MP Board Class 10th Geography Solution Chapter 7:  राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ

MP Board Class 10 th Geography Solution भूगोल-समकालीन भारत-II

Chapter 7 : राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ [Lifelines of National Economy]

महत्त्वपूर्ण तथ्य

  • व्यक्तियों या जीव-जन्तुओं को किसी माध्यम द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाने, ले जाने की प्रक्रिया परिवहन कहलाती है।
  • परिवहन व संचार के द्रुतगामी व सक्षम साधनों के द्वारा दुनिया बहुत छोटी हो गयी है।
  • भारत विश्व के सर्वाधिक सड़क जाल वाले देशों में से एक है। यहाँ सड़क जाल लगभग 56 लाख किमी है।
  • भारत सरकार ने दिल्ली-कोलकत्ता, चेन्नई-मुम्बई व दिल्ली को जोड़ने वाली 6 लेन वाली स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्ग की सड़क परियोजना प्रारम्भ की।
  • राष्ट्रीय राजमार्ग वे मार्ग हैं जिनका निर्माण एवं रख-रखाव केन्द्र शासन के अधीन केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाता है। 
  • सीमांत सड़क संगठन 1960 में बनाया गया जिसका कार्य उत्तर तथा उत्तरी-पूर्वी क्षेत्रों में सामरिक महत्व की सड़कों का विकास करना था।
  • देश की पहली रेलगाड़ी 1853 में मुम्बई और थाणे के मध्य चलाई गई, जो 34 किमी की दूरी तय करती थी।
  • भारतीय रेल नेटवर्क को 18 जोन्स (क्षेत्रों) में बाँटा गया है। 
  • तरल और गैसीय पदार्थों का परिवहन पाइपलाइनों द्वारा किया जाता है।
  • भारत में अंत:स्थलीय नौसंचालन जलमार्ग 14,500 किमी लम्बा है।
  • भारत की 7,516-6 किमी लम्बी समुद्री तटरेखा के साथ 12 प्रमुख तथा 200 मध्यम व छोटे पत्तन हैं।
  • मुम्बई वृहत्तम पत्तन है जिसके प्राकृतिक खुले, विस्तृत व सुचारु पोताश्रय हैं।
  • चेन्नई हमारे देश का प्राचीनतम कृत्रिम पत्तन है। व्यापार की मात्रा तथा लदे सामान के सन्दर्भ में इसका मुम्बई के बाद दूसरा स्थान है।
  • वायु परिवहन सबसे महँगा परन्तु तीव्रगामी साधन है, 1953 में वायु परिवहन का राष्ट्रीयकरण किया गया।
  • संचार तंत्र के अन्तर्गत सूचनाओं का आदान-प्रदान या प्रसारण सम्मिलित है।
  • निजी दूरसंचार तथा जनसंचार में दूरदर्शन, रेडियो, समाचार-पत्र समूह, प्रेस तथा सिनेमा आदि देश के प्रमुख संचार साधन हैं। 
  • भारत का डाक-संचार तंत्र विश्व का सबसे बड़ा है। यह पार्सल, निजी पत्र-व्यवहार को संचालित करता है।
  • डिजिटल भारत ज्ञान आधारित परिवर्तन के लिए, भारत को तैयार करने के लिए एक विशाल कार्यक्रम है।
  • दो या अधिक देशों के बीच होने वाले विनिमय को अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार कहते हैं।
  • जब एक राष्ट्र से वस्तुओं को दूसरे राष्ट्र को भेजा जाता है, तो उसे निर्यात कहते हैं।
  • जब अन्य देशों से वस्तुओं को मँगाया जाता है, तो इसे आयात कहते हैं। 
  • पिछले तीन दशकों में भारत में पर्यटन उद्योग में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है।
  • 150 लाख से अधिक व्यक्ति पर्यटन उद्योग में प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं।

पाठान्त अभ्यास

प्रश्न 1. बहुवैकल्पिक प्रश्न

(i) निम्न में कौन-से दो दूरस्थ स्थित स्थान पूर्वी-पश्चिमी गलियारे से जुड़े हैं ?

(क) मुम्बई तथा नागपुर

(ख) मुम्बई तथा कोलकाता

(ग) सिलचर तथा पोरबन्दर

(घ) नागपुर तथा सिलिगुड़ी।

उत्तर- (ग) सिलचर तथा पोरबन्दर

(ii) निम्नलिखित में से परिवहन का कौन-सा साधन वहनांतरण हानियों तथा देरी को घटाता है।

(क) रेल परिवहन

(ख) पाइपलाइन

(ग) सड़क परिवहन

(घ) जल परिवहन।

उत्तर- ( ख) पाइपलाइन

(iii) निम्न में से कौन-सा राज्य हजीरा-विजयपुर-जगदीशपुर पाइपलाइन से नहीं जुड़ा है ?

(क) मध्य प्रदेश

(ख) गुजरात

(ग) महाराष्ट्र

(घ) उत्तर प्रदेश।

उत्तर- (ग) महाराष्ट्र

(iv) निम्न में से कौन-सा परिवहन साधन भारत में प्रमुख साधन है ?

(क) पाइपलाइन

(ख) सड़क परिवहन

(ग) रेल परिवहन

(घ) वायु परिवहन।

उत्तर- (ख) सड़क परिवहन

(v) इनमें से कौन-सा पत्तन पूर्वी तट पर स्थित है, जो अंत: स्थलीय तथा अधिकतम गहराई का पत्तन है तथा पूर्ण सुरक्षित है?

(क) चेन्नई

(ख) तूतीकोरिन

(ग) पाराद्वीप

(घ) विशाखापत्तनम।

उत्तर- (घ) विशाखापत्तनम।

(vi) निम्न से कौन-सा शब्द दो या अधिक देशों के व्यापार को दर्शाता है ?

(क) आंतरिक व्यापार

(ख) बाहरी व्यापार

(ग) अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार

(घ) स्थानीय व्यापार।

उत्तर- (ग) अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार

उत्तर- (i) (ग), (ii) (ख), (ii) (ग), (iv) (ख), (v) (घ), (vi) (ग)

प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए

(i) सड़क परिवहन के तीन गुण बताएँ।

उत्तर – सड़क परिवहन के गुण –

(1) अपेक्षाकृत कम व्यक्तियों, कम दूरी व कम वस्तुओं के परिवहन में सड़क मितव्ययी है।

(2) यह घर-घर सेवाएँ उपलब्ध करवाता है तथा सामान चढ़ाने व उतारने की लागत भी अपेक्षाकृत कम है।

(3) सड़क परिवहन, अन्य परिवहन साधनों के उपयोग में एक कड़ी के रूप में भी कार्य करता है; जैसे-सड़कें, रेलवे स्टेशन, वायु व समुद्री पत्तनों को जोड़ती हैं।

(ii) रेल परिवहन कहाँ पर अत्यधिक सुविधाजनक परिवहन साधन है तथा क्यों?

