MP Board Class 9 Political Science लोकतान्त्रिक राजनीति-1
Chapter 1- लोकतन्त्र क्या ? लोकतन्त्र क्यों ? (What is Democracy? Why Democracy?)
महत्त्वपूर्ण तथ्य
- समकालीन दुनिया में लोकतंत्र ही सबसे लोकप्रिय शासन पद्धति है।
- अब्राहम लिंकन के अनुसार, “लोगों के लिए, लोगों की और लोगों के द्वारा चलने वाली शासन व्यवस्था ही लोकतंत्र है।”
- ‘डेमोक्रेसी’ यूनानी शब्द ‘डेमोक्रेशिया’ से बना है। यूनानी में ‘डेमोस’ का अर्थ होता है ‘लोग’ और ‘क्रशिया’ का अर्थ होता है ‘शासन’। डेमोक्रेसी अर्थात् लोकतंत्र का अर्थ है लोगों का शासन।
- लोकतंत्र शासन का एक ऐसा रूप है जिसमें शासकों का चुनाव लोग करते हैं।
- पाकिस्तान में जनरल परवेज मुशर्रफ ने अक्टूबर 1999 में सैनिक तख्तापलट की अगुवाई की।
- अगस्त 2002 में मुशर्रफ ने ‘लीगल फ्रेमवर्क ऑर्डर’ के द्वारा पाकिस्तान के संविधान को बदल डाला।
- लोकतंत्र में अन्तिम निर्णय लेने की शक्ति लोगों द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों के पास ही होनी चाहिए।
- चीन की संसद को कवांगुओ रेममिन दाइवियाओदाहुई (राष्ट्रीय जन संसद) कहते हैं।
- चीन की संसद के लिए प्रति पाँच वर्ष बाद नियमित रूप से चुनाव होते हैं।
- चीन में सरकार सदा कम्युनिस्ट पार्टी की ही बनती है।
- 1930 में आजाद होने के बाद से मेक्सिको में हर छ: वर्ष बाद राष्ट्रपति चुनने के लिए चुनाव कराए जाते
- लोकतंत्र निष्पक्ष और स्वतन्त्र चुनावों पर आधारित होना चाहिए ताकि सत्ता में बैठे लोगों के लिए जीत-हार के समान अवसर हों।
- 2015 तक सऊदी अरब में औरतों को वोट देने का अधिकार नहीं था।
- लोकतंत्र में हर वयस्क नागरिक का एक वोट होना चाहिए और हर वोट का एक समान मूल्य होना चाहिए।
- जिंबाब्वे को 1980 में अल्पसंख्यक गोरों के शासन से मुक्ति मिली। इसके नेता रॉबर्ट मुगाबे आजादी के बाद से ही शासन कर रहे थे। 2017 में इनको राष्ट्रपति पद से हटा दिया गया।
- एक लोकतांत्रिक सरकार संवैधानिक कानूनों और नागरिक अधिकारों द्वारा खींची लक्ष्मण रेखाओं के भीतर ही कार्य करती है।
- लोकतंत्र सरकार का एक ऐसा रूप है जिसमें शासकों का चुनाव लोग करते हैं।
- चीन में 1958-61 के दौरान पड़ा अकाल विश्व इतिहास का अब तक ज्ञात सबसे भयावह अकाल था। इसमें करीब तीन करोड़ लोग भूख से मरे।
- लोकतांत्रिक शासन पद्धति दूसरों से बेहतर है क्योंकि यह शासन का अधिक जवाबदेही वाला स्वरूप है। लोकतंत्र बेहतर निर्णय लेने की सम्भावना बढ़ाता है।
- लोकतंत्र नागरिकों का सम्मान बढ़ाता है। लोकतंत्र राजनीतिक समानता के सिद्धान्त पर आधारित है, यहाँ सबसे गरीब और अनपढ़ को भी वही दर्जा प्राप्त है जो अमीर और पढ़े-लिखे लोगों को है।
- लोकतांत्रिक व्यवस्था दूसरों से बेहतर है क्योंकि इसमें हमें अपनी गलती ठीक करने का अवसर भी मिलता है।
- नागरिक के तौर पर हम जो भी कार्य करते हैं वह भी हमारे देश के लोकतंत्र को अच्छा या खराब बनाने में मदद करता है।
पाठान्त अभ्यास
प्रश्न 1. यहाँ चार देशों के बारे में कछ सूचनाएँ हैं। इन सूचनाओं के आधार पर आप इन देशों का वर्गीकरण किस तरह करेंगे? इनके सामने ‘लोकतांत्रिक’, ‘अलोकतांत्रिक’ और ‘पक्का नहीं लिखें।
(क) देश क : जो लोग देश के अधिकाधिक धर्म को नहीं मानते उन्हें वोट डालने का अधिकार नहीं
(ख) देश ख : एक ही पार्टी बीते बीस वर्षों से चुनाव जीतती आ रही है।
(ग) देश ग : पिछले तीन चुनावों में शासक दल को पराजय का मुँह देखना पड़ा।
(घ) देश घ : यहाँ स्वतन्त्र चुनाव आयोग नहीं है।
उत्तर –
(क) अलोकतांत्रिक,
(ख) पक्का नहीं,
(ग) लोकतांत्रिक,
(घ) अलोकतांत्रिक।
प्रश्न 2. यहाँ चार अन्य देशों के बारे में कुछ सूचनाएँ दी गई हैं, इन सूचनाओं के आधार पर इन देशों का वर्गीकरण आप किस तरह करेंगे? इनके आगे ‘लोकतांत्रिक’, ‘अलोकतांत्रिक’ और ‘पक्का नहीं’ लिखें।
(क) देश च : संसद सेना प्रमुख की मंजूरी के बिना सेना के बारे में कोई कानून नहीं बना सकती।
(ख) देश छ : संसद न्यायपालिका के अधिकारों में कटौती का कानून नहीं बना सकती।
(ग) देश ज : देश के नेता बिना पड़ोसी देश की अनुमति के किसी और देश में सन्धि नहीं कर सकते।
(घ) देश झ : देश के सारे आर्थिक फैसले केन्द्रीय बैंक के अधिकारी करते हैं जिसे मंत्री भी नहीं बदल सकते।
उत्तर –
(क) अलोकतांत्रिक,
(ख) लोकतांत्रिक,
(ग) अलोकतांत्रिक,
(घ) अलोकतांत्रिक।
प्रश्न 3. इनमें से कौन-सा तर्क लोकतंत्र के पक्ष में अच्छा नहीं है और क्यों ?
