म.प्र. बोर्ड कक्षा संपूर्ण हल- नागरिकशास्त्र – सामाजिक एवं राजनैतिक जीवन 1 (Civics: Social & Political Life – I )
इकाई 1 : विविधता
पाठ 2 : विविधता एवं भेदभाव
प्रश्न – अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से)
महत्वपूर्ण बिन्दु :
- संसार में आठ मुख्य धर्म हैं। भारत में उन आठों धर्मों के अनुयायी यानी मानने वाले रहते हैं।
- डॉ. भीमराव अम्बेडकर भारतीय संविधान के पिता एवं दलितों के सबसे बड़े नेता के रूप में जाने जाते हैं।
- भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है जहाँ लोग बिना भेदभाव के अपने धर्म का पालन करते हैं।
- स्वतन्त्र भारत में प्रत्येक व्यक्ति को समान अधिकार और समान अवसर प्राप्त हैं।
महत्वपूर्ण शब्द
पूर्वाग्रह – पूर्व निर्णय अर्थात् किसी मामले के तथ्यों की जाँच. किये बिना राय बना लेना।
भेदभाव – किसी व्यक्ति या अन्य चीज के पक्ष में भेद की प्रक्रिया को भेदभाव कहते हैं।
दलित – कुचला हुआ, दबाया हुआ। संविधान-नियम और कानूनों के एक समूह के लिए प्रयोग किया जाता है।
पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर
पृष्ठ संख्या # 16
प्रश्न 1. पूर्वाग्रह –
उन कथनों को देखिए जो आपको ग्रामीण एवं शहरी लोगों के बारे में सही लगे। जिन कथनों से आप सहमत हैं, उन पर निशान लगाइए। क्या आपके दिमाग में ग्रामीण या शहरी लोगों को लेकर किसी भी प्रकार के पूर्वाग्रह हैं ?
क्या दसरे लोगों के दिमाग में भी ये पूर्वाग्रह हैं ? लोगों के दिमाग में ये पूर्वाग्रह क्या होते हैं ? जिन पूर्वाग्रहों को आपने अपने आस-पास महसूस किया है उनकी एक सूची बनाइए। ये पूर्वाग्रह लोगों के व्यवहार को कैसे प्रभावित करते हैं ?
ग्रामीण लोग
(a) आधे से ज्यादा भारतीय गाँवों में रहते हैं।
(b) गाँव के लोग आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना पसन्द नहीं करते हैं।
(c) फसल की बुवाई और कटाई के समय परिवार के लोग खेतों में 12 से 14 घण्टों तक काम करते हैं।
(d) ग्रामीण लोग काम की तलाश में शहरों की ओर स्थानान्तरण करने को बाध्य होते हैं।
शहरी लोग
(a) शहरी जीवन बड़ा आसान होता है। यहाँ के लोग बिगड़े हुए और आलसी होते हैं।
(b) शहरों में लोग अपने परिवार के सदस्यों के साथ बहुत कम समय बिताते हैं।
(c) शहरी लोग केवल पैसे की चिन्ता करते हैं, लोगों की नहीं।
(d) शहरों में रहना बहुत महँगा पड़ता है। लोगों की कमाई का एक बहुत बड़ा हिस्सा किराए और आने-जाने में खर्च हो जाता है।
उत्तर-
पूर्वाग्रह का तात्पर्य जब हम किसी के बारे में पहले से कोई राय बना लेते हैं और उसे हम अपने दिमाग में बिठा लेते हैं, तो वह पूर्वाग्रह का रूप ले लेती है। ज्यादातर यह राय नकारात्मक होती है इसलिए हमारे दिमाग में ग्रामीण या शहरी लोगों को लेकर किसी भी प्रकार के पूर्वाग्रह नहीं है। दूसरे लोगों के दिमाग में भी पूर्वाग्रह नहीं होने चाहिए। लोगों के दिमाग में अज्ञानता, अन्धविश्वास और निरक्षरता के कारण ये पूर्वाग्रह होते हैं। जिन पूर्वाग्रहों को अपने आस-पास महसूस किया है उनकी एक सूची निम्नवत् है
(1) ग्रामीण लोग अज्ञानी होते हैं।
(2) लड़कियाँ कमजोर होती हैं।
(3) लड़के बलशाली होते हैं।
(4) शहर में लोग आलसी होते हैं।
(5) लड़के रोते नहीं हैं।
ये पूर्वाग्रह के लोगों व्यवहार में नकारात्मक प्रभाव डालते हैं जिससे उसके मन में ही भावना पनपने लगती
