म.प्र. बोर्ड कक्षा छठवीं संपूर्ण हल- इतिहास– हमारे अतीत 1 (History: Our Pasts – I)
Chapter 9 : व्यापारी, राजा और तीर्थयात्री
प्रश्न – अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से)
महत्वपूर्ण बिन्दु
- रेशम बनाने की तकनीक का आविष्कार सबसे पहले चीन में करीब 7000 साल पहले हुआ।
- भारत उपमहाद्वीप में सबसे पहले सोने के सिक्के जारी करने वाले शासक कुषाण थे।
- कवि अश्वघोष ने बुद्ध की जीवनी बुद्धचरित की रचना की, यह कनिष्क के दरबार में रहते थे।
- ‘हिन्दू’ शब्द ‘इण्डिया’ शब्द की तरह ही सिंधु या इण्डस से निकला है।
- यह शब्द अरबों तथा ईरानियों द्वारा उन लोगों के लिए उपयोग किया जाता था जो सिन्धु नदी के पूर्व में रहते थे।
महत्वपूर्ण शब्द
मुवेन्दार – यह एक तमिल शब्द है जिसका अर्थ है तीन मुखिया
व्यापारी -क्रय और विक्रय करने वाला व्यक्ति।
बोधिसत्व – बौद्ध धर्म में, बोधिसत्व (संस्कृत, बोधिसत्व पालि) सत्व के लिए प्रबुद्ध को कहते हैं।
तीर्थयात्री – तीर्थ संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है पाप से तारने, पार उतारने वाला।
भक्ति – किसी देवता के प्रति श्रद्धा।
महत्वपूर्ण तिथियाँ
रेशम बनाने की कला की खोज – लगभग 7000 साल
चोल, चेरु तथा पांडय – लगभग 2300 साल पूर्व।
रोमन साम्राज्य में रेशम की बढ़ती माँग – लगभग 2000 साल पहले।
कुशाण शासक कनिष्क – लगभग 1900 साल पहले।
का-शिएन का भारत आगमन – लगभग 1600 वर्ष पहले।
श्वैन त्सांग की भारत यात्रा; अप्पार की शिव स्तुति की रचना – लगभग 1400 साल पहले।
पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर
पृष्ठ संख्या # 91
प्रश्न 1. क्या तुम बता सकती हो कि ये सिक्के भारत और क्यों पहुँचे होंगे?
उत्तर– रोम के व्यापारी समुद्री जहाजों तथा सड़क के रास्ते व्यापार करने के लिए दक्षिण भारत आते थे और यहाँ से काली मिर्च कीमती पत्थर, सोना तथा मसाले आदि खरीदने के लिए रोम के सिक्कों का प्रयोग करते थे। इस प्रकार रोम के सिक्के भारत पहुंचे। –
पृष्ठ संख्या # 92
प्रश्न 2. कविता में उल्लिखित चीजों की एक सूची बनाओ। क्या तुम बता सकते हो कि इन चीजों का उपयोग किसलिए किया जाता होगा?
उत्तर-कविता में उल्लिखित चीजों की सूची एवं उनके उपयोग
पृष्ठ संख्या # 93
प्रश्न 3. क्या तुम बता सकती हो कि श्री सताकर्णी तटों पर नियन्त्रण क्यों करना चाहता था ?
उत्तर– सातकर्णी तटों पर नियन्त्रण इसलिए रखना चाहता था क्योंकि तटों पर विदेशी व्यापारी आकर उतरते थे और उन व्यापारियों से उन्हें कर, शुल्क तथा तोहफों के माध्यम से लाभ मिलता था। –
पृष्ठ संख्या # 94
प्रश्न 4. सिल्क रूट पर गाड़ियों का उपयोग क्यों कठिन होता होगा?
उत्तर-सिल्क रूट पर गाड़ियों का उपयोग इसलिए कठिन होता होगा, क्योंकि ये रास्ते दुर्गम पहाड़ी तथा रेगिस्तानी इलाकों में स्थित थे।
प्रश्न 5. चीन से समुद्र के रास्ते भी रेशम का निर्यात होता था। मानचित्र 6 (पृष्ठ 76-77) में इसे ढूँढ़ो। समुद्र के रास्ते रेशम भेजने में क्या सुविधाएँ और क्या समस्याएँ आती होंगी?
