M.P. Board solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 9 – संगतकार

M.P. Board solutions for Class 10 Hindi Kshitij क्षितिज भाग 2  काव्य खंड

क्षितिज काव्य खंड Chapter 9 – संगतकार

पाठ 9 – संगतकार – मंगलेेश डबराल

कठिन शब्दार्थ

संगतकार = मुख्य गायक के साथ गायन करने वाला या = संगीत में स्वर का विस्तार। सरगम = सात स्वरों का समूह। कोई वाद्य बजाने वाला कलाकार, सहयोगी जन। काँपती हुई = नौसिखिया = जिसने अभी सीखना प्रारम्भ किया हो। अनहद में लड़खड़ाती-सी। गरज = ऊँची गंभीर आवाज। गूंज = ताल, = गाने की गहराई में। तारसप्तक = संगीत के सात स्वर। राख लय, आवाज। प्राचीनकाल = पुराना समय। अंतरा = स्थायी जैसा कुछ गिरता हुआ = बुझता हुआ स्वर। ढाँढ़स बंधाना = या टेक को छोड़कर गीत का चरण। जटिल = कठिन। तान तसल्ली देना, सांत्वना देना।

(1)

मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर का साथ

देती वह आवाज सुंदर कमजोर काँपती हुई थी

वह मुख्य गायक का छोटा भाई है या

उसका शिष्य या पैदल चलकर सीखने आने वाला

दूर का कोई रिश्तेदार मुख्य गायक की गरज में

वह अपनी गूंज मिलाता आया है प्राचीन

काल से गायक जब अंतरे की जटिल तानों के

जंगल में खो चुका होता है या

अपने ही सरगम को लाँघकर चला जाता है

भटकता हुआ एक अनहद में तब

संगतकार ही स्थायी को सँभाले रहता है

जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान

जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन जब वह नौसिखिया था।

सन्दर्भ – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘क्षितिज’ भाग-2 में संकलित कविता ‘संगतकार’ से लिया गया है। इसके रचयिता कवि ‘मंगलेश डबराल’ हैं।

प्रसंग – इसमें कवि ने संगतकार एवं मुख्य गायक के विषय में बतलाया है। .

व्याख्या – कवि कहता है कि गायन में मुख्य गायक का स्वर खींचने के कारण भारी स्वर का साथ देती हुई मध्यम स्वर में कमजोर प्रतीत होने वाली काँपती हुई सी आवाज आ रही थी। काँपती हुई-सी आवाज किसकी हो सकती है ? यह आवाज मुख्य गायक के छोटे भाई की हो सकती है या उसके शिष्य की हो सकती है अथवा पैदल चलकर गायन कला सीखने के लिए आने वाले किसी रिश्तेदार की हो सकती है जो बहुत पहले से ही मुख्य गायक के स्वर में अपना स्वर मिलाता आया है। जब मुख्य गायक किसी गीत को गाने में तल्लीन हो जाता है या गायन में स्वर से भटक जाता है तब संगतकार अर्थात् सहयोगी गायक ही गीत की कड़ी को अपने गायन द्वारा संभाले रहता है। वह गीत की कड़ी को इस प्रकार संभाले रहता है जिस प्रकार गायक के द्वारा रास्ते में छोड़े गए सामान को समेटता हुआ जा रहा है। संगतकार मुख्य गायक को उसके बचपन अर्थात् मुख्य गायक जब संगीत सीख रहा था की याद दिलाता रहता है।

विशेष-

(1) संगतकार के विषय एवं उसके ज्ञान पर प्रकाश डाला है।

(2) ‘चट्टान जैसे भारी स्वर’ में उपमा अलंकार है।

(3) भाषा सरल, सुबोध व भावानुकूल है।

(4) प्रतीकात्मक शब्दावली का प्रयोग है।

(5) अनुप्रास की छटा विद्यमान है।

(6) प्रसाद गुण की प्रधानता है।

(7) भावात्मक शैली का प्रयोग है।

(2)

तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला

प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ

आवाज से राख जैसा कुछ गिरता हुआ

तभी मुख्य गायक को ढांढ़स बँधाता कहीं से चला आता है

संगतकार का स्वर कभी-कभी वह यों ही दे देता है

उसका साथ यह बताने के लिए कि वह अकेला नहीं है

और यह कि फिर से गाया जा सकता है

सन्दर्भ – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘क्षितिज’ भाग-2 में संकलित कविता ‘संगतकार’ से लिया गया है। इसके रचयिता कवि ‘मंगलेश डबराल’ हैं।

प्रसंग – इसमें कवि ने संगतकार एवं मुख्य गायक के विषय में बतलाया है। .

व्याख्या – ऊँचे स्वर में गाने पर जब मुख्य गायक का गला बैठने लगता है, उसकी प्रेरणा तथा साधना साथ छोड़ने लगती है, उसका उत्साह मरने लगता है तब मुख्य गायक को सांत्वना दिलाता हुआ संगतकार का स्वर कहीं से आने लगता है। कभी-कभी तो संगतकार यह बताने के लिए मुख्य गायक का साथ देने लगता है कि मुख्य गायक यह न समझे कि वह गाने के लिए अकेला है। संगतकार मुख्य गायक को यह भी याद दिलाता है कि यदि उसकी तान-लय-स्वर आदि कहीं खराब हो गए हैं तो गीत को पुनः गाया जा सकता है। गाने में मदद हेतु उसके सथ संगतकार भी है। कभी-कभी मुख्य गायक की आवाज में जो हिचकिचाहट सुनाई देती है तथा गला रुंध जाने के कारण गाने को ऊँचे स्वर में नहीं गा पा रहा है उसे गायक अपनी विफलता नहीं समझे क्योंकि उसके साथ संगतकार है। मुख्य गायक की गायन में सहायता करना ही संगतकार की सज्जनता या मानवता है

विशेष-

(1) संगतकार की मानवता पर प्रकाश डाला गया है।

(2) राख जैसा कुछ गिरता हुआ’ में उपमा अलंकार है।

(3) ‘कभी-कभी’ में पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार है।

(4) अनुप्रास की छटा विद्यमान है।

(5) भाषा सरल, सरस तथा प्रवाहमयी है।

(6) शब्दावली तत्सम तथा तद्भव प्रधान है।

(7) बिंब एवं प्रतीकात्मकता है।

(8) प्रसाद गुण की प्रधानता है।

प्रश्न

प्रश्न 1. संगतकार के माध्यम से कवि किस प्रकार के व्यक्तियों की ओर संकेत करना चाह रहा है ?

उत्तर – संगतकार के माध्यम से कवि सज्जन, परोपकारी मानवतावादी व्यक्तियों की ओर संकेत करना चाह रहा है।

प्रश्न 2. संगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अलावा और कन-किन क्षेत्रों में दिखाई देते हैं ?

उत्तर – संगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अलावा धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक इत्यादि क्षेत्रों में दिखाई देते हैं।

प्रश्न 3. संगतकार किन-किन रूपों में मुख्य गायकगायिकाओं की मदद करते हैं ?

उत्तर – मुख्य गायक-गायिकाओं का गायन में गला रुंध जाने पर, स्वर बिगड़ जाने पर, स्वर के आरोही-अवरोही होने पर उथ अकेला होने पर संगतकार उनकी मदद करते हैं।

प्रश्न 4. भाव स्पष्ट कीजिए

और उसकी आवाज में जो एक हिचक साफ सुनाई देती है या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है उसे विफलता नहीं उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।

उत्तर – भाव-कवि ने इन पंक्तियों में संगतकार के चरित्र को स्पष्ट किया है। जब मुख्य गायक द्वारा गाने में हिचकिचाहट होने पर तथा स्वर को आरोही-अवरोही रूप में गाने पर गायक को अपनी विफलता नहीं समझनी चाहिए क्योंकि संगतकार उसका संच देने के लिए तैयार बैठा है। संगतकार की यह मानवता है।

प्रश्न 5. किसी भी क्षेत्र में प्रसिद्धि पाने वाले लोगों को अनेक लोग तरह-तरह से अपना योगदान देते हैं। कोई एक उदाहरण देकर इस कथन पर अपने विचार लिखिए।

उत्तर -किसी भी क्षेत्र में प्रसिद्धि पाने वाले लोगों को अनेक लोग तरह-तरह से अपना योगदान देते हैं; जैसे फिल्मी दुनिया में ही किसी व्यक्ति ने प्रसिद्धि प्राप्त कर ली है तो फिल्म में उसका अभिनय कराने के लिए निर्माता, निर्देशक, संगीतकार, वीडियोग्राफर, रूप-सज्जा आदि का सहयोग करने वाले लोग अभिनेता का तन-मन-धन से किसी न किसी रूप में सहयोग करते हैं।

प्रश्न 6. कभी-कभी तारसप्तक की ऊँचाई पर पहुंचकर मुख्य गायक का स्वर बिखरता नजर आता है उस समय संगतकार उसे बिखरने से बचा लेता है। इस कथन के आलोक में संगतकार की विशेष भूमिका को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – कभी-कभी तारसप्तक (सा-रे-ग-म-प-ध-नि) की ऊँचाई पर पहुँचकर जब मुख्य गायक का स्वर बिखरता नजर आता है तब संगतकार उसे बिखरने से बचा लेता है। संगतकार मुख्य गायक का गायन में पूर्ण सहयोग करता है। वह मुख्य गायक को हतोत्साहित नहीं होने देता है।