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प्रश्न 2. नीचे दिए गए कथनों की सूची में से तालिका को भरिए। अपने उत्तर के कारणों पर चर्चा कीजिए
वे बहुत ही सुशील हैं।
उनका बात करने का तरीका बड़ा सौम्य और मधुर है।
वे शारीरिक रूप से बलिष्ठ हैं।
वे शरारती हैं।
वे नृत्य करने और चित्रकारी में निपुण हैं।
वे रोते नहीं।
वे उधमी हैं।
वे खेल में निपुण हैं।
वे खाना पकाने में निपुण हैं।
वे भावुक हैं।
लड़का लड़की
1 1
2 2
3 3
4 4
5 5
उत्तर
तालिका में दिये गये कारण जन्म से ही ऐसे नहीं होते बल्कि हमारे द्वारा लगातार समाज में यह सुनते रहने से यह मान्यता का रूप ले लेते हैं। समाज की इन मान्यताओं को हम विश्वास के साथ स्वीकार करते हैं और हम सभी लड़कों और लड़कियों की उसी छवि के अनुरूप देखना चाहते हैं।
पृष्ठ संख्या # 18
प्रश्न 3. पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या 18 पर भिन्न चित्रों के अन्तर्गत ये बच्चे अपने से जुड़ी रूढिबद्ध धारणाओं के बारे में क्या कह रहे हैं और क्यों ? इस पर चर्चा कीजिए।
उत्तर – चित्रों में खास जरूरतों वाले बच्चे अपने-अपने विषय में बता रहे हैं। साथ ही लोगों के पूर्वाग्रहों, रूढिबद्ध धारणाओं से दुखी होकर अपनी मन की भावनाओं को भी व्यक्त कर रहे हैं। समाज ने उनका तिरस्कार किया है। वर्तमान में शारीरिक रूप से विकलांग एवं विभिन्न प्रकार से अक्षम बच्चों के प्रति समाज में व्याप्त धारणाओं में कुछ परिवर्तन आया है। कई बार यह दोहराया गया है कि यदि विकलांगों की बीमारी का सही समय पर पहचान कर ली जाये तथा उसके बचाव के लिए मदद दी जाए एवं उपकरण की सुविधा और शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, रोजगार के अवसर की सुविधाएँ उपलब्ध करायी जाये जो उनमें से बहुत लोग सामान्य जीवन जी सकते हैं। सबसे बड़ी बात यह कि हम सभी को इन्हें जीवन के सभी क्षेत्रों में समान अधिकार प्राप्त नागरिक के रूप में अपनाने की इच्छा दिखानी होगी।
प्रश्न 4. आपकी राय में क्या खास जरूरतों वाले बच्चों को सामान्य स्कूल में पढ़ना चाहिए या उनके लिए अलग स्कूल होने चाहिए ? अपने जवाब के पक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तर-खास जरूरतों वाले बच्चों को सामान्य स्कूल में पढ़ना चाहिए या उनके लिए अलग स्कूल होने चाहिए यह बात उनकी विशेष जरूरत पर निर्भर करती है। अगर बच्चे को किसी उपकरण की आवश्यकता है और उस उपकरण की सहायता से वह सामान्य तरीके से समझ सकता है तो उसे सामान्य स्कूल में ही पढ़ाना चाहिये जिससे उसके मन में हीन भावना न पनपे। लेकिन बच्चे को किसी खास प्रशिक्षण की आवश्यकता है तो उसे अलग स्कूलों में पढ़ाना चाहिए जहाँ उनकी जरूरतों के अनुसार खास प्रशिक्षित अध्यापक हों जो उनकी भावनाओं को समझ सकें तथा उनकी जरूरतों के अनुसार खास सुविधाएँ हो जो कि उनकी कठिनाईयों को कम कर सकें और उनमें आत्मविश्वास भर सकें। –
पृष्ठ संख्या # 19
प्रश्न 5. ‘वे कोमल एवं मृदु स्वभाव की हैं,”वे बहुत ही सुशील हैं।’ ऐसे कथनों को लेकर उन पर चर्चा कीजिए कि ये कैसे केवल लड़कियों पर लागू किये जाते हैं। क्या लड़कियों में ये गुण जन्म से ही होते हैं या वो ऐसा व्यवहार समाज से सीखती हैं ? आपकी उन लड़कियों के बारे में क्या राय है जो कोमल एवं मृदु स्वभाव की नहीं होती और शरारती होती हैं ?