उत्तर – समुद्र के रास्ते रेशम भेजने के दुर्गम पहाड़ियों व रेगिस्तानी इलाके को पार करने जैसी परेशानियाँ नहीं आती होंगी, परन्तु समुद्री रास्ते में तेज वर्षा तथा समुद्री तूफानी हवाओं के कारण समुद्री जहाज के रास्ते भटकने या डूबने का खतरा होता होगा।
पृष्ठ संख्या # 96
प्रश्न 6. बाएँ : मथुरा में बनी बुद्ध की एक प्रतिमा का चित्र। दाएँ : तक्षशिला में बनी बुद्ध की प्रतिमा का एक चित्र। इन चित्रों को देखकर बताओ कि इनके बीच क्या-क्या समानताएँ हैं और क्या-क्या भिन्नताएँ हैं ?
उत्तर –
समानताएँ-
(i) दोनों भगवान बुद्ध की उकेरी गई मूर्ति के चित्र हैं।
(ii) भगवान बुद्ध दोनों चित्रों में आशीर्वाद प्रदान करने की मुद्रा में हैं।
भिन्नताएँ-
(i) एक चित्र में भगवान बुद्ध बैठे हुए हैं, दूसरे चित्र में भगवान बुद्ध खड़े हुये हैं।
(ii) बैठी हुयी मूर्ति में भगवान बुद्ध का शरीर कपड़ों से ढका हुआ है जबकि खड़ी हुई मूर्ति में भगवान बुद्ध की पीठ कपड़ों से ढकी हुयी है।
पृष्ठ संख्या # 97
प्रश्न 7. पाठ्य-पुस्तक के पृष्ठ 100 को एक बार फिर पढ़ो। क्या तुम बता सकती हो कि बौद्ध धर्म इन इलाकों में कैसे फैला होगा?
उत्तर – पृष्ठ 100 पर श्रीलंका और म्यांमार का वर्णन है। शायद यहाँ जो व्यापारी व्यापार करने आते होंगे, वह बौद्ध धर्म को मानने वाले होंगे। श्रीलंका और म्यांमार के लोग व्यापारियों के विचारों से प्रभावित हुए होंगे। आपसी विचारों के आदान-प्रदान से इन इलाकों में बौद्ध धर्म फैला होगा। –
पृष्ठ संख्या # 98
प्रश्न 8. पाठ्य-पुस्तक के मानचित्र 6 पृष्ठ 77 में फा-शिएन द्वारा तय किए गए रास्ते का ढूँढ़ो।
उत्तर– फा-शिएन ने अपने घर चीन वापस लौटने के लिए अपनी समुद्री यात्रा बंगाल से प्रारम्भ की। वह जावा होते हुए चीन पहुँचा।
नोट-विद्यार्थी उपरोक्त मानचित्र में स्वयं रास्ता ढूँढ सकते हैं। वहाँ स्पष्ट दिया गया है।
प्रश्न 9. बताओ कि फा-शिएन अपनी पाण्डुलिपियों और मूर्तियों को क्यों नहीं फेंकना चाहता था ?
उत्तर – फा-शिएन बौद्ध धर्म का अनुयायी था। उसने पाण्डुलिपियाँ तथा मूर्तियाँ अपनी भारत यात्रा के दौरान संकलित की थीं। यह सब उसने काफी मेहनत तथा कई वर्षों तक भारत में घूम-घूम कर इकट्ठा किया था, जिसे वह फिर से प्राप्त नहीं कर सकता था इसलिए वह पाण्डुलिपियों और मूर्तियों को नहीं फेंकना चाहता था।
प्रश्न 10. श्वैन त्सांग नालंदा में क्यों पढ़ना चाहता था, कारण बताओ?