प्रश्न 7. सफलता के चरम शिखर पर पहुँचने के दौरान यदि व्यक्ति लड़खड़ाता है तब उसे सहयोगी किस तरह सँभालते हैं? . उत्तर-सफलता के चरम शिखर पर पहुँचने के दौरान यदि व्यक्ति लड़खड़ाता है तब उसे सहयोगी गायन में साथ देकर सँभालते हैं। सहयोगी उसे हतोत्साहित होने से बचाते हैं तथा सांत्वना देकर धैर्य धारण कराते हैं। वे गायक को एकाकीपन का अनुभव नहीं होने देते हैं।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 8. कल्पना कीजिए कि आपको किसी संगीत या नृत्य समारोह का कार्यक्रम प्रस्तुत करना है लेकिन आपके सहयोगी कलाकार किसी कारणवश नहीं पहुँच पाएँ

(क) ऐसे में अपनी स्थिति का वर्णन कीजिए।

(ख) ऐसी परिस्थिति का आप कैसे सामना करेंगे?

उत्तर –

(क) ऐसी स्थिति में, मैं या तो कार्यक्रम में भाग लेने हेतु क्षमा माँग लूँगा अथवा कार्यक्रम को सरल रूप में अकेले अपने ऊपर लेकर ही प्रस्तुत करूँगा।

(ख) ऐसी परिस्थिति में, मैं अन्य लोगों का सहयोग लेकर । किसी न किसी प्रकार कार्यक्रम प्रस्तुत करूँगा।

प्रश्न 9. आपके विद्यालय में मनाए जाने वाले सांस्कृतिक समारोह में मंच के पीछे काम करने वाले सहयोगियों की भूमिका पर एक अनुच्छेद लिखिए।

उत्तर – विद्यालय में मनाए जाने वाले सांस्कृतिक समारोह में एक नहीं बल्कि अनेक लोगों का सहयोग होता है। समारोह की सफलता के लिए भिन्न-भिन्न व्यक्तियों को व्यवस्थाएँ सौंप दी जाती हैं। उनमें कोई जलपान की व्यवस्था करता है तो कोई साज-सज्जा की। सभी लोग अपना-अपना सहयोग देकर समारोह को सफल बनाने का प्रयास करते हैं।

प्रश्न 10. किसी भी क्षेत्र में संगतकार की पंक्ति वाले लोग प्रतिभावान होते हुए भी मुख्य या शीर्ष स्थान पर क्यों नहीं पहुंच पाते होंगे?

उत्तर – किसी भी क्षेत्र में संगतकार की पंक्ति वाले लोग प्रतिभावान होते हुए भी मुख्य या शीर्ष स्थान पर इसलिए नहीं पहुँच पाते होंगे कि या तो वे पूर्ण रूप से परिपक्व नहीं हैं या सर्वजन हिताय सहयोगी के रूप में ही कार्य करना चाहते हैं।

पाठेतर सक्रियता

1. आप फ़िल्में तो देखते ही होंगे। अपनी पसंद की किसी एक फ़िल्म के आधार पर लिखिए कि उस फ़िल्म की सफलता में अभिनय करने वाले कलाकारों के अतिरिक्त और किन-किन लोगों का योगदान रहा।

उत्तर – किसी फ़िल्म की सफलता में अभिनय करने वाले कलाकारों के अतिरिक्त अन्य अनेक लोगों का योगदान रहता है; जैसे-फ़िल्म का निर्माता, निर्देशक, संगीतकार, फ़िल्मकार, चित्रकार, सज्जाकार आदि।

2. आपके विद्यालय में किसी प्रसिद्ध गायिका की गीत प्रस्तुति का आयोजन है

(क) इस सम्बन्ध में सूचना पट्ट के लिए एक नोटिस तैयार कीजिए।

(ख) गायिका व उसके संगतकारों का परिचय देने के लिए आलेख (स्क्रिप्ट) तैयार कीजिए।

उत्तर – (क)

                      सूचना              दिनाङ्क

विद्यालय के सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को सूचित किया जाता है कि दिनांक ….. को विद्यालय के सभागार में दोपहर 12 बजे से स्वर-साम्राज्ञी लता मंगेशकर के संगीत-समारोह में विविध गीतों/भजनों की प्रस्तुति का आयोजन हो रहा है। सभी से अनुरोध है कि वे अपने परिवारीजनों, मित्रों तथा परिचितों के साथ कार्यक्रम में सहभागी बनकर कार्यक्रम की शोभा को बढ़ाएं।

                                   आज्ञा से

                                   (प्रधानाचार्य)

(ख) गायिका एवं उसके संगतकारों का परिचय निम्न प्रकार है

(1) मुख्य गायिका – लता मंगेशकर।

(2) तबला वादक – उस्ताद जाबिर हुसैन ।

(3) शहनाई वादक – रहीश खाँ।

(4) ढोलक वादक– रामलाल।

(5) हारमोनियम वादक-भरोसीलाल।

(6) खरताल वादक – मनोज कुमार।

(7) मंजीरा वादक – रागिनी पाल।

(8) सरोद वादक – मीना चौहान।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *