पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
निम्नलिखित वक्तव्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
- पवन ….. वायु है।
- पवन पृथ्वी के ………. तापन के कारण उत्पन्न होती है।
- पृथ्वी की सतह के निकट ……….. वायु ऊपर उठती है, जबकि ……… वायु नीचे आती है।
- वायु …….. दाब के क्षेत्र से ………. दाब के क्षेत्र की ओर गति करती है।
उत्तर:
- गतिशील।
- असमान।
- गर्म, ठण्डी।
- अधिक वायु, कम वायु।
प्रश्न 2.
किसी दिए गये स्थान पर पवन की गति की दिशा पता लगाने के लिए दो विधियाँ बताइए।
उत्तर:
(1) वायु दिशा मापक यन्त्र:
किसी स्थान पर पवन की गति की दिशा ज्ञात करने के लिए वायु दिशा मापक यन्त्र उपयोग में लाते हैं। इसमें एक 75 सेमी लम्बे तीर को जिसके पीछे चौड़ी पत्तियाँ लगी होती हैं, एक सीधी धुरी पर इस, प्रकार लगाते हैं कि वह क्षैतिज दिशा में स्वतन्त्रता पूर्वक घूमकर वायु की दिशा को बता सके। लोहे की चार क्रॉस भुजाएँ इस तीर के कुछ नीचे लगा दी जाती हैं जो क्रमश: पूर्व, दक्षिण, पश्चिम व उत्तर की दिशा में रहती हैं।
इस यन्त्र को एक खड़े स्तम्भ में किसी ऊँचे स्थान पर लगा देते हैं जहाँ वायु के लिए कोई रुकावट न हो। वायु के चलने पर यन्त्र के ऊपरी भाग में लगे तीर की नोंक वायु की दिशा की ओर संकेत करती है। तीर के नीचे लगी लोहे की क्रॉस भुजाओं की सीध से तीर की नोंक की स्थिति को देखकर वायु की दिशा ज्ञात कर लेते हैं।
वायु गति मापी यन्त्र-रोबिन्सन का कप वायु वेग मापी इस यन्त्र की सहायता से वायु की दिशा व वायु गति ज्ञात की जाती है। इस यन्त्र में चार हल्की ऐलुमीनियम या ताँबे की कटोरियाँ होती हैं जिनको एक स्तम्भ पर लगे लोहे के क्रॉस की भुजाओं में कस दिया जाता है। स्तम्भ एक डिब्बे के अन्दर धुरी के रूप में होता है। धुरी के निचले भाग में एक डायल लगा होता है जिससे किसी भी समय वायु की गति ज्ञात की जा सकती है तथा ऊपर लगे तीर की सहायता से वायु की गति की दिशा ज्ञात कर ली जाती है।
प्रश्न 3.
ऐसे कोई दो अनुभव बताइए, जिनसे आपको ऐसा अनुभव हो कि वायु दाब डालती है।
उत्तर:
उदाहरण 1. जब हम बहुमंजिली ऊँची इमारतों में जैसे-जैसे ऊपर की ओर जाते हैं, श्वास लेने में कुछ परेशानी का अनुभव होता है। ऊँचाई के साथ-साथ वायुमण्डलीय दाब कम होता जाता है। हमारे शरीर के अन्दर का दाब वायुमण्डलीय दाब से अधिक हो जाता है जिससे परेशानी महसूस होती हैं।
उदाहरण 2. चोट लगने पर रक्त का बाहर निकलना:
मनुष्य के शरीर पर लगभग 15 मीट्रिक टन वायु का दाब पड़ता है। इतना ही दाब हमारा शरीर वायु पर डालता है। हमारे शरीर की नाड़ियों में रक्त का दाब भी वायुमण्डलीय दाब के बराबर होता है। जैसे ही हमारे शरीर में चोट लगती है तो अधिक दाब के कारण रक्त हमारे शरीर से बाहर निकलने लगता है।
प्रश्न 4.
आप एक भवन खरीदना चाहते हैं। क्या आप ऐसा भवन खरीदना चाहेंगे, जिसमें खिड़कियाँ हों लेकिन रोशनदान न हों? अपने उत्तर का कारण समझाइए।
उत्तर:
हम ऐसा भवन खरीदना पसन्द नहीं करेंगे जिसमें कि खिड़कियाँ हों और रोशनदान न हों। खिड़कियों के साथ-साथ कमरों में रोशनदानों का होना आवश्यक है। कमरे के अन्दर की वायु मनुष्य की श्वास द्वारा निष्कासित होने पर दूषित व गर्म होती है। यह गर्म वायु हल्की होने के कारण ऊपर उठती है। इसे निकालने के लिए रोशनदानों का होना आवश्यक है। गर्म वायु का स्थान लेने के लिए शुद्ध वायु खिड़कियों से पहुँचती रहती है।
प्रश्न 5.
समझाइए कि कपड़े के बैनरों और धातु की चादर से बने विज्ञापन पट्टों में छिद्र क्यों किए जाते हैं?
उत्तर:
वायु सदैव अधिक दाब वाले क्षेत्र से कम दाब वाले क्षेत्र की ओर प्रवाहित होती है। जब वायु बैनरों से टकराएगी तो वह कपड़े के बैनर को फाड़ सकती है और बैनरों को अपने साथ उड़ाकर भी ले जा सकती है। अतः इसे रोकने के लिए बैनरों में छेद कर देते हैं जिससे वायु इनके छेदों में होकर आर-पार निकल जाती है और बैनरों को कोई नुकसान नहीं होने पाता।
प्रश्न 6.
यदि आपके गाँव अथवा शहर में चक्रवात आ जाए, तो आप अपने पड़ोसियों की सहायता कैसे करेंगे?
उत्तर:
पड़ोसियों की सुरक्षा के उपाय:
- उन्हें शीघ्रातिशीघ्र चेतावनी देंगे।
- अनिवार्य घरेलू साज-सामान, पालतू पशुओं, वाहनों आदि को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने का प्रबन्ध करेंगे।
- जलमग्न सड़कों पर वाहन न चलाने देंगे।
- उन्हें संदूषित जल का प्रयोग न करने देंगे तथा आपात स्थिति के लिए पेय जल की व्यवस्था करेंगे।
- गीले स्विच, खम्भों से टूटकर गिरे बिजली के तारों को नहीं छूने देंगे।
- चक्रवात प्रभावित क्षेत्र में जाने से रोकेंगे।
प्रश्न 7.
चक्रवात से उत्पन्न होने वाली स्थिति से निपटने के लिए पहले से किस प्रकार की योजना तैयार करने की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
चक्रवात से उत्पन्न होने वाली स्थिति से निपटने के लिए निम्नलिखित व्यवस्थाएँ करना आवश्यक हैं –
- मौसम विज्ञान विभाग द्वारा दूरदर्शन, रेडियो, समाचार पत्रों आदि द्वारा प्रसारित चेतावनियों को नजर अन्दाज नहीं करना चाहिए।
- समुद्र तटों, मछुआरों, जलपोतों, सरकारी संस्थाओं तथा आम जनता को शीघ्रातिशीघ्र चेतावनी देने के लिए तीव्रगामी संचार व्यवस्था करनी चाहिए।
- चक्रवात सम्भावित क्षेत्रों में चक्रवात आश्रयों का निर्माण और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए व्यवस्था होनी चाहिए।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित में से किस स्थान पर चक्रवात आने की सम्भावना नहीं होती?
- चेन्नई।
- मंगलुरू (मंगलोर)।
- अमृतसर।
- पुरी।
उत्तर:
अमृतसर।
प्रश्न 9.
नीचे दिये गए वक्तव्यों में से कौन-सा सही है?
- शीतकाल में पवन थल से सागर की ओर बहती हैं।
- ग्रीष्मकाल में पवन थल से सागर की ओर बहती हैं।
- चक्रवात का निर्माण अति उच्च दाब तन्त्र और उसके इर्द-गिर्द अति उच्च वेग की पवन के घूमने से होती है।
- भारत की तटरेखा पर चक्रवातों के आने की सम्भावना नहीं रहती है।
उत्तर:
शीतकाल में पवन थल से सागर की ओर बहती हैं।