म.प्र. बोर्ड कक्षा आठवीं संपूर्ण हल- इतिहास– हमारे अतीत 3 (History: Our Pasts – III)
Chapter 2 : व्यापार से साम्राज्य तक कम्पनी की सत्ता स्थापित होती है
प्रश्न – अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से)
महत्वपूर्ण बिन्दु
- मुगल बादशाहों में औरंगजेब आखिरी शक्तिशाली बादशाह थे।
- भारत में अठारहवीं सदी के उत्तरार्ध तक राजनीतिक क्षितिज पर अंग्रेजों के रूप में एक नयी ताकत उभरने लगी।
- सन् 1600 में ईस्ट इंडिया कम्पनी ने इंग्लैण्ड की महारानी एलिजाबेथ प्रथम से चार्टर (इजाजतनामा) हासिल कर लिया जिससे कम्पनी को पूरब से व्यापार करने का एकाधिकार मिल गया।
- कई यूरोपीय ताकतें भारत से व्यापार करने को आकर्षित होने लगीं; जैसे-पुर्तगाली, डच, फ्रांसीसी इत्यादि।
- सारी कम्पनियाँ एक जैसी चीजें; जैसे- बारीक सूती कपड़ा, रेशम, काली मिर्च, लौंग, इलायची और दालचीनी इत्यादि भारतीय बाजारों से खरीदना चाहती थीं।
- पहली इंग्लिश फैक्टरी 1651 में हुगली नदी के किनारे शुरू हुई।
- लॉर्ड डलहौजी ने एक नयी नीति, विलय नीति अपनाई जिससे किसी शासक की मृत्यु हो जाने पर वारिस न होने की स्थिति में उसकी रियासत हड़प ली जाएगी।
- ईस्ट इंडिया कम्पनी एक व्यापारिक कम्पनी से बढ़ते-बढ़ते एक भौगोलिक औपनिवेशिक शक्ति बन गई।
- 1857 तक भारतीय उपमहाद्वीप के 63 प्रतिशत भू-भाग और 78 प्रतिशत आबादी पर कम्पनी का सीधा शासन स्थापित हो चुका था।
महत्वपूर्ण तिथियाँ
• 1757 – प्लासी का युद्ध।
• 1764 – बक्सर की लड़ाई।
• 1857 – भारत में अंग्रेजी शासन के प्रति महान विद्रोह।
पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर
पृष्ठ संख्या # 15
प्रश्न 1. कल्पना कीजिए कि आप कम्पनी के एक युवा अफसर हैं और कुछ महीने के लिए भारत आए हैं। अब इंग्लैण्ड में रहने वाली अपनी माँ के नाम एक चिट्ठी लिखकर उन्हें अपनी ऐशो-आराम भरी जिंदगी के बारे में बताएँ और उसकी तुलना ब्रिटेन में अपने पुराने जीवन से करें।
उत्तर – कम्पनी के एक युवा अफसर का अपनी माँ के नाम एक चिट्ठी का प्रारूप
प्रिय माँ,
सादर प्रणाम।
माँ, मैं भारत में सकुशल हूँ। मैं इंडिया में पूर्णतः ऐशोआराम की जिंदगी व्यतीत कर रहा हूँ। यहाँ के राजा हमारे इशारों पर चलते हैं। विभिन्न राजाओं से आकर्षक और मूल्यवान उपहार मिलते हैं। माँ, अब हम एक आलीशान जीवन व्यतीत कर सकते हैं। भारत में मनचाहा खर्च करते हैं। माँ, अब हमारी सामाजिक हैसियत रातों-रात ऊपर आने वाले लोगों के रूप में होगी। अब ब्रिटेन के पुराने साधारण जीवन से छुटकारा मिल जायेगा।
आपका बेटा
कम्पनी का युवा अफसर
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प्रश्न 2. कम्पना कीजिए कि आपको श्रीरंगपट्टम के युद्ध और टीपू सुल्तान की मौत के बारे में खबर देने वाले दो पुराने अखबार मिलते हैं। एक अखबार ब्रिटेन का है और दूसरा मैसूर का है। दोनों अखबारों के लिए इन घटनाओं के बारे में एक-एक सुखी लिखिए।
उत्तर– श्रीरंगपट्टम के युद्ध और टीपू सुल्तान की मौत की खबर की सुखी भारत व ब्रिटेन के अखबार में निम्नलिखित रूप में होगी
मैसूर का अखबार – शेर-ए-मैसूर शहीद हुए।
ब्रिटेन का अखबार – अंग्रेजी सेना ने टीपू सुल्तान को मार गिराया।
पृष्ठ संख्या # 19
प्रश्न 3. कल्पना कीजिए कि आप नवाब के भतीजे हैं। आपको बचपन से ही यह एहसास कराया गया है कि एक दिन आप राजगद्दी सँभालेंगे। अब आपको पता चलता है कि विलय नीति के कारण अंग्रेज आपको राजा नहीं बनने देंगे। आपको कैसा लगेगा? राजगद्दी पाने के लिए आप क्या करेंगे?
