म.प्र. बोर्ड कक्षा छठवीं संपूर्ण हल- इतिहास– हमारे अतीत 1 (History: Our Pasts – I)
Chapter 4 क्या बताती हैं हमें किताबें और कब्रें
प्रश्न – अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से)
महत्वपूर्ण बिन्दु :
- जो ग्रन्थ ऋग्वेद के बाद रचे गये वे उत्तर-वैदिक ग्रन्थ कहे जाते हैं। .
- पुरोहितों ने लोगों को चार वर्गों में विभाजित किया, जिन्हें वर्ण कहते हैं।
- चार वर्णों के नाम क्रमशः ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र थे।
- महायज्ञों को करने वाला राजा जनपद का राजा कहलाता था। महाजनपदों के राजा विशाल किले व बड़ी सेना रखते थे।
- गण शब्द का प्रयोग कई सदस्यों वाले समूह के लिए किया जाता है।
- संघ अर्थात संगठन या सभा कहलाती है।
- मेसिडोनिया का राजा सिकन्दर था।
- बुद्ध एक श्रमण थे जिनकी शिक्षाओं पर बौद्ध धर्म का प्रचलन हुआ।
महत्वपूर्ण शब्द
अश्वमेध – अश्वमेध भारतवर्ष के एक प्रख्यात प्राचीन कालीन यज्ञ का नाम है।
जनपद – किसी राज्य का निश्चित सीमा वाला वह भाग जो किसी राजा के अधीन होता है।
कर – किसी राजा द्वारा प्रजा से जो अधिभार या धन लिया जाता है।
प्रजातन्त्र – एक ऐसी शासन व्यवस्था जो जनता के हित में कार्य करती है।
महत्वपूर्ण तिथियाँ
नए शासक – लगभग 3000 साल पहले।
महाजनपद – लगभग 3000 साल पहले।
सिकन्दर का आक्रमण – लगभग 2300 साल पहले।
गण या राज्यों का अन्त – लगभग 1500 साल पहले।
पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर
पृष्ठ संख्या # 47
प्रश्न 1. इस यज्ञ में उपस्थित होने वालों की एक सूची बनाओ। पेशे के आधार पर वहाँ कौन-कौन से वर्ग शामिल थे?
उत्तर – अश्वमेध यज्ञ में उपस्थित होने वालों की सूची
(1) राजा,
(2) राजा का सारथी,
(3) राजा के सगे सम्बन्धी, रानियाँ, पुत्र इत्यादि,
(4) आमन्त्रित राजा,
(5) पुरोहित,
(6) वैश्य।
पेशे के आधार पर अश्वमेध यज्ञ में ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य वर्ग के लोग शामिल होते थे।
पृष्ठ संख्या # 48
प्रश्न 2. लोगों ने वर्ण-व्यवस्था का विरोध क्यों किया?
उत्तर कई लोग वर्ण-व्यवस्था का विरोध इसलिए करते थे क्योंकि
(1) कुछ राजा स्वयं को पुरोहितों से श्रेष्ठ मानते थे।
(2) कुछ लोग जन्म के आधार पर वर्ण-निर्धारण सही नहीं मानते थे।
(3) कुछ लोग व्यवसाय के आधार पर लोगों के बीच भेदभाव उचित नहीं समझते थे।
(4) कुछ लोगों का मानना था कि अनुष्ठान सम्पन्न करने का अधिकार सबका हो।
प्रश्न 3. क्या इस सूची में तुम्हें किसी ऐसी फसल का नाम मिला जिसका उल्लेख अध्याय 3 में नहीं हैं ?
उत्तर-जी हाँ, अध्याय 5 में वर्णित फसलों में चावल और गन्ना ऐसी फसलें हैं जिनका नाम अध्याय 3 में वर्णित फसलों में नहीं है।
पृष्ठ संख्या # 50
प्रश्न 4. महाजनपदों के राजा ऋग्वेद में उल्लेखित राजाओं से किस प्रकार भिन्न थे? दो अन्तर बताओ।
उत्तर– महाजनपदों के राजा ऋग्वेद में उल्लेखित राजाओं में अन्तर
(1) महाजनपदों के राजा महल में रहते थे और उनकी बड़ी-बड़ी राजधानियाँ होती थीं जबकि ऋग्वेद के राजा महल में नहीं रहते थे और न ही उनकी बड़ी-बड़ी राजधानियाँ होती थीं।
(2) महाजनपदों के राजाओं के पास अपनी विशाल सेना होती थी जबकि ऋग्वेद के राजाओं के पास अपनी कोई सेना नहीं होती थी।
पृष्ठ संख्या # 51
प्रश्न 5. आखेटक तथा खाद्य-संग्राहक राजाओं को क्या देते होंगे?
उत्तर आखेटक तथा खाद्य-संग्राहक राजाओं को जंगल से प्राप्त वस्तुएँ, जैसे-जड़ी बूटियाँ, हिरण, बाघ जैसे जानवरों को खालें, हाथी दाँत इत्यादि चीजें देनी होती थीं।
प्रश्न 6. क्या तुम बता सकते हो कि राजा इन परिवर्तनों को प्रोत्साहन क्यों देते होंगे?
