म.प्र. बोर्ड कक्षा छठवीं संपूर्ण हल- इतिहास– हमारे अतीत 1 (History: Our Pasts – I)
Chapter 1 क्या, कब, कहाँ और कैसे
प्रश्न – अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से)
महत्वपूर्ण बिन्दु :
- अतीत में बनी और प्रयोग में लायी गयी वस्तुओं का अध्ययन करने वाला व्यक्ति पुरातत्वविद् कहलाता है।
- पाण्डुलिपि, अभिलेख इत्यादि अतीत की जानकारी के स्रोत होते हैं।
- प्राचीनकाल की हाथ से लिखी पुस्तकें पाण्डुलिपि कहलाती हैं।
- अभिलेख-पत्थर अथवा धातु जैसी कठोर सतहों पर उत्कीर्ण की गयी पाठ्य सामग्री को कहते हैं।
- किसी भी तिथि की गणना ईसाई धर्म-प्रवर्तक ईसा मसीह के जन्म से की जाती है।
महत्वपूर्ण शब्द
यात्रा – एक स्थान से अन्य स्थान को जाना, प्रस्थान।
पाण्डुलिपि – पुस्तक की हस्तलिखित प्रति ।
अभिलेख – महत्त्वपूर्ण लेख, दस्तावेज, ताम्रपट, पत्थर आदि पर खुदा हुआ लेख।
पुरातत्व – प्राचीन अनुसन्धान एवं अध्ययन से सम्बन्धित ज्ञान।
इतिहासकार – इतिहास के लेखक। स्रोत-मूल जानकारी का जरिया।
पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर
पृष्ठ संख्या # 1
प्रश्न 1. अग्रलिखित को मानचित्र पर दर्शाइए
(क) नर्मदा नदी।
(ख) उत्तर-पश्चिम की सुलेमान और किरथर पहाड़ियाँ।
(ग) उत्तर-पूर्व में गारो तथा मध्य भारत में विंध्य पहाड़ियाँ।
(घ) सिन्धु तथा इसकी सहायक नदियाँ।
(ङ) गंगा तथा इसकी सहायक नदी सोन।
उत्तर
प्रश्न 2. आज लोग यात्राएँ क्यों करते हैं ?
उत्तर-आज लोग यात्राएँ निम्नलिखित कारणों से करते हैं
(1) काम की तलाश के लिए।
(2) व्यापार के लिए।
(3) पर्यटन स्थलों को घूमने के लिए।
(4) शिक्षा प्राप्त करने के लिए।
(5) अपने रिश्तेदारों, मित्रों आदि से मिलने के लिए।
पृष्ठ संख्या # 05
प्रश्न 3. क्या तुम बता सकती हो कि कठोर सतह पर लेख लिखवाने के क्या लाभ थे ? ऐसा करवाने में क्या-क्या कठिनाइयाँ आती थीं?
उत्तर – कठोर सतह पर लिखे लेखों को लम्बे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता था। ताकि लोग उन्हें देख सकें, पढ़ सकें तथा उनका पालन कर सकें।
कठोर सतह पर लिखना कठिन कार्य था और लिखने में भी अधिक समय लगता था।
पृष्ठ संख्या # 06
प्रश्न 4. क्या पुरातत्वविदों को बहुधा कपड़ों के अवशेष मिलते होंगे?
उत्तर – पुरातत्वविदों को कपड़ों के अवशेष बहुत कम या न के बराबर मिलते होंगे, क्योंकि प्राचीन समय में सूती वस्त्रों का प्रयोग किया जाता था जो समय के साथ सड़ कर समाप्त हो जाता था।
पृष्ठ संख्या # 09
कल्पना करो
प्रश्न 5. तुम्हें एक पुरातत्वविद् का साक्षात्कार लेना है। तुम उन पाँच प्रश्नों की एक सूची तैयार करो जिन्हें तुम पुरातत्वविद् से पूछना चाहोगी।
उत्तर –पुरातत्वविद् का साक्षात्कार लेने हेतु प्रश्नों की तैयार सूची
(1) पुरातत्वविद् अतीत की वस्तुओं का अध्ययन क्यों करते
(2) पुरातत्वविद् अतीत की वस्तुओं का पता किस प्रकार लगाते हैं ?
(3) खुदाई में मिली वस्तुओं की उम्र का पता कैसे लगाया जाता है ?
(4) पुरातत्वविद् खुदाई करते समय किन-किन सावधानियाँ का ध्यान रखते हैं ?
(5) खुदाई में प्राप्त वस्तुएँ कहाँ और कैसे रखी जाती हैं ?
पाठान्त प्रश्नोत्तर
आओ याद करें
प्रश्न 1. निम्नलिखित का सुमेल करो
उत्तर-1. → (b), 2. → (a), 3. → (d), 4. → (e), 5. → (c)
प्रश्न 2. पाण्डुलिपियों तथा अभिलेखों में एक प्रमुख अन्तर बताओ।
उत्तर – पाण्डुलिपियाँ प्रायः नरम सतह जैसे ताड़ के पत्ते, भुर्ज वृक्ष की छाल पर हाथ से लिखी जाती हैं जबकि अभिलेख कठोर सतहों, जैसे चट्टानों, पत्थर, गुफाओं, खम्भों आदि की दीवारों पर लिखा जाता है।
• आओ चर्चा करें
प्रश्न 3. रशीदा के प्रश्न को फिर से पढ़ो। इसके क्या उत्तर हो सकते हैं?
उत्तर– अतीत की जानकारी हम कई तरह से प्राप्त कर सकते हैं। अतीत में लिखी गई पुस्तकों को पढ़कर, पाण्डुलिपियों और अभिलेखों का अध्ययन करके तथा प्राचीन इमारतों के अवशेषों, चित्रों, मूर्तियों, औजारों, हथियारों, बर्तनों इत्यादि को देखकर सौ साल पहले की घटनाओं का पता लगा सकते हैं।
प्रश्न 4. पुरातत्वविदों द्वारा पाई जाने वाली सभी वस्तुओं की एक सूची बनाओ। इसमें से कौन-सी वस्तुएँ पत्थर की बनी हो सकती हैं ?
उत्तर- पुरातत्वविदों द्वारा पाई जाने वाली सभी वस्तुओं की सूची निम्नवत् है
सूची में इमारतें, हथियार, आभूषण, मूर्तियाँ, औजार, अभिलेख इत्यादि वस्तुएँ पत्थर की बनी हुई हो सकती हैं।
प्रश्न 5. साधारण स्त्री तथा पुरुष अपने कार्यों का विवरण क्यों नहीं रखते थे? इसके बारे में तुम क्या सोचती हो
उत्तर – प्राचीन समय में शासक अपनी विजयों का लेखा-जोखा रखते थे जबकि साधारण स्त्री और पुरुष अर्थात् शिकारी, मछुआरे, संग्राहक, कृषक अथवा पशुपालक जैसे आम आदमी अपने कार्यों का लेखा-जोखा नहीं रखते थे, क्योंकि यह सम्भव है कि वे पढ़े-लिखे न हों, उनके पास आय के सीमित सघन हों जिससे वह इस प्रकार के कार्यों में रूचि न लेते हों।
प्रश्न 6, कम-से-कम दो ऐसी बातों का उल्लेख करो जिनसे तुम्हारे अनुसार राजाओं और किसानों के जीवन में भिन्नता का पता चलता है।
उत्तर-राजाओं और किसानों के जीवन में निम्नलिखित बातों से भिन्नता का पता चलता है
(1) राजा का काम शासन को सुचारू रूप से चलाना और अपने राज्य का विस्तार करना था जबकि किसानों का काम खेतों में काम करना और अनाज उगाना था।
(2) राजा का जीवन वैभवपूर्ण और आरामदायक था जबकि किसान का जीवन परिश्रम से भरा होता था।
आओ करके देखें
प्रश्न 7. पृष्ठ 1 पर शिल्पकार शब्द का पता लगाओ। आज प्रचलित कम-से-कम पाँच भिन्न-भिन्न शिल्पों की सूची बनाओ क्या ये शिल्पकार (क) स्त्री, (ख) पुरुष, (ग) स्त्री तथा पुरुष दोनों होते हैं ?
उत्तर – शिल्पकार शब्द का तात्पर्य – जो हाथ से अच्छी-अच्छी चीजें बनाकर तैयार करता है वह शिल्पकार कहलाता है।
शिल्पकारों की सूची
प्रश्न 8. अतीत में पुस्तकें किन-किन विषयों पर लिखी गई थीं ? तुम इनमें से किन पुस्तकों को पढ़ना पसन्द करोगी?
उत्तर-अतीत में पुस्तकें निम्नलिखित विषयों पर लिखी गई थीं
(1) धार्मिक मान्यताओं व व्यवहारों पर,
(2) राजाओं के जीवन पर,
(3) औषधियों तथा विज्ञान पर,
(4) महाकाव्य, कविताएँ तथा नाटकों पर।
उपरोक्त सभी विषय अत्यन्त रोचक हैं तथा सभी का ज्ञान हमें विभिन्न जानकारी देने वाला है। इसलिए मैं सभी पुस्तकों को पढ़ना पसन्द करूँगी।
NCERT Social Science Book Solution History Class 6 Chapter 1: क्या, कब, कहाँ और कैसे