.उत्तर – “वे कोमल एवं मृदु स्वभाव की हैं” वे बहुत ही सुशील हैं, ऐसे कथन मानव स्वभाव के होते हैं या हो सकते हैं। मानव स्वभाव का निर्माण उस पर पड़ने वाले वातावरण का होता है। हम सभी जिस तरह के वातावरण में रहते हैं, हमारा स्वभाव वैसा ही हो जाता है। लड़कियाँ अधिकांशतः अपनी माता के सम्पर्क में अधिक रहती हैं तथा उनका अनुसरण करती हैं। इसलिए वह कोमल, मृदु और सुशील होती हैं, लेकिन ये केवल लड़कियों पर ही लागू किये जाते हैं, यह गलत है, क्योंकि अच्छा स्वभाव, मृदुलता तो सभी लड़के और लड़कियाँ दोनों के लिए अनुकरणीय होना चाहिए। ये गुण किसी की धरोहर नहीं है और न उनमें ये गुण जन्म से होते हैं। लड़कियों को कोमल तथा मृदु स्वभाव समाज द्वारा सिखाया जाता है। यह आवश्यक नहीं है कि समस्त लड़कियाँ मृदु स्वभाव की हों कुछ लड़कियाँ समाज की रूढ़िबद्ध धारणाओं के अनुसार अपने आपको नहीं बनाती हैं। इसलिए वह मृदु स्वभाव की नहीं होती हैं। –
पृष्ठ संख्या # 22
प्रश्न 6. रूढिबद्ध धारणाओं एवं भेदभाव में क्या अन्तर
उत्तर – रूढिबद्ध धारणाओं एवं भेदभाव में निम्नलिखित अन्तर है
प्रश्न 7. आपके अनुसार जिस व्यक्ति के साथ भेदभाव होता है उसे कैसा महसूस होता है ?
उत्तर-जिस व्यक्ति के साथ भेदभाव होता है, उसे दुख होता है। उसे अच्छा नहीं लगता है तथा वह अपने आपको कमजोर और अपमानित महसूस करने लगता है। उसके आत्मसम्मान को ठेस पहुँचती है। वह अन्य लोगों के साथ मिलजुल कर रहने में संकोच करने लगता है। अपने आपको दूसरों से अलग समझने लगता है। –
पृष्ठ संख्या # 24
प्रश्न 8. बच्चे पैसा देने को तैयार थे, फिर भी गाड़ीवानों ने उन्हें ले जाने से मना कर दिया। क्यों ?
उत्तर – बच्चे पैसा देने को तैयार थे फिर भी गाड़ीवानों ने उन्हें ले जाने से मना कर दिया, क्योंकि स्टेशन मास्टर को पता चला कि बच्चे महार जाति के हैं (बम्बई प्रान्त में महार समुदाय को अछूत माना जाता था) वे उन्हें अजीब-सी घृणा की भावना से देखने लगे और वहाँ उपस्थित लोगों को यह पता चला कि बच्चे महार जाति के हैं तो वह भी बच्चों को ले जाने से मना ‘करने लगे। उन्होंने बच्चों के साथ भेदभाव भरा व्यवहार किया।
प्रश्न 9. स्टेशन पर लोगों ने डॉ. अम्बेडकर और उनके भाइयों के साथ कैसे भेदभाव किया ?
उत्तर – स्टेशन पर स्टेशन मास्टर को डॉ. अम्बेडकर और उनके भाइयों की जाति के विषय में मालूम हुआ तो स्टेशन मास्टर का व्यवहार की बदल गया तथा गाड़ीवानों ने दुगुना पैसा देने पर भी ले जाने से इंकार कर दिया। इस प्रकार स्टेशन पर उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया गया।
प्रश्न 10. महार होने का पता चलने पर स्टेशन मास्टर की जो प्रतिक्रिया हुई थी, उसे देखकर बचपन में अम्बेडकर को कैसा लगा होगा? अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर-अम्बेडकर जी के बताने पर जब स्टेशन मास्टर को पता चला कि वे महार जाति के हैं तो स्टेशन मास्टर के व्यवहार में एकदम से परिवर्तन आ गया अम्बेडकर जी तब बालक थे। वे उस परिवर्तन को समझ नहीं पा रहे थे कि अचानक से यह क्या हुआ वह स्तब्ध होकर मन-ही-मन उनके व्यवहार को लेकर परेशान हो रहे थे।
प्रश्न 11. क्या आपको कभी अपने प्रति लोगों के पूर्वाग्रह का अनुभव हुआ है ? या आपने दूसरों के प्रति भेदभाव भरे व्यवहार को देखा है ? उससे आपको कैसा महसूस हुआ ?
उत्तर – हमारे देश ने ब्रिटिश शासन से आजादी तो पा ली, परन्तु उसमें समानता के लिए किया गया संघर्ष भी शामिल था। दलितों, औरतों, जनजातीय लोगों और किसानों ने अपने जीवन में गैर-बराबरी का अनुभव किया। जातिगत असमानता के कारण समाज में इस तरह के पूर्वाग्रह अक्सर देखने को मिलते हैं। भेदभावपूर्ण व्यवहार मानव मन में एक टीस की तरह चुभता है जो मनुष्य के मन को गहरा आघात कराती है और ऐसा महसूस होता है कि संघर्ष करके इस असमानता को कैसे भी दूर किया जाना चाहिए। –
पृष्ठ संख्या # 25
प्रश्न 12. दलित के अलावा कई अन्य समुदाय हैं जिनके साथ भेदभाव किया जाता है। क्या आप भेदभाव के कुछ अन्य उदाहरण सोच सकते हैं ?
उत्तर – दलित के अलावा कई अन्य समुदाय हैं, जिनके साथ भेदभाव किया जाता है। वे निम्नलिखित हैं
(1) महिलाओं के साथ भेदभाव,
(2) भाषाई अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव,
(3) शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के साथ भेदभाव,
(4) धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव,
(5) गरीब तथा आर्थिक रूप से कमजोर समुदायों के साथ भेदभाव।
प्रश्न 13. उन तरीकों पर चर्चा कीजिए जिनके द्वारा ‘खास जरूरतों वाले लोगों के साथ भेदभाव किया जा सकता है।
उत्तर-खास जरूरतों वाले लोगों के साथ कई प्रकार से भेदभाव किया जा सकता है। जैसे
(1) ऐसे व्यक्तियों को अपने पास न आने देना।
(2) ऐसे व्यक्तियों को हीनभावना से देखना।
(3) ऐसे व्यक्तियों की हँसी उड़ाना।
(4) ऐसे व्यक्तियों को अपने साथ खाना न खिलाना।
(5) ऐसे व्यक्तियों से अपमानजनक भाषा में बोलना इत्यादि।
(6) ऐसे व्यक्तियों को किसी काबिल न समझना।
पाठान्त प्रश्नोत्तर
अभ्यास
प्रश्न 1. निम्नलिखित कथनों का मेल कराइए। रूढिबद्ध धारणाओं को कैसे चुनौती दी जा रही है, इस पर चर्चा कीजिए
उत्तर – (क) →3,(ख)→4,(ग) → 1, (घ)→2.
