म.प्र. बोर्ड कक्षा छठवीं संपूर्ण हल- इतिहास– हमारे अतीत 1 (History: Our Pasts – I)

Chapter 6  नए प्रश्न नए विचार

प्रश्न – अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से)

महत्वपूर्ण बिन्दु

  • बौद्ध धर्म के संस्थापक सिद्धार्थ थे, जिन्हें गौतम के नाम से भी जाना जाता है।
  • बुद्ध ने सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया इसलिए यहाँ स्तूप का निर्माण किया गया।
  • सत्य की बौद्धिक खोज का प्रतिनिधित्व भारतीय दर्शन की छः शाखाओं ने किया।
  • छ: शाखाओं के नाम क्रमश: वैशेषिक, न्याय, सांख्य, योग, पूर्व-मीमांसा और वेदान्त या उत्तर मीमांसा हैं।
  • प्रसिद्ध विद्वान पाणिनि ने संस्कृत भाषा के व्याकरण की रचना की।
  • जैन धर्म के 24वें प्रवर्तक तथा अन्तिम तीर्थकर श्री महावीर स्वामीजी हैं।

महत्वपूर्ण शब्द

प्राकृत – प्रकृति से उत्पन्न, संस्कृत के नाटकों में प्रयुक्त प्राचीन भाषा, प्रान्त की बोली।

आत्मा – मन, जीव।

उपनिषद् – ब्रह्म विद्या की प्राप्ति के लिए गुरु के पास बैठना।

अहिंसा – मन, वचन, कर्म से किसी को दुख न देना, किसी प्राणी या जीव को न मारना।

आश्रम – साधु-संतों की कुटी, जीवन का एक चरण ।

महत्वपूर्ण तिथियाँ

उपनिषदों के विचारक जैन महावीर तथा बुद्ध – लगभग 2500 वर्ष पूर्व।

जैन ग्रन्थों का लेखन – लगभग 1500 वर्ष पूर्व।

पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर

पृष्ठ संख्या # 58

प्रश्न 1. वेदों की रचना के लिए किस भाषा का प्रयोग हुआ था ?

उत्तर – वेदों की रचना के लिए संस्कृत भाषा का प्रयोग हुआ था।

पृष्ठ संख्या # 59

प्रश्न 2. बुद्ध दुःखी माँ को क्या शिक्षा देने का प्रयास  कर रहे थे?

उत्तर – बुद्ध दुःखी माँ को समझाना चाहते थे कि मृत्यु एक अटल सत्य है, एक न एक दिन सभी प्राणियों की मृत्यु होनी है। इस सत्य को स्वीकार करना होगा।

पृष्ठ संख्या # 60

प्रश्न 3. भिखारी ने भोजन पाने के लिए ऋषियों को किस तरह मनाया ?

उत्तर– भिखारी ने ऋषियों को सार्वभौम आत्मा को सही रूप में ज्ञान देकर भोजन के लिए मनाया।

पृष्ठ संख्या # 62

प्रश्न 4. महावीर के लिए ‘जिन’ शब्द का प्रयोग क्यों हुआ?

उत्तर – जिन शब्द का अर्थ है ‘विजेता’। महावीर एक विजेता ही थे जिन्होंने लोगों को अपने विचारों तथा शिक्षा को अपनाने के लिए प्रेरित किया और विजय प्राप्त की।

पृष्ठ संख्या # 63

प्रश्न 5. पिछले अध्याय के वर्णित संघ और इस अध्याय में वर्णित संघ के बीच दो भिन्नताएँ बताओ। क्या इनमें कोई समानताएँ दिखती हैं ?

उत्तर

पृष्ठ संख्या # 64

प्रश्न 6. संघ के जीवन में आश्रमों की यह व्यवस्था किस तरह भिन्न थी ? यहाँ किन वर्णों का उल्लेख हुआ है ? क्या सभी चार वर्णों को यह आश्रम व्यवस्था अपनाने की अनुमति थी?

उत्तर

पृष्ठ संख्या # 65

कल्पना करो

प्रश्न 7. तुम लगभग 2500 वर्ष पूर्व के एक उपदेशक को सुनने जाना चाहती हो। वहाँ जाने की अनुमति लेने के लिए तुम अपने माता-पिता को कैसे सहमत करोगी? इसका वर्णन करो।

उत्तर – मैं अपने माता-पिता को उपदेशक की शिक्षाओं के विषय में बताऊँगी। उनके द्वारा समाज की भलाई के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दूंगी तथा उपदेशक की शिक्षाओं से ज्ञान प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के जीवन में बदलाव के विषय मे बताऊँगी और अपने लिए उपदेश सुनने की अनुमति मागूंगी।

पाठान्त प्रश्नोत्तर

आओ याद करें

प्रश्न 1. बुद्ध ने लोगों तक अपने विचारों का प्रसार करने के लिए किन-किन बातों पर जोर दिया ?

उत्तर – बुद्ध ने लोगों को निम्न शिक्षा दी

(1) यह जीवन कष्टों और दुखों से भरा हुआ है और कष्टों का कारण हमारी इच्छा व लालसा है।

(2) आत्म संयम अपनाकर हम अपनी इच्छा व लालसा से मुक्ति पा सकते हैं।

(3) लोगों को दयालु होने के साथ-साथ जानवरों के जीवन का भी आदर करने की शिक्षा दी।

(4) हमारे अच्छे कर्मों का परिणाम वर्तमान जीवन को भी प्रभावित करता है।

प्रश्न 2. ‘सही’ व ‘गलत’ वाक्य बताओ

(क) बुद्ध ने पशुबलि को बढ़ावा दिया।

(ख) बुद्ध द्वारा प्रथम उपदेश सारनाथ में देने के कारण इस जगह का बहुत महत्त्व है।

(ग) बुद्ध ने शिक्षा दी कि कर्म का हमारे जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

(घ) बुद्ध ने बोध गया में ज्ञान प्राप्त किया।

(ङ) उपनिषदों के विचारकों का मानना कि आत्मा और ब्रह्म वास्तव में एक ही हैं।

उत्तर – (क) गलत, (ख) सही, (ग) गलत, (घ) सही, (ङ) सही।

प्रश्न 3. उपनिषदों के विचारक किन प्रश्नों का उत्तर देना चाहते थे?

उत्तर – उपनिषदों के विचारक मुख्यत: कुछ कठिन प्रश्नों का उत्तर ढूँढने का प्रयास कर रहे थे ।

(1) कुछ विचारक मृत्यु के बाद जीवन के बारे में जानना चाहते थे।

(2) कुछ विचारक यज्ञों की उपयोगिता के बारे में जानना चाहते थे।

(3) कुछ विचारक आत्मा के विषय में जानना चाहते थे।

प्रश्न 4. महावीर की प्रमुख शिक्षाएँ क्या थीं?

उत्तर – उनकी शिक्षा सरल थी जो कि निम्नवत हैं

(1) सत्य जानने की इच्छा रखने वाली प्रत्येक स्त्री को अपना घर छोड़ देना चाहिए।

(2) अहिंसा के नियमों का कड़ाई से पालन करना चाहिए।

(3) ऊँच-नीच, जाति-पाँति का भेदभाव नहीं करना चाहिए।

आओ चर्चा करें

प्रश्न 5. अनघा की माँ क्यों चाहती थी कि उनकी बेटी बुद्ध की कहानी से परिचित हो, तुम्हारा इसके बारे में क्या कहना है?

उत्तर – अनघा की माँ चाहती थी कि उनकी बेटी बुद्ध के जीवन और उनकी शिक्षाओं से भली-भाँति परिचित हो इसलिए वह अपनी बेटी को बुद्ध की कहानी से परिचित करना चाहती थी।

प्रश्न 6. क्या तुम सोचते हो कि दासों के लिए संघ में प्रवेश करना आसान रहा होगा, तर्क सहित उत्तर दो।

उत्तर – महावीर व बुद्ध के संघों में दासों का प्रवेश करना सरल नहीं रहा होगा क्योंकि बुद्ध ने संघ में रहने के लिए जो नियम बनाए थे उनके अनुसार दासों को अपने स्वामी से अनुमति लेना आवश्यक था। उस समय दास-दासियाँ, स्वामियों की निजी संपत्ति माने जाते थे। कोई भी मालिक दासों को इसकी अनुमति नहीं देता होगा, क्योंकि दास बिना किसी पारिश्रमिक के उनके सभी कार्यों को करने के लिए बाध्य थे और उनके संघ में जाने से उनका कार्य कौन करेगा। इसलिए कोई भी मालिक दासों को आसानी से संघ में जाने की अनुमति नहीं देता होगा। आओ करके देखें

प्रश्न 7. इस अध्याय में उल्लिखित कम-से-कम पाँच विचारों तथा प्रश्नों की सूची बनाओ। उनमें से किन्हीं तीन का चुनाव कर चर्चा करो कि वे आज भी क्यों महत्वपूर्ण हैं ?

उत्तर – विचार – (i) आत्मसंयम, (ii) दयालुता, (iii) अहिंसा, (iv) अच्छे कर्म, (v) मृत्यु जीवन का अटल सत्य है।

प्रश्न

(i) जीवन क्या है?

(ii) जीवन कष्टों व दुखों से भरा हुआ क्यों है

(ii) यज्ञों की क्या उपयोगिता है ?

(iv) विश्व में ऐसा क्या है जो स्थायी है और मृत्यु के बाद भी रहता है ?

(v) आत्मा और ब्रह्म में क्या संबंध है ?

आज की उपयोगिता के कारण

(1) आत्म संयम – आज मनुष्य की इच्छाएँ और लालसाएँ बढ़ती जा रही हैं जो कि दुख का कारण हैं। अपनी इच्छाओं पर काबू पाकर संयम का मार्ग अपनाकर व दुखों से छुटकारा पा सकता है।

(2) अहिंसा – जब जीवों के प्रति संयमपूर्ण व्यवहार अहिंसा है। मनुष्य अपने स्वार्थ को सर्वोपरि मानकर हिसा का सहारा लेता है जिससे वह अपना तथा समाज का नुकसान करता है इसलिये प्रत्येक जीव के प्रति अहिंसा का भाव रखना चाहिए।

(3) अच्छे कर्म – मनुष्य जल्द से जल्द सफलता प्राप्त करने के लिये अच्छे व बुरे कार्यों में अन्तर नहीं करता और बुरे व्यसनों में फंस जाता है। अच्छे कार्यों के नियमों का पालन करके वह एक सफल व्यक्ति बन सकता है।

प्रश्न 8. आज दुनिया का त्याग करने वाले स्त्रियों और पुरुषों के बारे में और अधिक जानने का प्रयास करो। ये लोग कहाँ रहते हैं, किस तरीके के कपड़े पहनते हैं तथा क्या खाते हैं ? ये दुनिया का त्याग क्यों करते हैं ?

उत्तर – आज भी अनेक, दुनिया का त्याग करने वाली स्त्रियाँ और पुरुष अपने घरों और परिवारों का परित्याग करते हैं।

  • ये प्रायः साधु, महात्मा, मुनि, विचारक, साध्वी के नाम से जाने जाते हैं।

NCERT MP Board Class 6th History Solution Chapter 6 :  नए प्रश्न नए विचार