उत्तर – देश में रेल परिवहन के वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों में भू-आकृतिक, आर्थिक व प्रशासकीय कारक प्रमुख हैं। उत्तरी मैदान अपनी विस्तृत समतल भूमि, सघन जनसंख्या घनत्व, संपन्न कृषि व प्रचुर संसाधनों के कारण रेल परिवहन के विकास व वृद्धि में सहायक रहा है।

(iii) सीमान्त सड़कों का महत्व बताएँ।

उत्तर – सीमा सड़क विकास बोर्ड की स्थापना वर्ष 1960 में की गयी थी, ताकि उत्तरी तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र के सीमावर्ती इलाकों के परिवहन का समन्वित तथा तीव्र विकास करके यहाँ के आर्थिक विकास को तेज किया जा सके तथा प्रतिरक्षा सम्बन्धी व्यवस्था को मजबूत बनाया जा सके। इन सड़कों के विकास से दुर्गम क्षेत्रों में अभिगम्यता बढ़ी है तथा ये इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास में भी सहायक हुई हैं।  

(iv) व्यापार से आप क्या समझते हैं ? स्थानीय व अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में अन्तर स्पष्ट करें।

उत्तर – व्यापार से आशय-राज्यों व देशों में व्यक्तियों के बीच वस्तुओं का आदान-प्रदान व्यापार कहलाता है।

स्थानीय व अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में अन्तर

प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए

(i) परिवहन तथा संचार के साधन किसी देश की जीवन रेखा तथा अर्थव्यवस्था क्यों कहे जाते हैं।

उत्तर – किसी भी राष्ट्र की आर्थिक प्रगति में परिवहन व संचार साधनों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। परिवहन में रेल परिवहन, सड़क परिवहन, जहाजरानी, जलयान एवं वायुयान आते हैं। संचार के अन्तर्गत डाक सेवाएँ तथा दूरसंचार, तार, टेलीफोन, दूरदर्शन आते हैं।

परिवहन व संचार साधनों के निम्नलिखित महत्त्व हैं

(1) परिवहन व संचार के साधन उत्पादन के सभी साधनों को गतिशीलता प्रदान करते हैं। इससे न केवल देश में उपलब्ध साधनों का उचित प्रयोग सम्भव हो पाता है बल्कि देश में व्याप्त क्षेत्रीय विषमताएँ भी कम हो जाती हैं।

(2) परिवहन और संचार के साधन उद्योगों द्वारा निर्मित वस्तुओं को देश के कोने-कोने में पहुँचाने में सहायक सिद्ध होते हैं।

(3) विकसित तथा सस्ते परिवहन और संचार के साधन उपलब्ध होने पर उत्पादक को अपने पास वस्तुओं के अनावश्यक स्टॉक रखने की आवश्यकता नहीं होती, अपितु वस्तुओं को जल्दी बेचकर उत्पादक अपनी पूँजी का पुनः निवेश कर वस्तुओं का उत्पादन कर सकता है।

(4) इन साधनों द्वारा आर्थिक विकास में योगदान देने वाले सभी साधनों को अधिक से अधिक मात्रा में जुटाया जा सकता है।

(5) इन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि परिवहन व संचार के साधन परस्पर सम्पर्क स्थापित करने में सहायक होते हैं।

(6) इन साधनों के द्वारा उपभोक्ता वस्तुएँ, बाजारों तथा उपभोक्ताओं तक शीघ्रता से पहुँचाई जाती हैं।

(ii) पिछले पन्द्रह वर्षों में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की बदलती प्रवृत्ति पर एक लेख लिखें।

उत्तर –

(1) भारत के विदेशी व्यापार का लगभग 90% समुद्री मार्ग द्वारा और शेष 10% में वायु परिवहन एवं सड़क परिवहन का योगदान रहता है।

(2) भारत का 50 प्रतिशत विदेशी व्यापार ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका तथा जापान के साथ होता है।

(3) भारत का अधिकांश विदेशी व्यापार कोलकाता, विशाखापत्तनम, कोचीन, मुम्बई, काण्डाला व चेन्नई पत्तनों से होता है।

(4) निर्यात की जाने वाली वस्तुओं में कृषि और औद्योगिक उत्पाद एवं दस्तकारी, हथकरघा तथा कुटीर उद्योग क्षेत्र की विभिन्न वस्तुएँ शामिल हैं। परियोजना निर्यात के क्षेत्र में भी हाल के वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इसके अन्तर्गत परामर्श सेवाएँ, भवन-निर्माण तथा उद्योग लगाने के ठेके (ट्रेन की परियोजनाएँ) भी शामिल हैं।

(5) भारत अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर एक सॉफ्वेयर महाशक्ति के रूप में उभरा है तथा सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से अत्यधिक विदेशी मुद्रा अर्जित कर रहा है। इन वस्तुओं का निर्यात मुख्य रूप से विकसित राष्ट्रों में किया जाता है।

(6) भारत में आयातित वस्तुओं में कच्चा पेट्रोलियम तथा उत्पाद, रत्न व जवाहरात, आधार धातुएँ, मशीनें, कृषि व अन्य उत्पाद शामिल हैं। भारत में सम्पूर्ण आयात का लगभग एक-चौथाई भाग खनिज तेल का होता है।

अन्य परीक्षोपयोगी प्रश्न 

वस्तुनिष्ठ प्रश्न 

बहु-विकल्पीय प्रश्न

1. स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्ग के अन्तर्गत कितने लेन वाली सड़क परियोजना प्रारम्भ की है ?

(i) 6 लेन वाली

(ii) 5 लेन वाली

(iii) 4 लेन वाली

(iv) 3 लेन वाली

उत्तर – (i) 6 लेन वाली

2. दिल्ली व अमृतसर के मध्य ऐतिहासिक शेरशाह सूरी मार्ग किस नाम से जाना जाता है ?

(i) राज्य राजमार्ग

(ii) राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-1

(iii) सीमांत सड़क मार्ग

(iv) राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-3.

उत्तर – (ii) राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-1

3. सीमान्त सड़क संगठन कब स्थापित किया गया ?

(i) 1952

(ii) 1956

(iii) 1958

(iv) 1960.

उत्तर – (iv) 1960.

4. भारत में रेलवे का प्रारम्भ हुआ

(i) 1840

(ii) 1850

(iii) 1853

(iv) 1872.

उत्तर – (iii) 1853

5. भारत का वृहत्तम पत्तन है

(i) दीनदयाल पत्तन (कांडला)

(ii) मुम्बई पत्तन

(iii) मारमागाओ पत्तन 

(iv) तूतीकोरिन पत्तन।

उत्तर – (ii) मुम्बई पत्तन

6. गैस पाइपलाइन है-

(i) बरौनी-हल्दिया

(ii) बरौनी-जालंधर

(iii) नाहरकटिया-बरौनी

(iv) हजीरा-जगदीशपुरा।

उत्तर – (iv) हजीरा-जगदीशपुरा।

7. भारत में रेलवे जोन की कुल संख्या है

(i) 9

(ii) 18.

(iii) 14

(iv) 15.

उत्तर – (ii) 18.

8. भारत की प्रमुखतम आयात वस्तु है

(i) खनिज तेल

(ii) मशीनरी

(iii) कम्प्यूटर

(iv) रसायन।

उत्तर – (i) खनिज तेल

रिक्त स्थान पूर्ति

1. रेलवे लाइन की अपेक्षा सड़कों की ………….. बहुत कम है।

2. राज्यों की राजधानियाँ को जिला मुख्यालों से जोड़ने वाली सड़कें ……………….. कहलाती हैं।

3. भारतीय ………………देश का सर्वाधिक बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का प्राधिकरण है।

4. इन्टरनेशनल नेटवर्क का संक्षिप्त नाम ………………… है।

5. विदेशी व्यापार से आशय एक देश का अन्य देशों से वस्तुओं के ………. से है।

6. आन्ध्र प्रदेश के कोरोमण्डल तट पर सर्वाधिक सुरक्षित व गहरा बन्दरगाह ………….. है।

उत्तर – 1. निर्माण लागत, 2. राज्य राजमार्ग, 3. रेल परिवहन, 4. इण्टरनेट, 5. आदान-प्रदान, 6. विशाखापत्तनम।

सत्य/असत्य

1. भारत में रेलवे प्रणाली का प्रारम्भ 1837 में हुआ।

2. भारतीय रेलमार्गों की लम्बाई एशिया में सबसे अधिक है।

3. विशाखापत्तनम कर्नाटक के समुद्र तट पर स्थित है।

4. बन्दरगाह जल व थल के मिलन स्थल होते हैं।

5. एक देश के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की प्रगति उसके आर्थिक वैभव का सूचक है।

6. निर्यात मूल्य आयात मूल्य से कम हो तो उसे अनुकूल व्यापार सन्तुलन कहते हैं।

7. भारत में 150 लाख से अधिक व्यक्ति पर्यटन उद्योग में प्रत्यक्ष रूप से संलग्न हैं।

उत्तर – 1. असत्य, 2. सत्य, 3. असत्य, 4. सत्य, 5. सत्य, 6. असत्य, 7. सत्य।

सही जोड़ी मिलाइए

उत्तर – 1.→ (ग), 2. → (घ), 3. → (ङ), 4.→ (क), 5. → (ख)

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

1. भारत में रेलमार्गों का विकास किस वर्ष में हुआ ?