(क) डॉक्टर एक महिला है और उसकी बेटी भी स्कूल जा रही है। ये तथ्य लिंग भेद के रूढ़िवादी धारणाओं को चुनौती देती हैं।
(ख) कुछ लोगों की धारणा होती है कि विकलांग बच्चों में कोई प्रतिभा नहीं होती है। उनका लोग मजाक उड़ाते हैं, लेकिन जब चित्रकला प्रतियोगिता में विजेता बच्चा एक पहियों वाली कुर्सी पर बैठकर पुरस्कार लेने के लिए मंच पर गया तो लोगों की रूढ़िवादी धारणा को धक्का लगा।
(ग) पूर्वाग्रहों से ग्रसित लोगों में यह भावना बनी होती है कि दमा का पुराना मरीज फुर्तीला और कोई शारीरिक क्रियाकलाप नहीं कर सकता हैं, लेकिन बहुत सारे खिलाड़ियों ने प्रतियोगिता में अपना सर्वश्रेष्ठ ध्यान लगाकर इस मिथक को झुठला दिया है।
(घ) अन्तरिक्ष यात्री बनने का सपना पूरा करने के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करने और विदेश जाने के लिए बहुत खर्च लगता है फिर भी कुछ मध्यम और निम्न वर्ग के लोग भी अपने सपने को पूरा करने के लिए हर सम्भव कोशिश कर सफलता प्राप्त करते हैं।
प्रश्न 2. लड़कियाँ माँ-बाप के लिए बोझ हैं, यह रूढिबद्ध धारणा एक लड़की के जीवन को किस तरह प्रभावित करती है ? उसके अलग-अलग पाँच प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर – लड़कियाँ माँ-बाप के लिए बोझ हैं, यह रूढिबद्ध धारणा एक लड़की के जीवन को निम्न तरह से प्रभावित करती हैं – भारत के कई हिस्सों में एक धारणा है कि लड़कियाँ अपने माता-पिता पर बोझ हैं। यह एक लड़की के जीवन को नकारात्मक तरीकों से प्रभावित कर सकती है। एक लड़की अपने माता-पिता और रिश्तेदारों से लगातार सभी तरह की टिप्पणियाँ सुनती हैं।
उसके अलग-अलग पाँच प्रभावों का उल्लेख निम्न प्रकार से है
(1) एक लड़की को स्कूल नहीं भेजा जाता है।
(2) उसे पोषक आहार और अच्छे वस्त्र नहीं दिये जाते हैं।
(3) लड़कियों को कई सुविधाओं से वंचित रखा जाता है।
(4) माँ-बाप लड़के और लड़कियों में भेदभाव करते हैं।
(5) लड़कियों को खेलने, मनोरंजन करने की आजादी नहीं दी जाती है।
प्रश्न 3. भारत का संविधान समानता के बारे में क्या कहता है ? आपको यह क्यों लगता है कि सभी लोगों में समानता होना जरूरी है ?
