MP Board Class 6 Hindi Solution : विविधप्रश्नावलि 3

MP Board Class 6 Hindi : विविधप्रश्नावलि 3

विविधप्रश्नावलि 3 (VIVIDH PRASNAVALI 3)

प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए

(क) केरल को नारियल का कहते हैं
(i) बगीचा,
(ii) जंगल,
(iii) सागर,
(iv) खेत।
उत्तर-
(i) बगीचा,

(ख) सेवा के कार्य को ईश्वर मानते थे.
(i) ईश्वरचन्द्र,
(ii) भवानी प्रसाद,
(iii) महात्मा गाँधी,
(iv) बाबा भारती।
उत्तर-
(iii) महात्मा गाँधी,

(ग) आरुणि के गुरु का नाम था
(i) धौम्य,
(ii) द्रोणाचार्य,
(iii) उपमन्यु,
(iv) वशिष्ठ।
उत्तर-
(i) धौम्य,

(घ) सदाशिव गोविन्द कात्रे को कहा गया
(i) नेताजी,
(ii) महात्मा,
(iii) परमानन्द माधवम्,
(iv) गुरुजी।
उत्तर-
(iii) परमानन्द माधवम्,

(ङ) समाज शब्द में ‘इक’ प्रत्यय लगाने पर बनने वाला शब्द है
(i) सामाजीक,
(ii) सामाजिक,
(iii) सामासिक,
(iv) सामाजिकी।
उत्तर-
(ii) सामाजिक।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) अपना काम सफाई से करना ………………………………. को भाता था।
(ख) बसंत के स्वागत में ………………………………. गीत गाती है।
(ग) परमानन्द माधवम् की मृत्यु सन् ……………………………….’ में हुई।
(घ) र रुपये की ………………………………. पहचान है।
(ङ) ‘सहज’ शब्द में ‘ता’ प्रत्यय लगने पर ……………………………….” शब्द बनता है।
उत्तर-
(क) महात्मा गाँधी,
(ख) प्रकृति भी,
(ग) 1977 ई.,
(घ) अन्तर्राष्ट्रीय,
(ङ) सहजता।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द या एक वाक्य में लिखिए
(क) केरलवासी किस चीज के शौकीन हैं?
उत्तर-
केरलवासी (केरल के लोग) नृत्य और संगीत के बड़े शौकीन होते हैं।

(ख) शीला की रुचि समाज-सेवा में कैसे उत्पन्न हुई?
उत्तर-
लेखक के घर पर न होने पर एक दिन उनका पुत्र सोनू छत से गिरकर बेहोश हो गया। मुहल्ले और आस-पास के जिस किसी ने भी सुना, वह सहायता के लिए दौड़ पड़ा। गरीब-अमीर सभी अस्पताल में सोनू की देख-रेख के लिए धन और बल से तैयार थे। इस सब को देखकर बेहोश हुई लेखक की पत्नी को ज्ञात न हो सका कि यह सब क्या है? उसने होश आने पर असंख्य लोगों को सोनू की सहायता के लिए देखा वह दंग रह गई। साथ ही शीला के अन्दर लेखक के सिद्धान्तों के प्रति आस्था और विश्वास पक्का होता चला गया कि जो समाज की सेवा में तत्पर रहते हैं, समाज उनकी सेवा में तन, मन, धन देकर सेवा करता है। उस दिन से शीला की रुचि समाज सेवा में उत्पन्न हो गई।

(ग) आरुणि ने शिष्य का परमधर्म किसे कहा है?
उत्तर-
आरुणि ने गुरु सेवा को ही शिष्य का परमधर्म कहा है।

(घ) वर्तमान में बसन्त का स्वरूप क्यों बदल गया है?
उत्तर-
लोगों ने अपने स्वार्थ के लिए पेड़-पौधों को काटकर हरियाली को समाप्त कर दिया है। इसलिए बसन्त का स्वरूप ही बदल गया है।

