MP Board Class 8th Geography Solution Chapter 2 : भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन

म.प्र. बोर्ड कक्षा आठवीं संपूर्ण हल- भूगोल – हमारा पर्यावरण 2 (Geography: Our Environment – III )

पाठ 2 :  भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन

प्रश्न – अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से)

महत्वपूर्ण बिन्दु  

  • भूमि एक प्राकृतिक संसाधन है। भूमि का उपयोग कृषि वानिकी, खनन, सड़कों एवं उद्योगों की स्थापना के लिए किया जाता है।
  • वनरोपण, भूमि उद्धार, रासायनिक कीटनाशकों और उर्वरकों के विनियमित उपयोग, अतिचारण पर रोक इत्यादि से भूमि संरक्षित की जा सकती है।
  • पृथ्वी के पृष्ठ पर दानेदार कणों के आवरण की पतली परत मृदा कहलाती है।
  • भूपृष्ठ का तीन-चौथाई भाग जल से ढका है। परन्तु केवल एक प्रतिशत जल मानव उपयोग के लिए उपयुक्त है।
  • जैवमण्डल में सभी जीवित जातियाँ जीवित रहने के लिए एक-दूसरे से परस्पर सम्बन्धित और निर्भर रहती हैं। इस जीवन आधारित तन्त्र को पारितन्त्र कहते हैं।
  • विश्व की वनस्पति को चार भागों में बाँटा जा सकता है; जैसे-घास, स्थल, गुल्म और टुण्ड्रा।
  • पौधों और प्राणियों का संरक्षण प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।

महत्वपूर्ण शब्दावली

अपक्षय – तापमान परिवर्तन, तुषार क्रिया, पौधों, प्राणियों और मनुष्य के क्रियाकलाप द्वारा अनावरित शैलों का टूटना और क्षय होना।

राष्ट्रीय उद्यान – वर्तमान और भविष्य की पीढ़ी के लिए एक या एक से अधिक पारितन्त्रों की पारिस्थितिक एकता की रक्षा के लिए नामित किया गया प्राकृतिक क्षेत्र।

जैवमण्डल निचय – यह वैश्विक नेटवर्क द्वारा जुड़े रक्षित क्षेत्रों की एक श्रृंखला है जिसे संरक्षण और विकास के बीच सम्बन्ध को प्रदर्शित करने के इरादे से बनाया गया

पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर

पृष्ठ संख्या # 07  

आओ कुछ करके सीखें

प्रश्न 1. जिस प्रदेश में आप रहते हैं उस प्रदेश में भूमि मृदा के प्रकार तथा जल उपलब्धता का प्रेक्षण करें। अपनी कक्षा में परिचर्चा करें कि किस प्रकार लोगों की जीवन शैली इनके द्वारा प्रभावित हुई है।

उत्तर – मध्यप्रदेश –

(1) मध्यप्रदेश में मुख्य रूप से निम्नलिखित पाँच प्रकार की मिट्टी पाई जाती हैं –

(i) काली मिट्टी, (ii) लाल-पीली मिट्टी, (iii) जलोढ़ मिट्टी, (iv) कछारी मिट्टी, (v) मिश्रित मिट्टी।

(2) काली मिट्टी का काला रंग लोहे की अधिकता के कारण होता है।

(3) मध्यप्रदेश की सर्वाधिक उपजाऊ मिट्टी जलोढ़ मिट्टी है।

(4) काली मिट्टी में जल धारण क्षमता सर्वाधिक होती है।

(5) मध्यप्रदेश में प्रतिवर्ष औसतन 1160 एम. एम. बारिश होती है।

(6) मध्यप्रदेश की नदियों के वर्षा जल पर आधारित होने के कारण इनमें पानी की उपलब्धता भी उसी दौरान हुई वर्षा पर ही निर्भर करती है।

(7) मध्यप्रदेश में भूगर्भ जल की भी स्थिति अच्छी नहीं है।

(8) मध्यप्रदेश में पेयजल संकट निरन्तर गम्भीर रूप लेता जा रहा है।

(9) मध्यप्रदेश के 48 जिलों में कुल 3/3 विकास खण्ड हैं जिनमें 26 विकास खण्डों में भूजल की आवश्यकता से अधिक दोहन किया जा चुका है।

