Chapter 13 – अन्तर्जालम् हिन्दी अनुवाद, शब्दार्थ एवं अभ्यास
प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरं लिखत (एक पद में उत्तर लिखिए)
(क) का शुभसन्देशम् प्राप्तवान्?
उत्तर:
विवेकः
(ख) सन्देशः केन माध्यमेन प्राप्तः?
उत्तर:
अन्तर्जालमाध्यमेन
(ग) विवेकाग्रजस्य किम् अध्येतुं जाबालिपुरस्य अभियान्त्रिकमहाविद्यालये चयनं जातम्?
उत्तर:
सङ्गणकाभियान्त्रिकविद्याम्
(घ) अधुना व्यापारिणः केन माध्यमेन व्यापारं कुर्वन्ति?
उत्तर:
अन्तर्जालमाध्यमेन
(ङ) अधिकोषाणां कार्याणि अधुना केन माध्यमेन भवन्ति?
उत्तर:
अन्तर्जालमाध्यमेन
(च) सङ्गणकाचार्यं के अभिवादयन्ति?
उत्तर:
छात्राः।
प्रश्न 2.
एकवाक्येन उत्तरं लिखत (एक वाक्य में उत्तर लिखिए)
(क) अन्तर्जालं किं भवति?
उत्तर:
अन्तर्जालं क्षणेन एव सूचना-सम्प्रेषणस्य साधनमस्ति।
(ख) जनाः अन्तर्जाले विज्ञानं दृष्ट्वा किं कुर्वन्ति?
उत्तर:
जनाः अन्तर्जाले विज्ञापनं दृष्ट्वा गृहे स्थिता एव क्रय-विक्रयादिकं कुर्वन्ति।
(ग) वैद्युत-वाणिज्यसेवाया: उपयोगेन कानि कार्याणि भवन्ति?
उत्तर:
वैद्यत वाणिज्य सेवायाः उपयोगेन कस्मिन्नपि समये निविदामुद्रा विनिवेशाहीनां कार्याणि भवन्ति।
(घ) अन्तर्जाले कानि-कानि दृष्टव्यानि?
उत्तर:
अन्तर्जाले मनोरञ्जनार्थं स्वरुचिकराणि चलचित्राणि, वर-वधूनां कृते वैवाहिक विज्ञपनानि अपि दृष्टव्यानि।
(ङ) छात्राः किम् उद्घोषयन्ति?
उत्तर:
छायाः उद्घोषयन्ति-वयमपि अन्तर्जालस्य उपयोगं ज्ञानवृद्धयर्थं करिष्यामः।
प्रश्न 3.
उचितशब्देन रिक्तस्थानम् पूरयत (उचित शब्द द्वारा रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए)
(क) सम्प्रति …….. मुद्रा विनिवेशादीनांकार्याणि भवन्ति। (अन्तर्दृष्ट्या/अन्तर्जालेन)
(ख) अन्तर्जाल विज्ञापनं दृष्ट्वा जनाः गृहे स्थिता एव ………. कुन्ति। (क्रय-विक्रयादीन/भोजनादयः)
(ग) अन्तर्जालेन वयम् …….. सूचनां लभामहे। (यदाकदा/अहर्निशम्)
(घ) दूरसञ्चारतन्तुभिः सह ……… संयोज्य अन्तर्जालस्य संरचना भवति। (गणकम्/सङ्गणकम्)
(ङ) सर्वाः कला: ………. दृश्यन्ते। (ऊर्णनाभजाले/अन्तर्जाले)
उत्तर:
(क) अन्तर्जालेन
(ख) क्रय-विक्रयादीन
(ग) अहर्निशम्
(घ) सङ्गणकम्
(ङ) अन्तर्जाले
प्रश्न 4.
उचितं योजयत- (सही जोड़ी जमाइए)
उत्तर:
प्रश्न 5.
रेखाङ्कितशब्दान् आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत (रेखांकित शब्दों के आधार पर प्रश्न बनाइए)
(क) अन्तर्जालेन लाभः भवति।
(ख) जनाः समाचारपत्राणां वाचनं कुर्वन्ति।
(ग) अहं सन्देशम् प्राप्तवान्।
(घ) एषः मम अग्रजः अस्ति।
(ङ) सः प्रात: विद्यालयं गच्छति।
उत्तर:
(क) केन लाभः भवति?