(क) लोकतंत्र में लोग खुद को स्वतंत्र और समान मानते हैं।
(ख) लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ दूसरे की तुलना में टकरावों को ज्यादा अच्छी तरह सुलझाती हैं।
(ग) लोकतांत्रिक सरकारें लोगों के प्रति ज्यादा उत्तरदायी होती हैं।
(घ) लोकतांत्रिक देश दूसरों की तुलना में ज्यादा समृद्ध होते हैं।
उत्तर –
(घ) यह अनिवार्य नहीं है कि एक लोकतंत्रीय देश अन्य देशों की तुलना में अधिक समृद्ध हो। किसी राष्ट्र की समृद्धि देश के आर्थिक विकास पर निर्भर करती हैं न कि सरकार की प्रकृति पर।
प्रश्न 4. इन सभी कथनों में कुछ चीजें लोकतांत्रिक हैं तो कुछ अलोकतांत्रिक। हर कथन में इन चीजों को अलग-अलग करके लिखें।
(क) एक मंत्री ने कहा कि संसद को कुछ कानून पास करने होंगे जिससे विश्व व्यापार संगठन (WTO) द्वारा तय नियमों की पुष्टि हो सके।
(ख) चुनाव आयोग ने एक चुनाव क्षेत्र के सभी मतदान केन्द्रों पर दोबारा मतदान का आदेश दिया जहाँ बड़े पैमाने पर मतदान में गड़बड़ की गई थी।
(ग) संसद में औरतों का प्रतिनिधित्व 10 प्रतिशत तक ही पहुँचा है। इसी कारण महिला संगठनों ने संसद में एक-तिहाई आरक्षण की मांग की है।
उत्तर–
(क) एक मंत्री ने कहा कि संसद में कुछ कानून पास करने होंगे यह लोकतांत्रिक है जबकि विश्व व्यापार संगठन (WTO) द्वारा नियमों की पुष्टि अलोकतांत्रिक है।
(ख) चुनाव आयोग द्वारा किसी मतदान केन्द्र पर दोबारा मतदान का आदेश देना लोकतांत्रिक है जबकि बड़े पैमाने पर मतदान में गड़बड़ी अलोकतांत्रिक है।
(ग) संसद में औरतों का प्रतिनिधित्व 10 प्रतिशत तक ही अलोकतांत्रिक है जबकि इसी कारण महिला संगठनों द्वारा संसद में एक-तिहाई आरक्षण की माँग लोकतांत्रिक है।।
प्रश्न 5. लोकतंत्र में अकाल और भुखमरी की सम्भावना कम होती है। यह तर्क देने का इनमें से कौन-सा कारण सही नहीं है ?
(क) विपक्षी दल भूख और भुखमरी की ओर सरकार का ध्यान दिला सकते हैं।
(ख) स्वतंत्र अखबार देश के विभिन्न हिस्सों में अकाल की स्थिति के बारे में खबरें दे सकते हैं।
(ग) सरकार को अगले चुनाव में अपनी पराजय का डर होता है।
(घ) लोगों को कोई भी तर्क मानने और उस पर आचरण करने की स्वतन्त्रता है।
उत्तर–
(घ) लोगों को कोई भी तर्क मानने और उस पर आचरण करने की स्वतन्त्रता सही नहीं है। क्योंकि इसका अकाल और भुखमरी से कोई सम्बन्ध नहीं है।
प्रश्न 6. किसी जिले में 40 ऐसे गाँव हैं जहाँ सरकार ने पेयजल उपलब्ध कराने का कोई इंतजाम नहीं किया है। इन गाँवों के लोगों ने एक बैठक की और अपनी जरूरतों की ओर सरकार का ध्यान दिलाने के लिए कई तरीकों पर विचार किया। इनमें से कौन-सा तरीका लोकतांत्रिक नहीं है?
(क) अदालत में पानी को अपने जीवन का अधिकार का हिस्सा बताते हुए मुकदमा दायर करना।
(ख) अगले चुनाव का बहिष्कार करके सभी पार्टियों को संदेश देना।
(ग) सरकारी नीतियों के खिलाफ जन सभाएँ करना।
(घ) सरकारी अधिकारियों को पानी के लिए रिश्वत देना।
उत्तर –(घ) लोकतांत्रिक नहीं है।
प्रश्न 7. लोकतंत्र के खिलाफ दिए जाने वाले इन तर्कों का जवाब दीजिए
(क) सेना देश का सबसे अनुशासित और भ्रष्टाचार मुक्त संगठन है। इसलिए सेना को देश का शासन करना चाहिए।
उत्तर– सेना का शासन सदैव ही अलोकतांत्रिक होता है, इस शासन प्रणाली में लोगों को विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं होती और वे शासन की आलोचना नहीं कर सकते हैं। इस प्रकार सेना के फैसलों में लोगों की कोई भागीदारी नहीं होती है। इसलिए स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सेना को देश का शासन नहीं करना चाहिए।
(ख) बहुमत के शासन का मतलब है मूर्तों और अशिक्षितों का राज। हमें तो होशियारों के शासन की जरूरत है, भले ही उनकी संख्या कम क्यों न हो ?