मृदा के उपलब्ध प्रकारों और जल की सीमित उपलब्धता ने मध्यप्रदेश के लोगों की जीवन शैली को अनेक प्रकार से प्रभावितकिया है। यहाँ की मुख्य वाणिज्यिक फसलों में कपास व गन्ना हैं। यहाँ के कुटीर उद्योग भी यहाँ की फसलों से सम्बन्धित ही हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 08

आओ कुछ करके सीखें

प्रश्न 2. अपने घर/पड़ोस में कुछ बुजुर्ग व्यक्तियों से बात करें और पिछले कुछ वर्षों में हुए भूमि उपयोग परिवर्तन के विषय में सूचना एकत्रित कीजिए। प्राप्त जानकारी को अपनी कक्षा के सूचनापट्ट पर प्रदर्शित कीजिए।

उत्तर – सूचनापट्ट पर प्राप्त जानकारी

(1) भूमि पर कृषि कार्य हेतु अतिक्रमण किया जा रहा है।

(2) गाँवों का नगरीकरण हो रहा है।

(3) भूमि पर आवास व उद्योगों की इमारतें बन गयी हैं।

(4) किसान शहर की ओर मजदूरी पर निर्भर हो गये हैं।

(5) भूमि पर फसल उगाने के लिए रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग बढ़ता जा रहा है।

पृष्ठ संख्या # 12

क्रियाकलाप

प्रश्न 3. भारत में जलोढ़, काली, लाल, लेटेराइट, मरुस्थलीय और पर्वतीय प्रकार की मृदाएँ हो सकती हैं। विभिन्न प्रकार की मृदाओं की एक-एक मुट्ठी एकत्रित कीजिए और निरीक्षण कीजिए। वे किस प्रकार एक-दूसरे से भिन्न हैं?

उत्तर – विद्यार्थी विभिन्न प्रकार की मृदाओं की एक-एक मुट्ठी एकत्र करें।

भारत में पायी जाने वाली मिट्टियों का वर्णन

(1) जलोढ़ मिट्टी – ये नदियों द्वारा तलछट के जमाव से बनती हैं। ये मिट्टी बहुत उपजाऊ होती है। यह उत्तरी मैदान, नर्मदा और ताप्ती की निचली घाटियों और उत्तरी गुजरात में पायी जाती है।

(2) काली मिट्टी – ये मिट्टी ज्वालामुखीय चट्टानों और लावा प्रवाह से बनती है। इसमें चूना, लोहा, मैग्नीशियम और पोटाश भी होते हैं, लेकिन फॉस्फोरस, नाइट्रोजन की कमी होती है।

(3) लाल मिट्टी – ये डेक्कन पठार की प्राचीन मेटामॉर्फिक चट्टानों के अपक्षय से प्राप्त होती है। इसकी लालिमा लोहे की संरचना के कारण होती है।

(4) लेटेराइट मिट्टी – ये मिट्टी गहन लीचिंग के कारण बनती हैं ये पहाड़ियों और ऊपरी इलाकों के शिखर पर अच्छी तरह से विकसित होती हैं। ये केरल, उड़ीसा, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, असम के पहाड़ी क्षेत्रों में पायी जाती हैं।

(5) मरुस्थलीय मिट्टी – कम वर्षा वाले शुष्क क्षेत्रों में मिलती है। यह मिट्टी मुख्य रूप से मरुस्थलीय मैदानों में पायी जाती है। इस मिट्टी में सामान्यतः ह्यूमस का अभाव होता है।

(6) पर्वतीय मिट्टी – यह मिट्टी पहाड़ी ढलानों में पाई जाती है। पर्वतीय मिट्टी आमतौर पर शुष्क और ठण्डे जिलों जैसे लद्दाख, लाहौल और स्पीति जिला, किन्नौर जिला आदि में पाई जाती है।

पृष्ठ संख्या # 13

क्रियाकलाप

प्रश्न 4. एक ही आकार की ‘अ’ और ‘ब’ दो ट्रे लीजिए। इन ट्रे के अन्त में छः छेद बनाइए और इन्हें बराबर मात्रा में मृदा से भरिए। ‘अ’ ट्रे की मृदा को खाली छोड़ दीजिए जबकि ‘ब’ट्रे में गेहूँअथवा चावल के दाने लगाइए। बाद में ‘ब’ ट्रे के दाने उगकर कुछ ऊँचे हो जाते हैं। अब दोनों ट्रे को ऐसे रखिए कि वे एक ढाल पर हो। दोनों ट्रे में बराबर ऊँचाई से एक ओर से मग से जल डालते हैं। दोनों ट्रे के छिद्रों से निकलने वाले पंकिल जल को दो अलग-अलग डिब्बों में एकत्रित करें और तुलना करें कि प्रत्येक ट्रे से कितनी मृदा बह गई है।

उत्तर – ‘अ’ ट्रे – इस ट्रे से काफी मृदा बह जाती है।

“ब’ ट्रे – इस ट्रे से काफी कम मृदा बहती है।

पृष्ठ संख्या # 14

क्रियाकलाप

प्रश्न 5. औसतन एक भारतीय नागरिक प्रतिदिन लगभग 150 लीटर जल का उपयोग करता है।

क्या आप इस उपयोग को कम करने के तरीके सोच सकते हैं ?

उत्तर जल उपयोग के कम करने के तरीके

(i) नहाने में फब्बारे के स्थान पर बाल्टी में पानी भरकर नहाएँ।

(ii) शौचालय में फ्लश में कम पानी का प्रयोग कर फ्लश करें।

(iii) कपड़े धुलने के लिए अच्छे डिटरजेण्ट का प्रयोग कले से भी पानी की बचत की जा सकती है।

(iv) बर्तन नल के नीचे न धोकर बाल्टी में पानी भरकर

(v) सब्जी व किचन का पानी क्यारियों में डालें।

(vi) गाड़ी पाइप से न धोकर बाल्टी के पानी से धोएँ।

(vii) नल कभी खुला न छोड़ें व नल का प्रेशर कम करके प्रयोग करें।

पृष्ठ संख्या # 18.

पाठ्य-पुस्तक के पृष्ठ संख्या 18 पर ‘दावानल’ के अन्तर्गत विभिन्न समाचार-पत्रों की कटिंग को पढ़िए तथा निम्नलिखित क्रियाकलाप कीजिए।

क्रियाकलाप

प्रश्न 6. समाचार पढ़िए और ज्ञात कीजिए कि यह अग्नि कैसे प्रारम्भ हुई ? क्या इससे बचा जा सकता था ?

उत्तर – कैलिफोर्निया के जंगलों में आग बच्चों की लापरवाही के कारण लगी। माचिस बच्चों की पहुँच से दूर रखा जाता तो आग से बचा जा सकता था। लोगों में जागरूकता उत्पन्न करके इस तरह की दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है। लोगों को आग लगने के कारणों की जानकारी दी जा सकती है। आग लगने पर सुरक्षा के उपायों के विषय में जानकारी दी जा सकती है।

पाठान्त प्रश्नोत्तर

अभ्यास

प्रश्न 1. निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए

(i) मृदा निर्माण के लिए उत्तरदायी दो मुख्य जलवायु कारक कौन-से हैं?

उत्तर – मृदा निर्माण के दो मुख्य जलवायु कारक निम्नलिखित हैं

(i) तापमान, (ii) वर्षा।

(ii) भूमि निम्नीकरण के कोई दो कारण लिखिए।

उत्तर – (i) वनों का कटाव। (ii) भूमि का अत्यधिक दोहन।

(iii) भूमि को महत्वपूर्ण संसाधन क्यों माना जाता है ?

उत्तर भूमि का उपयोग विभिन्न कार्यों के लिए किया जाता है; जैसे-कृषि, वानिकी, खनन, सड़कों और उद्योगों की स्थापना इत्यादि इसलिए भूमि को महत्वपूर्ण संसाधन माना जाता है।

(iv) किन्हीं दो सोपानों के नाम बताइए जिन्हें सरकार ने पौधों और प्राणियों के संरक्षण के लिए आरम्भ किया है ?