(ख) जनाः केषां वाचनं कुर्वन्ति?
(ग) अहं कम् प्राप्तवान्?
(घ) एषः कस्य अग्रजः अस्ति?
(ङ) सः कदा विद्यालयं गच्छति?
प्रश्न 6.
नामोल्लेखपूर्वकं सन्धिविच्छेदं कुरुत (नाम का उल्लेख करते हुए सन्धि-विच्छेद कीजिए)
उत्तर:
(क) वयमपि – वयम् + अपि (स्वर सन्धि)
(ख) सङ्गणकाचार्यः – सङ्गणक + आचार्यः (दीर्घ स्वर सन्धि)
(ग) ज्ञानवृद्ध्यर्थम् – ज्ञानवृद्धि + अर्थम् (अयादि स्वर सन्धि )
(घ) अन्तर्जालम् – अन्तः + जालम् (विसर्ग सन्धि)
(ङ) प्रसन्नोऽसि – प्रसनः + असि (अवग्रह सन्धि)
प्रश्न 7.
पाठे ‘इक’, प्रत्ययान्त पदानि चित्वा लिखिए (पाठ में आये ‘इक’ प्रत्ययान्त पद चुनकर लिखिए)
उत्तर:
सङ्गणकाभिषान्त्रिक, वैवाहिक, साहित्यिक, ऐतिहासिक, पुरातात्त्विक भौगोलिक, आयुर्वेदिक इत्यादि।।
संपूर्ण पाठ का हिन्दी सरलार्थ
1. व्योमः :
भो विवेक! अद्य त्वं किमर्थम् अतिप्रसन्नोऽसि?
विवेकः :
अद्य अहम् एकं शुभसन्देशम् प्राप्तवान्।
ऋचा :
कः सन्देशः अस्ति?
विवेकः :
ममाग्रजस्य सङ्गणकाभियान्त्रिक विद्याम् अध्येतुं जाबालिपुरस्य अभियान्त्रिक महाविद्यालये चयनं जातम्।
व्योमः :
एतत् तु अतिशोभन्।
अनुवाद :
व्योम :
हे विवेक! आज तुम किसलिए अति प्रसन हो?
विवेक :
आज मैंने एक शुभ सन्देश प्राप्त किया है।
ऋचा :
क्या सन्देश है? विवेक, मेरे बड़े भैय्या का कम्प्यूटर इंजिनियरिंग विद्या का अध्ययन करने के लिए जबलपुर के इंजिनियरिंग कॉलेज में चयन हो गया है।
व्योम :
यह तो बड़ी अच्छी बात है।
2. ऋचा :
सन्देशः केन माध्यमेन प्राप्तः?
विवेकः :
अहं सन्देशम् अन्तर्जालमाध्यमेन प्राप्तवान्।
ऋचा :
अन्तर्जालं किम् भवति?
विवेकः :
अन्तर्जालं क्षणेन एव
सूचना :
सम्प्रेषणस्य साधनमस्ति।
व्योमः :
अन्तर्जालं कीदृशी संरचना?
विवेकः :
मॉडेम्, नाम एकं सहायक लघुयन्त्रोपकरणम् अस्ति। तद् ‘नेट’ सुविधायुक्तदूरसञ्चारतन्तुभिः सङ्गणकं संयोज्य अन्तर्जालस्य संरचना भवति।
व्योमः :
अन्तर्जालने कः लाभः? (तस्मिन्नेव समये कक्षायां सङ्गणकाचार्यः प्रविशति, छात्राः तम् अभिवादयन्ति।)
अनुवाद :
ऋचा :
सन्देश किस माध्यम से प्राप्त हुआ?
विवेक :
मैंने सन्देश इन्टरनेट के माध्यम से प्राप्त किया है।
ऋचा :
इन्टरनेट क्या होता है?
विवेक :
इन्टरनेट क्षणभर में ही सूचना भेजने का साधन है।
व्योम :
अन्तर्जालया इंटरनेट कैसी संरचना है।
विवेक :
मॉडेम नाम का एक सहायक लघुयन्त्र उपकरण होता है। उसे ‘नेट’ सुविधा जनक दूर संचार सूत्र से कम्प्यूटर को जोड़कर इन्टरनेट की संरचना होती है।
व्योम :
इन्टरनेट से क्या लाभ होता है? (उसी समय कक्षा में कम्प्यूटर शिक्षक का प्रवेश होता है। छात्र उन्हें प्रणाम करते हैं।)
3. आचार्यः :
छात्राः! भवन्तः सङ्गणकयन्त्रविषये तु जानन्ति एव। अद्य वयम् अन्तर्जालविषये चर्चा कुर्मः।
छात्राः :
शोभनम् आचार्य!
