MP Board Class 7th History Chapter 1 : हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल

म.प्र. बोर्ड कक्षा सातवीं संपूर्ण हल- इतिहास– हमारे अतीत 2 (History: Our Pasts – II)

Chapter 1  हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल

प्रश्न – अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से)

प्रश्न क्रं 1. अतीत में विदेशी’ किसे माना जाता था?
उत्तर-  अतीत में विदेशी’ उसे माना जाता था जो किसी गाँव से आया हो, जिसे कोई नहीं जानता हो अर्थात अनजाना व्यक्ति जी उस समाज या संस्कृति का अंग न हो, ‘विदेशी’ कहलाता था। ऐसे व्यक्ति को हिन्दी में परदेसी और फारसी में अजनबी कहा जा सकता है।

प्रश्न क्रं 2. नीचे उल्लिखित बातें सही है या गलत :
(क) सन् 700 के बाद के काल के संबंध में अभिलेख नहीं मिलते हैं।
(ख) इस काल के दौरान मराठों ने अपने राजनीतिक महत्त्व की स्थापना की।
(ग) कृषि-केंद्रित बस्तियों के विस्तार के साथ कभी-कभी वनवासी अपनी जमीन से उखाड़ बाहर कर दिए जाते थे।
(घ) सुलतान ग़यासुद्दीन बलबन असम, मणिपुर तथा कश्मीर का शासक था।
उत्तर- 

(क) सही, (ख) सही, (ग) सही, (घ) गलत।

प्रश्न क्रं 3. रिक्त स्थानों को भरें :
(क) अभिलेखागारों में …………….. रखे जाते हैं।
(ख) ……………… चौदहवीं सदी का एक इतिहासकार था।
(ग) ………….. , …………… , …………. , ……………. और …………… इस उपमहाद्वीप में इस काल के दौरान लाई गई कुछ नई फसलें हैं। 

उत्तर-(क) दस्तावेज, पाण्डुलिपियाँ इत्यादि, (ख) जियाउद्दीन बरनी, (ग) आलू, मक्का, मिर्च, चाय-कॉफी।

प्रश्न क्रं 4. इस काल में हुए कुछ प्रौद्योगिकीय परिवर्तनों की तालिका दें।
उत्तर-  700 से 1750 के बीच के हज़ार वर्षों में अलग-अलग समय पर नई प्रौद्योगिकी का विकास हुआ। जैसे सिंचाई में रहट, कताई में चरखे और युद्ध में आग्नेयास्त्रों (बारूद वाले हथियारों) का प्रयोग शुरू हो गया था।

प्रश्न क्रं 5. इस काल के दौरान हुए कुछ मुख्य धार्मिक परिवर्तनों की जानकारी दें।
उत्तर-  इस काल के दौरान हुए कुछ मुख्य धार्मिक परिवर्तन थे-
(i) हिन्दू धर्म में नए-नए देवताओं की पूजा आरम्भ हुई और राजाओं द्वारा मन्दिरों का निर्माण करवाया गया।

(ii) समाज में पुरोहितों के रूप में ब्राह्मणों का महत्व बढ़ता गया।
(ii) इस काल में भक्ति आन्दोलन प्रारम्भ हुआ।
(iv) इस काल में इस्लाम और ईसाई धर्म का प्रादुर्भाव हुआ।