2. भारत में सड़क जाल लगभग कितने किमी है ?

3. सीमान्त सड़क संगठन कब बनाया गया था ?

4. भारत में अंत: स्थलीय नौसंचालन जल मार्ग कितना लम्बा है ?

5. मुम्बई पत्तन के अधिक परिवहन को ध्यान में रखकर इसके सामने कौन-सा पत्तन विकसित किया गया

6. वायु परिवहन का राष्ट्रीयकरण किस वर्ष में किया गया ?

7. हमारे देश का प्राचीनतम कृत्रिम पत्तन कौन-सा है ?

उत्तर – 1. 1853, 2. 56 लाख किमी, 3. 1960 में, 4. 14,500 किमी, 5. जवाहरलाल नेहरू पत्तन, 6. 1953, 7. चेन्नई।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. परिवहन व संचार से क्या आशय है?

उत्तर – व्यक्तियों या जीव-जन्तुओं को किसी माध्यम द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाने ले जाने की प्रक्रिया परिवहन कहलाती है। संचार तंत्र के अन्तर्गत सूचनाओं का आदान-प्रदान या प्रसारण सम्मिलित है।

प्रश्न 2. राज्य राजमार्ग से क्या आशय है ?

उत्तर – राज्यों की राजधानियों को जिला मुख्यालयों से जोड़ने वाली सड़कें राज्य राजमार्ग कहलाती हैं। राज्य तथा केन्द्रशासित क्षेत्रों में इनकी व्यवस्था तथा निर्माण का दायित्व राज्य के सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) का होता है।

प्रश्न 3. परिवहन के विभिन्न साधन बताइए।

उत्तर – रेल, बस, ट्रक, वायुयान, जलपोत, पाइपलाइन आदि।

प्रश्न 4. पवन हंस क्या है ?

उत्तर – पवन हंस हेलीकॉप्टर लिमिटेड, तेल व प्राकृतिक गैस आयोग को इसकी अपतटीय संक्रियाओं में तथा अगम्य व दुर्लभ भू-भागों; जैसे-उत्तरी-पूर्वी राज्यों तथा जम्मू, कश्मीर, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखण्ड के आंतरिक क्षेत्रों में हेलीकाप्टर सेवाएँ उपलब्ध करवाता है।

प्रश्न 5. देश के प्रमुख संचार साधन बताइए।

उत्तर –निजी दूरसंचार तथा जनसंचार में दूरदर्शन, रेडियो, समाचार-पत्र समूह, प्रेस तथा सिनेमा आदि देश के प्रमुख संचार साधन हैं।।

प्रश्न 6. डिजिटल भारत क्या है ?

उत्तर – डिजिटल भारत ज्ञान आधारित परिवर्तन के लिए, भारत को तैयार करने के लिए एक विशाल कार्यक्रम है। डिजिटल भारत कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य IT (भारतीय प्रतिभा) + IT (सूचना प्रौद्योगिकी) = IT (कल का भारत) में होने वाले परिवर्तन को समझना है और तकनीक को केन्द्र में रखकर बदलाव लाना है।

प्रश्न 7. भारत के चार प्रमुख बन्दरगाहों के नाम बताइए। ये किन प्रदेशों में स्थित हैं ?

उत्तर –

प्रश्न 8. आयात-निर्यात से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर – आयात-जब कोई राष्ट्र अपनी आवश्यकता की वस्तुएँ विदेशों से मँगाता है, तो उसे आयात कहते हैं।

निर्यात – जब कोई राष्ट्र अपनी आवश्यकता से अधिक की वस्तुओं को अपने देश से बाहर भेजता है, तो उसे निर्यात कहते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्ग क्या है ? इस योजना का उद्देश्य बताइए।

उत्तर – भारत सरकार ने दिल्ली-कोलकत्ता, चेन्नई-मुम्बई व दिल्ली को जोड़ने वाली 6 लेन वाली महा राजमार्गों की सड़क परियोजना प्रारम्भ की है। इस परियोजना के तहत दो गलियारे प्रस्तावित हैं। प्रथम उत्तर-दक्षिण गलियारा जो श्रीनगर को कन्याकुमारी से जोड़ता है तथा द्वितीय पूर्व-पश्चिम गलियारा जो सिलचर (असम) तथा पोरबन्दर (गुजरात) को जोड़ता है। इस महा राजमार्ग का प्रमुख उद्देश्य भारत के मेगा सिटी के मध्य की दूरी व परिवहन समय को न्यूनतम करना है। यह राजमार्ग परियोजना-भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकार क्षेत्र में है।

प्रश्न 2. सड़क परिवहन, रेल परिवहन की अपेक्षा किस प्रकार महत्वपूर्ण है ?

अथवा

“भारत में सड़क परिवहन, अभी भी रेल परिवहन की अपेक्षा अधिक सुविधाजनक है।” कथन की पुष्टि कीजिए।

उत्तर –– यद्यपि सड़क परिवहन महँगा होता है, परन्तु इसका बहुत अधिक महत्व है। सड़क परिवहन बड़े-बड़े नगरों एवं औद्योगिक केन्द्रों को ग्रामीण क्षेत्रों से जोड़ता है। पर्वतीय क्षेत्र, खनिज उत्पादक क्षेत्र तथा ऊबड़-खाबड़ क्षेत्रों में रेल नहीं चलायी जा सकती। अत: वहाँ सड़कों का विकास किया जाता है। सड़क परिवहन रेलों द्वारा लाये गये सामान को नियत स्थानों पर पहुँचाता है और रेल द्वारा ढोये जाने वाले माल को भी रेल यार्ड तक ले जाता है। शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं को गन्तव्य स्थान तक पहुँचाने में रेलों की तुलना में सड़कें अधिक उपयोगी हैं। अण्डा, माँस, दूध, फल, सब्जी आदि के लिए सड़क परिवहन का अधिक उपयोग है। .

प्रश्न 3. राष्ट्रीय राजमार्ग व जिला मार्ग के बारे में बताइए।

उत्तर – राष्ट्रीय राजमार्ग -राष्ट्रीय राजमार्ग देश के दूरस्थ भागों को जोड़ते हैं। ये प्राथमिक सड़क तंत्र है जिनका निर्माण व रख-रखाव केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) के अधिकार क्षेत्र में है। अनेक प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग उत्तर से दक्षिण तथा पूर्व से पश्चिम दिशाओं में फैले हैं। दिल्ली व अमृतसर के मध्य ऐतिहासिक शेरशाह सूरी मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -1 के नाम से जाना जाता है।

जिला मार्ग – ये सड़कें जिले के विभिन्न प्रशासनिक केन्द्रों को जिला मुख्यालय से जोड़ती हैं। इन सड़कों की व्यवस्था का उत्तरदायित्व जिला परिषद् का है।

प्रश्न 4. भारत के लिए सीमांत सड़कों की महत्ता को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – भारत के लिए सीमान्त सड़कों की महत्ता निम्नलिखित है

(1) भारत सरकार प्राधिकरण के अधीन सीमा सड़क संगठन है, जो देश के सीमांत क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण व उनकी देख-रेख करता है।

(2) यह संगठन 1960 में बनाया गया जिसका कार्य उत्तर तथा उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में सामरिक महत्व की सड़कों का विकास करना था।

(3) इन सड़कों के विकास से दुर्गम क्षेत्रों में अभिगम्यता बढ़ी है तथा ये इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास में भी सहायक हुई हैं।

प्रश्न 5. भारत में सड़क परिवहन के सम्मुख प्रमुख समस्याओं का विश्लेषण कीजिए।

उत्तर

सड़क परिवहन की समस्याएँ भारत में सड़क परिवहन की प्रमुख समस्याएँ निम्नलिखित हैं

(1) खराब सड़कें-सड़क परिवहन की एक प्रमुख समस्या खराब सड़कें हैं जिनके कारण दुर्घटनाएँ अधिक होती हैं, वाहनों की टूट-फूट तथा घिसावट बढ़ती है तथा ईंधन की खपत अधिक होती है।

(2) परमिट प्राप्त करने में अनावश्यक विलम्ब-मोटर, ट्रक व बसों के परिचालन के लिए परमिट प्राप्त करने में अनावश्यक विलम्ब होता है। इससे वाहन बेकार खड़े रहते हैं। इससे परिवहन व्यवसाय के विकास में बाधा उत्पन्न होती है।

(3) करों की अधिकता-सड़क परिवहन पर कई तरह के भारी कर लगाए जाते हैं, जैसे-मोटरगाड़ी पंजीकरण शुल्क, अतिरिक्त पुों पर आयात शुल्क तथा मोटर-वाहन कर आदि। इसके अतिरिक्त परिवहन को पथकर तथा चुंगी का भी भुगतान करना पड़ता है। (4) राज्यों में सहयोग एवं समन्वय की कमी-विभिन्न राज्यों की परिवहन नीतियाँ अलग-अलग हैं जिसका प्रभाव अन्तर्राज्यीय परिवहन पर पड़ता है। इससे गाड़ियों को स्थान-स्थान पर रुकना पड़ता है तथा कर देना पड़ता है। इस प्रक्रिया में समय व्यर्थ जाता है तथा यात्रा लागत बढ़ती है।

(5) अपर्याप्त साख सुविधाएँ-भारत में परिवहन के साधनों के लिए साख सुविधाएँ प्रदान करने वाली संस्थाओं की कमी है जिसके अभाव में सड़क परिवहन के साधनों का वांछित विकास नहीं हो पा रहा है।

प्रश्न 6. “सड़कें भारतीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ हैं।” स्पष्ट करें।

उत्तर – भारत कृषि प्रधान देश होने के नाते इस देश के लिए सड़कों का विशेष महत्व है। भारत दुनिया के सबसे बड़ी सड़क प्रणाली वाले देशों में से एक है। सड़कों के माध्यम से ही गाँवों से कच्चा माल और कृषि उत्पादन कारखानों, कस्बों और नगरों तक पहुँचाया जाता है तथा बन्दरगाहों और कारखानों से माल कस्बों तक सड़क की सहायता से ही भेजा जाता है। भारत के प्राकृतिक संसाधनों का उचित विदोहन विशेषकर सड़क परिवहन के माध्यम से ही सम्भव है। इस प्रकार सड़कें भारतीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ हैं।

प्रश्न 7. रेल परिवहन के चार महत्व लिखिए।

उत्तर – (1) यात्री परिवहन का मुख्य साधन-रेल यात्री परिवहन का मुख्य साधन है। रेलें देश के दूर-दूर बसे लोगों को करीब लाने और व्यापार, देशाटन, तीर्थयात्रा एवं शिक्षा के अवसर प्रदान करती हैं।

(2) कृषि और उद्योगों में योगदान-रेलों के कारण भारतीय गाँवों का सम्बन्ध मण्डियों और बन्दरगाहों से स्थापित हो गया है। इस कारण भारतीय कृषि में एक विशेष परिवर्तन आया है। अब भारतीय किसान व्यापारिक फसलों के उत्पादन पर अधिक जोर देने लगा है।

(3) राष्ट्रीय एकता तथा आधुनिकीकरण को प्रोत्साहन-रेल पिछले सौ वर्षों से राष्ट्रीय एकता बनाए रखने वाली एक महान् शक्ति बनी हुई है। इसने देश के आर्थिक जीवन को एक सूत्र में पिरोया है।

(4) श्रम की गतिशीलता में वृद्धि-रेल परिवहन के कारण अब श्रमिक अधिक गतिशील हो गये हैं, जिसका अर्थव्यवस्था पर अच्छा प्रभाव पड़ा है।

प्रश्न 8. पाइपलाइन परिवहन के महत्व बताइए।

उत्तर –

पाइपलाइन परिवहन का महत्व जिस प्रकार मोटर, रेल, जल, जहाज एवं हवाई जहाज से तरल, ठोस, शुष्क माल का परिवहन होता है उसी प्रकार तरल और गैसीय पदार्थों का परिवहन पाइपलाइनों द्वारा किया जाता है। कच्चे तेल, पेट्रोलियम उत्पाद एवं गैसीय पदार्थों का परिवहन करने के लिए पाइपलाइनों का जाल बिछाया गया है। इसके प्रमुख महत्व निम्नलिखित हैं

(1) पाइपलाइन परिवहन को कठिन एवं उबड़-खाबड़ भू-भागों, दुर्गम स्थानों, मरुस्थलों, पर्वतों में एवं पानी के भीतर बिछाया जा सकता है।

(2) इसके संचालन और रख-रखाव की लागत बहुत कम होती है। केवल पाइपलाइन डालने में ही पहले खर्चा हो जाता है।

(3) इसमें माल की पूर्ति निरन्तर होती रहती है तथा दूर-दूर के स्थानों पर खनिज तेल व गैस पहुँचाई जाती है।

(4) पाइप परिवहन के विकास से गैस आधारित ताप विद्युत् संयंत्रों की स्थापना दूर-दराज के क्षेत्रों में भी सम्भव हो सकी है।

प्रश्न 9. भारत के पश्चिमी तट पर स्थित प्रमुख पत्तनों के नाम बताइए। वहाँ से परिवहन की जाने वाली वस्तुओं के नाम लिखिए।

उत्तर – पश्चिमी भारत के प्रमुख पत्तन निम्नलिखित हैं

काण्डला – यह गुजरात में स्थित है। यहाँ से कच्चा तेल, पेट्रोलियम उत्पाद, उर्वरक, नमक, कपास, सीमेण्ट, चीनी, खाद्य तेल का परिवहन होता है।

मुम्बई – यह एक प्राकृतिक पोताश्रय है तथा भारत का सबसे बड़ा पत्तन है। यहाँ से पेट्रोलियम उत्पाद तथा शुष्क माल का परिवहन होता है।

न्हावाशेवा – नवी मुम्बई के पश्चिमी तट पर यह बन्दरगाह विकसित किया गया है। यह भारत का आधुनिकतम बन्दरगाह है जिसका नाम जवाहरलाल नेहरू बन्दरगाह रखा गया है। यह मुम्बई बन्दरगाह के दबाव को कम करने के लिए विकसित किया गया है।

मार्मुगाओ – यह गोवा में स्थित प्रमुख पत्तन है। यहाँ से मुख्यतः लौह-अयस्क निर्यात होता है।

न्यू मंगलौर – यह कर्नाटक राज्य में है। इस पत्तन से उर्वरक, पेट्रोलियम पदार्थ, खाद्य तेल, ग्रेनाइट पत्थर, शीरा तथा सामान्य माल का परिवहन होता है।

कोच्चि – यह पत्तन केरल में स्थित है। इस पत्तन से पेट्रोलियम उत्पाद, उर्वरक तथा अन्य कच्चे माल का व्यापार होता है।

प्रश्न 10. परिवहन के साधन तथा संचार के साधनों में क्या अन्तर है ?

