Class 6th सहायक वाचन Solution
खण्ड 1 : नैतिक शिक्षा
पाठ 2 : ईमानदारी
रिक्त स्थानों की पूर्ति
(1) मंगल को अपने परिश्रम पर पूरा ………………. था।
(2) गोपाल कृष्ण गोखले के पिता को बचपन में ………………. अर्थात् शेर कहा जाता था।
उत्तर – (1) संतोष, (2) वाघोवा।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. अच्छे चरित्र में ईमानदारी का क्या महत्व है ?
उत्तर – व्यक्ति के जीवन में सफलता की कुंजी अच्छा चरित्र है। अच्छे चरित्र निर्माण से व्यक्ति में ऐसी शक्ति जाग्रत होती है कि वह जीवन संघर्ष के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता हासिल करता है। प्राचीन समय से हमारी संस्कृति में चरित्र बल के साथ ईमानदारी जुड़ी हुई है। हम सत्य की मदद लेते हुए ईमानदारी से आगे बढ़कर ही अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर सकते हैं।
प्रश्न 2. मंगल ने सोने और चाँदी की कुल्हाड़ी लेने से क्यों मना कर दिया?
उत्तर – मंगल ने सोने और चाँदी की कुल्हाड़ी लेने से इसलिए मना कर दिया क्योंकि उसके मन में किसी प्रकार का लालच नहीं था तथा वह ईमानदारी के रास्ते पर चलता था।
प्रश्न 3. वन देवता ने मंगल के व्यवहार से प्रसन्न होकर क्या किया?
उत्तर – वन देवता ने मंगल के व्यवहार से प्रसन्न होकर सोने तथा चाँदी की कुल्हाड़ियाँ उसे भेंट कर दी।
प्रश्न 4. खोटा सिक्का बूढ़ी औरत को देने के बाद दीनू को दुःख क्यों हुआ?
उत्तर – खोटा सिक्का बूढ़ी औरत को देने के बाद दीनू को अपनी ईमानदारी की वजह से दु:ख हुआ।
प्रश्न 5. बालक गोखले ने अपनी ईमानदारी का परिचय किस प्रकार दिया?
उत्तर – बालक गोखले को जब उनके अध्यापक द्वारा गृहकार्य में दिए गए गणित के प्रश्न सही हल करने पर पुरस्कृत किया गया तो उन्होंने रोते हुए बताया कि उन्होंने इन प्रश्नों में से एक प्रश्न पूछकर हल किया है। इस प्रकार उन्होंने अध्यापक को सत्य बोलकर अपनी ईमानदारी का परिचय दिया।
प्रश्न 6. पुरस्कार की घोषणा होने के बाद गोखले क्यों रोने लगे थे?
उत्तर -वे इसलिए रोने लगे क्योंकि उन्होंने एक प्रश्न पूछकर हल किया था।
प्रश्न 7. सत्य बोलने और ईमानदारी में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर – सत्य बोलने और ईमानदारी में चोली-दामन का साथ है। सत्य बोलना तथा ईमानदारी परस्पर एक-दूसरे के पूरक हैं। सत्यनिष्ठ व्यक्ति ही ईमानदारी के दामन को सहज भाव से पकड़ सकता है।
प्रश्न 8. लड़की ने दूध में पानी मिलाने से क्यों मना कर दिया?
उत्तर – लड़की ने दूध में पानी मिलाने से इसलिए मना कर दिया क्योंकि उसे इस बात का आभास था कि खलीफा उमर बेईमानी का बहुत ही कठोर दण्ड देंगे तथा लड़की ईमानदारी के रास्ते पर चलने हेतु दृढ़ संकल्पित थी।