(ङ) बिस्मिल की माताजी ने गृहकार्य की शिक्षा किससे प्राप्त की?
उत्तर-
मात्र ग्यारह वर्ष की अल्पायु में बिस्मिल की माताजी का विवाह हो गया था। तब वह नितान्त अशिक्षित एवं ग्रामीण कन्या थीं। ऐसे में दादीजी ने अपनी छोटी बहन को शाहजहाँपुर बुला लिया था। उन्हीं ने माताजी को गृहकार्य आदि की शिक्षा प्रदान की थी।

(च) अकर्मक और सकर्मक क्रिया का एक-एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर-

  1. अकर्मक क्रिया -वह हँसता है। ‘हँसना’ अकर्मक क्रिया है।
  2. सकर्मक क्रिया-सीता पत्र लिखती है। ‘लिखना’ सकर्मक क्रिया है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्यों में लिखिए

(क) गाँधीजी आश्रम में कौन-कौन से काम स्वयं करतेथे?
उत्तर-
गाँधीजी अपने आश्रम में सूत कातते थे, वे कपड़ा बुनते थे, कपास धुनते थे। आश्रम के लोगों के भोजन के लिए अनाज में से कंकड़ चुनकर उसे साफ करते थे। अनाज से आटा बनाने के लिए चक्की भी घिसते थे। अनाज पीसते और पुस्तकों की जिल्द भी बहुत अच्छी तरह बनाते थे।

(ख) ‘आत्म-बलिदान’ एकांकी का मूल भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
‘आत्म-बलिदान’ एकांकी का मूल भाव यह है कि गुरु और शिष्य दोनों ही एक-दूसरे के लिए समर्पित रहते हैं। गुरु को अपने शिष्यों के शारीरिक, बौद्धिक और आत्मिक विकास के लिए हर समय चिन्ता रहती थी। शिष्य भी आश्रम के सारे कार्यों की पूर्ति तन, मन तथा श्रद्धा से करते हैं। धौम्य ऋषि को अतिवृष्टि से खेत की मिट्टी बह जाने की चिन्ता है। परन्तु आरुणि भी उन्हें चिन्ता मुक्त करने का प्रयास करता है। मेड़ के कटाव में स्वयं लेट जाता है और मिट्टी के कटाव को रोक देता है। गुरु भी उसे तलाशते हुए विपरीत मौसम में जाते हैं। उन्हें उसके स्वास्थ्य की चिन्ता है। इस तरह गुरु और शिष्य दोनों परस्पर सेवा में समर्पित हैं।

(ग) हमीर ने कर्तव्य का महत्व किस प्रकार बताया है?
उत्तर-
हमीर रणथम्भौर के राणा हैं। वे माहमशाह को अपने यहाँ शरण देने का वचन देते हैं। दिल्ली के बादशाह खिलजी ने उसे मामूली गलती के लिए फाँसी की सजा देने का आदेश करके उसे जेल में बन्द कर दिया। वह जेल से फरार होकर रणथम्भौर पहुँचकर अपनी सुरक्षा की गुहार लगाता है जिसे राणा अभयदान देते हैं। राणा हमीर के सामंत और सरदार सभी इसके विरुद्ध हैं लेकिन राणा ने अपने क्षत्रियत्व और राजपूत होने की श्रेष्ठता। बताते हुए उनकी सलाह नहीं मानी। उन्होंने शरणागत को सुरक्षा देना राजपूत का कर्तव्य बताया। उसकी पूर्ति के लिए अपनी आन, बान, शान की परवाह नहीं करते। यहाँ तक है कि अपने प्राणों की आहुति देने से भी पीछे नहीं हटते। राजपूत धर्म की शरणागत वत्सलता एवं सर्वस्व समर्पण ही उनके लिए कर्त्तव्य पालन की बलिवेदी है।

(घ) दशमलव प्रणाली में रुपये को किस प्रकार विभाजित किया गया है?
उत्तर-
दशमलव प्रणाली में रुपये को 100 पैसों में बाँटा गया है। इस तरह छोटे सिक्कों के रूप में 50 पैसे, 25 पैसे, 10 पैसे, 5 पैसे, 3 पैसे, 2 पैसे तथा 1 पैसे के सिक्के भी प्रचलन में आए। उन्हें नए पैसे कहा गया।