अथवा

यातायात और संचार में कोई दो अन्तर लिखिए।

उत्तर – परिवहन के साधन तथा संचार के साधनों में अन्तर

प्रश्न 11. आन्तरिक जल परिवहन की प्रमुख बाधाएँ कौन-कौन सी हैं ?

उत्तर – आन्तरिक जल परिवहन की प्रमुख बाधाएँ निम्नलिखित हैं

(1) देश की अधिकांश नदियाँ मौसमी हैं। कुछ नदियाँ तो शुष्क मौसम में बिल्कुल सूख जाती हैं और कुछ में जल धारा इतनी पतली और उथली होती है कि उसमें नावें या स्टीमर नहीं चलाये जा सकते।

(2) वर्षा ऋतु में जल की अधिकता, विकराल गति एवं बाढ़ की स्थिति के कारण वर्षा ऋतु में नाय नदियों का परिवहन के लिए उपभोग नहीं हो पाता।

(3) सदानीरा नदियों से सिंचाई के लिए जगह-जगह से नहरें निकाली गई हैं, जिससे नदियों में जलस्तर तो कम हो ही जाता है, मार्ग में द्वार या बन्ध बनाने से मार्ग बाधायुक्त हो जाता है। अतः जो नदियाँ पहले नौ संचालन के योग्य थीं, अब उपयोगी नहीं रहीं।

(4) दक्षिण भारत की नदियाँ पथरीले भागों से बहती हुई प्रपात बनाती हैं। प्रपाती नदियों में गति तो तीव्र होती ही है, साथ ही प्रपातों के साथ-साथ स्वाभाविक रूप से नावों या स्टीमरों को चलाया नहीं जा सकता।

प्रश्न 12. बन्दरगाह व पत्तन में क्या अन्तर हैं ?

उत्तर – बन्दरगाह व पत्तन में निम्नलिखित अन्तर हैं

प्रश्न 13.“टेलीविजन वर्तमान में जनसंचार का प्रमुख माध्यम है।” स्पष्ट करें।

उत्तर – जनसंचार के साधनों में दूरदर्शन (टेलीविजन) का सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण स्थान है। यह प्रसारण का सबसे अधिक शक्तिशाली माध्यम है। इसके द्वारा देश-विदेश के समाचार, मौसम तथा खेल-कूद सम्बन्धी जानकारी, क्षेत्रीय भाषायी कार्यक्रम दिखाये जाते हैं। इससे मनोरंजन के साथ-साथ विद्यार्थियों को पढ़ने में मदद मिलती है। इस प्रकार दूरदर्शन भारत को एकता के सूत्र में बाँधने तथा आर्थिक, सामाजिक व शैक्षिक रूप से भारत को मजबूत बनाने में श्रेष्ठ भूमिका अदा कर रहा है।

प्रश्न 14. पर्यटन उद्योग के महत्व पर प्रकाश डालिए।

अथवा

भारत में पर्यटन उद्योग के लाभ लिखिए।

उत्तर – पर्यटन उद्योग का महत्व-वर्तमान परिवेश में विदेशी मुद्रा अर्जित करने के सशक्त माध्यमों में पर्यटन उद्योग का प्रमुख स्थान है। कपड़ा और हीरे-जवाहरात के बाद यह तीसरा ऐसा उद्योग बन चुका है जिससे हमारे राष्ट्र को विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है। इससे प्राप्त होने वाली विदेशी मुद्रा प्रतिवर्ष तीन अरब डॉलर से भी अधिक है। इसमें अभी और अधिक संभावनाएँ हैं जिससे सम्भव है कि आने वाले दिनों में यह उद्योग विदेशी मुद्रा अर्जित करने के मामले में सभी उद्योगों को पीछे छोड़ दें।

पिछले तीन दशकों में भारत में पर्यटन उद्योग में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। 150 लाख से अधिक व्यक्ति पर्यटन उद्योग में प्रत्यक्ष रूप से संलग्न हैं। पर्यटन राष्ट्रीय एकता को प्रोत्साहित करता है तथा स्थानीय हस्तकला वसांस्कृतिक उद्यमों को प्रश्रय देता है।

प्रश्न 15. “रेल परिवहन एवं सड़क परिवहन एक-दूसरे के पूरक हैं।” स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – रेल तथा सड़क परिवहन एक-दूसरे के पूरक तथा सहयोगी की भूमिका अच्छी तरह निभा सकते हैं। सड़क परिवहन द्वारा किसी स्थानीय मण्डी या निकटतम रेलवे स्टेशन तक माल पहुँचाया जा सकता है तथा रेल द्वारा दूर-दूर के उत्पादन केन्द्रों तथा उपभोक्ताओं से सम्पर्क किया जा सकता है। अकेला रेल परिवहन अच्छी और पर्याप्त सड़कों के बिना पर्याप्त उत्पादन एकत्र नहीं कर सकता है। यह भी सत्य है कि अच्छी-से-अच्छी सड़कें भी फसलों, लौह तथा इस्पात, सीमेण्ट, कोयले और अन्य भारी सामानों को उत्पादकों से अन्तिम उपभोक्ताओं तक सहजता से नहीं पहुंचा सकती हैं। इस तरह, रेल तथा सड़क परिवहन परस्पर एक-दूसरे के पूरक हैं।

प्रश्न 16. भारत में पाइपलाइन परिवहन के प्रमुख जाल बताइए।

उत्तर – भारत में पाइपलाइन परिवहन के तीन प्रमुख जाल हैं

(1) ऊपरी असम के तेल क्षेत्रों से गुवाहाटी, बरौनी व इलाहाबाद (प्रयागराज) के रास्ते कानपुर (उत्तर प्रदेश) तक। इसकी एक शाखा बरौनी से राजबंध होकर हल्दिया तक है दूसरी राजबंध से मोरी ग्राम तक तथा गुवाहाटी से सिलिगुड़ी तक है।

(2) गुजरात में सलाया से वीरमगाँव, मथुरा, दिल्ली व सोनीपत के रास्ते पंजाब में जालंधर तक। इसकी अन्य शाखा वड़ोदरा के निकट कोयली को चक्शु व अन्य स्थानों से जोड़ती है।

(3) गैस पाइपलाइन गुजरात में हजीरा को उत्तर प्रदेश में जगदीशपुर से मिलाती है। यह मध्य प्रदेश के विजयपुर के रास्ते होकर जाती है। इसकी शाखाएँ राजस्थान में कोटा तथा उत्तर प्रदेश शाहजहाँपुर, बबराला व अन्य स्थानों पर हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. परिवहन के साधन मानव सभ्यता की प्रगति के पथ प्रदर्शक कैसे हैं ? लिखिए।