उत्तर–अंग्रेजों की विलय नीति के प्रति काफी रोष उत्पन्न होगा। नवाब के भतीजे होने के नाते अपने राज्य को बचाने का हर सम्भव प्रयास करूँगा तथा अंग्रेजों की इस नीति के विरोध में महान विद्रोह में शामिल हो जाऊँगा।
पाठान्त प्रश्नोत्तर
आइए कल्पना करें
प्रश्न – आप अठारहवीं सदी के आखिर या उन्नीसवीं सदी के प्रारम्भ में इंग्लैण्ड में रह रहे हैं। ब्रिटिश विजय की कहानी पर आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी? याद रखिए कि आप वहाँ जाने वाले बहुत सारे अफसरों की बेहिसाब कमाई के बारे में जान चुके हैं।
उत्तर-18वीं सदी के आखिर या 19वीं सदी के प्रारंभ में, मैं इंग्लैण्ड में रह रहा हूँ तो ब्रिटिश विजय की कहानी पर अत्यन्त रोष आयेगा और अपने आप पर भी गुस्सा आयेगा कि मैं एक भारतीय होने के नाते ब्रिटिश विजय की कहानी सुन रहा हूँ। मैं अपने देश को ब्रिटिश सरकार से बचाने का हर सम्भव प्रयास करूँगा और अफसरों की बेहिसाब कमाई के बारे में जानकर ब्रिटिश सरकार को उनके अफसरों की काली करतूतों से अवगत कराऊँगा तथा अंग्रेजों की नीति “फूट डालो राज करो” को उन्हीं के खिलाफ अपनाकर उनकी शासन व्यवस्था की जड़ें कमजोर करने का प्रयास करूँगा।
फिर से याद करें
प्रश्न 1. निम्नलिखित के जोड़े बनाएँ
उत्तर – (क) → (ii), (ख) → (i), (ग) → (v), (घ) → (vi), (ङ)→ (iii), (च)→ (iv)।
प्रश्न 2. रिक्त स्थान भरें
(क) बंगाल पर अंग्रेजों की जीत …………” की जंग से शुरू हुई थी।
(ख) हैदर अली और टीपू सुल्तान ……..” के शासक थे।
(ग) डलहौजी ने …………” का सिद्धान्त लागू किया।
(घ) मराठा रियासतें मुख्य रूप से भारत के भाग में स्थित थीं।
उत्तर – (क) प्लासी, (ख) मैसूर, (ग) विलय नीति, (घ) दक्षिण पश्चिमी।
प्रश्न 3. सही या गलत बताएँ
(क) मुगल साम्राज्य अठारहवीं सदी में मजबूत होता गया।
(ख) इंग्लिश ईस्ट इंडिया कम्पनी भारत के साथ व्यापार करने वाली एकमात्र यूरोपीय कम्पनी थी।
(ग) महाराजा रणजीत सिंह पंजाब के राजा थे।
(घ) अंग्रेजों ने अपने कब्जे वाले इलाकों में कोई शासकीय बदलाव नहीं किए।
उत्तर – (क) गलत, (ख) गलत, (ग) सही, (घ) गलत।
आइए विचार करें
प्रश्न 4. यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियाँ भारत की तरफ क्यों आकर्षित हो रही थीं ?
उत्तर – यूरोपीय कम्पनियों ने भारत के साथ व्यापार करने की अपार सम्भावनाएँ देखीं। यूरोपीय देशों में भारत में बने बारीक सूती कपड़े और रेशम की जबरदस्त माँग थी। इनके अलावा काली मिर्च, लौंग, इलायची और दालचीनी की भी यूरोप में जबरदस्त माँग थी। यूरोपीय कम्पनियाँ इन वस्तुओं को भारत से सस्ते दामों में खरीदकर यूरोप में ऊँची कीमतों में बेचकर आकर्षक लाभ कमाती थीं। इन्हीं व्यापारिक सम्भावनाओं के कारण यूरोपीय कम्पनियाँ भारत की तरफ आकर्षित हो रही थीं।
प्रश्न 5. बंगाल के नवाबों और ईस्ट इंडिया कम्पनी के बीच किन बातों पर विवाद थे?
उत्तर – कम्पनी ज्यादा से ज्यादा रियायतें हासिल करने और पहले से मौजूद अधिकारों का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाने में लगी हुई थी। अंग्रेज शुल्क चुकाने से भी इन्कार कर रहे थे, इससे बंगाल में राजस्व का नुकसान हो रहा था। बंगाल के सभी शासक शक्तिशाली थे, उन्होंने कम्पनी को रियायतें देने से इंकार कर दिया और व्यापार का अधिकार देने के बदले कम्पनी से नजराने माँगे। कम्पनी को सिक्के ढालने के अधिकार नहीं दिये गये, किलेबंदी पर रोक लगाई, साथ ही कम्पनी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए उनके अफसरों का अपमान किया। इन्हीं टकरावों के कारण बंगाल के नवाबों और ईस्ट इंडिया कम्पनी के बीच विवाद की स्थिति बनी।
प्रश्न 6. दीवानी मिलने से ईस्ट इंडिया कम्पनी को किस तरह फायदा पहुँचा ?
उत्तर – दीवानी मिलने से ईस्ट इंडिया कम्पनी को निम्नलिखित फायदा पहुँचा
(1) दीवानी मिलने के कारण कम्पनी को बंगाल के विशाल राजस्व संसाधनों पर नियन्त्रण मिल गया था।
(2) दीवानी मिलने से पूर्व कम्पनी को भारत में ज्यादातर चीजें सोने और चाँदी के बदले में खरीदनी पड़ती थीं परन्तु बंगाल की दीवानी मिलने के बाद तो ब्रिटेन से सोना लाने की जरूरत ही नहीं रही।
(3) भारत से होने वाली आमदनी के सहारे ही कम्पनी अपने समस्त खर्च चला सकती थी।
(4) कम्पनी भारत से सूती और रेशमी कपड़ा, फौज के खर्चे, किलों व दफ्तरों का निर्माण विशाल राजस्व से होने वाली कमाई से आसानी से कर सकती थी।
प्रश्न 7. ईस्ट इंडिया कम्पनी टीपू सुल्तान को खतरा क्यों मानती थी?