उत्तर – बहुमत का शासन लोकतांत्रिक होता है, क्योंकि यह समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करता है। कि
(ग) अगर आध्यात्मिक मामलों में मार्गदर्शन के लिए हमें धर्म गुरुओं की जरूरत होती है तो उन्हीं को राजनैतिक मामलों में मार्गदर्शन का काम क्यों नहीं सौंपा जाए ? देश पर धर्म गुरुओं का शासन होना चाहिए।
उत्तर -धर्म गुरुओं का राजनैतिक मामलों में हस्तक्षेप अलोकतांत्रिक होता है, क्योंकि ये लोग सम्प्रदाय के आधार पर निर्णय लेते हैं जो कि उचित नहीं है। अत: धर्म गुरुओं का राजनैतिक मामलों में हस्तक्षेप ठीक नहीं है।
प्रश्न 8. इनमें से किन कथनों को आप लोकतांत्रिक समझते हैं ? क्यों?
(क) बेटी से बाप : मैं शादी के बारे में तुम्हारी राय सुनना नहीं चाहता। हमारे परिवार में बच्चे वहीं शादी करते हैं जहाँ माँ-बाप तय कर देते हैं।
उत्तर – बाप द्वारा बेटी को विवाह के लिए मजबूर करना अलोकतांत्रिक है। शादी के लिए परस्पर विचारों का आदान-प्रदान होना चाहिए।
(ख) छात्र से शिक्षक : कक्षा में सवाल पूछकर मेरा ध्यान मत बँटाओ।
उत्तर-शिक्षक द्वारा कक्षा में यह कहना सवाल पूछकर मेरा ध्यान मत बँटाओ यह अलोकतांत्रिक है क्योंकि छात्र द्वारा प्रश्न पूछना उसका अधिकार है।
(ग) अधिकारियों से कर्मचारी : हमारे काम करने के घंटे कानून के अनुसार कम किए जाने चाहिए।
उत्तर – कर्मचारियों की यह माँग लोकतांत्रिक है, क्योंकि कार्य के घंटे कानूनी हिसाब से अधिक हैं तो कर्मचारी घंटे कम करने की माँग कर सकते हैं।
प्रश्न 9. एक देश के बारे में निम्नलिखित तथ्यों पर गौर करें और फैसला करें कि आप इसे लोकतंत्र कहेंगे या नहीं। अपने फैसले के पीछे के तर्क भी बताएँ।
(क) देश के सभी नागरिकों को वोट देने का अधिकार है और चुनाव नियमित रूप से होते हैं।
उत्तर – लोकतंत्र में हर वयस्क नागरिक को वोट देने का अधिकार है और चुनाव अपने नियमित समय पर होते हैं।
(ख) देश ने अन्तर्राष्ट्रीय एजेंसियों से ऋण लिया। ऋण के साथ यह शर्त जुड़ी थी कि सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य पर अपने खर्चों में कमी करेगी।
उत्तर– ऋण के साथ जुड़ी हुई शर्त है कि सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य पर अपने खर्चे कम करेगी यह लोकतांत्रिक नहीं है, क्योंकि लोकतांत्रिक सरकार नागरिकों के कल्याण के लिए कार्य करती है।
(ग) लोग सात से ज्यादा भाषाएँ बोलते हैं पर शिक्षा का माध्यम सिर्फ एक भाषा है, जिसे देश के 52 फीसदी लोग बोलते हैं।
उत्तर – यदि लोग सात से ज्यादा भाषाएँ बोलते हैं, किन्तु शिक्षा का माध्यम एक भाषा है तो इस प्रकार का राष्ट्र लोकतांत्रिक नहीं कहा जा सकता, क्योंकि नागरिकों को अपनी भाषा में शिक्षा लेने का अधिकार होना चाहिए।
(घ) सरकारी नीतियों का विरोध करने के लिए अनेक संगठनों ने संयुक्त रूप से प्रदर्शन करने और देश भर में हड़ताल करने का आह्वान किया है। सरकार ने उनके नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है।
उत्तर – वह राज्य अलोकतांत्रिक है क्योंकि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने पर लोगों को जेल में डालना अलोकतांत्रिक है।
(ङ) देश के रेडियो और टेलीविजन चैनल सरकारी हैं। सरकारी नीतियों और विरोध के बारे में खबर छापने के लिए अखबारों को सरकार की अनुमति लेनी होती है।
उत्तर -वह देश अलोकतांत्रिक है। लोकतांत्रिक शासन प्रणाली के लिए रेडियो और टेलीविजन स्वतंत्र होने चाहिए। प्रेस की स्वतन्त्रता लोकतंत्र के लिए अति आवश्यक है।
प्रश्न 10. अमेरिका के बारे में 2004 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार वहाँ के समाज में असमानता बढ़ती जा रही है। आमदनी की असमानता लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विभिन्न वर्गों की भागीदारी घटने-बढ़ने के रूप में भी सामने आई। इन समूहों की सरकार के फैसलों पर असर डालने की क्षमता भी इससे प्रभावित हुई है। इस रिपोर्ट की मुख्य बातें थींचि.सन् 2004 में एक औसत अश्वेत परिवार की आमदनी 100 डॉलर थी जबकि गोरे परिवार की आमदनी 162 डॉलर। औसत गोरे परिवार के पास अश्वेत परिवार से 12 गुना ज्यादा सम्पत्ति थी।
राष्ट्रपति चुनाव में 75,000 डॉलर से ज्यादा आमदनी वाले परिवारों के प्रत्येक 10 में से 9 लोगों ने वोट डाले थे। यही लोग आमदनी के हिसाब से समाज के ऊपरी 20 फीसदी में आते हैं। दूसरी ओर 15,000 डॉलर से कम आमदनी वाले परिवारों के प्रत्येक 10 में से सिर्फ 5 लोगों ने ही वोट डाले। आमदनी के हिसाब से ये लोग सबसे निचले 20 फीसदी हिस्से में आते हैं।
राजनैतिक दलों का करीब 95 फीसदी चंदा अमीर परिवारों से ही आता है। इससे उन्हें अपनी राय और चिंताओं से नेताओं को अवगत कराने का अवसर मिलता है। यह सुविधा देश के अधिकांश नागरिकों को उपलब्ध नहीं है।
