Class 6th सहायक वाचन Solution
खण्ड 1 : नैतिक शिक्षा
पाठ 9 : आज्ञापालन
रिक्त स्थानों की पूर्ति
(1) आरुणि की भक्ति …………….. भक्ति का उदाहरण है।
(2) श्रीराम की भक्ति…………….. भक्ति का उदाहरण है।
(3) श्रवण कुमार की भक्ति…………….. भक्ति का उदाहरण है।
उत्तर – (1) गुरु, (2) पितृ, (3) पितृ।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. हमें किन-किन व्यक्तियों की आज्ञा का पालन करना चाहिए?
उत्तर – हमें अपने माता-पिता, गुरुजनों, बुजुर्गों, अपने से बड़ों तथा सयानों की आज्ञा का पालन करना चाहिए।
प्रश्न 2. आज्ञाकारी बनने से हम में कौन-कौन से गुण आ जाते हैं?
उत्तर– आज्ञाकारी बनने से हम सुबोध, कर्मवीर तथा शिक्षित होने के गुणों से परिपूर्ण हो जाते हैं।
प्रश्न 3. आरुणि ने अपने गुरु की आज्ञापालन करने के लिए क्या कार्य किया था?
उत्तर – आरुणि ने अपने गुरु की आज्ञापालन करने के लिए टूटी मेड़ में मिट्टी के स्थान पर अपने आप को लिटाकर मेड़ तोड़कर निकल रहे पानी को बहने से रोका।
प्रश्न 4. आरुणि के प्रसंग को पढ़कर उसके चरित्र से उजागर होने वाले गुणों को लिखिए।
उत्तर-आरुणि के प्रसंग को पढ़कर उसकी गुरुभक्ति, गुरु सेवा, आज्ञापालन तथा दृढ़ संकल्प इत्यादि चारित्रिक गुण उजागर होते हैं।
प्रश्न 5. ‘श्रीराम की पितृभक्ति अद्भुत थी।’ उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर-श्रीराम ने अपने पूज्य पिता के वचनों को पूर्ण करने के लिए अयोध्या का सम्पूर्ण ऐश्वर्य, सुख-वैभव का परित्याग करके चौदह सालों तक वनों की खाक छानना स्वीकारा और विलाप करती माँ कौशल्या से कहा था कि चूँकि पिता के वचनों की रक्षा करना प्रत्येक बालक का धर्म है अत: मुझे वन जाने की आज्ञा दो माँ। उक्त कथन से स्पष्ट है कि श्रीराम की पितृभक्ति अद्भुत थी।
प्रश्न 6. आत्मा का सुख सबसे बड़ा सुख क्यों माना गया है?
उत्तर – आत्मा का सुख सबसे बड़ा सुख है। वह सुख माता-पिता की सेवा, कर्त्तव्य पालन और आज्ञापालन में निहित है। जीवन भोग के लिए न होकर त्याग के लिए होता है।