आचार्यः :
तदधुना अन्तर्जालस्य लाभान् शृण्वन्तु। अन्तर्जालेन अधुना व्यापारिणाः व्यापारं कुर्वन्ति। वैद्युद्-वाणिज्यसेवायाः उपयोगेन कस्मिनपि समये निविदामुद्राविनिवेशादीनांकार्याणि भवन्ति। जनाः अन्तर्जाले विज्ञापनं दृष्ट्वा गृहे स्थिता एव क्रय-विक्रयादिकं कुर्वन्ति। अधिकोषाणां कार्याणि अपि अनेन माध्यमेन भवन्ति।
अनुवाद :
आचार्य :
छात्रो! तुम कम्प्यूटर के सम्बन्ध में तो जानते ही हो। आज हम इन्टरनेट के विषय में चर्चा करते हैं।
छात्र :
अच्छी बात है, आचार्य जी!
आचार्य :
तो अब तुम इन्टरनेट के लाभ सुनो। इन्टरनेट के माध्यम से आजकल व्यापारी व्यापार करते हैं। इलेक्ट्रानिक वाणिज्य सेवा के उपयोग से किसी भी समय निविदा, मुद्रा, विनिवेश आदि के कार्य होते हैं। लोग इन्टरनेट पर विज्ञापन देखकर घर बैठे ही क्रय-विक्रय आदि कार्य करते हैं। बैंकों के कार्य भी इसी माध्यम से होते हैं।
4. जनाः समाचारपत्राणां वाचनम् अनुसन्धानम् अध्ययनम् अपि अन्तर्जालेन कुर्वन्ति। सांख्यकीयं ज्ञानं तथा सङ्गणकयन्त्रस्य ‘साफ्टवेयर’ इति कार्यक्रमः अपि अन्तर्जाले उपलब्धः भवति।
अनुवाद :
लोग समाचारपत्रों का वाचन, अनुसन्धान और अध्ययन भी इन्टरनेट के माध्यम से करते हैं। सांख्यकीय ज्ञान तथा कम्प्यूटर का ‘साफ्टवेयर’ कार्यक्रम भी इन्टरनेट पर उपलब्ध होता है।
5. मनोरञ्जनार्थं स्वरुचिकराणि चलचित्राणि, वरवधूनां कृते वैवाहिकविज्ञापनानि अपि जनाः अन्तर्जाले पश्यन्ति। साहित्यिकैतिहासिक पुरातात्त्विक- भौगोलिकायुर्वैदि कखगोल शास्रीयप्र भृतिविविधविषयाणां ज्ञानं वाञ्छितसूचनां वा अन्तर्जाले अहर्निशं वयं लभामहे।
किमधिकम् अस्मिन् अन्तर्जाले तु सर्वाणि ज्ञानानि, सर्वाः विद्याः, सर्वाः कलाश्च द्रष्टुं शक्यन्ते।
(वयमपि अन्तर्जालस्य उपयोगं ज्ञानवृद्धयर्थं करिष्यामः इति सर्वे छात्राः उद्घोषयन्ति।)
अनुवाद :
मनोरंजन के लिए अपनी रुचि के चलचित्र, वर-वधू के लिए वैवाहिक विज्ञापन भी लोग इन्टरनेट पर देखते हैं। साहित्यिक, ऐतिहासिक, पुरातात्त्विक, भौगोलिक, आयुर्वेदिक, ज्योतिषशास्त्र आदि विविध विषयों का ज्ञान अथवा वांछित सूचना इन्टरनेट पर हम दिन-रात प्राप्त करते हैं।
अधिक क्या कहें, इस इन्टरनेट पर तो सभी ज्ञान, सभी विद्याएँ, सभी कलाएँ देखी जा सकती हैं।
(हम भी इन्टरनेट का उपयोग ज्ञान की वृद्धि के लिए करेंगे, ऐसा सभी छात्र घोषित करते हैं।)