उत्तर – परिवहन का महत्व एवं उपयोगिता आधुनिक औद्योगिक समाज के लिए परिवहन व संचार के साधन आवश्यक आवश्यकता बन गये हैं। जैसे-जैसे मानव सभ्यता की ओर अग्रसर होता गया, परिवहन का इतिहास मानव सभ्यता का इतिहास बनता गया। अतः परिवहन के साधन मानव सभ्यता की प्रगति के पथ प्रदर्शक बन गये हैं। जैसा कि निम्नलिखित तथ्यों से स्पष्ट है

(1) दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति – परिवहन के साधन; जैसे-सड़कें, रेलें, जलमार्ग, वायुमार्ग आदि मण्डी के लिये कृषि उपजें उद्योगों के लिये कच्चा माल, उपभोक्ताओं के लिये तैयार माल, व्यापारियों के दूरस्थ माल आदि को सुलभ कराते हैं। हमारी छोटी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति इन साधनों से ही सम्भव होती है।

(2) राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ आधार प्रदान करना – परिवहन के साधन राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ आधार प्रदान करते हुये सद्भाव एवं भाईचारे को जाग्रत कर देश को एकता को सूत्र में बाँधने का कार्य करते हैं।

(3) वैचारिक व भौगोलिक दूरियों को सीमित करना – भारत के विस्तृत विस्तार, आर्थिक, सांस्कृतिक तथा सामाजिक बहुलता एवं विविधता, भाषायी, सांस्कृतिक तथा वैचारिक एवं भौगोलिक दूरी से राष्ट्रीय एकता के खण्डित होने का खतरा लगातार बना रहता है। परिवहन के साधन वैचारिक व भौगोलिक दूरियों को सीमित करके राष्ट्रीय एकता को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

(4) राष्ट्रीय प्रगति के सूचक-परिवहन के साधन राष्ट्रीय प्रगति व समृद्धि के सूचक हैं। इनसे ही माल व यात्री ढुलाई नियमित, विश्वसनीय व तीव्रगामी होती है।

(5) विश्व व्यापीकरण को बढ़ावा – परिवहन व संचार के द्रुतगामी व सक्षम साधनों के द्वारा दुनिया बहुत छोटी हो गयी है। किसी एक देश के बाजारों में हुए परिवर्तन का प्रभाव अन्य देशों के बाजारों पर अवश्य पड़ता है। दुनिया के लोगों की परस्पर निर्भरता को परिवहन के साधन सुलभ बना देते हैं।

(6) प्राकृतिक आपदाओं के समय मददगार-परिवहन के साधन प्राकृतिक आपदाओं; जैसे – अकाल, बाढ़, महामारी, अतिवृष्टि आदि के समय समाज के मददगार होते हैं।

प्रश्न 2. भारत में रेलवे नेटवर्क के असमान वितरण के लिए उत्तरदायी परिस्थितियों की उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।

अथवा

“रेलमार्गों का वितरण भारत में असमान है।” स्पष्ट कीजिए।

उत्तर –

भारत में रेलमार्गों का वितरण भारत में रेलमार्गों का विकास उन्हीं क्षेत्रों में हुआ है, जो आर्थिक दृष्टि से अधिक विकसित हैं। यह वितरण अत्यधिक असमान है।

(1) अधिक सघन रेलमार्ग क्षेत्र – यह क्षेत्र उत्तर भारत में सतलज-गंगा के मैदान में पंजाब से लेकर पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ है। इस रेल क्षेत्र के प्रमुख स्टेशन लुधियाना, दिल्ली, कानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद (प्रयागराज), वाराणसी, आसनसोल, हावड़ा आदि हैं।

(2) मध्य सघन रेलमार्ग क्षेत्र – इस मार्ग में प्रायद्वीपीय मैदान एवं दक्षिण के पठार सम्मिलित हैं। अहमदाबाद, बड़ोदरा, चेन्नई प्रमुख स्टेशन हैं।

(3) कम सघन रेलमार्ग क्षेत्र – देश के पर्वतीय, पठारी, मरुस्थलीय, दलदली, जंगली तथा पिछड़ी अर्थव्यवस्था एवं विरल जनसंख्या वाले भू-भाग जहाँ परिवहन की सुविधाएँ नगण्य हैं। रेलमार्गों का विकास नहीं हो पाया है। इसमें कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैण्ड, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय, छत्तीसगढ़ का बस्तर एवं ओडिशा के अधिकांश भाग सम्मिलित हैं।

भारतवर्ष के पूर्वी एवं पश्चिमी तटीय भागों में समुद्र तट के कटा-फटा व संकरे होने तथा पहाड़ियों के किनारे के साथ रेलमार्ग पर्याप्त विकसित नहीं हो सके हैं। पूर्वी तट पर समुद्र तट के कन्याकुमारी से हावड़ा तक रेलमार्ग विकसित है। पश्चिमी तटीय क्षेत्र में कोंकण रेल निगम की स्थापना के साथ 837 किमी का रेलमार्ग विकसित हुआ है।

जनसंख्या के महानगरों में केन्द्रित होने से घने बसे क्षेत्रों में रेलमार्गों के विकास की सम्भावनाएँ सीमित हैं। महानगरों में भूमिगत रेल पथ (मैट्रो रेल) विकसित करने की योजना है। भारत में कोलकाता, मुम्बई एवं दिल्ली में यह कार्य पूरा किया जा चुका है।

प्रश्न 3. संचार के साधन वर्तमान युग में अत्यन्त महत्वपूर्ण व उपयोगी कैसे हैं ?

उत्तर – संचार के साधनों का महत्व संचार तंत्र के अन्तर्गत सूचनाओं का आदान-प्रदान या प्रसारण सम्मिलित है। मानवं एक सामाजिक प्राणी है। अत: उसे अपने व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक जीवन में संचार की अत्यन्त आवश्यकता पड़ती है। प्रारम्भ में मानव स्वयं सूचनाओं व सन्देशों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाता था। बाद में घोड़ों या ऊँटों की पीठ पर बैठकर वह दूर तक सन्देशों को ले जाता था। इस कार्य के लिए कबूतरों का भी उपयोग होता है। संचार के साधन आज अत्यन्त महत्वपूर्ण हो गये हैं। इसके महत्वपूर्ण होने के निम्नलिखित आधार हैं

(1) राष्ट्र के विकास कार्यक्रम और नीतियों के बारे में जनता में जागरूकता विकसित करने के लिए एवं राष्ट्र निर्माण में इन साधनों का महत्वपूर्ण योगदान है।

(2) ये विभिन्न राष्ट्रों को परस्पर सम्पर्क सूत्र द्वारा एक-दूसरे से जोड़ने का कार्य करते है तथा सद्भावना बढ़ाते हैं।

(3) संचार के साधनों द्वारा किसी क्षेत्र में माल की आवश्यकता उसकी पूर्ति, वस्तुओं की कीमत आदि सूचनाएँ दूसरे क्षेत्रों को प्राप्त होती हैं।

(4) प्रशासन को अपना कार्य सुचारु रूप से चलाने के लिए संचार के साधनों की बहुत उपयोगिता है।

(5) संचार के साधनों द्वारा परिवहन व्यवस्था को भी द्रुतगामी एवं सुचारु बनाया गया है। यात्रा करने एवं माल भेजने की व्यवस्था के पहले से ही सारी सूचना भेजी जा सकती है।

(6) युद्ध, दुर्घटना, भूकम्प एवं आपातकाल आदि घटनाओं के समय स्थिति का समाचार देना और शीघ्र राहत सामग्री भेजने में मदद करना।

(7) विश्व के किसी भी कोने में अपने मित्र व परिवार वालों से बातचीत करना।

(8) ये साधन देश के आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं तथा ये प्रगति के प्रेरक बन गये हैं।