उत्तर राजा कृषि में होने वाले परिवर्तनों को प्रोत्साहन देते होंगे क्योंकि इससे फसलों की उपज बढ़ती थी। धान के पौधों का रोपण करने से धान के पौधे पहले की तुलना में बहुत ज्यादा – पौधे जीवित रह पाते थे।
पृष्ठ संख्या # 52
प्रश्न 7. इन सेनाओं और ऋग्वेद में उल्लेखित सेनाओं के बीच तुम्हें क्या अन्तर दिखता है?
उत्तर– भारत की सेनाओं और ऋग्वेद में उल्लेखित सेनाओं के बीच मुख्य अन्तर था कि ऋग्वेद में कोई स्थायी सेना नहीं थी जबकि भारत के शासकों के पास पैदल, रथ और हाथियों की बहुत बड़ी सेना थी।
पृष्ठ संख्या # 54
प्रश्न 8. वज्जि संघ अन्य महाजनपदों से कैसे भिन्न था ? कम-से-कम तीन अन्तर बताओ।
उत्तर वज्जि संघ तथा महाजनपदों में अन्तर निम्नलिखित है
प्रश्न 9. क्या एथेन्स में वास्तव में जनतन्त्र था ?
उत्तर एथेन्स में औरतों को नागरिक का दर्जा नहीं दिया जाता था। इसी तरह खदानों, खेतों, घरों और कार्यशालाओं में काम कर रहे दासों को भी कोई नागरिक अधिकार नहीं मिले थे जबकि जनतन्त्र में सभी नागरिकों को समान अधिकार दिये जाते थे। इसलिए एथेन्स में वास्तव में जनतन्त्र नहीं था।
पृष्ठ संख्या # 55
कल्पना करो
प्रश्न 10. वैशाली के उस सभागार में तुम अन्दर झाँक रहे हो जहाँ मगध के राजाओं द्वारा आक्रमण का सामना करने के विषयों पर चर्चा की जा रही है। तुमने क्या सुना?
उत्तर– वैशाली के सभागार में राजा मगध की विशाल सेना के विषय में चर्चा कर रहे थे कि मगध के पास पैदल, रथ और हाथियों की बहुत बड़ी सेना है और उसका मुकाबला कैसे किया जाए। सभी राजा घबराए हुए थे।
पाठान्त प्रश्नोत्तर
आओ याद करें
प्रश्न 1. सही या गलत बताओ
(क) अश्वमेध के घोड़े को अपने राज्य से गुजरने की छूट देने वाले राजाओं को यज्ञ में आमन्त्रित किया जाता था।
(ख) राजा के ऊपर सारथी पवित्र जल का छिड़काव करता था।
(ग) पुरातत्वविदों को जनपदों की बस्तियों में महल मिले
(घ) चित्रित-धूसर पात्रों में अनाज रखा जाता था।
(ङ) महाजनपदों से बहुत से नगर किलाबन्द थे।
उत्तर (क) सही, (ख) गलत, (ग) गलत, (घ) गलत, (ङ) सही।
प्रश्न 2. नीचे दिए गए खानों में निम्नलिखित शब्द भरो
आखेटक – संग्राहक, कृषक, व्यापारी, शिल्पकार, पशुपालक।
उत्तर
प्रश्न 3. समाज के वे कौन-से समूह थे, जो गणों की सभाओं में हिस्सा नहीं ले सकते थे?
उत्तर महिलाएँ, दास तथा कम्मकार गणों की सभाओं में हिस्सा नहीं ले सकते थे।
आओ चर्चा करें
प्रश्न 4. महाजनपद के राजाओं ने किले क्यों बनवाए ?
उत्तर– महाजनपद के राजाओं द्वारा किले के निर्माण के दो प्रमुख कारण थे
(1) दूसरे राजाओं द्वारा आक्रमणों से सुरक्षा की जा सके।
(2) राजा अपनी शक्ति तथा समृद्धि का प्रदर्शन कर सके।
प्रश्न 5. आज के शासकों के चुनाव की प्रक्रिया जनपदों के चुनाव से किस तरह भिन्न थी?
उत्तर आज शासकों का चुनाव आम जनता द्वारा मतदान के माध्यम से किया जाता है, वस्तु जनपदों में कुछ लोग बड़े-बड़े यज्ञों को आयोजित कर राजा बन जाते थे।
आओ करके देखें
प्रश्न 6. क्या तुम्हारे राज्य में प्राचीन जनपद थे ? अगर हाँ, तो उनके नाम लिखो। अगर नहीं, तो अपने राज्य के सबसे नजदीक पड़ने वाले जनपदों के नाम बताओ।
उत्तर जी हाँ, मध्य प्रदेश राज्य के प्राचीन जनपद थे, जिनके नाम निम्न हैं
(1) अवन्ती, (2) वत्स, (3) दर्शाण, (4) अनूप, (5) चेदि, (6) नलपुर, (7) तुड़ीकर
प्रश्न 7. प्रश्न 2 के उत्तर में बताए गए समूहों में से कौन-से समूह आज भी कर देते हैं।
उत्तर प्रश्न 2 के उत्तर में बताए गए समूहों में से कृषक, व्यापारी, शिल्पकार, पशुपालक आज भी कर देते हैं और शिकारी – संग्राहक वर्ग अब प्रचलन में नहीं है।
प्रश्न 8. प्रश्न 3 के उत्तर में बताए गए समूहों में किन-किन को आज मतदान का अधिकार प्राप्त है ?
उत्तर – प्रश्न 3 के उत्तर में बताए गए समूहों में स्त्रियों, दास तथा कम्मकार हैं। आज इन तीनों को मतदान का अधिकार प्राप्त है।