उत्तर – भारत का संविधान समानता के बारे में कहता है
(1) भारत के संविधान ने अपने नागरिकों को यह सुनिश्चित करने के कई अधिकार प्रदान किए हैं कि सभी के साथ समान व्यवहार किया जाए।
(2) सभी नागरिक अपनी पसन्द के धर्म का पालन करने के लिए स्वतन्त्र हैं।
(3) संविधान सभी को समान अवसर प्रदान करता है।
(4) अस्पृश्यता एक अपराध है और अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान है। हमको इसलिए लगता है कि सभी लोगों में समानता होना जरूरी है, क्योंकि भारत एक विविध देश है और हर धर्म को फलने-फूलने के लिए यह आवश्यक है कि समाज से किसी भी प्रकार की असमानता को मिटाया जाए। समानता सभी धार्मिक समुदायों के लोगों को खुद को व्यक्त करने के लिए समान अवसर देती है।
प्रश्न 4. कई बार लोग हमारी उपस्थिति में ही पूर्वाग्रह से | भरा आचरण करते हैं। ऐसे में अक्सर हम कोई विरोध करने की स्थिति में नहीं रहते, क्योंकि मुँह पर तुरन्त कुछ कहना मुश्किल जान पड़ता है। अपनी कक्षा को दो समूहों में बाँटिए
और प्रत्येक समूह इस पर चर्चा करे कि दी गई परिस्थिति में वे क्या करेंगे
(क) गरीब होने के कारण एक सहपाठी को आपका दोस्त चिढ़ा रहा है।
(ख) आप अपने परिवार के साथ टी.वी. देख रहे हैं और उनमें से कोई सदस्य किसी खास धार्मिक समुदाय पर पूर्वाग्रहग्रस्त टिप्पणी करता है।
(ग) आपकी कक्षा के बच्चे एक लड़की के साथ मिलकर खाना खाने से इन्कार कर देते हैं, क्योंकि वे सोचते हैं कि वह गंदी है।
(घ) किसी समुदाय के खास उच्चारण का मजाक उड़ाते हुए कोई आपको चुटकुला सुनाता है।
(ङ) लड़के, लड़कियों पर टिप्पणी कर रहे हैं कि लड़कियाँ उनकी तरह नहीं खेल सकतीं।
उपर्युक्त परिस्थितियों में विभिन्न समूहों ने कैसा बर्ताव करने की बात की है, इस पर कक्षा में चर्चा कीजिए, साथ ही इन मुद्दों को उठाते समय कक्षा में कौन-सी समस्याएँ आ सकती हैं, इस पर भी बातचीत कीजिए।
उत्तर-
(क) हम लोगों को इस तरह दूसरों को सताने वाले दोस्त या इन्सान को सर्वप्रथम यह समझाना चाहिए कि इस मजाक से आपके सहपाठी को बहुत दुख होता है फिर भी अगर वो न समझे तो अपने शिक्षक से इस बारे में बात करनी चाहिए।
(ख) हमें अपने परिवार के सदस्य से हर धार्मिक समुदाय के प्रति श्रद्धा की भावना बनाए रखने की गुजारिश करनी चाहिए। हमें अपने धर्म के अलावा दूसरे धर्म की अच्छाइयों के बारे में उन्हें समझाना चाहिए। साथ ही हमें यह भी समझना चाहिए कि सभी धर्मों का सार एक ही है और वो है हर इंसान से प्यार करो।
(ग) सबसे पहले मैं उसके पास बैलूंगी और उसके साथ खाना खाऊँगी। मेरे ऐसे व्यवहार को देखकर और बच्चों का व्यवहार भी बदलेगा और वे उसे सम्मान देने को विवश हो जाएँगे।
(घ) सबसे पहले हमें उस आदमी को किसी भी समुदाय के खास उच्चारण का मजाक नहीं उड़ाने के लिए विनती करना चाहिए। साथ ही उसे यह भी समझाना चाहिए कि इस रूढ़िवादी तुच्छ व्यवहार से क्या नुकसान होता है।
(ङ) मैं उन सारी खिलाड़ी लड़कियों की एक सूची बनाऊँगी, जो बहुत सारे खेलों में अपना वर्चस्व स्थान बना चुकी हैं। जैसे पी.वी. सिन्धु, मिताली राज, सानिया मिर्जा, मेरी कॉम इत्यादि, फिर उन सारे लड़कों को दिखाऊँगी।
NCERT Class 6 Social Science Civics Solution Chapter 2 : विविधता एवं भेदभाव