प्रश्न 4. रेल एवं सड़क यातायात की तुलना किन्हीं छः बिन्दुओं में कीजिए।

उत्तर –रेल एवं सड़क यातायात की तुलना निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर की जा सकती हैं

(1) निर्माण कार्य सस्ता – सड़कों के निर्माण तथा वाहनों के निर्माण का व्यय रेलवे लाइनों और इसके डिब्बों की अपेक्षा कम लगता है।

(2) द्वार सेवा – सड़कों के माध्यम से औद्योगिक केन्द्रों से उपभोक्ता केन्द्रों तक माल को पहुँचाया जा सकता है जबकि रेल मार्गों द्वारा माल को ढोने के लिए स्टेशन तक तथा स्टेशन से उपभोक्ता तक पहुँचाने के लिए अतिरिक्त व्यवस्था करनी पड़ती है।

(3) किसी भी स्थल पर निर्माण सम्भव – रेलमार्गों का पर्वतीय क्षेत्रों में बनाना बहुत कठिन कार्य है, परन्तु सड़कों को पर्वत, पठार, मैदान, कहीं भी बनाया जा सकता है।

(4) सड़क मार्ग हर समय सुलभ – हम अपनी इच्छा से जब चाहें सड़क से यात्रा प्रारम्भ कर सकते हैं। किसी भी सड़क वाहन का उपयोग कर सकते हैं।

(5) शीघ्र माल पहुँचाना – शीघ्र खराब होने वाले माल को गन्तव्य स्थान तक पहुँचाने में रेलों की तुलना में सड़कें अधिक उपयोगी हैं।

(6) टूट-फूट का भय – रेलों द्वारा माल बार-बार चढ़ाने-उतारने में टूट-फूट का भय रहता है जबकि सड़कों द्वारा माल भेजने में भय नहीं रहता।

प्रश्न 5. रेल परिवहन की विभिन्न समस्याओं का वर्णन कीजिए।

अथवा

वर्तमान समय में भारतीय रेलों की पाँच प्रमुख समस्याओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर –

रेल परिवहन की समस्याएँ या भारतीय रेलों की प्रमुख समस्याएँ अग्रलिखित हैं

(1) बिना टिकट यात्रा – बिना टिकट यात्रा करने वालों से भारतीय रेलवे को प्रतिवर्ष ₹ 5 करोड़ की हानि होती है। प्रायः विद्यार्थियों के समूह, रेलवे कर्मचारियों के सम्बन्धी, साधु-फकीर, पुलिस कर्मचारी आदि बिना टिकट यात्रा करते हैं। रेलों में बिना टिकट यात्रा को रोकने के लिए हमारी सरकार ने हाल ही में कड़े कदम उठाये हैं। इनके परिणामस्वरूप बिना टिकट यात्रा करने वालों की संख्या में भारी कमी हुई है।

(2) रेल दुर्घटनाएँ – रेल दुर्घटनाओं के फलस्वरूप मानव जीवन संकट में पड़ जाता है तथा रेलवे की सम्पत्ति नष्ट हो जाती है। ये दुर्घटनाएँ प्रायः रेलवे कर्मचारियों की असावधानियों, यान्त्रिक साज-सामान खराब होना, प्राकृतिक प्रकोप, जैसे-बाढ़ आदि तथा तोड़-फोड़ की कार्यवाहियों के कारण होती हैं। इसे रोकने के लिए सरकार ने अनेक कारगर कदम उठाये हैं। अतः अब ये दुर्घटनाएँ कम होती हैं।

(3) रेलों पर आक्रमण – यह बड़े दुःख का विषय है कि देश में किसी भाग में अशान्ति होने पर रेलवे को उसका शिकार होना पड़ता है। पश्चिम बंगाल तथा तेलंगाना में आन्दोलन के दिनों में भारतीय रेलवे को करोड़ों रुपये की हानि उठानी पड़ी थी। यही नहीं देश के किसी भी भाग में अशान्ति फैलने पर रेलों पर हमले करना एक आम बात हो गई है। इससे रेलों को तो क्षति पहुँचती ही है, साथ में यात्रियों को भी शारीरिक व आर्थिक हानि उठानी पड़ती है। कर्मचारियों को अपना कार्य करना कठिन हो जाता है तथा यातायात में बाध उत्पन्न होती है।

(4) रेलमार्गों का विस्तार – भारतीय रेलों की वर्तमान समस्याओं में एक बड़ी समस्या रेलमार्गों का विस्तार करने की है जबकि देश की जनसंख्या, क्षेत्रफल तथा विकास की योजनाओं को देखते हुए रेलमार्गों का विकास तीव्र गति से होना चाहिए।

(5) प्रतिस्थापन की समस्या-निरन्तर प्रयोग में आते रहने के कारण रेलवे रोलिंग स्टॉक (इंजन, डिब्बे, वैगन आदि), रेलवे ट्रैक, स्टेशन आदि की कार्यक्षमता का काफी ह्रास हुआ है। इनको अधिक प्रयोग में लाना कठिन एवं अलाभप्रद प्रतीत होता है। अत: इनके प्रतिस्थापन की समस्या दिनों-दिन उग्र रूप धारण करती जा रही है।

(6) गाड़ियों में भीड़ – भाड़-विशेषकर द्वितीय श्रेणी में यात्रा करने वाले यात्रियों को भारी भीड़-भाड़ का सामना करना पड़ता है। इसका प्रमुख कारण तीव्र रूप से जनसंख्या में वृद्धि, व्यापार व शिक्षा का प्रसार होना है। वास्तव में आजकल रेल में यात्रा करना एक मुसीबत मोल लेना बन गया है।

प्रश्न 6. वायु परिवहन का महत्व लिखिए।

अथवा

वायु परिवहन आजकल अधिक उपयोगी क्यों है ? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – आधुनिक काल में किसी भी देश की परिवहन व्यवस्था में वायु परिवहन का बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है। इनके प्रमुख महत्व निम्न प्रकार हैं प्रश्न 7. वायु परिवहन की पाँच प्रमुख समस्याएँ लिखिए। उत्तर-वायु परिवहन के प्रमुख दोष व समस्याएँ निम्न प्रकार हैं(1) यह यातायात का महँगा साधन है। विमानों द्वारा केवल धनी व्यक्ति ही उड़ान ले पाते हैं।

(2) वायु परिवहन की सुविधाएँ बहुत सीमित स्थानों पर उपलब्ध होती हैं। अत: इसकी उपयोगिता बहुत सीमित रह जाती है।

(3) वायुयान की ध्वनि अत्यन्त तेज होती है, जो कानों को अच्छी नहीं लगती।

(4) वायु परिवहन भारी माल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में भी उपयुक्त नहीं है, क्योंकि उससे ले जाने में भाड़ा बहुत अधिक लगता है।

(5) अन्य साधनों की तुलना में वायुसेवा कम सुरक्षित है।

प्रश्न 8. पश्चिमी भारत के प्रमुख पाँच पत्तनों (बन्दरगाह) के नाम लिखिए। वहाँ से होने वाले आयात तथा निर्यात की जाने वाली वस्तुओं के नाम लिखिए।

उत्तर –

पश्चिमी भारत के प्रमुख पत्तन

काण्डला – यह गुजरात में स्थित है। यहाँ से कच्चा तेल, पेट्रोलियम उत्पाद, उर्वरक, नमक, कपास, सीमेण्ट, चीनी, खाद्य तेल का परिवहन होता है।

मुम्बई – यह एक प्राकृतिक पोताश्रय है तथा भारत का सबसे बड़ा पत्तन है। यहाँ से पेट्रोलियम उत्पाद तथा शुष्क माल का परिवहन होता है।