उत्तर – उस समय का सबसे प्रसिद्ध बौद्ध विद्या केन्द्र नालंदा था। नालंदा बौद्ध विद्या केन्द्र शिक्षक योग्यता तथा बुद्धि में सबसे आगे था। पूरे दिन वाद-विवाद चलते रहते थे जिसमें युवा और वृद्ध दोनों ही एक-दूसरे की मदद करते थे। इन सब बातों से प्रभावित होकर श्वैन त्सांग नालंदा में पढ़ना चाहता था। .
पृष्ठ संख्या # 100
प्रश्न 11. कवि सामाजिक प्रतिष्ठा और भक्ति में किसको ज्यादा महत्व देते हैं ?
उत्तर – कवि सामाजिक प्रतिष्ठा और भक्ति दोनों में से भक्ति को ज्यादा महत्व देते थे।
पृष्ठ संख्या # 101
प्रश्न 12. मानचित्र 6 (पाठ्य-पुस्तक के पृष्ठ 76-77) देखो और पता लगाओ कि किस रास्ते से ईसाई धर्म प्रचारक भारत आए होंगे?
उत्तर – भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमी तट पर पहले ईसाई धर्म प्रचारक पश्चिमी एशिया से भारत आए होंगे।
कल्पना करो
प्रश्न 13. तुम्हारे पास कोई पाण्डुलिपि है, जिसे एक चीनी तीर्थयात्री अपने साथ ले जाना चाहता है। उसके साथ अपनी बातचीत का वर्णन करो।
उत्तर – एक पाण्डुलिपि जो बौद्ध धर्म से सम्बन्धित है उसे एक चीनी यात्री अपने साथ ले जाना चाहता है। इसका कारण उस चीनी यात्री का बौद्ध धर्म में आस्था का पता चलता है। चीनी तीर्थयात्री ने वह पाण्डुलिपि अपनी भारत यात्रा के दौरान संकलित की थी जिसमें उसे कई मुसीबतों व मेहनत का सामना करना पड़ा था। अत: चीनी यात्री के आग्रह पर उस पाण्डुलिपि को मैं वापस दे दूंगा।
पाठान्त प्रश्नोत्तर
आओ याद करें
प्रश्न 1. निम्नलिखित के उपयुक्त जोड़े बनाओ
उत्तर– 1. → (c), 2. → (e), 3. — (a), 4. → (b), 5. → (d).
प्रश्न 2. राजा सिल्क रूट पर अपना नियन्त्रण क्यों कायम करना चाहते थे?
उत्तर – शासक कर के लाभ के लिए रेशम मार्ग पर नियन्त्रण करना चाहते थे, क्योंकि उस रास्ते पर यात्रा कर रहे व्यापारियों से उन्हें कर, शुल्क तथा तोहफों के माध्यम से लाभ मिलता था।
प्रश्न 3. व्यापार तथा व्यापारिक रास्तों के बारे में जानने के लिए इतिहासकार किन-किन साक्ष्यों का उपयोग करते हैं।
उत्तर – व्यापार तथा व्यापारिक रास्तों के बारे में जानने के लिए इतिहासकार किसी क्षेत्र में पाये गये विदेशी सिक्कों, विदेशी की अथवा विदेशी यात्रियों द्वारा लिखे गए यात्रा विवरणों को साक्ष्यों के रूप में प्रयोग करते हैं।
प्रश्न 4. भक्ति की प्रमुख विशेषताएँ क्या थीं ?
उत्तर – भक्ति की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित थीं
(1) किसी देवी अथवा देवता के प्रति लगाव को ही भक्ति कहा जाता है।
(2) भक्ति का पथ सबके लिए खुला था चाहे वह धनी गरीब, ऊँची जाति का हो या नीची जाति का, स्त्री हो
(3) भक्ति मार्ग अपनाने वाले लोग आडंबर के साथ जा-पाठ करने के बजाए ईश्वर के प्रति लगन और व्यक्तिगत सजा पर जोर देते हैं।
(4) भक्ति परम्परा में चित्रकला, शिल्पकला और स्थापत्य साल के माध्यम से अभिव्यक्ति की प्रेरणा दी है।
आओ चर्चा करें
प्रश्न 5. चीनी तीर्थयात्री भारत क्यों आए ? कारण बताओ
उत्तर – चीनी तीर्थयात्री के भारत आने के कारण निम्नलिखित हैं
(1) भारतीय राजाओं की प्रशासनिक व्यवस्था, जनता के रहन-सहन तथा व्यापार से सम्बन्धित जानकारियाँ प्राप्त करने के लिए आये।
(2) भारतीय विश्वविद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने के लिए
(3) बौद्ध धर्म से जुड़ी जानकारियाँ प्राप्त करने के लिए।
(4) वे भगवान बुद्ध तथा बौद्ध धर्म से सम्बन्धित स्थानों की तीर्थयात्रा भी करना चाहते थे।
प्रश्न 6. साधारण लोगों का भक्ति के प्रति आकर्षित होने का कौन-सा कारण होता है ?
उत्तर-साधारण लोग भक्ति मार्ग की ओर इसलिए आकर्षित हुए, क्योंकि वैदिक परम्परा बहुत कठोर थी। यहाँ जाति व वर्गों को ध्यान में रखा जाता था तथा निम्न जातियाँ को मंदिर में प्रवेश की मनाही थी। लेकिन भक्ति का पथ सबसे लिए खुला था, चाहे वह धनी हो या गरीब, ऊँची जाति का हो या नीची जाति का, स्त्री हो या पुरुष।
आओ करके देखें
प्रश्न 7. तुम बाजार से क्या-क्या सामान खरीदती हो उनकी एक सूची बनाओ। बताओ कि तुम जिस शहर या गाँव में रहती हो, वहाँ इनमें से कौन-कौन सी चीजें बनी थीं और किन चीजों को व्यापारी बाहर से लाए थे?
उत्तर-बाजार से खरीदी गयी वस्तुओं की सूची –
मिट्टी के बर्तन, कपड़े, चावल, जूते, किताबें, खिलौने, इत्यादि कई वस्तुएँ।
वस्तुओं में कपड़े, किताबें, जूते व्यापारियों द्वारा बाहर से लाए जाते हैं जबकि मिट्टी के बर्तन, चावल शहर या गाँव में ही उपलब्ध होते हैं।
प्रश्न 8. आज भारत में लोग बहुत तीर्थयात्राएँ करते हैं। उनमें से एक के विषय में पता करो और एक संक्षिप्त विवरण दो। (संकेत : तीर्थयात्रा में स्त्री, पुरुष या बच्चों में से कौन जा सकते हैं ? इसमें कितना वक्त लगता है ? लोग किस तरह यात्रा करते हैं? वे अपनी यात्रा के दौरान क्या-क्या ले जाते हैं ? तीर्थ स्थानों पर पहुंचकर वे क्या करते हैं? क्या वे वापस आते समय कुछ लाते हैं ?)
उत्तर – भारत में अनेक प्रमुख तीर्थस्थल हैं; जैसे-काशी, हरिद्वार, रामेश्वरम्, केदारनाथ, बद्रीनाथ इत्यादि।
इनमें से एक स्थान हरिद्वार है। यह हिन्दुओं का एक पवित्र तीर्थस्थल है। यह स्थान प्रत्येक व्यक्ति के लिए खुला है। कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से यहाँ आ जा सकता है। यहाँ गंगा नदी में स्नान करके व्यक्ति सन्तोष प्राप्त करता है यहाँ भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं के मंदिर हैं। अलग-अलग स्थान से पहुँचने वाले लोग, सड़कों से, नावों से, रेलगाड़ी से तथा वायुयान से यात्रा करते हैं। लोग यात्रा के दौरान कपड़े, हल्के बिस्तर, खाने-पीने का सामान इत्यादि ले जाते हैं। आस्था के अनुसार दर्शन के पश्चात् स्थानीय बाजार में प्रचलित वस्तुएँ वापस आते समय लाते हैं।
NCERT Class 6th History Solution Chapter 9 : व्यापारी, राजा और तीर्थयात्री