म.प्र. बोर्ड कक्षा सातवीं संपूर्ण हल- नागरिकशास्त्र – सामाजिक एवं राजनैतिक जीवन 2 (Civics: Social & Political Life – II )
इकाई 2 : राज्य सरकार
पाठ 2 : स्वास्थ्य में सरकार की भूमिका
प्रश्न – अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से)
महत्वपूर्ण बिन्दु :
- संसार भर में भारत में सर्वाधिक चिकित्सा महाविद्यालय हैं और यहाँ सबसे अधिक डॉक्टर तैयार किये जाते हैं। लगभग हर वर्ष 15,000 नए डॉक्टर योग्यता प्राप्त करते हैं।
- भारत में पिछले वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं में काफी वृद्धि हुई है। सन् 1950 में भारत में केवल 2,717 अस्पताल थे।
- सन् 1991 में 11,174 अस्पताल थे और सन् 2000 में यह संख्या बढ़कर 18,218 हो गई।
- भारत में विदेशों से बहुत बड़ी संख्या में इलाज कराने हेतु चिकित्सा पर्यटक आते हैं।
- भारत विश्व का दवाइयाँ निर्मित करने वाला तीसरा बड़ा देश है और यहाँ से भारी मात्रा में दवाइयों का निर्यात होता है।
- स्वास्थ्य सेवाओं को दो वर्गों में बाँट सकते हैं-(अ) सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएँ, (ब) निजी स्वास्थ्य सेवाएँ।
- सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा, स्वास्थ्य केन्द्रों व अस्पतालों की एक श्रृंखला है जो सरकार द्वारा चलाई जाती है। ये शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में सुविधाएँ प्रदान करते हैं।
- हमारे देश में कई तरह की निजी स्वास्थ्य सेवाएँ पायी जाती हैं, जैसे-अस्पताल व नर्सिंग होम, एक्स-रे, अल्ट्रासाउण्ड इत्यादि।
महत्त्वपूर्ण शब्दावली
चिकित्सा पर्यटक – वे विदेशी पर्यटक जो भारत के अस्पतालों में अपना इलाज कराने आते हैं।
ओ. पी. डी. – यह आउट पेशेंट डिपार्टमेण्ट या बाह्य रोगी विभाग का संक्षिप्त रूप है। अस्पताल में किसी विशेष वार्ड में भर्ती होने से पहले रोगी ओ. पी. डी. में जाते हैं।
जेनेरिक नाम – दवाइयों के रासायनिक नाम। वे दवाइयों में प्रयुक्त सामग्रियों की पहचान करने में मदद करते हैं। ये विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त हैं।
पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. क्या आप इन सभी चित्रों या इनमें से कुछ को स्वास्थ्य से सम्बन्धित समझते हैं ? यदि हाँ, तो किस प्रकार ? समूह में चर्चा करें।
उत्तर – पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या 19 पर दिखाए गए चित्रों में से स्वास्थ्य से सम्बन्धित कुछ चित्र हैं
(1) + चिह्न युक्त एक वाहन एक ग्रामीण क्षेत्र में खड़ा है। इस वाहन के रूप में सरकार द्वारा आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं तथा सुविधाओं से युक्त चल स्वास्थ्य केन्द्रों को ग्रामीण क्षेत्रों में भेजा जाता है। इस वाहन में डॉक्टर और नर्स होते हैं। जो बीमार व्यक्तियों की जाँच कर उन्हें तत्काल दवा एवं उपचार उपलब्ध करवाते हैं।
(2) चित्र में डॉक्टरों द्वारा ‘शल्य चिकित्सा कक्ष’ में एक मरीज का ऑपरेशन करते दिखाया गया है। ये डॉक्टर मरीजों के स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं की देखरेख करते हैं।
प्रश्न 2. ऊपर दिए गए कोलाज से दो स्थितियाँ छाँटिए, जो बीमारी से सम्बन्धित नहीं हैं। वे कैसे स्वास्थ्य से सम्बन्धित हो सकती हैं, इस पर दो वाक्य लिखिए।
