MP Board Class 9th Sanskrit Shemushi Solution Chapter 1 – भारतीवसन्तगीतिः

पाठः प्रथमः

भारतीवसन्तगीतिः (सरस्वती का वसन्त गीत)

पाठ का हिन्दी अनुवाद/भावार्थ

(१)

निनादय नवीनामये वाणि! वीणाम्

मृदुं गाय गीति ललित-नीति-लीनाम्।

भावार्थ – हे सरस्वती ! नयी (अद्भुत/अनोखे प्रकार की) वीणा को बजाओ (और) सुन्दर नीति से परिपूर्ण मधुर गीत को गाओ।

(२)

मधुर-मञ्जरी-पिञ्जरी-भूत-मालाः

वसन्ते लसन्तीह सरसा रसालाः

कलापाः ललित-कोकिला-काकलीनाम्॥

निनादय…॥

भावार्थ– इस वसन्त (ऋतु) में मधुर मञ्जरियों से पीले हुए रसीले आम के वृक्षों की पंक्तियाँ सुशोभित हो रही हैं। सुन्दर कोयलों के समूह का कूजन अच्छा लगता है। (इसलिए) हे सरस्वती ! नयी वीणा को बजाओ।

(३)

वहति मन्दमन्दं सनीरे समीरे

कलिन्दात्मजायास्सवानीरतीरे,

नतां पङ्क्तिमालोक्य मधुमाधवीनाम्॥

निनादय…॥

भावार्थ – यमुना नदी के बेंत की लता से युक्त (घिरे) तट पर जल बिन्दुओं से पूर्ण वायु में धीरे-धीरे हिलने वाली सुन्दर (मधुर) मालती नामक लताओं की झुकी हुई पंक्तियों को देखकर हे सरस्वती ! नयी वीणा को बजाओ।

(४)

ललित-पल्लवे पादपे पुष्पपुजे

मलयमारुतोच्चुम्बिते मञ्जुकुजे,

स्वनन्तीन्ततिम्प्रेक्ष्य मलिनामलीनाम्॥

निनादय…॥

भावार्थ – चन्दन के वृक्षों की सुगन्धित वायु (मलयपवन) से स्पर्श किये गये मन को आकर्षित करने वाले पत्तों से युक्त वृक्षों पर, पुष्पों के समूह पर तथा सुन्दर कुञ्जों पर काले भौंरों की गुंजन (ध्वनि) करती हुई पंक्ति (समूह) को देखकर हे सरस्वती नवीन ! वीणा को बजाओ।

(५)

लतानां नितान्तं सुमं शान्तिशीलम्

चलेदुच्छलेत्कान्तसलिलं सलीलम्,

तवाकर्ण्य वीणामदीनां नदीनाम्॥

निनादय…॥

भावार्थ – तुम्हारी ओजस्विनी वीणा को सुनकर लताओं के अत्यन्त शान्त स्वभाव (निश्चल) पुष्प झूमने लगे, नदियों का निर्मल जल हिलोरें लेता हुआ (क्रीड़ा करता हुआ) उछलने लगे। हे सरस्वती ! (ऐसी) नयी वीणा को बजाओ।

पाठ का अभ्यास

प्रश्न १. एकपदेन उत्तरं लिखत (एक शब्द में उत्तर लिखिए-)

(क) कविः कां सम्बोधयति ? (कवि किसको सम्बोधित कर रहा है ?)

उत्तर वाणीम्। (सरस्वती को)।

(ख) कविः वाणीं कां वादयितुं प्रार्थयति? (कवि वाणी से किसको बजाने की प्रार्थना कर रहा है ?)

उत्तरवीणाम्। (वीणा को)।

(ग) कीदृशीं वीणां निनादयितुं प्रार्थयति ? (कैसी वीणा को बजाने के लिए प्रार्थना कर रहा है ?)

उत्तरनवीनाम्। (नई)।

(घ) गीति कथं गातुं कथयति ? (गीत कैसा गाने के लिए कह रहा है ?)

उत्तर-मृदुम्। (मधुर)।

(ङ) सरसाः रसालाः कदा लसन्ति ? (रसीले आम कब सुशोभित होते हैं ?)

उत्तरवसन्ते। (वसन्त में)।

प्रश्न २. पूर्णवाक्येन उत्तरं लिखत ( पूर्णवाक्य में उत्तर लिखिए-)

(क) कविः वाणी किं कथयति ? (कवि सरस्वती से क्या कह रहा है ?)

उत्तर कविः वाणी नवीनां वीणां वादयितुं ललितनीतिलीनां च मृदुं गीतिं गातुं कथयति।

(कवि सरस्वती से नयी वीणा को बजाने के लिए और सुन्दर नीति से परिपूर्ण मधुर गीत को गाने के लिए कह रहा है।)

 (ख) वसन्ते किं भवति? (वसन्त में क्या होता है ?)

