सरकारी संस्थानों में किसी खास धर्म के आयोजन, प्रदर्शन की छूट नहीं देता बल्कि धार्मिक त्यौहारों के विशेष दिन छुट्टी देता है।

(2) भारतीय राज्य हस्तक्षेप भी करता है – धर्म के नाम पर अलग-थलग करने के भेदभाव को रोकने के लिए भारतीय संविधान छुआछूत पर पाबन्दी लगाता है। जब धर्म के द्वारा संविधान के आदर्शों व मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया जाता है तब राज्य हस्तक्षेप की नीति के आधार पर उसे रोकता है, जैसे किसी समाज में बाल विवाह की प्रथा प्रचलित हो तो राज्य मौलिक अधिकार का उल्लंघन के आधार पर बाल विवाह को गैर-कानूनी बताता है।

प्रश्न 7. साथ में दिया गया यह पोस्टर (पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या 27 पर) ‘शान्ति’ के महत्व को रेखांकित करता है। इस पोस्टर में कहा गया है कि “शान्ति कभी न खत्म होने वाली प्रक्रिया है….. यह हमारी आपसी भिन्नताओं और साझा हितों को नजरअंदाज करके नहीं चल सकती।” ये वाक्य क्या बताते हैं ? अपने शब्दों में लिखिए। धार्मिक सहिष्णुता से इसका क्या सम्बन्ध है ? है इस अध्याय में आप ही की उम्र के विद्यार्थियों ने भी धार्मिक सहिष्णुता पर तीन तस्वीरें बनाई हैं। धार्मिक सहिष्णुता को ध्यान में रखते हुए अपने साथियों को दिखाने के लिए खुद एक पोस्टर बनाइए।

उत्तर – उक्त वाक्य का तात्पर्य है कि शान्ति लोगों के बीच और उनके भीतर स्वतन्त्रता और खुशी का आदर्श है। जो हमारे लिए विकास का मार्ग प्रशस्त करता है। परन्तु शान्ति उसी समय स्थापित हो सकती है, जब हम एक-दूसरे की स्वतन्त्रता, खुशी के आदर्शों का सम्मान करें। सभी मिल-जुलकर रहें।

धार्मिक सहिष्णुता पर पोस्टर-विद्यार्थी स्वयं प्रयास करें।

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