उत्तर – (1) एक महिला अपने सिर पर घड़े रखकर पानी ला रही है। ये खुले तालाब तथा कुँओं से पानी लाती है। यह पानी दूषित भी हो सकता है जो बीमारियों को न्यौता दे सकता है।
(2) एक झुग्गी-झोपड़ी में घर के सामने कूड़ा-करकट वाला बर्तन दिखाई दे रहा है। इन बर्तनों को सभी प्रकार के कूड़ा-करकट को फेंकने के लिए एकत्रित किया जाता है। इस तरह से खुले कूड़ेदानों में मक्खियाँ, मच्छर उत्पन्न होते हैं जो उड़कर हमारे भोजन पर बैठते हैं जिससे बीमारियाँ फैलती हैं।
पृष्ठ संख्या 20
प्रश्न 1. क्या आप इन स्तम्भों को कोई शीर्षक दे सकते हैं
उत्तर – पुस्तक में दिये गये स्तम्भों के शीर्षक निम्नलिखित हो सकते हैं
(1) बाएँ हाथ का स्तम्भ – भारतीय स्वास्थ्य सेवा तन्त्र का विकास एवं उपलब्धियाँ।
(2) दाएँ हाथ का स्तम्भ – भारतीय स्वास्थ्य सेवा तन्त्र के विकास की कमियाँ एवं कठिनाइयाँ।
प्रश्न 2. भारत में प्रायः यह कहा जाता है कि हम सबको स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में असमर्थ हैं, क्योंकि सरकार के पास इसके लिए पर्याप्त धन और सुविधाएँ नहीं हैं। ऊपर दिये गए बाएँ हाथ के स्तम्भ को पढ़ने के बाद क्या आप इसे सही मानते हैं? चर्चा कीजिए।
उत्तर– भारत में प्रायः यह कहा जाता है कि हम सबको स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में असमर्थ हैं, क्योंकि सरकार के पास इसके लिए पर्याप्त धन और सुविधाएँ नहीं हैं। हम इस बात से असहमत हैं क्योंकि हम स्वास्थ्य सेवाओं पर सकल घरेलू उत्पाद यानि जी. डी. पी. का सबसे कम खर्च करने वाले देशों में शुमार हैं। भारत स्वास्थ्य सेवाओं में जी. डी. पी. का महज 1.3 प्रतिशत ही खर्च करता है। यह भी सच है कि भारत में बड़ी तेजी से स्वास्थ्य सेवाओं का निजीकरण हुआ है। स्वतन्त्रता प्राप्ति के समय निजी अस्पतालों की संख्या 8 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर 93 प्रतिशत हो गई है। इन निजी अस्पतालों का लक्ष्य मुनाफा बटोरना रह गया है। भारत जैसे देश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य जैसी सेवाओं को निजी हाथों में सौंपना गलत है। अतः भारत में सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली में क्रान्तिकारी परिवर्तन लाने की जरूरत है।
पृष्ठ संख्या # 21
प्रश्न – ऊपर दी गई कहानी को पढ़िए। कल्पना कीजिए कि आप एक न्यायाधीश हैं। आप हाकिम शेख को क्या कहेंगे?
उत्तर – एक न्यायाधीश होने के नाते हम हाकिम शेख के लिए कहेंगे कि संविधान के अनुसार सबको स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना सरकार का प्राथमिक कर्त्तव्य है। सरकार को हर व्यक्ति के जीवन के अधिकार की रक्षा करनी चाहिए। हाकिम शेख को इलाज के दौरान जिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा उसमें उनकी जान भी जा सकती थी। यदि कोई अस्पताल समय पर व्यक्ति को इलाज नहीं प्रदान कर पाता है तो इसका तात्पर्य है कि उसे जीवन की सुरक्षा नहीं दी जा रही है। अस्पताल और उनके स्वास्थ्य सम्बन्धी कर्मचारियों को आवश्यक इलाज प्रदान करने की जिम्मेदारी पूरी करनी चाहिए। चूँकि कई सरकारी अस्पतालों ने हाकिम शेख का इलाज करने से मना कर दिया था। इसलिए अदालत राज्य सरकार को निर्देश देती है कि वह हाकिम शेख द्वारा इलाज पर व्यय किए गए पूरे खर्च का भुगतान करे।
पृष्ठ संख्या # 24
प्रश्न 1. जब आप बीमार होते हैं, तो कहाँ जाते हैं ? क्या आपको किन्हीं कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है ? अपने अनुभवों के आधार पर एक अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर – बीमार पड़ने पर सामान्यतः व्यक्ति सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए जाते हैं। वहाँ अधिकांशतः निम्नलिखित कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है
(1) सरकारी अस्पतालों में सर्वप्रथम रजिस्ट्रेशन अर्थात् पर्चा बनवाने के लिए लम्बी लाइन में खड़ा होना पड़ता है।
(2) तत्पश्चात् डॉक्टर को दिखाने के लिए फिर से लम्बी लाइन का सामना करना पड़ता है।
(3) जाँच-परख के बाद डॉक्टरों द्वारा विभिन्न जाँच जैसे ई. सी. जी., रक्त परीक्षण, मूत्र परीक्षण इत्यादि करवाने के लिए भी वहाँ लम्बी लाइन में खड़ा होना पड़ता है और परीक्षणों की रिपोर्ट के लिए भी कई दिनों तक इन्तजार करना पड़ता है।
(4) डॉक्टर द्वारा जो दवाइयाँ लिखी जाती हैं, उनमें से कई दवाइयाँ अस्पताल में नहीं मिलती। उन्हें बाहर की दुकानों से खरीदना पड़ता है।
प्रश्न 2. सरकारी अस्पताल में अमन को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा? आपके विचार से अस्पताल कैसे बेहतर ढंग से काम कर सकता है ? चर्चा कीजिए।
उत्तर – सरकारी अस्पताल में अमन को लम्बी लाइन में खड़ा होना पड़ा। उसकी बारी आने पर डॉक्टर ने उसे खून की जाँच कराने को कहा, उसके लिए भी उसे लम्बी लाइन में इन्तजार करना पड़ा। उस लाइन में धक्का-मुक्की हो रही थी। इन सब कामों में बहुत समय लग गया और तीन दिन बाद खून की जाँच की रिपोर्ट मिली।
अस्पताल द्वारा बेहतर ढंग से काम करने के उपाय
(1) अस्पताल के प्रत्येक कर्मचारी को अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए जिससे लाइन लम्बी न बने।
(2) प्रत्येक कर्मचारी के काम का समय निश्चित होना चाहिए। जो भी कर्मचारी अपने कार्य में लापरवाही करे उस पर तुरन्त उचित कार्यवाही की जानी चाहिए।
(3) अस्पताल में साफ-सफाई हेतु समय-समय पर अधिकारियों द्वारा जाँच की जानी चाहिए।
प्रश्न 3. रंजन को इतना अधिक पैसा क्यों खर्च करना पड़ा ? कारण बताइए।
उत्तर -रंजन ने अपना इलाज एक निजी अस्पताल में कराया था। वहाँ पर उसे कई तरह की जाँच करवाने की सलाह दी गयी। तब जाकर उसे पता चला कि उसे मामूली वायरल बुखार है। रंजन को कई तरह के परीक्षण की फीस, डॉक्टर की फीस, बेड का चार्ज इत्यादि पर अधिक पैसा खर्च करना पड़ा।
प्रश्न 4. निजी चिकित्सालयों में हमें किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है ? चर्चा कीजिए।
उत्तर – निजी चिकित्सालयों में हमें प्रत्येक सुविधा प्राप्त करने के लिए एक मोटी धनराशि खर्च करनी होती है।
कभी-कभी डॉक्टरों द्वारा खर्चीले जाँच लिखे जाते हैं जिनकी वास्तव में कोई जरूरत नहीं होती।
पृष्ठ संख्या # 25
प्रश्न 1. किन-किन अर्थों में ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था’ सबके लिए उपलब्ध एक सेवा है ?
उत्तर – सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था, स्वास्थ्य केन्द्रों व अस्पतालों की एक श्रृंखला है, जो सरकार द्वारा चलाई जाती है। ये केन्द्र व अस्पताल आपस में जुड़े हुए हैं, जिससे ये शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों को सुविधाएँ प्रदान करते हैं और सभी बीमारियों (साधारण से लेकर विशेष देखभाल की जरूरत वाली बीमारियों) का इलाज प्रदान करते हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य केन्द्र में मुफ्त में इलाज और दवाइयाँ दी जाती हैं इसलिए इसमें इलाज कराना सबके लिए सम्भव है।
प्रश्न 2. कुछ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों अथवा अस्पतालों की सूची बनाइए, जो आपके घर के पास हैं। अपने अनुभव से अथवा उनमें से किसी एक में जाकर केन्द्र चलाने वाले लोगों का और वहाँ दी जाने वाली सुविधाओं का पता लगाइए।
उत्तर – सार्वजनिक स्वास्थ्य केन्द्र जो ग्वालियर में स्थित हैं
(1) जयारोग्य अस्पताल, कम्पू
(2) जिला अस्पताल, मुरार।
(3) जिला अस्पताल, हजीरा।
इन सरकारी अस्पतालों की स्थिति
(1) इन अस्पतालों को अधिकारीगण, समूह के प्रबन्धन द्वारा चलाया जाता है।
(2) इन अस्पतालों में डॉक्टरों के समूह हैं जो अलग-अलग रोगों के विशेषज्ञ हैं।
(3) इन अस्पतालों के भवन काफी बड़े हैं तथा यहाँ सभी तरह की सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
(4) इन अस्पतालों में कई जाँच परीक्षण यन्त्र भी हैं।
(5) इन अस्पतालों में रोगी को मुफ्त इलाज एवं मुफ्त दवाइयाँ भी दी जाती हैं।
पृष्ठ संख्या # 26
प्रश्न 1. आपके घर के पास कौन-सी निजी स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध हैं ? उन्हें चलाने वाले लोगों और वहाँ दी जाने वाली सुविधाओं का पता लगाइए।
उत्तर – निजी स्वास्थ्य सेवाओं की सूची
(1) मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पीटल,
(2) बिरला हॉस्पीटल,
(3) जनक नर्सिंग होम,
(4) परिवार नर्सिंग होम।
निजी अस्पतालों की स्थिति – हमारे घर के पास कई निजी स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध हैं; जैसे-परिवार नर्सिंग होम, बिरला हॉस्पीटल इत्यादि। यहाँ सभी सामान्य एवं गम्भीर रोगों का इलाज किया जाता है। आस-पास कई डायग्नॉस्टिक सेण्टर हैं। जहाँ रक्त, ई.सी.जी., अल्ट्रासाउण्ड, सी. टी. स्कैन इत्यादि किये जाते हैं। साथ ही सभी क्षेत्रों में विभिन्न जगह दवाइयों की दुकानें स्थापित हैं। जहाँ सभी दवाइयाँ आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं।
प्रश्न 2. स्वास्थ्य सेवा को और अधिक किफायती कैसे बनाया जा सकता है ? इस पर चर्चा करें।
उत्तर-स्वास्थ्य सेवा को और अधिक किफायती निम्नलिखित प्रकार से बनाया जा सकता है
(1) सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं में सकल घरेलू उत्पाद यानि जी. डी. पी. का निवेश बढ़ाना चाहिए।
(2) स्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या व सुविधाओं में वृद्धि करनी चाहिए।
(3) सरकार को स्वास्थ्य केन्द्रों की बढ़ोत्तरी के अलावा अपने क्षेत्र में स्वच्छ पेयजल, साफ-सफाई, पोषण, मकान आदि की व्यवस्था करनी चाहिए।
(4) विभिन्न जाँच परीक्षण मशीनों की उपलब्धता सस्ती दरों पर होनी चाहिए तथा परीक्षण की जाँच रिपोर्ट भी शीघ्र उपलब्ध होनी चाहिए।
(5) सरकार को महँगी दवाइयों की कीमतों पर नियन्त्रण कर उन्हें सस्ती दरों पर बेचना चाहिए।
पृष्ठ संख्या # 28
प्रश्न – इस पाठ्य-पुस्तक के पृष्ठ 111 पर भारत का नक्शा दिया गया है। इस नक्शे पर अपनी पेन्सिल से केरल राज्य की आकृति बनाइए।
उत्तर – विद्यार्थी भारत के मानचित्र में केरल राज्य के ऊपर पेन्सिल से आकृति बनाएँ।
पाठान्त प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. इस अध्याय में आपने पढ़ा है कि स्वास्थ्य में सिर्फ बीमारी की बात नहीं की जा सकती है। संविधान से लिए गए एक अंश को यहाँ पढ़िए और अपने शब्दों में समझाइए कि ‘जीवन का स्तर’ और ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य’ के क्या मायने होंगे?
उत्तर – संविधान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा यह कहता है कि “पोषाहार स्तर और जीवन-स्तर को ऊँचा करने तथा लोक स्वास्थ्य का सुधार करने का राज्य का कर्तव्य है।”
जीवन का स्तर-एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में एक निश्चित सामाजिक-आर्थिक वर्ग के लिए उपलब्ध धन, सुख, भौतिक वस्तुओं और आवश्यकताओं की पूर्ति दर्शाता है। । सार्वजनिक स्वास्थ्य-सार्वजनिक स्वास्थ्य का अर्थ बीमारी की रोकथाम और उपचार करना है। आबादी की स्वास्थ्य से सम्बन्धित आवश्यकताओं को पूरा करना है। इसलिए भारत सरकार, राज्य सरकार और स्थानीय सरकार ने कई स्वास्थ्य केन्द्रों का निर्माण किया है तथा पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊँचा करने के लिए कई कार्यक्रम चलाए गए हैं।
प्रश्न 2. सबके लिए स्वास्थ्य की सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए सरकार कौन-कौन से कदम उठा सकती है ? चर्चा कीजिए। उत्तर -सबके लिए स्वास्थ्य की सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए सरकार निम्नलिखित कदम उठा सकती है
(1) स्वास्थ्य केन्द्रों या चिकित्सा केन्द्रों में वृद्धि करके।।
(2) ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में गुणात्मक स्वास्थ्य सुविधाओं का प्रसार करके।
(3) स्वास्थ्य सम्बन्धी ज्ञान का प्रसार करके।
(4) सरकार स्वास्थ्य की सुविधाओं में वृद्धि करने के लिए बजट में वृद्धि करे।
(5) सरकार प्रदूषण नियन्त्रण कानून लागू करे।
(6) सरकार स्वच्छ पेयजल, साफ-सफाई, पोषण इत्यादि की व्यवस्था में वृद्धि करे।
(7) सरकार पर्याप्त मात्रा में पोषाहार उपलब्ध कराये।
(8) सफाई की उचित व्यवस्था करे।
प्रश्न 3. आपको, अपने इलाके में उपलब्ध सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य सेवाओं में क्या-क्या अन्तर देखने को मिलते हैं ? नीचे दी गई तालिका को भरते हुए, इनकी तुलना कीजिए और अन्तर बताइए।
उत्तर-
उपरोक्त तालिका में निम्न अन्तर हैं
(1) निजी अस्पतालों द्वारा प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सेवाएँ सार्वजनिक स्वास्थ्य केन्द्रों द्वारा प्रदान की जाने वाली | सेवाओं से बेहतर हैं। परन्तु ये सुविधाएँ गाँवों में उपलब्ध नहीं होती।
(2) सार्वजनिक अस्पतालों में आधुनिक चिकित्सा प्रौद्योगिकियों की कमी के साथ खराब तरीके से उपचार किया
जाता है। गाँवों में स्वास्थ्य केन्द्र प्रायः उपलब्ध होते हैं। किन्तु | विभिन्न जाँचों, जैसे रक्त, मल-मूत्र, एक्स-रे इत्यादि सुविधाओं का अभाव होता है।
(3) निजी चिकित्सा सेवाओं की लागत ज्यादा है और सभी उसका प्रयोग करने में असमर्थ हैं जबकि सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाएँ सस्ती और समाज के सभी वर्गों द्वारा उपयोग की जा सकती हैं।
प्रश्न 4. पानी और साफ-सफाई की गुणवत्ता को सुधार कर अनेक बीमारियों की रोकथाम की जा सकती है। उदाहरण देते हुए इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – पानी और साफ-सफाई की गुणवत्ता में सुधार कर अनेक बीमारियों की रोकथाम की जा सकती है
(1) अगर स्वास्थ्यप्रद स्थितियों की बात की जाए तो इसमें साफ-सफाई से लेकर आस-पास का साफ-सुथरा माहौल भी शामिल होता है। पानी से जुड़ी बीमारियों या प्रदूषित पानी, खराब स्वास्थ्य और गरीबी का एक खास दायरा, गन्दे पानी और साफ-सफाई की खराब स्थितियों की वजह से सामने आता है।
(2) गन्दे पानी एवं सफाई का अभाव बीमारियों को बढ़ावा देता है। गन्दे पानी से डायरिया, टाइफाइड, पाराटाइफाइड, बुखार, हेपेटाइटिस ‘ए’, हेपेटाइटिस ई और ‘एफ’ इत्यादि हो जाती हैं।
(3) दुनिया भर में डायरिया से अत्यधिक मौतें हो जाती हैं। यह मौतें खराब सफाई व्यवस्था और दूषित पानी के कारण हो जाती हैं।
अतः पानी और साफ-सफाई की गुणवत्ता को सुधार कर अनेक बीमारियों की रोकथाम की जा सकती है। देश की सरकार को भोजन के अधिकार की तरह ही पीने का साफ पानी देश के हर नागरिक तक उपलब्ध कराना होगा, तभी देश की जनता बीमारियों से बच पायेगी।