उत्तर – टीपू सुल्तान एक शक्तिशाली और ताकतवर शासक था। मालाबार तट पर होने वाला व्यापार मैसूर रियासत के नियन्त्रण में था, जहाँ से कम्पनी काली मिर्च और इलायची खरीदती थी। टीपू सुल्तान ने अपनी रियासत में पड़ने वाले बंदरगाहों से चंदन की लकड़ी, काली मिर्च और इलायची का निर्यात रोक दिया। सुल्तान ने स्थानीय सौदागरों को भी कम्पनी के साथ कारोबार करने से रोक दिया था। सुल्तान अपनी सेना का आधुनिकीकरण भी करता था। सुल्तान के इन कदमों से कम्पनी आग बबूला हो गयी और टीपू सुल्तान को खतरा मानने लगी।
प्रश्न 8. “सब्सिडियरी एलायंस” (सहायक संधि) व्यवस्था की व्याख्या करें।
उत्तर – यह एक प्रकार की मैत्री संधि थी जिसका प्रयोग 1798-1805 तक भारत के गवर्नर जनरल रहे लॉर्ड वेलेजली ने भारत के देशी राज्यों से सम्बन्ध स्थापित करने के लिए किया था।
सहायक संधि अंग्रेजों की साम्राज्यवादी नीति पर आधारित थी। इस संधि के प्रयोग से भारत में अंग्रेजी सत्ता की श्रेष्ठता स्थापित हो गयी। इस संधि को दो चरणों में भारतीय राज्यों पर लागू किया गया।
प्रथम चरण-अंग्रेजों ने आर्थिक लाभ तथा अन्य शर्तों के साथ मित्र शासकों को अपनी सेनाएँ उधार दी।दूसरा चरण-जब देशी राज्य धन देने में असमर्थ होने लगे तब सेना के व्यय के बदले में प्रदेश लेना प्रारम्भ कर दिया।
प्रश्न 9. कम्पनी का शासन भारतीय राजाओं के शासन से किस तरह अलग था?
उत्तर – कम्पनी का शासन भारतीय राजाओं के शासन से निम्नलिखित रूप से अलग था क्र . भारतीय राजाओं का कम्पनी का शासन शासन भारतीय शासकों को पद- कम्पनी का शासन पैतृक आधार पर प्रदान कम्पनी के द्वारा नियुक्त किया जाता था। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा चलाया जाता था। | भारतीय शासक किसी कम्पनी के प्रशासनिक संस्था के प्रति जवाबदेह अधिकारी कम्पनी तथा नहीं थे। ब्रिटिश संसद के प्रति जवाबदेह थे। भारतीय राज्यों में न्याय कम्पनी में न्याय व्यवस्था व्यवस्था पूर्ण रूप से राजाओं के लिए विशेष अदालतें के निर्णय पर आधारित थी स्थापित थीं और न्याय के तथा न्याय के लिए लिखित कानून लिखित थे। कानून नहीं थे। भारतीय शासकों ने अपने कम्पनी ने प्रेजिडेंसी के राज्य का प्रशासनिक रूप में एक नई प्रशासनिक विभाजन विभिन्न इकाइयों इकाई बनायी थी। में किया था।
प्रश्न 10. कम्पनी की सेना की संरचना में आए बदलावों का वर्णन करें।
उत्तर-कम्पनी की सेना की संरचना में निम्नलिखित बदलाव आये
(1) कम्पनी ने सेना के लिए भर्ती शुरू कर उन्हें पेशेवर सैनिक प्रशिक्षण दिया।
(2) सिपाहियों को यूरोपीय ढंग का प्रशिक्षण अभ्यास और अनुशासन सिखाया जाने लगा।
(3) सेना में घुड़सवार टुकड़ियों से ज्यादा पैदल टुकड़ियाँ महत्वपूर्ण होती गईं।
(4) कम्पनी पेशेवर सिपाहियों की भर्ती में जाति और समुदाय की भावना को नजरअंदाज कर देते थे।
(5) सेना में यह भावना जगाई जाती थी कि उनका कोई धर्म, जाति नहीं है वरन् वह एक सैनिक है जिसकी वफादारी ब्रिटिश साम्राज्य के प्रति है।