आइए समझें

प्रश्न क्रं 6. पिछली कई शताब्दियों में हिंदुस्तान’ शब्द का अर्थ कैसे बदला है?
उत्तर- पिछली कई शताब्दियों में हिन्दुस्तान शब्द के अर्थ में अनेक परिवर्तन हुए।13वीं सदी में जब फारसी के इतिहासकार मिन्हाज ए सिराज ने हिन्दुस्तान शब्द का प्रयोग किया था तो उसका आशय पंजाब, हरियाणा और गंगा यमुना के बीच में स्थित इलाकों से था। उसने इस शब्द का राजनीतिक अर्थ में उन इलाकों के लिए इस्तेमाल किया जो दिल्ली के सुल्तान के अधिकार क्षेत्र में आते थे। इसके विपरीत 16वीं सदी के आरम्भ में बाबर ने हिन्दुस्तान शब्द का प्रयोग इस उपमहाद्वीप के भूगोल, पशु पक्षियों और यहाँ के निवासियों की संस्कृति का वर्णन करने के लिए किया। यह प्रयोग चौदहवीं सदी के कवि अमीर खुसरो द्वारा प्रयुक्त शब्द ‘हिन्द’ के ही कुछ-कुछ समान था। मगर जहाँ ‘भारत’ को एक भौगोलिक और सांस्कृतिक सत्व के रूप में पहचाना जा रहा था। वहाँ हिन्दुस्तान शब्द से वे राजनीतिक और राष्ट्रीय अर्थ नहीं जुड़े थे जो हम आज जोड़ते हैं।
प्रश्न 7. जातियों के मामले कैसे नियन्त्रित किए जाते थे?
उत्तर- समाज में अपने सदस्यों के व्यवहार को नियन्त्रण में करने के लिए जातियाँ स्वयं अपने-अपने नियम बनाती थीं। इन नियमों का पालन जाति के बड़े-बुजुर्गों की एक सभा करवाती थी, जिसे कुछ इलाकों में ‘जाति पंचायत’ कहा जाता था। लेकिन जातियों को अपने गाँवों के रिवाजों का पालन भी करना पड़ता था।
प्रश्न 8. सर्वक्षेत्रीय साम्राज्य से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- सर्वक्षेत्रीय साम्राज्य से तात्पर्य उस साम्राज्य से है जो अनेक क्षेत्रीय राज्यों को मिलाकर बना हो; जैसे-सल्तनत साम्राज्य, मुगल साम्राज्य, चोल साम्राज्य और तुगलक साम्राज्य इत्यादि।

आइए विचार करें

प्रश्न क्रं 9. पांडुलिपियों के उपयोग में इतिहासकारों के सामने कौन-कौन सी समस्याएँ आती हैं?
उत्तर-  पाण्डुलिपियाँ इतिहास के अनेक स्रोतों में से एक हैं, जो हमें किसी निश्चित समय की गतिविधियों के बारे में बताती हैं परन्तु इनके उपयोग में इतिहासकारों के सामने इस प्रकार की समस्याएँ आती हैं-
(1) पाण्डुलिपियों की प्रतिकृति हाथ से बनाते थे। कई बार पाण्डुलिपियों की लिखावट समझने में दिक्कत आती थी।
(2) इतिहासकारों को एक ही पाण्डुलिपि की अनेक प्रतियों को पढ़ना पड़ता था क्योंकि सभी में काफी अन्तर होता था।

(3) कई बार पाण्डुलिपि लिखने वाले भी अपनी मूल प्रति में बदलाव करते रहते थे जिससे इतिहासकार जल्दी से यह नहीं समझ पाते थे कि पहली प्रति कौन-सी है और दूसरी कौन-सी।
(4) वर्तमान में लेखक की मूल पाण्डुलिपि शायद ही कहीं मिलती हैं।

प्रश्न क्रं 10.