जब गरीब लोग राजनीति में कम भागीदारी करते हैं तो सरकार भी उनकी चिंताओं पर कम ध्यान देती है-गरीबी दूर करना, रोजगार देना, उनके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास की व्यवस्था करने पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता जितना दिया जाना चाहिए। राजनेता अक्सर अमीरों और व्यापारियों की चिंताओं पर ही नियमित रूप से गौर करते हैं।
इस रिपोर्ट की सूचनाओं को आधार बनाकर और भारत का उदाहरण देते हुए लोकतंत्र और गरीबी’ पर एक लेख लिखें।
उत्तर
लोकतंत्र और गरीबी लोकतंत्र का उपयोग आजकल सीमित हो गया है। आजकल लोकतंत्र के फायदों का उपयोग केवल वे लोग कर रहे हैं जिसके पास धन, शिक्षा और संसाधन है। भारत में आर्थिक विषमता बहुत अधिक पाई जाती है। एक तरफ करोड़पति हैं तो दूसरी तरफ ऐसे लोग भी हैं जिन्हें दो समय की रोटी भी नहीं मिलती है। लोगों की आय में बहुत अधिक विषमता पाई जाती है। मानव विकास रिपोर्ट के अनुसार भारत में 26 प्रतिशत लोग गरीबी की श्रेणी में आते हैं। निर्धनता कई बुराइयों की जड़ है। निर्धन व्यक्ति सदैव परिवार के पालन-पोषण की चिंता में लगा रहता है। उसके पास समाज और राष्ट्र की समस्याओं पर विचार करने का न तो समय होता है और न ही इच्छा। निर्धन व्यक्ति के लिए चुनाव लड़ना बहुत कठिन कार्य है। निर्धन व्यक्ति अपने वोट का सफलतापूर्वक प्रयोग नहीं कर सकता।
राजनीतिक दल भी पूँजीपतियों से धन लेते हैं इसलिए यह कहा जाता है लोकतंत्र पर अमीरों का नियंत्रण है। इतना ही नहीं प्रत्येक राजनीतिक दल भारतीयों की निर्धनता का राजनीतिक लाभ उठाना चाहता है। चुनावों के समय ज्यादातर राजनीतिक पार्टियाँ निर्धनता हटाने का वायदा करती हैं परन्तु चुनाव के बाद सब भूल जाती हैं। निर्धनता ने हिंसात्मक आन्दोलनों को जन्म दिया है। अर्थात् निर्धनता भारतीय लोकतंत्र की सफलता में बाधक है।
अन्य परीक्षोपयोगी प्रश्न
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
बहु-विकल्पीय
प्रश्न 1. “लोगों के लिए, लोगों की और लोगों के द्वारा चलने वाली शासन व्यवस्था ही लोकतंत्र है।” यह कथन है
(i) डायसी,
(ii) अब्राहम लिंकन,
(iii) अरस्तू,
(iv) लेनिन
2. निम्नलिखित में से कौन-सी विशेषता लोकतंत्र की नहीं है ?
(i) निर्वाचित प्रतिनिधियों की सरकार,
(ii) अधिकारों का सम्मान,
(iii) शक्तियों का एक व्यक्ति में केन्द्रीयकरण,
(iv) स्वतन्त्रता और निष्पक्ष चुनाव।
3. कौन-सी अवधारणा लोकतन्त्र की है ?
(i) स्वतन्त्रता,
(ii) शोषण,
(iii) असमानता,
(iv) व्यक्तिवादिता।
4. निम्नलिखित में कौन-सा लोकतन्त्र का दोष नहीं है ?
(i) सार्वजनिक धन व समय का अपव्यय,
(ii) धनिकों का वर्चस्व,
(iii) दलीय गुटबन्दी,
(iv) लोक कल्याण।
5. पाकिस्तान में जनरल परवेज मुशर्रफ ने किस वर्ष में तख्तापलट की अगवाई की?
(i) अक्टूबर 1999,
(i) सितम्बर 2000,
(iii) सितम्बर 2001,
(iv) अक्टूबर 2002.
6. पीआरआई (इंस्टीट्यूशनल रिवोल्यूशनरी पार्टी) किस देश से सम्बन्धित है ?
(i) चीन,
(ii) पाकिस्तान,
(iii) मेक्सिको,
(iv) जिंबाब्वे।
7. 2015 तक किस देश में औरतों को वोट डालने का अधिकार नहीं था ?
(i) सऊदी अरब,
(ii) बांग्लादेश,
(iii) पाकिस्तान,
(iv) जिंवाब्वे।
8. रॉबर्ट मुगाबे को किस वर्ष में राष्ट्रपति पद से हटा दिया गया?
(i) 2018,
(ii) 2017
(iii) 2016,
(iv) 2015.
उत्तर –1. (ii), 2. (iii), 3. (i), 4. (iv), 5. (i), 6. (iii), 7. (i), 8. (ii)।
रिक्त स्थान पूर्ति
1. समकालीन दुनिया में ………. ही सबसे लोकप्रिय शासन पद्धति है। 2. ‘डेमोक्रेसी’ यूनानी शब्द ………. से बना है।
3. लोकतंत्र शासन का ऐसा रूप है जिसमें ……. का चुनाव लोग करते हैं।
4. जिंब्बावे को वर्ष ………… में अल्पसंख्यक गोरों के शासन से मुक्ति मिली।
5. चीन में 1958-61 के दौरान ……… लोग अकाल से मरे।
6. लोकतंत्र बेहतर ……….. लेने की सम्भावना को बढ़ाता है।
7. एक आदर्श लोकतंत्र में निर्णय लेने की प्रक्रिया ………… होनी चाहिए।
उत्तर-1. लोकतंत्र, 2. डेमोक्रेशिया, 3. शासकों, 4. 1980, 5. तीन करोड़, 6. निर्णय, 7. लोकतांत्रिक।
सत्य/असत्य
1. यूनानी में डेमोस’ का अर्थ होता है ‘शासन’।
2. लोकतंत्र शासन का एक रूप है जिसमें जनता शासकों का चुनाव करती है।
3. शोषण की अवधारणा लोकतंत्र की है।
4. लोकतंत्र में उत्तरदायी शासन व्यवस्था नहीं होती।
5. चीन में सरकार सदा कम्युनिस्ट पार्टी की ही बनती है।
6. अर्थशास्त्रियों का यह कहना है कि किसी भी स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश में कभी भी बड़ा अकाल और बड़ी संख्या में भुखमरी नहीं हुई है।
7. लोकतंत्र नागरिकों का सम्मान कम करता है।
8. दुनिया में लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था का सबसे आम रूप है लोगों द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के माध्यम म से शासन चलाना।
उत्तर -1. असत्य, 2. सत्य, 3. असत्य, 4. असत्य, 5. सत्य, 6. सत्य, 7. असत्य, 8. सत्य।
सही जोड़ी मिलाइए
उत्तर–1.→ (ख), 2. → (घ), 3. → (ङ), 4. → (क), 5. → (ग)।
एक शब्द/वाक्य में उत्तर
1. यूनानी में ‘क्रेशिया’ का अर्थ होता है।
2. पिनोशे (चिली) में किस प्रकार की शासन प्रणाली है ?