(6) सैनिकों को आधुनिक हथियारों, मस्केट (तोड़ेदार बंदूक) तथा मैचलॉक से लैस किया जाने लगा।
आइए करके देखें
प्रश्न 11.बंगाल में अंग्रेजों की जीत के बाद कलकत्ता एक छोटे से गाँव से बड़े शहर में तब्दील हो गया। औपनिवेशिक काल के दौरान शहर के यूरोपीय और भारतीय निवासियों की संस्कृति, शिल्प और जीवन के बारे में पता लगाएँ।
उत्तर – औपनिवेशिक काल के दौरान कलकत्ता शहर के यूरोपीय और भारतीय निवासियों की संस्कृति शिल्प और जीवन निम्नलिखित हैं
(1) 1757 के बाद कलकत्ता शहर पर पूरी तरह अंग्रेजों का प्रभुत्व स्थापित हो गया था। शहर का तेजी से औद्योगिक विकास शुरू हुआ। यहाँ यूरोपीय लोग सुविधासम्पन्न स्थानों पर निवास करने लगे, परन्तु भारतीयों का जीवन, अनियोजित सुविधाहीन होने लगा। अंग्रेजी अफसर नवाबों की तरह जीवन बसर करने लगे और भारतीय जनता भुखमरी, लाचारी का जीवन जीने लगी।
(2) कलकत्ता शहर प्रारम्भ से ही अपनी कला और संस्कृति के लिए पहचाना जाता था। यहाँ भारतीय शास्त्रीय संगीत, नाटक रंगमंच इत्यादि का अत्यधिक विकास हुआ। औपनिवेशिक काल में कई महान साहित्यकार सामने आये, जिनकी कृतियों ने भारतीयों के मानस, पटल पर विशेष छाप डाली।
(3) औपनिवेशिक काल में कलकत्ता शहर की शिल्पकला को बढ़ावा नहीं मिला परन्तु अंग्रेजों ने यहाँ कई विशाल इमारतों का निर्माण कराया, जैसे विक्टोरिया मेमोरियल, भारतीय संग्रहालय इत्यादि।
प्रश्न 12. निम्नलिखित में से किसी के बारे में तस्वीरें कहानियाँ, कविताएँ और जानकारियाँ इकट्ठा करें-झाँसी की रानी, महादजी सिंधिया, हैदर अली, महाराजा रणजीत सिंह, लॉर्ड डलहौजी या आपके इलाके का कोई पुराना शासक।
उत्तर – झाँसी की रानी-रानी लक्ष्मीबाई का जन्म 19 नवम्बर, 1835 में काशी नगरी में एक मराठा ब्राह्मण परिवार में हुआ था। रानी लक्ष्मीबाई का विवाह झांसी के राजा गंगाधर राव से हुआ था, जिस वजह से वह झांसी की रानी बनी। इन्होंने 1857 के स्वतन्त्रता संग्राम में अहम योगदान दिया। 24 मई, 1858 में अंग्रेजों और झांसी की रानी में घमासान युद्ध हुआ जिसमें रानी ने वीरतापूर्वक लड़ते हुए अपने प्राण त्याग दिये। रानी की बहादुरी देखकर अंग्रेज सेनापति भी दंग रह गये।
महादजी सिंधिया – महादजी सिंधिया का जन्म सन् 1730 में हुआ था। उनके पिता राणा जी सिंधिया एक मराठा सरदार थे और महादजी सिंधिया उनकी पाँचवीं सन्तान थे। कम उम्र से ही उनकी सैन्य शिक्षा शुरू हो गयी थी। उन्होंने 10 साल की उम्र में अपना पहला युद्ध लड़ा था। सन् 1758 में ग्वालियर को अपने मुख्यालय के रूप में स्थापित किया। उन्होंने अंग्रेजों के साथ कई युद्ध लड़े। अन्त में टाइफाइड की बीमारी के कारण उनकी मृत्यु हो गयी। उनकी मृत्यु के बाद एक अंग्रेजी लेखक ने उन्हें महान शक्तिशाली पुरुष बताया।
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