उत्तरवसन्ते मधुरमञ्जरीपिञ्जरीभूतमालाः सरसाः रसालाः लसन्ति ललित-कोकिलाकाकलीनां च कलापाः विलसन्ति।

(वसन्त में मधुर मञ्जरियों से पीले हुए रसीले आम के वृक्षों की पंक्तियाँ सुशोभित हो रही हैं और सुन्दर कोयलों के समूह का कूजन अच्छा लगता है।)

(ग) सलिलं तव वीणामाकर्ण्य कथम् उच्छलेत् ? ( जल तुम्हारी वीणा को सुनकर कैसे उछलने लगे?)

उत्तरसलिलं तव वीणामाकर्ण्य सलीलम् उच्छतेत्। (जल तुम्हारी वीणा को सुनकर हिलोरें लेते हुए उछलने लगे।)

(घ) कविः भगवतीं भारती कस्याः तीरे मधुमाधवीनां नतां पङ्क्तिम् अवलोक्य वीणां वादयितुं कथयति ?

(कवि भगवती भारती (सरस्वती) से किसके तट पर सुन्दर मालती नामक लताओं की झुकी हुई पंक्तियों को देखकर वीणा बजाने के लिए कहता है।)

उत्तर कविः भगवती भारती यमुनानद्याः तीरे मधुमाधवीनां नतां पङ्क्तिम् अवलोक्य वीणां वादयितुं कथयति।

(कवि भगवती (सरस्वती) से यमुना नदी के तट पर सुन्दर मालती नामक लताओं की झुकी हुई पंक्तियों को देखकर वीणा बजाने के लिए कहता है।)

प्रश्न ३. ‘क’ स्तम्भे पदानि, ‘ख’ स्तम्भे तेषां पर्यायपदानि दत्तानि। तानि चित्वा पदानां समक्षे लिखत

(‘क’ स्तम्भ में शब्द, ‘ख’ स्तम्भ में उनके पर्याय शब्द दिये हैं। उनको चुनकर शब्दों के सामने लिखिए-)

    ‘क’ स्तम्भः             ‘ख’ स्तम्भः

(क) सरस्वती                (1) तीरे

(ख) आम्रम्                  (2) अलीनाम्

(ग) पवनः                  (3) समीरः

(घ) तटे                    (4) वाणी

(ङ) भ्रमराणाम्            (5) रसाल:

उत्तर – (क)→ (4), (ख)→ (5), (ग) → (3), (घ) → (1), (ङ)→ (2)।

प्रश्न ४. अधोलिखितानि पदानि प्रयुज्य संस्कृतभाषया वाक्यरचनां कुरुत (नीचे लिखे शब्दों का प्रयोग करके संस्कृत भाषा में वाक्य-रचना कीजिए-)

उत्तर(क) निनादय – अये वाणि! नवीनां वीणां निनादय।

(ख) मन्दमन्दम् – गजः मन्दमन्दं चलति।।

(ग) मारुतः – अद्य मारुत: तीव्रः चलति।

(घ) सलिलम् – गङ्गयाः सलिलम् पवित्रम् अस्ति।

(ङ) सुमनः – सुमनः सुगन्धं वितरति।

प्रश्न ५. प्रथमश्लोकस्य आशयं हिन्दीभाषया आङ्ग्लभाषया वा लिखत (प्रथम श्लोक का भाव हिन्दी भाषा अथवा अंग्रेजी भाषा में लिखिए-)

उत्तर – हिन्दी भाषा में भावार्थ-हे सरस्वती ! नयी वीणा को बजाओ और सुन्दर नीति से परिपूर्ण मधुर गीत को गाओ। इस वसन्त (ऋतु) में मधुर मञ्जरियों से पीले हुए रसीले आम के वृक्षों की पंक्तियाँ सुशोभित हो रही हैं। सुन्दर कोयलों के समूह का कूजन अच्छा लगता है। (इसलिए) हे सरस्वती। नयी वीणा को बजाओ।

प्रश्न ६. अधोलिखितपदानां विलोमपदानि लिखत ( नीचे लिखे शब्दों के विलोम शब्द लिखिए-)

(क) कठोरम् (ख) कटु (ग) शीघ्रम् – (घ) प्राचीनम् – (ङ) नीरसः –

उत्तर –

(क) मृदुम्, (ख) मधुरम्, (ग) मन्दम्, (घ) नवीनम्, (ङ) सरसः।

परियोजनाकार्यम्

पाठेऽस्मिन् वीणायाः चर्चा अस्ति। अन्येषां पञ्चवाद्ययन्त्राणां चित्रं रचयित्वा संकलय्य वा तेषां नामानि लिखत-

(इस पाठ में वीणा की चर्चा है। अन्य पाँच वाद्य यन्त्रों के चित्र बनाकर संकलित कर उनके नाम लिखिए।)

उत्तर – विद्यार्थी वीणा के अतिरिक्त अन्य किन्हीं पाँच वाद्य यन्त्रों; जैसे – बाँसुरी, सारंगी, सितार, हारमोनियम, तबला इत्यादि के चित्र स्वयं संकलित करें।

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