(ङ) सुभाषचन्द्र बोस ने युवकों को किस प्रकार प्रेरित किया?
उत्तर-
सुभाषचन्द्र बोस ने युवकों को आजादी प्राप्त करने के लिये प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आजादी के लिए बलिदान देने होंगे। जिन युवकों के खून में आजादी प्राप्त करने के लिए उबाल नहीं, गतिशीलता नहीं, उनका खून खून नहीं वह तो पानी जैसा है। आजादी की लड़ाई शीश कटाने का सौदा है। आजादी का इतिहास खून की लाल स्याही से लिखा जाता है। इतना सुनते ही युवकों के चेहरे लाल पड़ गए। उन्होंने आजादी की लड़ाई करने के लिए कागज पर अपने खून से हस्ताक्षर कर दिए। युवकों में बढ़ते साहस को देख सभी दंग रह गये।

(च) बिस्मिल ने वकालतनामे पर हस्ताक्षर क्यों नहीं किये?
उत्तर-
एक बार बिस्मिल के पिताजी दीवानी मुकदमे में वकील से कह गए कि जो काम हो वह उनकी अनुपस्थिति में बिस्मिल से करा लें। कुछ आवश्यकता पड़ने पर वकील साहब ने बिस्मिल को बुलवाकर उनसे वकालतनामे पर अपने पिताजी के हस्ताक्षर करने को कहा। बिस्मिल ने यह कहते हुए कि वकालतनामे पर पिताजी के हस्ताक्षर करने से मना कर दिया कि यह तो धर्म के विरुद्ध होगा। सदैव सत्य के मार्ग पर चलने वाले बिस्मिल ने वकील साहब के यह समझाने पर भी हस्ताक्षर नहीं किये कि हस्ताक्षर न करने पर मुकदमा खारिज हो जायेगा।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए
(क) “कुछ लोग बातों से कमाते हैं। किसी का रुपया कमाई करता है। कुछ लोग दिमाग चलाकर कमाते हैं। दिमाग से कमाने वाले लोग जल्दी बुढ़ापा बुला लेते हैं। रक्त चाप और जोड़ों के दर्द से परेशान रहते हैं लेकिन हाथपैर चलाकर दिमाग से काम करने वाले कभी लाचार नहीं होते।”
उत्तर-
आशय-लेखक का तात्पर्य यह है कि धन कमाने के लिए लोग अलग-अलग तरीका अपनाते हैं। कुछ लोग तो केवल अपनी बातों के बल पर धन कमा लेते हैं अर्थात् उनका कार्य केवल दलाली, बट्टे या कानूनी दांव-पेंच लड़ा कर धन इकट्ठा कर लेना है। दूसरी ओर वे लोग हैं जो धनवान हैं और उसके सहारे व्यापार या ब्याज बट्टे के काम से धन कमा लेते हैं। इनके अलावा कुछ लोग अपने दिमाग से ही धन कमा सकते हैं। लेकिन ऐसे लोग जल्दी ही बूढ़े हो जाते हैं, उन्हें रक्तचाप और हाथ-पैर के जोड़ों का दर्द शुरू हो जाता है। लेकिन वे लोग जो अपने हाथ-पैर से, परिश्रम और बुद्धि के बल के योग से भी धन कमाने वाले होते हैं, ऐसे लोग प्रायः किसी के सामने अपनी लाचारी नहीं दिखाते। वे स्वावलम्बी होते हैं।

(ख) अभी तुम अधखिले पुष्प के समान हो। अगर तुमको इसी पुष्य की भाँति अविकसित अवस्था में मुझ जैसे पौधे से अलग कर दिया जाए, तो मुझे भी दुःख होगा।
उत्तर-
धौम्य अपने शिष्य उपमन्यु को बताते हैं कि वह (उपमन्यु) अभी आधे खिले फूल के समान है। वह अभी पूर्ण फूल नहीं बन सका। एक अधखिला फूल अपने पौधे से अलग कर दिया जाए, तो वह अधखिला ही मुरझा जाएगा। उसका विकास तो हो सकेगा, पर उसका जीवन भी खतरे में पड़ जाएगा। इसी तरह उपमन्यु अभी तक अविकसित फूल के समान है। उसे विकास के लिए अभी अपनी गुरु रूपी पौधे के आश्रय की जरूरत है। यदि उसे गुरु रूपी पौधे से अलग कर दिया गया तो पुष्परूपी शिष्य-उपमन्यु अपनी अविकसित अवस्था में ही अपने अस्तित्व के लिए अनिश्चय की स्थिति में आ जाएगा। इसका गुरु रूपी पौधे को अपार कष्ट होगा।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए
(क) दुखी है मेरा मन, कुछ तो अब दुख बाँटो।
जंगल ही जीवन है जंगल को मत काटो।
(ख) आजादी का संग्राम कहीं, पैसे पर खेला जाता है?
यह शीश कटाने का सौदा, नंगे सर झेला जाता है।
उत्तर-
(क) बसन्त के बदलते स्वरूप के प्रति चिन्ता व्यक्त करते हुए कवि कहता है कि बसन्त के मन में व्याप्त कष्ट को ‘थोड़ा-बहुत आप (संसार के लोग) बाँट लीजिए। जंगल से जीवन सम्भव है, इसलिए इन जंगलों को मत काटिए। वन लगाइए, जीवन बचाइए।

(ख) कवि कहता है कि स्वतन्त्रता देवी के चरणों में वह जयमाला अर्पित की जाएगी, जिसे तुम्हारे (देशवासियों के) शीशों रूपी फूलों से गूंथा जाएगा। तुम्हें ध्यान रखना चाहिए कि यह आजादी की लड़ाई कभी भी पैसों के आधार पर नहीं लड़ी जा सकती। यह तो सिर कटाने का सौदा है (व्यापार है)। इस सिर कटाने के सौदे को नंगे सिर ही झेलना पड़ता है।

प्रश्न 7.
दो देशों की मुद्राओं के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. अमेरिका-डॉलर
  2. जापान-येन।

प्रश्न 8.
वीर रस से ओत-प्रोत किसी कविता की चार पंक्तियाँ लिखिए।
उत्तर-
“सारी जनता हुँकार उठी
हम आते हैं, हम आते हैं।

माता के चरणों में यह लो,
हम अपना रक्त चढ़ाते हैं।”

प्रश्न 9.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यान से पढ़कर नीचे दिए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
अपने ही बल पर काम करने को स्वावलम्बन कहते हैं। इस गुण के आ जाने से किसी सहारे की आवश्यकता नहीं होती। स्वावलम्बी मनुष्य के पास आलस्य फटकता भी नहीं। स्वावलम्बन कर्त्तव्यपरायणता भी सिखाता है। स्वावलम्बी के प्रति सभी की सद्भावना रहती है। ऐसे पुरुष का समाज, राष्ट्र और जाति में सम्मान व आदर होता है।

प्रश्न

  1. स्वावलम्बन किसे कहते हैं?
  2. रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए-
    स्वावलम्बन ………………………..” भी सिखाता है।
  3. स्वावलम्बी पुरुष को किस-किस से सम्मान मिलता है?
  4. उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।

उत्तर-

  1. अपने ही बल पर काम करने को स्वावलम्बन कहते हैं।
  2. रिक्त स्थान की पूर्ति-“कर्त्तव्य परायणता।”
  3. स्वावलम्बी पुरुष को समाज, राष्ट्र और जाति से सम्मान मिलता है।
  4. उचित शीर्षक-“स्वावलम्बन।”

प्रश्न 10.
अपने प्रधानाध्यापक को एक प्रार्थना-पत्र लिखिए जिसमें अपने भाई के विवाह में जाने हेतु तीन दिवस के अवकाश की माँग की गई हो।
अथवा
अपने मित्र को पत्र लिखकर होली मनाने के अपने अनुभव लिखिए।
उत्तर-
अध्याय-4 पत्र लेखन’ शीर्षक देखिए।

प्रश्न 11.
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक पर निबन्ध लिखिए (लगभग 100 शब्दों में)
प्रिय खेल, मेला, महापुरुष।
उत्तर-
‘निबन्ध लेखन’ शीर्षक देखिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *