MP Board Class 6th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 15 : दस्तक

Class 6th Hindi Chapter 15 : दस्तक

पाठ 15 : दस्तक

पाठ का अभ्यास

प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए

(क) लेखक के पुत्र का नाम था
(i) गणेशन
(ii) सोनू
(iii) गरीबा
(iv) हरी बाबू।
उत्तर
(ii) सोनू

(ख) त्रिवेन्द्रम का प्रसिद्ध सागर तट है
(i) कोलकाता
(ii) कोवलम
(iii) मुम्बई
(iv) गोआ।
उत्तर
(ii) कोवलम

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

(क) ……….. ऊँचे पद पर कार्यरत थे।
(ख) शीला अवकाश के क्षणों में ……. का कार्य करने लगी।
उत्तर
(क) हरीबाबू
(ख) समाज सेवा

प्रश्न 3.
एक या दो वाक्यों में उत्तर लिखिए-

(क) सोनू अचेत कैसे हो गया था ?
उत्तर
सोनू छत से गिर पड़ा और उसके सदमे से वह अचेत हो गया।

(ख) लेखक गरीबा के घर क्यों गया था?
उत्तर
गरीबा बीमार हो गया था इसलिए मुलाकात न होने के कारण लेखक उससे मिलने के लिए उसके घर चला गया था।

(ग) शीला मूर्च्छित क्यों हो गई थी?
उत्तर
शीला अपने पुत्र सोनू को छत से गिरने पर मूर्च्छित देखकर स्वयं मूर्च्छित हो गई।

(घ) लेखक ने गणेशन की मदद कैसे की?
उत्तर
लेखक ने आठ वर्षीय गणेशन के पैर में आर-पार चुभी कील को खींचकर निकाला और पट्टी बाँध दी। उसे अपनी पीठ पर लादकर ऑटो स्टैण्ड तक पहुँचाया।

प्रश्न 4.
तीन से पाँच वाक्यों में उत्तर लिखिए

(क) शीला अपने पति से नाराज क्यों रहती थी?
उत्तर
शीला अपने पति से नाराज इसलिए रहती थी कि वह (पति) समाज के काम के लिए, अपनी चिन्ता छोड़कर भी लगे रहते थे। लोगों की सेवा करने, उनकी समस्याओं को दूर कराने में सहायता करने में वे (लेखक महोदय) लगे रहते थे। अपने घर और गृहस्थी के लिए समय नहीं निकाल पाते थे। अतः शीला अपने पति से नाराज रहती थी।

(ख) शीला के व्यवहार में परिवर्तन का क्या कारण था?
उत्तर
सोनू छत से गिर पड़ा, मूर्च्छित हो गया। जिस किसी ने भी यह समाचार सुना, वही सहायता के लिए दौड़ पड़ा। शीला पुत्र को अस्पताल में मूर्च्छित दशा में देखकर मूर्छित हो गई। एकत्र हुए समाज के लोग किसी भी तरह की सहायता, चाहे वह धन की हो या बल की, तैयार थे। इतनी संख्या में सहायकों और सहयोगियों को देखकर शीला के व्यवहार में परिवर्तन आया। लेखक द्वारा की गई समाज सेवा में शीला की आस्था और विश्वास बढ़ गया और वह स्वयं समाज की सहायता में मुहल्लों और पड़ोस की महिला-मण्डलों में जाकर उपस्थित होने लगी।

(ग) समाज ने भी उनके साथ वही व्यवहार किया जैसा उन्होंने किया था? इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
लेखक समाज सेवा में हर समय तत्पर रहते थे। वे अपनी गृहस्थी और घर की समस्याओं के समाधान के लिए समय नहीं दे पाते थे। वे समाज सेवा में सब कुछ भूले हुए थे। एक दिन जब उनका सोनू छत से गिर पड़ा, अचेत हो गया, तो समाज के लोग ही उसे अस्पताल ले गए। लेखक तो उस समय त्रिवेन्द्रम में अपने किसी मित्र के कार्य से गए हुए थे। उनकी गैर-मौजूदगी में भी समाज के लोगों ने उनके पुत्र सोनू के लिए जो सहयोग दिया, वैसा तो स्वयं लेखक भी नहीं कर पाते। क्योंकि लेखक चौबीस घण्टे समाज की सेवा में लगे रहते थे, तो उस दिन समाज ने भी अपनी कृतज्ञता का परिचय दिया। समाज ने वही किया, जैसा उन्होंने समाज के लिए किया था।

(घ) शीला ने समाज की उपेक्षा करने वालों के विषय में क्या कहा?
उत्तर
शीला और लेखक के पुत्र सोनू को अस्पताल में सहायता के लिए तत्पर लोगों की भीड़ देखकर तथा सोनू के स्वस्थ हो जाने पर शीला भी समाज के द्वारा दिए गए सहयोग से प्रभावित होकर अपने अवकाश के समय में प्रत्येक मुहल्ले में जाकर महिलाओं के बीच समाज सेवा करने लगी। वह कहने लगी कि समाज की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। यदि ऐसा कोई करता भी है तो वह व्यक्ति अपनी ही उन्नति से सन्तुष्ट होता रहता है। उसे समाज के कल्याण की चिन्ता नहीं होती। परन्तु अनुभव से देखा गया है कि ऐसे व्यक्तियों का प्रकृति स्वयं नियन्त्रण करती है। समय आने पर उसे दण्ड भी देती है।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित गद्यांश की व्याख्या कीजिए

‘जो समाज की उपेक्षा कर मात्र अपनी ही उनति में संतुष्ट रहता है, प्रकृति उसका नियन्त्रण स्वयं करती है। समय आने पर उन्हें दण्ड भी देती है।’
उत्तर
प्रस्तुत पंक्ति लेखक की पत्नी शीला का कथन है। (व्याख्या के लिए प्रश्न 4 के खण्ड (घ) के उत्तर का अध्ययन कीजिए।

प्रश्न 6.
सोचिए और बताइए

(क) शीला मुहल्ले-मुहल्ले जाकर समाज सेवा क्यों करने लगी?
उत्तर
शीला अपने पुत्र सोनू के साथ छत से गिरकर हुई दुर्घटना के समय समाज के लोगों ने जो सहयोग दिया, उसे देखकर उसके मन के विचारों में परिवर्तन हुआ। उसे समझ में आने लगा कि लेखक के द्वारा की गई समाज-सेवा का प्रतिफल-समाज के लोगों का सहयोग मिला और सोनू को स्वास्थ्य लाभ मिला। इस सब के पीछे लेखक की समाज सेवा की भूमिका की प्रधानता है। सेवा का बदला सेवा के रूप में ही प्राप्त होता है। यह समझकर शीला मुहल्ले-मुहल्ले जाकर समाज-सेवा करने लगी।

(ख) छत से गिरने की दुर्घटना से कैसे बचा जा सकता है?
उत्तर
मकान की छत की मुंडेर की ऊँचाई अधिक होनी चाहिए। छत पर बच्चों या युवकों को खेलते समय बार-बार ध्यान दिलाते रहना चाहिए कि छत पर सावधानी बरतें, खेलते हुए बच्चे या युवक आपस में धक्का-मुक्की न करें। छत की मुंडेर की तरफ पीठ करके चलना अथवा दौड़ना नहीं चाहिए।

प्रश्न 7.
अनुमान और कल्पना के आधार पर उत्तर दीजिए
(क) यदि त्रिवेन्द्रम में लेखक की जगह आप होते तो क्या करते?
उत्तर
त्रिवेन्द्रम में लेखक की जगह होने पर मैं स्वयं गणेशन को ऑटो स्टैण्ड पर लाकर ऑटो से अस्पताल पहुंचाता और उसकी उचित मरहम-पट्टी करता। उसके थोड़ा सम्हलने पर उसके घर पहुँचा कर ही, अपने काम को पूरा करता।

(ख) यदि हरीबाबू की तरह आप ऊँचे पद पर होते तो क्या-क्या करते?
उत्तर
ऊँचे पद पर होने का तात्पर्य यह नहीं है कि मनुष्य मानवता को भुला दे और अपने स्वार्थों की पूर्ति भर ही करता रहे। सरकारी अधिकारी भी जनता का सेवक होता है। जनता की किसी भी असुविधा का निवारण करना, उसकी सेवा करना ही उसका धर्म है। इस दृष्टि से सेवा-धर्म का निर्वाह ही करता।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
शुद्ध उच्चारण कीजिए
बड़बड़ाहट, प्लास्टर, स्वभाव, अनुपस्थिति, स्वस्थ, नियन्त्रण।
उत्तर
अपने अध्यापक महोदय के सहयोग से उच्चारण कीजिए और अभ्यास कीजिए।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए
(i) मनोरज्जन
(ii) अन्तरद्वनद
(iii) हिरदय
(iv) चनचल
(v) दरशन।
उत्तर
(i) मनोरंजन
(ii) अन्तर्द्वन्द
(iii) हृदय
(iv) चंचल
(v) दर्शन।

प्रश्न 3.
नीचे लिखे शब्दों के विलोम शब्द लिखिए
(i) आशा
(ii) उपस्थित
(iii) कठिन
(iv) अमीर
(v) उन्नति
(vi) कठोर।
उत्तर
(i) निराशा
(ii) अनुपस्थित
(iii) सरल
(iv) गरीब
(v) अवनति
(vi) कोमल।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों में संज्ञा, सर्वनाम व क्रिया छाँटकर लिखिए
(i) चिल्लाना
(ii) वे
(iii) शीला
(iv) बोलना
(v) बड़बड़ाना
(vi) वह
(vii) हरीबाबू
(viii) अघाना
(ix) मैं
(x) सोनू
(xi) उसने
(xii) गरीबा।
उत्तर

  1. संज्ञा – शीला, हरीबाबू, सोनू, गरीबा।
  2. सर्वनाम – वे, वह, मैं, उसने।
  3. क्रिया – चिल्लाना, बोलना, बडबड़ाना, अघाना।

प्रश्न 5.
इस पाठ में अन्य भाषा के शब्द छाँटकर लिखिए।
उत्तर
प्लास्टर, लाचार, सरेआम, फिल्मी, खासी, देहात, आरामखाना, मनुहार, दम, अमुक, कार, तमाम, गन्दी, माफ, मोहल्ला, लायक, बेताव, टेपरिकार्ड, हवाइयाँ, ऑटो स्टैण्ड, किलोमीटर, रूमाल, अस्पताल।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों में ‘आई’ का ‘आहट प्रत्यय लगाकर नए शब्द बनाइए
(i) बुरा
(ii) लड़खड़ान
(iii) चतुर
(iv) गुनगुनाना
(v) भला
(vi) लड़ना
(vii) गुदगुदाना
(viii) चहचहाना।
उत्तर
(i) बुरा + आई = बुराई
(ii) लड़खड़ाना + आहट = लड़खड़ाहट
(iii) चतुर + आई = चतुराई
(iv) गुनगुनाना + आहट = गुनगुनाहट
(v) भला + आई = भलाई
(vi) लड़ना + आई = लड़ाई
(vii) गुदगुदाना + आहट = गुदगुदाहट,
(viii) चहचहाना + आहट = चहचहाहट।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए
(i) तिल का ताड़ बनाना
(ii) नाक में दम करना
(iii) सीधे मुँह बात न करना
(iv) कान भरना।
उत्तर
(i) तिल का ताड़ बनाना-छोटी बात को बढ़ाचढ़ाकर कहना।
प्रयोग-गिरीश बाबू अपने साथियों की थोड़ी भी गलती को अपने साहब से तिल का ताड़ बना कर कहते हैं।
(ii) नाक में दम करना-परेशान कर देना।
प्रयोग-राघव ने अपनी जिद्द पूरा करने के लिए अपने माँ-बाप की नाक में दम कर दिया।
(iii) सीधे मुंह बात न करना-घमण्ड करना।
प्रयोग-राधे की अभी-अभी फूड कार्पोरेशन में नियुक्ति क्या हुई है, वह तो किसी से भी सीधे मुँह बात नहीं करता है।
(iv) कान भरना-चुगली मारना।
प्रयोग-प्रायः देखा गया है कि मेरे दफ्तर के एक-दो बाबू दूसरे कर्मचारियों के खिलाफ अपने अधिकारी के कान भरते रहते हैं।

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