3. अगस्त 2002 में किस ऑर्डर द्वारा पाकिस्तान का संविधान बदल डाला ?
4. कवांगुओ रेममिन दाइवियाओदाहुई कहाँ की संसद है ?
5. जिंब्बावे को मुक्ति मिलने के बाद किस दल का राज था ?
उत्तर-1. शासन, 2. तानाशाही, 3. लीगल फ्रेम वर्क ऑर्डर, 4. चीन, 5. जानु-पीएफ।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. डेमोक्रेसी शब्द किस भाषा के किस शब्द से है ?
उत्तर – ‘डेमोक्रेसी’ यूनानी शब्द ‘डेमोक्रेशिया’ से बना है। यूनानी में ‘डेमोस’ का अर्थ होता है ‘लोग’ और ‘क्रेशिया’ का अर्थ होता है ‘शासन’। इस प्रकार डेमोक्रेसी अर्थात् लोकतंत्र का अर्थ है लोगों का शासन।
प्रश्न 2. एस्टोनिया का नागरिकता के नियम किस प्रकार लोकतंत्र के खिलाफ है ?
उत्तर – एस्टोनिया ने अपने यहाँ नागरिकता के नियम कुछ इस तरह से बनाए हैं कि रूसी अल्पसंख्यक समाज के लोगों को मतदान का अधिकार हासिल करने में मुश्किल होती है जो कि लोकतंत्र के खिलाफ है।
प्रश्न 3. लोकतांत्रिक शासन पद्धति दूसरों से श्रेष्ठ क्यों है ?
उत्तर -लोकतांत्रिक शासन पद्धति दूसरों से बेहतर है क्योंकि यह शासन का अधिक जवाबदेही वाला स्वरूप है।
प्रश्न 4. नागरिक का कार्य लोकतंत्र को किस प्रकार प्रभावित करता है?
उत्तर – नागरिक के तौर पर हम जो भी कार्य करते हैं वह भी हमारे देश को अच्छा या खराब बनाने में मदद करता है। यही लोकतंत्र की ताकत है और यही कमजोरी भी। देश का भविष्य शासकों के कामकाज से भी ज्यादा नागरिकों के कामकाज पर निर्भर करता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. लोकतंत्र का क्या अर्थ है ? स्पष्ट कीजिए। ।
उत्तर– लोकतंत्र का अर्थ-लोकतंत्र का अर्थ एक ऐसी शासन व्यवस्था से है जिसमें जनहित सर्वोपरि है। लोकतंत्र का अर्थ केवल एक शासन प्रणाली तक सीमित नहीं है। यह राज्य व समाज का रूप भी है अर्थात् इसमें राज्य, समाज व शासन तीनों का समावेश होता है। राज्य के रूप में लोकतंत्र, जनता को शासन करने, उस पर नियंत्रण करने एवं उसे हटाने की शक्ति है। समाज के रूप में लोकतंत्र इस प्रकार की सामाजिक व्यवस्था है जिसमें समानता का विचार और व्यवहार सर्वोपरि हो। व्यक्तित्व की गरिमा का समान मूल्य हो एवं विकास के समान अवसर सभी को प्राप्त हों। यह सम्पूर्ण जीवन का एक मार्ग है। यह मूल्यों की एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें व्यक्ति साध्य है और व्यक्तित्व का विकास इसका उद्देश्य है। यह स्वतन्त्रता एवं समरसता की पूर्व कल्पना पर आधारित है।
प्रश्न 2. जनरल परवेज मुशर्रफ कैसे पाकिस्तान का राष्ट्रपति बना ?
उत्तर – पाकिस्तान में जनरल परवेज मुशर्रफ ने अक्टूबर 1999 में सैनिक तख्तापलट की अगुवाई की। उन्होंने लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकार को उखाड़ फेंका और खुद को देश का मुख्य कार्यकारी’ घोषित किया। बाद में उन्होंने खुद को राष्ट्रपति घोषित किया और 2002 में एक जनमत संग्रह कराके अपना कार्यकाल पाँच साल के लिए बढ़वा लिया।
प्रश्न 3. जनरल मुशर्रफ के शासनकाल वाले पाकिस्तान को लोकतांत्रिक क्यों नहीं कहा जा सकता ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – जनरल मुशर्रफ के शासन वाले पाकिस्तान को लोकतंत्र न कहने के अनेक ठोस कारण हैं। पाकिस्तान में लोगों ने राष्ट्रीय और प्रांतीय असेम्बलियों के लिए अपने प्रतिनिधियों का चुनाव किया, किन्तु चुने हुए प्रतिनिधि वास्तविक शासक नहीं थे। वे अन्तिम फैसला नहीं कर सकते थे। अन्तिम फैसला सेना के अधिकारियों और जनरल मुशर्रफ के हाथ में था जो जनता द्वारा नहीं चुने गए थे। ऐसा तानाशाही और राजशाही वाली अनेक शासन व्यवस्थाओं में होता है। वहाँ औपचारिक रूप से चुनी हुई संसद और सरकार तो होते हैं पर असली सत्ता उन लोगों के हाथ में होती है जिन्हें जनता नहीं चुनती। इसे लोगों का शासन नहीं कहा जा सकता। इसलिए मुशर्रफ के शासनकाल को लोकतांत्रिक नहीं कहा जा सकता।
प्रश्न 4. “परामर्श और वाद-विवाद लोकतंत्र का आधार है।” इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – लोकतंत्र का आधार व्यापक चर्चा और बहसें हैं। लोकतांत्रिक फैसले में हरदम ज्यादा लोग शामिल होते हैं, चर्चा करके फैसले होते हैं, बैठकें होती हैं। अगर किसी एक मसले पर अनेक लोगों की सोच लगी हो तो उसमें गलतियों की गुंजाइश कम से कम हो जाती है। इसमें कुछ ज्यादा समय जरूर लगता है किन्तु महत्वपूर्ण मुद्दों पर थोड़ा समय लेकर फैसले करने के अपने लाभ भी हैं। इससे ज्यादा उग्र या गैर-जिम्मेदार फैसले लेने की सम्भावना घटती है। इस प्रकार परामर्श और वाद-विवाद लोकतंत्र का आधार है।
प्रश्न 5. ‘लोकतंत्र का वृहतर अर्थ’ से आप क्या समझते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – आज की दुनिया में लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था का सबसे आम रूप है लोगों द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के माध्यम से शासन चलाना। एक आदर्श लोकतंत्र में निर्णय लेने की प्रक्रिया लोकतांत्रिक होनी चाहिए। हर लोकतंत्र को इस आदर्श को पाने का प्रयास करना चाहिए। यह स्थिति एक बार में और एक साथ सभी के लिए हासिल नहीं की जा सकती। इसके लिए लोकतांत्रिक फैसले होने की प्रक्रिया को बचाए रखने और मजबूत करते जाने की आवश्यकता होती है।
नागरिक के तौर पर हम जो भी काम करते हैं वह भी हमारे देश के लोकतंत्र को अच्छा या खराब बनाने में मदद करता है। यही लोकतंत्र की ताकत है और यही कमजोरी भी।
लोकतांत्रिक व्यवस्था सभी नागरिकों की सक्रिय भागीदारी पर ही निर्भर करती है। इसलिए लोकतंत्र के बारे में पढ़ाई हो तो लोकतांत्रिक राजनीति पर ही ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।
प्रश्न 6. मेक्सिको के पीआरआई (इंस्टीट्यूशनल रिवोल्यूशनरी पार्टी) ने चुनाव जीतने के लिए कौन-कौन से हथकंडे अपनाए ?
उत्तर
(1) चुनाव में तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर हर हाल में जीत हासिल करने के लिए पीआरआई कुख्यात थी। सरकारी कार्यालयों में कार्य करने वाले सभी लोगों के लिए पार्टी की बैठकों में जाना अनिवार्य था।
(2) सरकारी स्कूलों के अध्यापक अपने छात्र-छात्राओं के माँ-बाप से पीआरआई के लिए वोट देने को कहते थे।
(3) मीडिया भी जब-तब विपक्षी दलों की आलोचना करने के अलावा उनकी गतिविधियों को नजरअंदाज ही करती थी।
(4) कई बार एकदम अन्तिम क्षणों में मतदान केन्द्रों को एक जगह से हटाकर दूसरी जगह कर दिया जाता था जिससे अनेक लोग वोट ही नहीं डाल पाते थे।
(5) पीआरआई अपने उम्मीदवारों के चुनाव प्रचार पर काफी पैसा खर्च करती थी।
प्रश्न 7.”लोकतंत्र राजनैतिक समानता के बुनियादी सिद्धान्त पर आधारित है।” मतदान के समान अधिकार से वंचित करने के उदाहरण दीजिए।
उत्तर – लोकतंत्र के लिए होने वाला संघर्ष सार्वभौम वयस्क मताधिकार के साथ जुड़ा था। अब इस सिद्धान्त को लगभग पूरे विश्व में मान लिया गया है, पर किसी व्यक्ति को मतदान से वंचित करने के उदाहरण भी कम नहीं हैं।
(1) एस्टोनिया ने अपने यहाँ नागरिकता के नियम कुछ इस प्रकार से बनाए हैं कि रूसी अल्पसंख्यक समाज के लोगों को मतदान का अधिकार हासिल करने में कठिनाई होती है।
(2) फिजी की चुनाव प्रणाली में वहाँ के मूलवासियों के वोट का महत्व भारतीय मूल के फिजी नागरिक के वोट से ज्यादा है।
(3) 2015 तक सऊदी अरब में स्त्रियों को वोट देने का अधिकार नहीं था।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. लोकतन्त्र (प्रजातन्त्र) की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर – प्रजातन्त्र की विशेषताएँ-प्रजातन्त्र एकमात्र ऐसी शासन व्यवस्था है जिसमें सभी को अपने सर्वांगीण विकास के लिए बिना किसी भेदभाव के समान अवसर प्राप्त होते हैं प्रजातान्त्रिक व्यवस्था नागरिकों की गरिमा तथा समानता, स्वतन्त्रता, मातृत्व और न्याय के सिद्धान्तों पर आधारित है। प्रजातन्त्र की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
(1) जनता प्रभुसत्ता की स्वामी – प्रजातन्त्र में सत्ता का अन्तिम स्रोत राज्य की सम्पूर्ण जनता होती है।
(2) शासन का संचालन जन प्रतिनिधियों द्वारा-प्रजातन्त्रात्मक व्यवस्था में शासन का संचालन जनता के प्रतिनिधि करते हैं।
(3) राजनीतिक दलों के गठन की व्यवस्था-प्रजातन्त्र के राजनीतिक दलों का गठन अनिवार्य रूप से किया जाता है। दो या अधिक राजनीतिक दल होते हैं। जिस दल को सर्वाधिक बहुमत प्राप्त होता है, वही शासन का संचालन करता है।
(4) चुनावों की व्यवस्था-प्रजातन्त्र में संविधान द्वारा निर्धारित तिथि पर चुनाव होते हैं। चुनाव के आधार पर वयस्क मताधिकार होता है।
(5) नागरिकों को अधिकार व स्वतन्त्रताएँ प्रदान करना-नागरिक अपने मतों का उचित ढंग से प्रयोग कर सकें तथा अपने व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास कर सकें। इसके लिए उन्हें यथासम्भव अधिकार व स्वतन्त्रताएँ प्रदान की जाती हैं।
(6) शासन जनता के प्रति उत्तरदायी – प्रजातन्त्रीय शासन जनता के प्रति उत्तरदायी होता है। जनहित की अवहेलना करने पर उसे पदच्युत किया जा सकता है।
(7) लोक या जन कल्याणकारी राज्य का आदर्श – प्रजातन्त्र का प्रमुख आदर्श जनहित होता है। अतः इस शासन व्यवस्था में यथासम्भव लोक कल्याणकारी कार्यों को महत्त्व दिया जाता है।
(8) स्वतन्त्र व निष्पक्ष न्यायपालिका – संविधान की समस्त व्यवस्थाएँ व्यवहार में लागू की जा सकें, इसलिए प्रजातन्त्र में स्वतन्त्र व निष्पक्ष न्यायपालिका का होना एक अत्यन्त ही महत्वपूर्ण लक्षण है।
प्रश्न 2. लोकतंत्र के पक्ष में तर्क (गुण) बताइए।
अथवा
प्रजातन्त्र के गुण लिखिए।
उत्तर -लोकतंत्र के गुण-लोकतंत्र के निम्नलिखित गुण हैं
(1) जन-कल्याण की भावना – प्रजातन्त्र की सबसे बड़ी अच्छाई यह है कि इसमें शासक गण जन-कल्याण के प्रति विशेष रूप से सजग तथा क्रियाशील रहते हैं। प्रजातन्त्र में जनता के चुने हुए प्रतिनिधि ही शासन करते हैं। अत: वे जनता के प्रति उत्तरदायी होते हैं। ऐसी दशा में उनके लिए यह आवश्यक हो जाता है कि वे जनता के हित में ही शासन करें।
(2) व्यक्तित्व के विकास के अवसर – प्रजातन्त्र शासन में नागरिकों के प्रतिनिधि ही शासन में भाग लेते हैं। अत: इस प्रकार की प्रणाली में प्रत्येक नागरिक को अपने व्यक्तित्व के विकास के समान अवसर प्राप्त होते हैं।
(3) देश-भक्ति की भावना का विकास – प्रजातन्त्र में नागरिकों के हृदय में राज्य के प्रति निष्ठा तथा भक्ति की भावना उत्पन्न होती है। नागरिक यह अनुभव करते हैं कि उनके चुने हुए प्रतिनिधि ही शासन का संचालन कर रहे हैं और वे जो कुछ भी करेंगे वह उनके हित में ही होगा। अतः प्रजातन्त्र में प्रत्येक नागरिक के हृदय में अपने देश के प्रति अगाध प्रेम होता है। मिल के अनुसार, “प्रजातन्त्र लोगों में देश-भक्ति की भावना का विकास करता है, क्योंकि नागरिक यह अनुभव करते हैं कि सरकार उन्हीं की बनाई हुई है और अधिकारी उनके स्वामी न होकर सेवक हैं।”
(4) नैतिकता तथा उत्तरदायित्व की भावनाओं का विकास -प्रजातन्त्रात्मक शासन-प्रणाली नागरिकों में उत्तरदायित्व की भावना का विकास करती है। इस सम्बन्ध में मिल का कहना है कि “सत्यता, नैतिकता, साहस, आत्मविश्वास तथा उद्योगशीलता आदि गुणों का किसी अन्य शासन-प्रणाली की अपेक्षा लोकतन्त्र में अधिक विकास होता है।”
(5) क्रान्ति से सुरक्षा – प्रजातन्त्र में नागरिकों की इच्छा के अनुसार ही शासन होता है। नागरिक जानते हैं कि वे इच्छानुसार अपने मत द्वारा अत्याचारी शासकों को अपदस्थ कर सकते हैं। अतः सरकार बदलने के लिए क्रान्ति की आवश्यकता नहीं पड़ती।
(6) सार्वजनिक शिक्षण – प्रजातन्त्रात्मक शासन में समस्त व्यक्तियों को सार्वजनिक शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलता है। वे मतदान द्वारा तथा चुनाव में खड़े होकर राजनीति की शिक्षा प्राप्त करते हैं। उनमें उत्तरदायित्व तथा आत्मनिर्भरता की भावना का विकास होता है। बर्क के शब्दों में, “सभी शासन शिक्षा के साधन होते हैं और सबसे अच्छी शिक्षा स्वशिक्षा है। इस प्रकार सबसे अच्छा शासन स्वशासन है, जिसे लोकतन्त्र कहते हैं।”
(7) स्वतन्त्रता व समानता की प्राप्ति – प्रजातन्त्र का मूल आधार स्वतन्त्रता और समानता है। इस कारण प्रत्येक नागरिक को बिना किसी भेद-भाव के समान रूप से राजनीतिक अधिकार प्रदान किये जाते हैं। जाति धर्म, नस्ल, रंग, सम्पत्ति आदि के आधार पर उनमें भेद-भाव नहीं किया जाता। यही ऐसा शासन है जिसमें सभी को अपना विकास करने के समान अवसर प्राप्त होते हैं।
प्रश्न 3. लोकतंत्र के खिलाफ तर्क दीजिए।
अथवा
लोकतंत्र के प्रमुख दोष लिखिए।
उत्तर -लोकतंत्र के खिलाफ प्रमुख तर्क निम्नलिखित हैं
(1) योग्यता और गुण की अपेक्षा बहुमत का महत्त्व – प्रजातन्त्रात्मक शासन में योग्यता और गुण के स्थान पर संख्या और बहुमत को अधिक महत्त्व दिया जाता है। प्रत्यक बात का निर्णय बहुमत के आधार पर होता है, चाहे वह गलत ही क्यों न हो।
(2) दल प्रणाली और गुटबन्दी के प्रभाव – प्रजातन्त्र शासन में दल प्रणाली और गुटबन्दी के दोष उत्पन्न हो जाते हैं। विभिन्न राजनीतिक दल चुनाव जीतने के प्रयास में जनता को भ्रामक प्रचार द्वारा गुमराह करने का प्रयास करते हैं। एक दल दूसरे दल की कटु आलोचना करता है। योग्य व्यक्ति दलबन्दी से दूर भागते हैं तथा अयोग्य व्यक्ति राजनीति में सफलता प्राप्त कर लेते हैं।
(3) अनुत्तरदायी शासन – इसे (प्रजातन्त्र को) जनता का शासन कहा जाता है क्योंकि सैद्धान्तिक रूप से उसे जनता के प्रति उत्तरदायी होना चाहिए परन्तु व्यवहार में ऐसा नहीं होता। प्रजातन्त्र में केवल चुने हुए प्रतिनिधि जो शासन के स्वामी हो जाते हैं, मन्त्रिमण्डल आदि के चुनाव के पश्चात् सर्वसाधारण की आवश्यकताओं, हितों तथा उनकी कठिनाइयों के प्रति तनिक भी चिन्ता नहीं करते। इस प्रकार प्रजातन्त्र अनुत्तरदायी शासन है।
(4) समय की बर्बादी – प्रजातन्त्रात्मक शासन-प्रणाली में अनावश्यक रूप से समय का अपव्यय होता है। चुनाव तथा नीति निर्धारण आदि में ही काफी समय बर्बाद हो जाता है। किसी भी निर्णय पर पहुँचने से पूर्व वाद-विवाद में भी समय व्यर्थ ही नष्ट होता है तथा निर्णय लेने में देर लगती है।
(5) धन का अत्यधिक अपव्यय – इस प्रणाली में व्यवस्थापिका सभाओं के सदस्यों तथा मन्त्रिमण्डल आदि पर पर्याप्त धन व्यय किया जाता है। चुनाव के समय भी पैसा आवश्यक रूप से खर्च होता है। व्यर्थ में कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ जाती है।
(6) पूँजीपतियों का शासन – प्रजातन्त्र में शासन तथा सरकार पूँजीपतियों के हाथ की कठपुतली बन जाती है। धनवान व्यक्ति दलों को चन्दा देते हैं तथा पैसे की सहायता देकर अपने उम्मीदवारों को चुनाव में खड़ा करके उन्हें विजयी बनाते हैं। पूँजीपतियों द्वारा खड़े किये गये उम्मीदवार चुने जाने के पश्चात् उनके ही हित-साधन में जुट जाते हैं तथा जनसाधारण की उपेक्षा करते हैं। इस प्रकार प्रजातन्त्र में पूँजीवाद का पोषण होता है और जनसाधारण की उपेक्षा होती है।
(7) युद्ध और संकट के समय दुर्बल – प्रजातन्त्रात्मक सरकार युद्ध और संकट के समय प्रायः दुर्बल सिद्ध होती है। युद्ध के समय शीघ्र निर्णय लेने की आवश्यकता होती है, परन्तु इस प्रणाली की गति अत्यन्त मन्द होती है। इसलिए शीघ्र निर्णय नहीं हो पाते।
(8) पक्षपात और भ्रष्टाचार का बोलबाला – इस शासन-प्रणाली में शासन भ्रष्ट और शिथिल हो जाता है। जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि जनसाधारण के हितों की उपेक्षा कर भाई-भतीजे तथा सगे-सम्बन्धियों के हेतों का ही ध्यान रखते हैं। इससे भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार को प्रोत्साहन मिलता है।
प्रश्न 4. लोकतंत्र का महत्व स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – लोकतंत्र (या प्रजातंत्र) का महत्व-प्रजातन्त्र स्वतन्त्रता, समानता, सहभागिता और भाई-चारे की भावना पर आधारित शासन व्यवस्था है। इसे हम एक सामाजिक व्यवस्था भी कह सकते हैं। इसके अन्तर्गत मानव का सम्पूर्ण जीवन इस लोकतन्त्रीय मान्यता पर आधारित होता है कि प्रत्येक व्यक्ति को समाज में समान महत्त्व एवं व्यक्तित्व की गरिमा प्राप्त है। व्यक्ति के महत्त्व की यह स्थिति यदि जीवन के केवल राजनीतिक क्षेत्र में ही हो, तो प्रजातन्त्र अधूरा रहता है। प्रजातन्त्र की पूर्णता के लिए यह अनिवार्य है कि जीवन के राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक तीनों ही क्षेत्रों में सभी व्यक्तियों को अपने विकास के समान अवसर प्राप्त हों।
मानव जीवन के राजनीतिक क्षेत्र में प्रजातन्त्र से आशय ऐसी राजनीतिक व्यवस्था से है जिसमें निर्णय लेने की शक्ति किसी एक व्यक्ति में न होकर जनता के निर्वाचित प्रतिनिधियों में निहित होती है।
सामाजिक क्षेत्र में प्रजातन्त्र से आशय इस प्रकार के समाज से है, जिसमें जाति, धर्म, रंग, लिंग, नस्ल, मूलवंश व सम्पत्ति के आधार पर भेद-भाव न हो।
आर्थिक क्षेत्र में प्रजातन्त्र से आशय इस प्रकार की व्यवस्था से है जिसमें समाज के प्रत्येक व्यक्ति को अपनी आजीविका चुनने या व्यवसाय करने की स्वतन्त्रता प्राप्त हो। अर्थात् व्यक्ति को रोटी, कपड़ा, मकान, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार आदि की सुविधाएँ प्रजातन्त्र के आधार हैं। अतः प्रजातन्त्र न केवल शासन का एक विशेष प्रकार है बल्कि यह जीवन के प्रति एक विशिष्ट दृष्टिकोण है।