इतिहासकार अतीत को कालों या युगों में कैसे विभाजित करते हैं? क्या इस कार्य में उनके सामने कोई कठिनाई आती है?
उत्तर-  इतिहास को पढ़ने के लिए उसे कई हिस्सों में अनेक तरह से बाँटा जाता है। यथा-सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक और राजनैतिक इतिहास। ऐसा करने से इतिहास को समझने में आसानी होती है। इतिहास को बाँटने का काम अनेक इतिहासकारों ने किया है। उन्नीसवीं सदी में अंग्रेज इतिहासकारों ने भारत के इतिहास को हिन्दू, मुस्लिम और ब्रिटिश नामक तीन युगों में बाँटा था। इस तरह वे शासकों के ‘धर्म’ को ही एकमात्र महत्वपूर्ण ऐतिहासिक परिवर्तन मानते थे। अधिकतर इतिहासकार आर्थिक तथा सामाजिक कारकों के आधार पर अतीत के विभिन्न कालखण्डों की विशेषताएँ तय करते हैं। प्राचीन भारत का इतिहास मध्यकालीन भारत का इतिहास और आधुनिक भारत का इतिहास था। इस तरह के इतिहास विभाजन से हमें समय के साथ हुए बदलाव देखने को मिलते हैं। जिससे हमें यह पता चलता है कि हमने कितनी प्रगति की है। इतिहास का विभाजन करने में इतिहासकारों को कुछ कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ता है। जब इतिहास को राजनीतिक दृष्टिकोण से बाँटा जाता है तब उसमें धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण नहीं देखने को मिलता और जब धार्मिक आधार पर बाँटा जाता है तब ऐसा लगता है कि उसमें राजनीतिक इतिहास गायब हो गया। अत: निष्पक्ष तरीके से इतिहास का विभाजन करना इतिहासकारों के लिए अत्यन्त मुश्किल कार्य होता है।

आइए करके देखें

प्रश्न क्रं 11. अध्याय में दिए गए मानचित्र 1 अथवा मानचित्र 2 की तुलना उपमहाद्वीप के आज के मानचित्र से करें। तुलना करते हुए दोनों के बीच जितनी भी समानताएँ और असमानताएँ मिलती हैं, उनकी सूची बनाइए।
उत्तर- 

मानचित्र 1 अरब भूगोलवेत्ता अल इद्रीसी ने 1154 में बनाया था। मानचित्र 2 एक फ्रांसीसी मानचित्रकार ने 1720 में बनाया था। दोनों मानचित्र में कुछ समानता और असमानता थीं।
दोनों मानचित्र में समानता
(i) इस मानचित्र में वर्तमान मानचित्र की भाँति भारतीय उपमहाद्वीप को दर्शाया गया है। इस मानचित्र में कुछ जाने-पहचाने नाम भी हैं; जैसे-कन्नौज, सूरत आदि।
असमानता
(ii) अल इद्रीसी के नक्शे में दक्षिण भारत उस जगह है, जहाँ हम आज उत्तर भारत हुँखेंगे और श्रीलंका का द्वीप ऊपर की तरफ है। जगहों के नाम अरबी में दिए गए हैं। यह मानचित्र आज के मानचित्र से काफी भिन्न हैं, लेकिन फ्रांसीसी मानचित्रकार के मानचित्र में आज के मानचित्र से थोड़ी-सी भिन्नता है; जैसे – बम्बई क्षेत्र और गुजरात क्षेत्र का मानचित्र आज से भिन्न है।

प्रश्न क्रं 12. पता लगाइए कि आपके गाँव या शहर में अभिलेख (रिकॉर्ड) कहाँ रखे जाते हैं। इन अभिलेखों को कौन तैयार करता है? क्या आपके यहाँ कोई अभिलेखागार है? उसकी देखभाल कौन करता है? वहाँ किस तरह के दस्तावेज़ संगृहीत हैं? उनका उपयोग कौन लोग करते हैं?
उत्तर-  ग्रामीण क्षेत्रों के अभिलेख (रिकॉर्ड) जिला मुख्यालय में रखे जाते हैं, इन अभिलेखों को विभिन्न विभाग के कर्मचारी तैयार करते हैं तथा शहरों के अभिलेख नगर निगम कार्यालयों में रखे जाते हैं और ऐतिहासिक अभिलेख को अभिलेखागारों में रखा जाता है। अभिलेखागार की देखभाल उसके अंदर नियुक्त कर्मचारियों द्वारा की जाती है। इनका उपयोग शोधार्थियों द्वारा अथवा विभिन्न विभागों द्वारा समय-समय पर किया जाता है।

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