मार्मुगाओ – यह गोवा में स्थित प्रमुख पत्तन है। यहाँ से प्रमुखः लौह-अयस्क निर्यात होता है।

न्यूमंगलौर – यह कर्नाटक राज्य में है। इस पत्तन से उर्वरक, पेट्रोलियम पदार्थ, खाद्य तेल, ग्रेनाइट पत्थर, शीरा तथा सामान्य माल का परिवहन होता है।

कोच्चि – यह पत्तन केरल में स्थित है। इस पत्तन से पेट्रोलियम उत्पाद, उर्वरक तथा अन्य कच्चे माल का व्यापार होता है।

प्रश्न 9. विदेशी व्यापार का आर्थिक विकास में योगदान बताते हुए अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।

अथवा

अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को प्रभावित करने वाले कौन-से कारक हैं ? कोई चार लिखिए।

उत्तर –विदेशी व्यापार का आर्थिक विकास में योगदान

वर्तमान समय में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का बड़ा महत्व है। कोई भी राष्ट्र बिना विदेशी व्यापार को बढ़ाये प्रगति नहीं कर सकता। वस्तुतः अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार आज किसी भी राष्ट्र की आर्थिक प्रगति का मापदण्ड है। विदेशी व्यापार का आर्थिक विकास में योगदान निम्न बातों से स्पष्ट है

(1) कृषि व उद्योगों का विकास – अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से कृषि व उद्योगों का विकास सम्भव हो सकता है। एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र से आधुनिक मशीनों व यन्त्रों आदि का आयात करके राष्ट्र में उद्योगों का विकास कर सकता है। कृषि क्षेत्र में भी कृषि के उपकरण, उर्वरक तथा उन्नत बीजों का आयात कर कृषि का विकास किया जा सकता है।

(2) विदेशी मुद्रा की प्राप्ति – अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है। जिसका उपयोग राष्ट्र के आर्थिक विकास में किया जा सकता है।

(3) रोजगार के अवसर – इससे उद्योग एवं कृषि में रोजगार के अवसर बढ़ते हैं।

(4) उपभोक्ता को लाभ – इससे बाजार में वस्तुओं की विविधता देखने को मिलती है। उपभोक्ता अपने जीवन स्तर को उन्नत कर सकता है।

(1) वायु परिवहन की गति परिवहन के अन्य साधनों की अपेक्षा तीव्र होती है, इसलिए वायु परिवहन से कम समय में देश के एक कोने से दूसरे कोने में पहुंचा जा सकता है।

(2) जहाँ जल और स्थल मार्ग से नहीं पहुंचा जा सकता वहाँ वायुमार्ग से आसानी से पहुँचा जा सकता है। दुर्गम पर्वत, घने जंगल, विशाल सागर और मरुक्षेत्रों को इसके द्वारा आसानी से पार किया जा सकता है।

(3) वायु परिवहन कृषि के लिए वरदान सिद्ध हुआ है। कृषि फसलों में कभी-कभी भयानक बीमारियाँ लगती हैं, ऐसे समय में सरकार, इन बीमारियों की रोकथाम के लिए वायुयान द्वारा कीटनाशक दवाइयों का खेतों पर छिड़काव करती है।

(4) आपातकाल में वायु परिवहन की विशेष उपयोगिता है। सूखा, बाढ़, महामारी, भूकम्प, युद्ध आदि क्षेत्रों में आवश्यक सामग्री पहुँचाने में वायु परिवहन अत्यन्त उपयोगी है।

(5) वायु परिवहन के विकास से देश के पर्यटन उद्योग को प्रोत्साहन मिलता है। देश-विदेश के अनेक पर्यटक भारत के विभिन्न स्थानों की सैर करने वायुयानों द्वारा जाते हैं। इस प्रकार वायु परिवहन देश के पर्यटक उद्योग को विकसित करने में सहायता करता है।

(5) परिवहन व संचार साधनों का विकास – अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के कारण ही यातायात और संचार के साधनों की प्रगति हुई है। व्यापार से परिवहन व संचार साधनों का घनिष्ठ सम्बन्ध है। आयात-निर्यात हेतु परिवहन व संचार साधनों की आवश्यकता पड़ती है।

(6) श्रम विभाजन – इससे श्रम विभाजन को बढ़ावा मिलता है, जो आर्थिक विकास का परिचायक है।

अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को प्रभावित करने वाले कारक

व्यापार पर अनेक प्राकृतिक, आर्थिक, राजनैतिक एवं सामाजिक परिस्थितियों का प्रभाव पड़ता है। इसे प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं

(1) स्थिति – जो राष्ट्र विश्व के व्यापारिक मार्गों पर स्थित होते हैं, उनकी व्यापारिक प्रगति शीघ्र होती है।

(2) प्राकृतिक संसाधन – किसी राष्ट्र का व्यापार वहाँ के प्राकृतिक संसाधनों की भिन्नता से प्रभावित होता है। प्राकृतिक संसाधनों में देश की जलवायु, वन, कृषि योग्य भूमि, कृषि उपजें, खनिज आदि सम्मिलित किये जाते हैं। इन्हीं साधनों पर उत्पादन निर्भर करता है।

(3) समुद्र तट – जिन राष्ट्रों का समुद्र तट बहुत कटा-फटा होता है। वहाँ उन्नत बन्दरगाह विकसित होते हैं, लोग साहसी और अच्छे नाविक होते हैं।

(4) आर्थिक विकास – सभी राष्ट्रों के आर्थिक विकास की स्थिति एक समान नहीं होती। जो राष्ट्र आर्थिक प्रगति में आगे हैं उनका व्यापार अधिक विकसित होगा।

(5) जनसंख्या की भिन्नता – जनसंख्या का असमान वितरण व्यापार को प्रभावित करता है। अधिक जनसंख्या वाले राष्ट्रों में माँग अधिक रहती है।

(6) शान्ति – अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का विकास शान्ति के समय ही हो सकता है। युद्ध एवं अशान्ति से व्यापार में हानि होती है।

प्रश्न 10. भारत सरकार द्वारा कौन-कौन से राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किये गए हैं ?

उत्तर –-निम्न जलमार्गों को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया गया है

(1) हल्दिया तथा इलाहाबाद (प्रयागराज) के मध्य गंगा जलमार्ग जो 1620 किमी लम्बा है-नौगम्य जलमार्ग संख्या 1.

(2) सदिया व धुबरी के मध्य 891 किमी लम्बा ब्रह्मपुत्र नदी जलमार्ग-नौगम्य जलमार्ग संख्या 2.

(3) केरल में पश्चिम-तटीय नहर (कोट्टापुरम से कोल्लम तक, उद्योग मण्डल तथा चंपक्कार नहरें-205 किमी)-नौगम्य जलमार्ग संख्या-3..

(4) काकीनाडा और पुदुच्चेरी नहर स्ट्रेच के साथ-साथ गोदावरी और कृष्णा नदी का विशेष विस्तार (1078 किमी)-राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 4..

(5) मातई नदी, महानदी के डेल्टा चैनल, ब्रह्माणी नदी और पूर्वी तटीय नहर के साथ-ब्रह्माणी नदी का विशेष विस्तार-(588 किमी)-राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-5.

कुछ अन्य अंतर जलमार्ग भी हैं जिन पर परिवहन होता है, इसमें माण्डवी, जुआरी और कम्बरजुआ, सुन्दरवन, बराक, केरल का पश्चजल शामिल हैं।

इन सबके अतिरिक्त विदेशी व्यापार भारतीय तट पर स्थित पत्तनों द्वारा किया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *