Class 6th सहायक वाचन Solution
खण्ड 3 : हमारा मध्यप्रदेश
पाठ 4 : मध्यप्रदेश की जनजातियाँ
रिक्त स्थानों की पूर्ति
(1) भिलाला समुदाय की बोली ………………कहलाती है।
(2) सहरिया शब्द अरबी के सहर शब्द से बना माना जाता है जिसका अर्थ ………………है।
(3) भीलों के गाँव ……………… में बँटे होते हैं।
(4) डिण्डोरी जिले का चाड़ा ………………के रूप में जाना जाता है।
उत्तर – (1) भिलाली, (2) भोर, (3) फलियों, (4) बैगा चक ।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. मध्यप्रदेश की प्रमुख जनजातियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर – मध्यप्रदेश में प्रमुख रूप से गौंड, भील, कोरकू, बैगा, मारिया तथा सहरिया जनजातियाँ पाई जाती हैं। इनके अलावा कोल, खैरवार, बियार, डामोर, पनिका, माझी, भील, मीणा, भैना, आंध्र, मवासी, पान, पारधी (बहेलिया), साओंता, सौर तथा सावरा इत्यादि जनजातियाँ भी मध्यप्रदेश में निवास करती हैं।
प्रश्न 2. मध्यप्रदेश में सबसे अधिक जनसंख्या किस जनजाति में पायी जाती है ?
उत्तर – मध्यप्रदेश में सबसे अधिक जनसंख्या गौंड जनजाति में पायी जाती है।
प्रश्न 3. सामान्यतया कौन-सी जनजाति जड़ी-बूटियों की विशेष जानकार है ?
उत्तर – सामान्यतया बैगा जनजाति जड़ी-बूटियों की जानकार है।
प्रश्न 4. जनजातीय स्त्रियों का प्रिय अलंकार क्या है ?
उत्तर – जनजातीय स्त्रियों का प्रिय अलंकार गोदना है।
प्रश्न 5. प्रदेश की जनजातियों की आजीविका का प्रमुख आधार क्या है ? लिखिए।
उत्तर-प्रदेश की जनजातियों की आजीविका के दो प्रमुख आधार जंगल और जमीन हैं। हालाँकि पहले वे वनोपज पर ही अधिक निर्भर थे लेकिन अब प्राय: सभी जनजातियाँ स्थायी खेती पर ध्यान देने लगी हैं। प्रदेश की जनजातियाँ अपनी आजीविका के लिए अनाज, दालें तथा तिलहन की उपज अपने सीमित संसाधनों से भी कर लेते हैं और यही इनका प्रमुख आर्थिक आधार है।