उत्तर – सोपान

(1) राष्ट्रीय उद्योग – वर्तमान और भविष्य की पीढ़ी के लिए एक या एक से अधिक पारितन्त्रों की रक्षा के लिए सरकार ने आरम्भ किया है।

(2) जैवमण्डल निचय – यह वैश्विक नेटवर्क द्वारा जुड़े रक्षित क्षेत्रों की एक श्रृंखला है जिसे संरक्षण और विकास के बीच सम्बन्ध को प्रदर्शित करने के इरादे से बनाया गया है।

(v) जल संरक्षण के तीन तरीके बताइए।

उत्तर (1) वन और अन्य वनस्पति आवरण बढ़ाना।

(2) जल का अत्यधिक उपयोग से बचना।

(3) सिंचाई के लिए ड्रिप अथवा टपकन विधि का प्रयोग करना।

प्रश्न 2. सही उत्तर को चिन्हित कीजिए

(i) निम्नलिखित में से कौन-सा कारक मृदा निर्माण का नहीं है ?

(क) समय

(ख) मृदा का गठन

(ग) जैव पदार्थ।

(ii) निम्नलिखित में से कौन-सी विधि तीव्र ढालों पर मृदा अपरदन को रोकने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है ?

(क) रक्षक मेखला

(ख) मलचिंग

(ग) वेदिका कृषि।

(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा प्रकृति के संरक्षण के अनुकूल नहीं है ?

(क) बल्ब को बन्द कर देना चाहिए जब आवश्यकता न हो।

(ख) नल को उपयोग के बाद तुरन्त बन्द कर देना चाहिए।

(ग) खरीददारी के बाद पॉली पैक को नष्ट कर देना चाहिए।

उत्तर

(i) (ख) मृदा का गठन,

(ii) (ग) वेदिका कृषि,

(iii) (ग) खरीददारी के बाद पॉली पैक को नष्ट कर देना चाहिए।

प्रश्न 3. निम्नलिखित का मिलान कीजिए

उत्तर (क) → (iii), (ख) → (iv), (ग) → (i), (घ) → (ii)

प्रश्न 4. निम्नलिखित कथनों में से सत्य अथवा असत्य बताइए। यदि सत्य है तो उसके कारण लिखिए

(i) भारत का गंगा, ब्रह्मपुत्र का मैदान अत्यधिक आबाद प्रदेश है।

उत्तर – यह कथन सत्य है।

कारण – गंगा, ब्रह्मपुत्र जलोढ़ मृदा से निर्मित है। यहाँ बहुतायत में कृषि की उत्पादकता, विस्तृत परिवहन तन्त्र और अत्यधिक जनसंख्या निवास करती है।

(ii) भारत में प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता कम हो रही है।

उत्तर – यह कथन सत्य है।

कारण – मानव के जल संसाधन के अविवेकपूर्ण अत्यधिक दोहन के फलस्वरूप भारत में प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता कम हो रही है।

(iii) तटीय क्षेत्रों में पवन गति रोकने के लिए वृक्ष कतार में लगाए जाते हैं, जिसे बीच की फसल उगाना कहते हैं।

उत्तर यह कथन असत्य है।

कारण – रक्षक मेखलाएँ तटीय प्रदेशों और शुष्क प्रदेशों में पवन गति रोकने के लिए वृक्ष कतार में लगाए जाते हैं।

(iv) मानवीय हस्तक्षेप और जलवायु परिवर्तन पारितन्त्र को व्यवस्थित रख सकते हैं।

उत्तर यह कथन असत्य है।

कारण – मानवीय हस्तक्षेप जलवायु परिवर्तन पारितन्त्र को अव्यवस्थित करते हैं।

प्रश्न 5.क्रियाकलाप

भूमि उपयोग प्रतिरूप के परिवर्तन के लिए उत्तरदायी कछ और कारणों की चर्चा कीजिए। पिछले कछ वर्षों में क्या आपके स्थान पर भूमि उपयोग प्रतिरूप में कोई परिवर्तन हुआ है ? अपने माता-पिता और बड़े लोगों से पता कीजिए। आप निम्नलिखित प्रश्नों को पूछकर एक साक्षात्कार ले सकते हैं

भूमि उपयोग प्रतिरूप परिवर्तन के लिए उत्तरदायी कारण निम्नलिखित हैं

(1) बढ़ती जनसंख्या,

(2) वन भूमि का विनाश,

(3) कृषि योग्य भूमि का आवास के लिए प्रयोग,

(4) संसाधनों का अत्यधिक दोहन।

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